> Nomad sachin blogs

Game click enjoy

अंग्रेजो में हजार दोश हो एक बडा भारी गुण भी था

सनातन धर्म कि उदारता

  

हमारे पूर्वजों महापुरूषों ने शत्रु के भी गुणों का बखान करने कि सलाह दी है हमें अंग्रेजों जैसा शत्रु मिला था। अंग्रेजो में हजार दोश हो एक बडा भारी गुण भी था। उसे लाज शर्म थी। वह अन्याय करता जरूर था पर उस अन्याय से लज्जित भी होता था। क्योकि उसकी परम्परा महान है। उसके साहित्य में उददात गुणेंा कि प्रतिष्ठा है। बुहत कुछ भारत बर्ष जैसा ही है। हमारा साहित्य और भी विषद है और भी उदार है हममे भी लाज लज्जा बहुत है नित्य समाचार पत्रों में हम भारत के लंगे विरोधियों को देखते हैं झूठ बोलने में जरा भी संकचित नही होते और पाप करके दूसरो पर निर्लज्जता पूर्वक दोषरोहण करते हैं।

सुनकर हमारा खून खैाल उठता है कभी -कभी हम झुलझुलाते हैं नेताओं के सदुउपदेशों से चिढ जाता हूॅ पर सही बात यह है कि हम और भी बेसरम हो नही सकतें उस रास्ते पर चाहे भी तो बढ नही सकते हमारी हजारों वर्षो कि संस्कृति हमारा पैर जकड देती है । हमारा उदार साहित्य हमें लज्जित करता है। मुह से हम चाहे जितना चिढ लें लेकिन निर्लज्जता हमारे रक्त में है ही नही जब कभी आती भी है तो क्षणिक आगन्तुक के रूप में आती है। यह सच्चाई है यही वास्तविकता है हम जो हो नही सकते उसके लिये प्रयत्न करना बेकार है। उत्तेजना में कभी घोर अन्याय कर सकते हैं परन्तु निश्चित रूप में हम बाद में पछतायेगे चुटकी बजाके हजारो वर्षो कि संस्कृति का उडाया नही जा सकता हम यह नही कह सकते कि हममे दोष नही हैं। दोष एक दो हैं। हमने कम पाप किये हैं। करोडों को जानबूझकर पैरो तले दवा रखा है। नतीजा यह होता है कि जब हम आगे बढने लगते हैं तब कुछ लोग नीचे कि ओर खीचतें हैं सो दोष तो हममें बहुत हैं उसी संस्कृति और साहित्य ने इन दोषों को भी पाला है। परन्तु यह सब होते हुए भी हमारी परम्परा महान और उदार है। हम अपने इन दोषों के लिये लज्जित होते हैं। लाज शर्म का रहना अच्छा है अन्याय करके पछताने कि आदत बुरी नही हैं । सबसे अच्छी बात यह है कि हम अन्याय करते ही नही है, लेकिन आदमी ,आदमी ही है।

Sanity's liberality
Our ancestors, great men, have advised to declare the qualities of the enemy as well. We had found an enemy like the British. There was a thousand heavy defects in the British too. He was ashamed He was sure to do injustice but was also ashamed of that injustice. Because his tradition is great. He has a reputation for quality qualities in his literature. Very few are similar to India. Our literature is even more sad and generous, we have a lot of shame and shame in our daily newspapers. We see the long-time opponents of India, are not a little determined to lie and blasphemously blaming others for sin.


On hearing our blood, sometimes we get irritated, sometimes we get irritated by the sad teachings of the leaders, but the right thing is that we cannot be more baseless even if we cannot grow on that path, our culture of thousands of years would have shaken our legs is . Our liberal literature makes us ashamed. No matter how much we get irritated from the mouth but shamelessness is not in our blood, whenever it comes, it comes as a transient visitor. This is the truth, this is the reality, it is useless to try for what we cannot be. You can do gross injustice at times in excitement, but surely we will later regret it by pinching a thousand years of culture that cannot be blown away, we cannot say that we do not have faults. The faults are one or two. We have committed fewer sins. Millions have been deliberately kept under medicine. As a result, when we start to move forward, some people are pulling down, so the faults are very much in us, the same culture and literature has also brought these faults. But despite all this, our tradition is great and generous. We are ashamed of our faults. It is good to be ashamed of shame and habit of regretting injustice is not bad. The best thing is that we do not do injustice, but man is man. 




great leaders, great leaders of india, great leaders of the world ,great leadership ,great leaders in history ,great leader name, great leader attributes, great leader articles ,great leader and manager, a great leader of india, b great leadership, great leader caption ,great leaders chart ,bharat tha great leader, great leader examples ,a great leader ,great leaders from india ,great leader great ,team great ,dane gentle leader ,great leader in world ,great leaders introduction




दो ही चीज सत्य हैं एक जन्म अैार दूसरी मृत्यु born and death

                  जन्म और मृत्यु



इस धरती पर जागरूकता के साथ देखा जाये तो दो ही चीज सत्य हैं एक जन्म अैार दूसरी मृत्यु यह एक दम सत्य है जो आया है वो जायेगा फिर भी हम इसे मानने से इंकार करते हैं और लगे रहते है भ्रम  में जैसे यह शरीर हमेशा बना रहेगा जब तक पृथ्वी है , यह बडी मजाक कि बात भी है हर इन्सान ने अपने सामने सुसज्जित मृत्यु शैया को देखा ही होगा उस समय हम सब सोचते है कि अब हम किसी के साथ गलत नही करेगे , सत्य बोलेगे, किसी से लडेगे नही  सबसे अच्छा व्यवहार करेगे क्या चाहिये जीवन में किसके लिये भागु जब मरना ही है खाना -पीना रहना अच्छा है बस हमेशा अब अपना धन ,शरीर दूसरो कि मदद में लगायेगे अचानक से ज्ञान का बहाब हमारे मन दिल से निकलने लगता है ऐसा नही है सिर्फ गिने चुने लोगो का अनुभव रहता हो बल्कि सौ में सौ प्रतिशत लोग यही सोचते हैं लेकिन अगर आप गौर से सुने अपनी उस समय कि आवाज तो आपको अपने भीतर रह रही आत्मा का साक्षात्कार होगा। जब एक शरीर से निकली आत्मा अगल- बगल खडे जीवित लेागो को देखती है तो वह बाते करना चाहती है अगल- बगल लेकिन ये कुछ ही क्षण घटित हो पाता है और पुनः अपने परिवेश में लौट जाते हैं औश्र थेाडी देर बाद हमारे अन्दर से जागरूक हुयी कोशिकाओं (आत्मा) भी शान्त हो जाती है। धीरे-धीरे मृत्यु शरीर के जाने के बाद हम सारा ज्ञान किनारे लगा के फिर पैसा, दौलत कि ओढ में कुछ नही देखते कौन मर रहा कौन जी रहा बस पैसा दौलत औरइस सच्चाई में भागने लगते हैं सोचेा उस समय हम एक दम निल अवस्था में अचानक हो जाते हैं सिर्फ दिमाग दिल हमारा बाते करता हैं जैसे किसी और से बाते करने लगा हो सबके साथ ऐसा हुआ होगा बस गौर नही किया है।

पहले के सन्यासी तपस्या करके जीवन भर इसी पहलु में रहने का आर्शीवाद मांगते थे जो हमें कुछ पल का साक्षात्कार होता है आज इतनी आबादी हो गयी पर्यायवरण बचा ही नही कि इन्सान अपने दिल कि बात सुन सके सुबह भागे पैसे के लिये शाम लौटे घर के लिये यही रात दिन हो रहा है समय ही नही हमने पर्यायवरण को जड से खत्म करने कि ठान ही रख्खी है क्योकि सरकार करें जेा करना हो हम तो बर्बाद करेगे ये सोच है घर अब एक खण्ड नही पांच खण्ड का चाहिये सबको एक-एक कार चाहिये आनन्द चाहिये। आज का प्रौधैागिकी मानव पृथ्वी का विनाश करके ही रूकेगा। यह भी सत्य है।

If we look at this earth with awareness, only two things are true, one birth and second death, it is absolutely true that it has come, yet we refuse to accept it and continue in the world like this body will always remain. As long as there is earth, it is a matter of great joke that every person must have seen the death-bed in front of them, at that time we all think that now we will not do wrong with anyone, will speak the truth, someone Will not fight, will behave best What should be in life, for whom you have to die when you have to die, it is good to live and drink. Just now, we will always put our money, body in the help of others, suddenly the flow of knowledge starts coming out of our hearts. Only a few people have the experience of a few people, but a hundred percent of people think the same, but if you listen carefully to your voice at that time, then you should be aware of the soul residing within you Will Shatkar. When a soul coming out of a body sees the living people standing next to it, she wants to talk, side by side, but it can happen a few moments and return to her surroundings and after that Thedi became aware of us from within. The cells (soul) also become silent. After the death of the body slowly, we put all the knowledge aside that money, money and wealth do not see anything, who is dying, who is living, just money, wealth, and start running in this truth. It is only the mind that talks about our heart as if you started talking to someone else, it must have happened to everyone, just have not noticed. 


Earlier monks used to do austerity and ask for blessings to stay in this aspect for life, which we are interviewing for a few moments, today, the environment has become so dense that humans can listen to their hearts, ran in the morning to return home for money. This is the day that night is not only time, we are determined to finish the environment very firmly because the government wants to do it, we will waste it is thinking that the house is now a block No, they want five blocks, everyone needs one car, they want joy. Today's technology will stop only by destroying the human earth. This is also true.


Send feedback
History
Saved

Community
death and born ratio ,death and born rates, death and born website ,born and death ,death and born live, death after born, the world death and born, death and born clock, death born baby, death new born baby ,death born ,birth death cycle ,born and death dates ,death for born daily ,born and death in india, born and death rate in world, world born and death live, death and born ,now newborn death ,death of born child ,born and death online ,born and death on same day, death born population, death and born site, death born statistics ,stillborn death ,born and death signs, death born to die, death to born rate

ब्राह्म मुहूर्त में उठने से वर्ण ,कीर्ति, बुद्वि,लक्ष्मी ,स्वास्थ्य तथा आयु कि प्राप्ति होेती है Benefits of getting up in the morning

 सुबह उठने के लाभ

वर्ण कीर्ति मति लक्ष्मी स्वास्थ्यमायुष्च विन्दति

ब्राहो मुहूर्त सन्जाग्रच्छ्रियं वा पडकजं यथा 




आयुर्वेद शास्त्र में यह बताया गया है कि ब्राह्म मुहूर्त में उठने से वर्ण ,कीर्ति, बुद्वि,लक्ष्मी ,स्वास्थ्य तथा आयु कि प्राप्ति होेती है। उसका शरीर कमल कि तरह प्रफुल्लित हो जाता है।

क्योकि इस समय वायु अत्यन्त शीतल तथा मधुर होती है हमारा शरीर प्रकृति ने बनाया है और इसी से बहुत दूर जा रहे हैं, बहुत सारे देशों के धर्म, शिक्षा, रहन-सहन ,खान पान से कई गुना पुराना और अकंटक सुन्दर हमारा देश भारत है जहां सनातन धर्म जो लाखों साल से अपनी कीर्ति यश का गुणगान कर रहा है। जिसमे हर मर्ज कि दवा है, और हम गुणो को छोडकर आज का कल्चर जो झूठ पर आधारित है। बहां भाग रहे हैं हमें इस पर विंतन करना चाहिये। हमरे ऋषियों द्वारा रचित ग्रन्थों पुराणों का अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग धर्मो ने अपना नाम देकर अपनाया है, इसमें कोई दोराह नही है जितने भी शासक आये सबसे पहले ग्रन्थों पुराणों जो एक अभेद, रत्न हैं। इनके अपने नाम पर अनुवाद कराकर अपने धर्मो में शामिल किया हमें इस बात से अनुमान लगाना चाहिये कि सनातन धर्म में कितनी बडी ताकत है जिसकेा पाने के लिये न जाने कितने युद्व हुए फिर भी यह सूर्य के समान चमकता हुआ आजाद है।
भगवान ने हमें विवेक शक्ति इसलिये प्रदान कि है हम अपने हाथों से सदा सत्कर्म करते रहें। प्रातः काल उठते ही दृष्टि कही और न जाकर अपने करतल में ही देवदर्शन करें जिससे वृत्तियां भगवच्चिन्तन कि ओर प्रवृत्त हो बुद्वि सात्विक बनी रहे तथा पूरा दिन शुभ कर्माे में बीतें।

प्रणाम करने का बडा लाभ है प्रणाम करने से आयु, विधा, कीर्ति, और शक्ति इन चारों कि बृद्वि होती है। आप ये कार्य एक महीने करके देखिये आपका सौन्दर्य और आचरण सूर्य के समान होने लगेगा।

कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती
करमूले स्थितो ब्राम्ह प्रभाते कर दर्शनम 


  सचिन सिंह




Varna kirti mati laxmi health
Brahmo Muhurta Sanjagrachariyaan or Padakajam viz.

It has been told in Ayurveda scripture that by getting up in Brahma Muhurta, one can get varna, kirti, Buddha, Lakshmi, health and age. His body swells like a lotus.

Because the air is very cold and sweet at this time, our body is created by nature and we are going far away from it, our country is many times older and irresistibly beautiful than religion, education, living, eating and drinking in many countries. Where the Sanatan Dharma, which has been celebrating its fame for millions of years. In which there is a drug of every merge, and today's culture, except the properties, which is based on lies. We should vant to this while we are running. The scriptures of the Puranas composed by our sages have been adopted by different religions in different languages ​​by giving them their names, there is no dora in all the rulers who came first of all, the Puranas, which are an impenetrable gem. By translating them in our own name and included in our religions, we should guess from this that there is a great power in Sanatan Dharma for which no one knows how many wars took place, yet it is free to shine like the sun.

God has given us prudence power because we have always done Sattrama with our hands. In the morning, as soon as you wake up, do not look at your eyes and go and do devadarshan in your chest so that the circles are inclined towards God and remain intelligent and spend the whole day in auspicious Karma.

There is a big benefit of bowing down. Greeting, age, discipline, fame, and power increases the four. If you do this work for a month, then your beauty and behavior will be like the sun.

Karagre Vasate Lakshmi: Karamadhye Saraswati
Karmule places Brahm Prabhate Kar Darshanam


           Sachin Singh
https://amzn.to/2StfW0b

benefit of awake early morning, top rankers succes tips, वर्ण, कीर्ति, बुद्वि, लक्ष्मी, स्वास्थ्य, indian life,

indian lifestyle, indian life in russian style ,indian lifestyle bloggers ,indian life and indian english ,the indian lifestyle, the indian life, indian life beautiful,benefit of awake early morning, indian life, top rankers succes tips, benefits of awake early morning, awake early morning, wake up early morning benefits


जब सरकार और मीडिया सत्ता कि दौड मे आपसी सौदा कर लेती हैं तो खबरे बनती नही बनायी जाती है


एक सरकार होती है एक उधेाग पति जो देश में दौलत का उत्पादन करती है। फिर राजनेता कुछ रूलिंग पार्टी के लोग कुछ अपोजिशन के इन सबका कर्तव्य बनता है कि इस देश के आम आदमी के लिये सिस्टम को स्थिर और सुनिश्चित बनाये रखना ताकि हर कोई निर्भीक होकर बिना रूके प्रगति कर सके पर ये लेाग अपना कर्तव्य कैसे निभा रहे हैं ,निभा भी रहै हैं या नही से आम आदमी कैसे जान पायेगा ठीक इसी कारण के लिये मीडिया का जन्म हुआ लेकिन जब सरकार और मीडिया सत्ता कि दौड मे आपसी सौदा कर लेती हैं तो खबरे बनती नही बनायी जाती है।फिर जनता किस पर विश्वास करे । इन न्यूज चैनल पर जो खबरों के नाम पर कुर्सी हडपने कि कहानियां लिखी जा रही हैं जहां संजीता और सच्ची खबरों को छोडकर टी आर पी के नाम पर सेन्सलिज्म बेचा जा रहा है। एक प्रजा तन्त्र के राष्ट्र में सबको अपने फायदे के बारे में सोचने कि आजादी है लेकिन इन मीडिया वालों ने इस पक्ष से उस पक्ष होकर सच कि जबान बनने की बजाये देश के शासन वर्ग से अपना ताल मेल बिठाना शुरू कर दिया है आखिर क्यो बदल दिया है मिडिया ने अपना किरदार कौन खबर किस अंदाज में बतायेगा इस होड में तमाम अखबार न्यूज चैनल जुट गये हैं। ये होड सिर्फ खबरो के बाजार में बने रहने की नही हैं, बल्कि खुद को सबसे तेज सबसे आगे करने कि ये एक ऐसी रेस बन गयी है जिसका लक्ष्य है।
कामयाबी बनाम पैसा

इस होड में बने रहने के लिये चहिये ज्यादा से ज्यादा दरशक उची से उची टी आर पी जो तब्दील होती है ज्यादा एड रिवेन्यू से और एड रिवेन्यू का मतलब है ज्यादा दौलत जहां लक्ष्य होना चाहिये था खबरें माध्यम होना चाहिये था पैसा
वही आज पैसा बन गया है लक्ष्य खबरे बन गयी है माध्यम मीडिया जैसी श्रेष्ठ संस्था ,लालच और पैसे से दूर नही रखेगे तब तक से स्थिति रहेगी।
तमाम सिस्टम मीडिया बनाती है और हालात बदलने कि ताकत भी मीडिया में ही है।

पुरानी सरकारो से कोई भी मीडिया वालो ने किसी भी मुददे पर नही घेरा कि देश कि आबादी बढ रही आप सिर्फ जनगणना में लगे हैं कोई ठोस कदम क्यो नही उठाते अगर पुरानी सरकार से पूछा होता तो आज देश हित में लिये गये फैसले पर ,अपोजिशन फर्जी का ड्रामा नही करता अब मीडिया वालो को एक मौका और मिला है कानून कि जांच पडताल करके खुल कर विरोधियों को जनता के सामने लाये। आये दिन भारत के खिलाफ अपशब्द कहे जा रहे हैं ऐसा लगता है कि ये किसी और मुल्क के है घुसपैठिये है जिनको भारत देष से प्यार नही क्योकि अपनी बात सरकार तक पहुचाने के लिये अपने ही देश को गालियां दी जाये ये तरीका नही है । इनको सामने लाकर जनता से रूबरू कराये और सरकार सख्त कदम उठाये। नये भारत के निर्माण में ऐसे लोगो कि जरूरत नही देश को ।
journalism, journalism blogs, media and democracy media and communication media access control, real hero of media every country, real work of media, Role of media, true patriot people of media,
                                               सचिन सिंह


There is a government, an upward husband who produces wealth in the country. Then the politician, some ruling party people, it becomes the duty of all of these members to make the system stable and sure for the common man of this country so that everyone can boldly progress without stopping, but how are these people performing their duty, Whether or not the common man will be able to know whether the media is born for the same reason, but when the government and the media make a mutual deal in the race for power So news is not made, but whom should the public trust. Stories are being written on these news channels in the name of the news, where except for Sanjita and the true news, sensualism is being sold in the name of TRP. In a nation of a democracy, everyone has the freedom to think about their own benefit, but these media people have started to align themselves with the ruling class of the country instead of becoming the language of truth from that side. The media has told its character in which style, all the newspapers and news channels have gathered in this competition. These races are not just to remain in the news market, but also to put ourselves at the forefront of the fastest pace that it has become a race whose goal.

In order to stay in this competition, the maximum amount of TRP to high TRP, which translates into more ad revenue and ad revenue means more wealth where the target should have been the news should be the medium.

The same has become the money today, the target has become news, the medium will not keep away from the best organizations like media, greed and money.

All systems make media and the power to change the situation is also in the media.

No media people have surrounded the old governments on any issue that the population of the country is increasing, you are only engaged in the census, why do not you take any concrete steps, if you had asked the old government, then the decision taken in the interest of the country today, the opposition fake The drama of the media does not give a chance to the media people to investigate the law and openly bring the opponents in front of the public. Abuses are being uttered against India in the coming days, it seems that it is intruders from some other country who do not love the country of India because it is not the way to abuse their own country to spread their words to the government. Bringing them to the fore and dealing with the public and the government takes strict steps. The country does not need such people in building a new India.


आज युवा प्रकृति से जुडकर चलने कि बजाय उससे हटकर अपने मन,,porn industry,sky porn culture,pornography

                     पाॅर्न कल्चर


हमारा देश युवाओ का देश है जहां युवा अधिक हो उस देश कि तरक्की को कोई रोक ही नही सकता लेकिन सत्य बात तो यह है कि आज युवा प्रकृति से जुडकर चलने कि बजाय उससे हटकर अपने मन कि फिलौस्पी में लगा है। जहां सुबह हमें शास्त्र पुराणेंा का अध्ययन करना चाहिये वही आज हम पाॅर्न कल्चर अपना रहे हैं। जहां हमे सुवह सूर्य निकलने के पहले उठना चाहिये वही हम सूर्य निकलने के पांच घण्टे बाद उठ रहे है। रात को जाग कर पढना या काम करना दिखावे के लिये फिर दोपहर तक सोना क्या जीवन है दो बजे नहाना चार बजे भेाजन हमारे भारत कि युवा पीढी ये कर रही है। परन्तु इसके लिये अपने सनातन शास्त्रों द्वारा निर्दिष्ट जीवन प्रक्रिया का अनुपालन करना बहुत जरूरी है , सनातन धर्म पूरे विश्व के धर्मो में सबसे प्राचीन है जहां अनेक धर्मो ने अपने मन , सुविधा अनुसार परिवर्तन कर नये-नये धर्मो को जन्म दिया वही आज भी सनातन धर्म बेहतरीन ,चिरंजीवी, गुणों के साथ विधमान है लाखों अक्रांता आये फिर भी उखाड नही सके हमें , हमें सनातन शास्त्रों कि ओर लौटना चाहिये। दोस्तों पुराणों ,शास्त्रों ,वेदो में ऐसी अदभ्ुात चीजें छीपी हैं जिनका स्मरण करने मात्र से आलौकिक शक्तियां आपके बश में आ जाती है।
शास्त्रों में लिखा है-

तस्याच्छास्त्रं प्रमाणं ते कार्याेार्यव्यवास्थितौ
ज्ञात्वा शास्त्र विधानोत्कं कर्म कर्तुमिहार्हसि

श्री भगवान कहते है कि जो पुरूष शास्त्रविधि का त्यागकर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है वह न तो सिद्वि प्राप्त करता है न उसे कभी सुख मिलता है।

शास्त्रों कि परम्परा में जीवन के सभी क्रिया कलापों के लिये विधि निषेध का एक प्राबधान बना हुआ है। जिसके अनुसार जीने से आयु, विधा, यशोबलम इन सबकी प्राप्ति होती है।

एक समय ऐसा है जो काफी विचित्र और लुभावना होता है वह विधार्थी जीवन इस समय हमें लोगो को कई प्रकार कि आवश्यकतायें तथा अपेक्षायें रहती है। ये स्वाभाविक नही हैं, ये सब संगत और आज कि सोशल मीडिया का प्रभाव है।l

हमने अपने दिमाग में हानिकारक सुन्दर यादों को कैद कर दिया है जहां हमें अपना लक्ष्य औा मां सरस्वती कि कृपा पाने के लिये लगना चाहिये वही आज हम पूरी रात युवा-युवती अपनी फालतू कि बातों में गुजार रहे हैं। इस तरह से इतनी भीड भरे युग में तरक्की क्या किसी के लायख नही रहेगे आज कि सच्चाई ये है कि विधार्थियों ने अपनी दिनचर्या को तोडकर रख दिया है। कृपया करके अपनी तरक्की के ओर लौटे सनातन शास्त्रों कि ओर लौटे और नयी शक्ति का संचार करें, संचालक बने।
                 
                                              सचिन सिंह
Our country is a country of youths, where there is more youth, no one can stop the progress of that country, but the truth is that today, instead of walking with nature, the youth is moving away from it to their mind. Where we should study Shastra Purana in the morning, today we are adopting past culture. Where we should wake up before the sun sets, we are getting up after five hours of sunrise. Reading or working awake at night to show up, then sleep till noon, what is life, taking a bath at two o'clock at four o'clock, this is what our young generation of India is doing. But for this, it is very important to follow the life process specified by your Sanatan scriptures, Sanatan Dharma is the oldest among religions of the whole world, where many religions changed their mind, convenience and gave birth to new religions. The best, Chiranjeevi, exists with qualities, millions of Akrantas have come, yet we cannot be uprooted, we should return to the Sanatan Shastras. Friends, such wonderful things have been published in the Puranas, Shastras, Vedos, which mere remembrance brings the supernatural powers to you. 


It is written in the scriptures-




Tasyachhaastram evidences


Gyatava Shastra Vidhanotakam Karma Kartumiharshi




Sri Bhagavan says that a man who abandons scripture and conduct arbitrarily with his will, neither attains siddi nor does he ever get pleasure.




In the tradition of the scriptures, there is a provision of prohibition of law for all activities of life. According to which one attains age, genre, Yashobalam, all by living.




There is a time which is quite bizarre and intriguing, that student life at this time, people have many needs and expectations. These are not natural, they are all relevant and the impact of today's social media. 


We have captured harmful beautiful memories in our mind where we should be engaged to achieve our goal and the blessings of Mother Saraswati, that is what we are spending all night on young people in their useless things. In such a crowded era, progress will not be spent by anyone, today the truth is that the students have broken their routine. Please return to your progress and return to the eternal scriptures and communicate new power, become a director.


                 



                                              Sachin Singh

porn,porn culture,culture,porn addiction,porn industry,sky porn culture,pornography,stop porn culture,porn star,gail dines porn culture,explosion in porn culture,porn culture porn addiction,gail dines porn culture sexuality,porno,pop culture,porn star stoya: idiots promote rape culture,popular culture,rape culture,what culture,culture shock,culture binge,porn stars,porn alt delete,ex porn star,porn addict

दो ही फल मीठे है अच्छी किताबों का अध्धयन तथा अच्छे लोगो कि संगति


बुद्विवृद्विकराण्याशु धन्यानि च हितानि च
निंत्य शास्त्राण्यवेक्षेत निगमांश्चैव वैदिकान
यधदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जनः
स यत्प्रमाण कुरूते लोकस्तदनुवर्तते





डा0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन का कहना है कि इस जहररूपी संसार वृक्ष में दो ही फल मीठे है अच्छी किताबों का अध्धयन तथा अच्छे लोगो कि संगति इयलिये हमें पढने कि आदत डालनी चाहिये।

पडना उसी को कहते है जिससे हम सोचने के लिये प्रेरित हो हमें महान पुरूष कि जीवन कथा अवश्य पढनी चाहिये। घर के बडे जो आचरण करते है अन्य सदस्य वैसे ही आचरण करते हैं वह जो कुछ प्रमाणित कर देता है। समस्त समुदाय उसी के अनुसार बरतने लग जाता है। अच्छी किताबों का अध्ययन करें ।
आज इतनी भीड भाड भरी जिदगी में इन्सान को मन से सुखी होने के लिये उसमें सहनशीलता,दया, सहिष्णुता के साथ क्रोध, ईर्षा ,नफरत,बदले कि भावना इत्यादि पर काबू पाना जरूरी है। नही तो हमारा दिमाग कुण्ठित अवस्था में चला जायेगा और हम इस जीवन में क्या किसी भी जन्म में सुख तरक्की का अनुभव नही कर सकतें। 
वीर इन्सान बनो आज के दौर में इंसान और पशु दोनो ही एक सा कार्य कर रहे है कुछ ही चीजे है जो हमें पशु से अलग महान बनाती है
जीवन जीना समय को ढोना नही है बल्कि एक कला है वर्षो कि गणना भी जीवन नही है । बर्षो में करना क्या है। सह जीवन कि पहचान है । कछुआ 400 वर्ष जीवित रहता है। यह शारीरिक जीवन है। जीते तो सभी है पर हमें यहां जीतने के लिये पैदा हुए है।

नियत कुरू कर्म त्वं कर्म ज्यायोहाकर्मणः
शरीरयात्रापि च ते न प्रसिद्व येदकर्मणः

तू शास्त्रविहित कर्तव्य कर क्योकि कर्म न करने कि अपेक्षा कर्म करना श्रेष्ठ है तथा कर्म न करने से तेरा शरीर निर्वाह भी सिद्व नही होगा।


कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन

मा कर्मफलहेतुभूर्मा ते सडोडस्तवकर्माणि

Buddha

Nitya shastraranyavekshet nigamantasheva vaidikan
Best of all
Satyapraman kurute lokastadanuvartate


Dr. Sarvepalli Radhakrishnan says that in this poison-like world tree, only two fruits are sweet. We should make a habit of reading good books and studying the association of good people.



It is said that we should be inspired to think that we should read the life story of a great man. Other members of the house who conduct themselves behave in the same way as they do. The entire community starts to behave accordingly. Study good books.

Today, in order to be happy with the heart, it is necessary to overcome anger, jealousy, hatred, feelings of revenge, etc. in order to make the person happy in such a fierce life. Otherwise, our mind will go into a depressed state and we cannot experience happiness in any birth in this life.
Be a brave man. In today's era, both humans and animals are doing the same thing, there are few things that make us great apart from animals.

Living life is not carrying time but is an art. Counting years is also not life. What to do in the years Identification is the life. The tortoise lives 400 years. This is physical life. Everyone wins but we are born to win here.


Fixed kuru karma twam karma jiohakaramana

The famous Yedakarman


You should do scriptural duty because it is better to do work than not to act, and your body will not be able to sustain even if you do not.





Ma Karmaphalhetubhurma te Sadodastavakarmani



स्त्री का सौन्दर्य संसार कि सब से कीमती चीज है।

                                                                       स्त्री सम्मान



आज हमारे भारत देश को जिस मुकाम में होना चाहिये वह नही हैं हमारे देश में इतनी बडी संख्या में युवा है जो जोशीले और मेहनती है फिर भी हमे दुख है कि हम युवाओ ने बहुत सारी गलतियां कि है और कर रहे हैं। हमारे ऋषियों ने पुराण ,ग्रन्थ हमें दिये हैं जो उनके जीवन कहे तो असली जीवन ( प्रकृतिक जीवन) था हमने उसे अनदेखा किया जहां आज यूरोपीय देश पहले सफलता फिर कुछ और वही आज एशिया कि सोच पहले सैक्स फिर सफलता ये सोच हो गयी है। सौन्दर्य  कोई बुरी चीज नही है यह संसार का जीता जागता जादू है और सौन्दर्य है भी देखने के लिये ही स्त्री का सौन्दर्य संसार कि सब से कीमती  चीज है। स्त्री कि सुन्दरता एक बहुत बडा रत्न है अनमोल खजाना है जो प्रकृति ने हमें दिया है इसकी रक्षा और हिफाजत करना हमारा कर्तव्य है ये कोई नही सोचता सब अपनी पत्नी बहन, मां कि इज्जत करते है बाहर दूसरी स्त्री को दूसरा समझते है और फिर गलत कृत्य कर बैठते हैं। हमारे देशो कि तरक्की तभी है ही नही जनसंख्या बढ रही है इसका कारण है हमने महान ग्रन्थों को अनदेखा किया और धर्मो में ये गुण है ही नही न कही लिखा है लेकिन सनातनी ग्रन्थेंा में परिवार कुल, देश, संसार के बारे में बहुत महत्वपूर्ण तथ्य छिपे है जिनमें हर चीज का रास्ता था फिर भी हम अन्जान रहे हम देश में नारी को गलत नजरो से देखने को नही चूकते हल्का कुछ हुआ नही उसकी उपेक्षा शुरू होने लगती है। क्यो क्योकि हमने अपने मन को अशान्त कर रखा है। हमने सोचने समझने कि बागडोर सेाशल मीडिया को दे दी है।

मोबाइल खोलते ही ज्ञान कम पाॅर्न कल्चर का ज्यादा प्रभाव है ये सुधर नही सकता है। न ही बन्द हो सकता है लेकिन इसे कम और बचा जरूर जा सकता है अगर हम अपने सनातनी ग्रन्थों को जीवन में उतारे अगर युवा पीढी को शास्त्रों का ज्ञान करा दिया जाए तो हम पाॅर्न कल्चर जैसी समस्याओं से लड सकते हैं भारत सरकार ने उपाय किये पर ये कारगर नही है रेप जैसी समस्या और बढ गयी है ये सरकारे नही रोक सकती युवा को लौटना होगा शास्त्रों और अपना जीवन वीर योद्वाओं कि तरह जीना होगा। भारतीय ज्ञान में सबसे श्रेष्ठ है हमें इस तरफ जाना होगा धर्मानुसार चलना होगा ।

पिता रक्षति कौमारे भर्ता रक्षति यौवने 
रक्षन्ति स्थविरे पुत्रा न स्त्री स्वाततन्त्रयमर्हति

बाल्यावस्था में पिता ,युवावस्था में पति और वृद्व अवस्था में पुत्र रक्षा करते है स्त्री को कभी इनके पृथक स्वतन्त्र रहने का विधान नही हैं। भारतीय समाज में नारी एक विशिष्ट गौरवपूर्ण स्थान पर प्रतिष्ठित है। आर्यपुरूष ने सदा ही उसे अपनी अर्धागिनी माना है, इतना ही नही व्यवहार में पुरूष मर्यादा से नारी मर्यादा सदा ही उत्कृष्ठ मानी गयी है। हिन्दू संस्कृति इस भावना से परिपूर्ण है ।

girl beauty quotes girl beauty words girl beauty lines girl beauty status girl beauty compliment girl beauty products girl beauty hacks girl beauty attitude status girl with beauty and brains girl beauty and the beast a girl beauty queen the girl beauty spa praise a girl beauty describing a girl beauty praising a girl beauty words girl beauty bone girl beauty box beauty girl baby beauty girl baby names girl beauty contest girl beauty.com girl beauty care girl's beauty costume girl beauty describing words girl beauty description girl beauty day girl beauty eyes beauty girl extensions girl beauty face beauty girl fishing girl face beauty tips girl face beauty quotes girl beauty game beauty girl good morning girl games beauty parlour girl beauty hashtags girl beauty hair style beauty girl hair factory beauty girl hair topper beauty girl hair reviews beauty girl image wallpaper girl in beauty and the beast


Today, the situation in which our India should not be there is not such a large number of youth in our country who are passionate and hardworking, yet we are sad that we youngsters have made a lot of mistakes and are doing it. Our sages gave us the Puranas, texts which said their life was real life (natural life), we ignored it where today European countries first think of success first and today Asia is thinking of sex first and then success has become this thinking. Beauty is not a bad thing, it is the living magic of the world and beauty is also the beauty of a woman, to see it is the most precious thing in the world. The beauty of a woman is a very precious gem. It is our duty to protect and protect the nature that nature has given us. No one thinks that everyone respects his wife, sister, mother and considers the other woman outside and then wrong acts. Let's sit. The growth of our countries is not only the reason why the population is increasing, it is because we have ignored the great texts and religions do not have any quality or not written, but in the Sanatani texts, the family is very important facts about the country, the world and the world. In which everything was the way, yet we are unaware we do not miss seeing a woman in the country from the wrong point of view, nothing light happens, and her neglect starts. Because we have disturbed our mind. We have given thinking that we have given the reins to the media.
Knowledge of low porn culture has more effect when opening mobile, it cannot improve. Nor can it be stopped but it can be reduced and saved if we bring our Sanatani texts to life, if the young generation is made aware of the scriptures, then we can fight the problems like past culture, but the Government of India took measures. This is not effective, the problem like rape has increased and this government cannot stop the youth will have to return to the scriptures and live their lives like brave warriors. We are the best in Indian knowledge, we have to go on this side and we will have to walk according to our religion.

Father Rakshti Kaumare Bharta Rakshti Youth

Defense Static Son, Female Freedom

Fathers in childhood, husbands in puberty and sons in old age protect women, there is no law for women to remain independent. In Indian society, women are distinguished at a uniquely proud place. Arypurush has always considered her as his half-sister, not only this, in practice, woman's dignity has always been considered superior to male dignity. Hindu culture is full of this feeling.

girl beauty quotes girl beauty words girl beauty lines girl beauty status girl beauty compliment girl beauty products girl beauty hacks girl beauty attitude status girl with beauty and brains girl beauty and the beast a girl beauty queen the girl beauty spa praise a girl beauty describing a girl beauty praising a girl beauty words girl beauty bone girl beauty box beauty girl baby beauty girl baby names girl beauty contest girl beauty.com girl beauty care girl's beauty costume girl beauty describing words girl beauty description girl beauty day girl beauty eyes beauty girl extensions girl beauty face beauty girl fishing girl face beauty tips girl face beauty quotes girl beauty game beauty girl good morning girl games beauty parlour girl beauty hashtags girl beauty hair style beauty girl hair factory beauty girl hair topper beauty girl hair reviews beauty girl image wallpaper girl in beauty and the beast

वैसे तो यादे सभी कि होती हैं, अन्तर बस इतना होता है कुछ लिख जाते हैं, कुछ अपने साथ ले जाते हैं।


वैसे तो यादे सभी कि होती हैं, अन्तर बस इतना होता है कुछ लिख जाते हैं, कुछ अपने साथ ले जाते हैं।

मां के लिये दे शब्द कहना चाहूंगा
मांग लू ये मन्नत कि ये जहां मिले
फिर वही गोद फिर वही मां मिले।।


प्रिय मित्रों आज का लेख स्वयं मेरे एक पल का है, मैं उत्तर प्रदेश राज्य के प्रयागराज में तीन साल से सरकारी जाॅब कि तैयारी कर रहा हूॅ। मैं अपने घर से पांच सौ किलोमीटर दूर रहता हूॅ, मेरा एक रूम पार्टनर भी है, और मेरी मां घर पर ही रहती है। मैने यहां बहुत रूम बदले तीन सालों में लेकिन हर जगह मां के रूप में कभी (मकान मालकिन) आन्टी ने मां कि तरह मदद कि ऐ समय था मेरी एक दोस्त भी थी जो मेरी मां कि तरह ही बातें और सलाह देती थी।

ये मेरी मां का ही आशीर्वाद है और भगवान का भी धन्यवाद ऐसा कोई रूम नही मिला जहां मां कि तरह स्नेह करने वाली आन्टी न मिली हो फिर धीरे-धीरे समय बदला सब जाते गये मैं एक दोस्त के साथ नये रूम में शिफट हो गया जहां किसी को किसी से कोई मतलब नही हर महीने पैसे दो बस मरो चाहे जीओ ऐसा मरे साथ पहली बार हुआ आज दिनांक 01.02.2020 से मुझे तेज बुखार ,सर्दी देकर आने वाला ,आंख लाल, सिर दर्द ,जुखाम भयानक तरीके से आ रहा था। इतना थका हुआ महसूस कर रहा था कि बस काश घर पर होता या पहले कि तरह कोई मकान मालकिन ऐसी होती जो एक बार सिर पर हाथ रखकर पूॅछ लेती तबियत कैसी है। 01.02.2020 को तो मैने पूरा दिन कुछ खाया ही नही था ऐसा नही कि मैं अकेला हूॅ मेरा एक रूम पार्टनर भी है लेकिन सिर्फ नाम का इतिहास गबाह है हमेशा दुश्मनो से इतना खतरा नही होता जितना अपनो से होता है।
आप सोचेगे क्यो रह रहे ऐसे के साथ, रूम पार्टनर ही इसी लिये बनाये जाते है कि संकट कि घडी में साथ दे इसमे उसकी कोई गलती नही वह बुहत गरीब दिल का है। गरीबी से निकला है अभी- अभी और अधिक पाने कि इच्छा है। अनजान और दिखावे पर जीता है। ऐसा बर्ताव कोई बडी बात नही ,जब मै कभी बीमार होता था घर पर ,तो मेरे मम्मी पापा खाना,पीना,दवा से लेकर सारा इंतजाम करते थे। बच्चे को तकलीफ न हो और हम उस समय उनकी अहमियत को अन्देखा करते थे।
आज मैने बहुत याद किया उन दिनों को और रोया भी कि एक बार कोई सिर पर हाथ रख दे मेरा दर्द कम हो जाये दोस्त यार एक दो ही सच्चे मिलते हैं। जो सुख दुख में साथ दे बगैर कहे समझ जाये शायद वो दोस्त बहुत दूर हैं जो पास है वो झूठ और अहंकार से ग्रसित लोग हैं या समय कि तरक्की के अनुसार बदल गये।
मेरी मां को हर बार मैं घूमाने का वादा करके आता हूॅ क्या करूॅ खुद ही समस्या में उलझा हूॅ हर बार फेल हो रहा हूॅ।
कहा घूमाउं जब मेरा मन ही एक पल नही ठहर रहा । ज्वालामुखी खैाल रहा है भयानक अन्दर ,मेरे मेरे पापा जिन्होने कभी भी तीन सालों में पैसो कि कमी महसूस नही होने दी पता नही इतनी जिम्मेदारी इतनी कम कमाई में कैसे ,महान हैं मेरे पापा जाने कितने दोस्त है मेरे ,पैसे से सबसे मजबूत भाग गये मैदान छोडकर पैसे का बहाना करके आई लव यू मम्मी पापा भगवान और अपनी मेहनत पर मुझे पूरा विश्वास है मुझे और जल्द ही चक्रव्यूह तोडूगा और दोस्तो जो घर पर हैं बहुत प्यार करो अपने मम्मी पापा को जो दिन बीत जायेगे दोवारा नही आने वाले।

My mother


By the way, remember that all happens, the only difference is that some write, some take it with them.


I would like to say the word for mother

Seek to pray that this is where you meet
Then the same mother again met her mother.

Dear friends, Today's article is of my own moment, I have been preparing for government job in Prayagraj of Uttar Pradesh state for three years. I live five hundred kilometers away from my house, I also have a room partner, and my mother stays at home. I changed a lot of rooms here in three years, but everywhere as a mother (landlady), like Aunty, I had a friend who also used to give me advice and advice like my mother.
This is my mother's blessing and thanks to God, no room was found where there was no such loving aunt as my mother, then slowly the time changed, I got settled in a new room with a friend. Does not matter to anyone, give money every month, just die, live it for the first time with me. Today from 01.02.2020 I had high fever, cold coming, eye red, headache, cold was coming in terrible way.Feeling so tired that I just wish I was at home or as before, there would have been a landlady who would once ask a hand on her head and ask how is her health. On 01.02.2020, I did not eat anything for the whole day, it is not that I am alone, I am also a room partner, but the name's history is always gabbah, there is not always as much danger from enemies as you do.
Why would you think that with such a living, room partners are made for the same reason that it is not a mistake in supporting them in the time of crisis, that is very poor heart. Out of poverty, I just have a desire to get more. Unknown and live on pretense. Such behavior is not a big deal, when I used to get sick at home, my mother and father used to make all arrangements from food, drink and medicine. The child did not have any problem and we used to see their importance at that time.
Today, I missed many of those days and cried that once someone puts their hands on my head, my pain is reduced, friend or friend. Those who are able to understand the happiness without saying in sorrow, are probably those friends who are far away, they are people who are suffering from lies and arrogance or have changed according to the progress of time.

My mother comes every time I promise to roam, what should I do, I am getting entangled in the problem and I am failing every time. 

Said to turn around when my mind did not stop for a moment. The volcano is ravaging deep inside, my father who has never let me lose money in three years, I do not know how much responsibility is in earning so little, how great my father is, my friend is the strongest runaway from my money With the exception of money, I love you mommy Papa God and I have full faith in my hard work and I will soon break the chakravyuh and friends who are at home Dude, your mother and father will not be able to come back to the days.

भारत जो अपनी महान सनातन संस्कृति पर खडा है अब ये बर्दाश्त के बाहर है

truth


भारत में लम्बे समय से चल रही सरकार जो देश हित में कडे फैसले लेने में हमेशा डरती रही ,यही कारण रहा हमारा देश किसी भी क्षेत्र में उन्नति नही कर सका सरकारे आती हैं जाती हैं सिस्टम में को परिवर्तन नही कही राशन में पांच किलो गेहूॅ बडा दिया कही कम कर दिया बस यही चलता रहा और वेवकूफ बनाया जनता को भारत का जब युद्व हुआ पाकिस्तान  से भारत कि विजय हुयी फिर भी कश्मीर मुददा वही का वही रहा किसी कि दम नही हुयी ले ले क्योकि उनको तो एक और पाकिस्तान  बनाने में मजा आ रहा था। उस समय रहे प्रधानमंत्री ने क्यों नही सोचा जीत अपनी शर्तो पर होती है या दूसरे कि शर्तो पर बहुत दिनों त्रासदी झेल रही भारत कि राजनिति में एक नया चेहरा सामने आया उनका नाम श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जिनकी प्रशंसा आज पूरा विश्व कर रहा है, भारत में हर बच्चे के दिलो में आज भी उनकी छवि एक महान नेता के रूप में है और रहेगी भले ही रोड पर आकर हो-हल्ला न मचाया हो हम सनातनी महान संस्कृति वाले लोग है ये सब अषोभनीय है इसलिये अपने ही देष में हो हल्ला मचाना वो भी देश हित के पृश्न पर निन्दनीय है । हमारा धर्म ये नही सिखता लेकिन आज भी भारत के 70 प्रतिशत लोग मोदी जी के साथ है ऐसा मेरा विश्वास है बहुत प्रधानमंत्री आये और चले गये लेकिन मेरे जीवन में यह पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिनका धन्यवाद करने के लिये मेरे पास शब्द नही हैं क्योकि यह मेरी आंखो देखा चमत्कार  है। भारत  में पूर्व रहे प्रधानमंत्री द्वारा किये गये कार्यो से सुस्ती आ गयी थी । लेकिन भारत  माता ने एक वीर साहसी व्यक्ति को भेज ही दिया।

आज तक भारत में बहुत सारे मुददे रहे। जिनका सुलझना बहुत जरूरी था ,लेकिन पूर्व में रही सरकारें सिर्फ डर और अपनी जेबें भरने में लगी रही कभी - कभी तो ये लगता था कि सरकारे देश  हित में कानून बनाना ही भूल गयी हो इसमें कोई दोहराय नही है, नही तो एक के बाद एक बिल कि आज जरूरत ही नही पडती यह बात भी सत्य है कि सरकारें अपनी जेबे नही भरती चाहे कोई भी सरकार हो लेकिन उसके साथ देश हित भी सर्वाेपरि रखना चाहिये। जो पूर्व कि सरकारो ने नही किया । भारत जो अपनी महान सनातन संस्कृति पर खडा है ऐसी महान और सच्ची संस्कृति उसी पर पूर्व कि सरकारों ने चोट किया। अब ये बर्दाश्त  के बाहर है । आखिर क्यों 

रामन्दिर का फैसला दशकों चलता रहा, क्यों जम्मू और कश्मीर का मामला सुलझा नही पायें वहां सैनिक नही मर रहे थे आये दिन देश का अपमान नही हो रहा था। कभी भी किसी पर देशद्रोह नही लगा ,आये दिन भारत कि सुरक्षा का कभी स्पष्टीकरण नही दिया पूर्व कि सरकारों ने और अगर एनआरसी,सीएए देश विरोधी कानून है तो सही क्या है बताये पूर्व कि सरकारे धर्म के नाम पर जब बटवारा हुआ। उमसे पाकिस्तान  के अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हुआ जो भारत नही आ सके किसी कारण बस इनकी सुरक्षा कौन करेगा, जिन पा किस्तानिओ  ने बटवारे के समय खुद अपनी और पडोसियों कि मां , बेटियों कि इज्जत को नीलाम किया उनको ये नही पता मां क्या होती है बहन क्या होती है। बस मजे लो ऐसे लोगो को भारत कि नागरिकता दें । भारत का मुसलमान क्या ये इतिहास का सत्य नही जानता फिर भी पूर्व कि सरकारे कानून का विरोध कर रहे हैं ,उत्तर प्रदेश कि पूर्व कि सरकारे राम मन्दिर का मामला सुलझाने में क्यो असमर्थ रही क्योकि राजनीति कि रोटियां सिक रही थी । पूर्व कि सरकारे बताये भारत जहां अस्सी प्रतिशत हिन्दू है उनके पूजा स्थल पाकिस्तान में बनेगे क्या उनको नही पता मुस्लिम षासको ने क्या किया था कौन सा इतिहास पढा है। गलती सुधारने कि बजाय विरोध करने लगे ये मामला कोर्ट पर जानेे से पहले ही इसका फैसला हो जाना चाहिये था। पूर्व कि सरकारों ने नंगा नाच कराया। भारत में मुस्लिम महिलाओं पर अत्याचार एक आदमी जितनी चाहे शादियां कर ले क्या राजा है कही के कानून सबके लिये है या औरते मशीन है औरते एक खराब तो दूसरी ले आये क्यो पूर्व कि सरकारो ने कानून नही बनाया उनको तो बोट बैक कि पडी थी। भारत कि आबादी 135 करोड हो गयी इसकी जिम्मेदार पूर्व कि सरकारे हैं क्या ये सत्य भारत का हर नागरिक नही जानता हमारे देश के बोर्डर में रह लोगो कि संख्या में इतना इजाफा अचानक कैसे हो गया कौन है ये कहा से आये ये गणना कराना कोई जुर्म है । जिसको लेकर शाहीन बाग में धरना चल रहा शर्म आनी चाहिये और जबाब दे पूर्व कि सरकारे और दूसरे देश में रह रहे हमारे लोग जिनकी इज्जत रोज लुट रही कौन करेगा उनकी मदद ये पूर्व कि सरकारों ने क्यो नही सोचा जबाब दें। अब कोई सरकार उस पर काम कर रही है तो धरना दंगा जैसे काम होने लगे कुछ कह रहे है कि अर्थव्यवस्था मंदी है जो सरकार देश का हित चाहेगी वो रिष्क लेगी और आगे भी सफल होगी बस धैर्य बहुत जरूरी है। पूर्व कि सरकारेां में फैसला लेने कि हिम्मत ही नही थी । उसी में खा - पी रहे थे। आज कि सरकारे और पूर्व कि सरकारे जान ले अब जनता सब समझ चुकी है और देख भी रही है। भारत को एक बार फिर बल्लभ भाई पटेल, अटल बिहारी बाजपेयी, लाल बहादुर शास्त्री, बीर साबरकर,वाला साहब ठाकरे,सुभाष चन्द्र बोस जैसे महापुरूष का जन्म फिर से हो गया है। 

The long-running government in India, which has always been afraid to take tough decisions in the interest of the country, is the reason why our country could not make progress in any field, the government comes and did not change the system, gave five kg of wheat in the ration. It has been reduced to just this and it has been done and made the people aware that when the war of India was won by Pakistan
India still remained the same. Take it because he was enjoying making another pakistan. Why did the Prime Minister at that time not think that victory happens on its own terms or on other terms, a new face has emerged in the politics of India, which has been facing many days of tragedy, Shri Narendra Damodar Das Modi, whose praise is being praised all over the world today. Even today, in the hearts of every child, his image as a great leader is and will remain, even if he is on the road. Land is all Asobniy therefore their own in the country great umbrage that is condemnable on Prshn the country's interest. Our religion does not teach this, but even today 70 percent of the people of India are with Modi ji, it is my belief that many Prime Ministers have come and gone but in my life, this is the first Prime Minister I have no words to thank because it is my Eyes seen is a miracle. There was lethargy due to the work done by the former Prime Minister in India. But Mother India sent a brave man.

Till date, there were many issues in India. Those which were very important to solve, but the governments in the past were only engaged in fear and filling their pockets. At one time it seemed that the government had forgotten to make laws in the interest of the country, there is no repeal in it, otherwise it is also true that one bill after another is not required today, that governments do not fill their jobs, no matter what the government is But along with it, the interests of the country should also be kept above all. Which the previous governments did not do. India, which stands on its great Sanatan culture, is such a great and true culture that the previous governments hurt. Now it is outside Bardasht. But why




The decision of Ram mandir continued for decades, why the matter of Jammu and Kashmir could not be solved there, soldiers were not dying there, the country was not being insulted the next day. No one was ever accused of treason. This day, India has never given any explanation for the security that the governments have and if the NRC,CAA is an anti-national law, then what is the right before that when the governments got divided in the name of religion. It was atrocities on the minorities of pakistan who could not come to India for some reason, just who would protect them, those who did not know what their mother is when the Partitioners auctioned the honor of their daughters and their mother and daughters. . Just enjoy and give citizenship of India to such people. Whether the Muslims of India do not know the truth of this history, yet the former governments are opposing the law, and the former governments of Uttar Pradesh were unable to solve the case of Ram temple because the loaves of politics were shrinking. Former governments should tell that India, where eighty percent of Hindus are, their places of worship will be built in Pakistan, do they not know what history Muslim Muslims had done and what history has been read. Instead of correcting the mistake, they started protesting, this matter should have been decided before going to court. The former governments orgy. Atrocities on Muslim women in India, as much as a man can get married, whether the king has laws for everyone or women is a machine, women brought a bad one because before the governments did not make laws, they had to go back to the boat. The population of India has increased to 135 crores, it is the responsibility of the previous governments that every citizen of India does not know that the number of people living in the boarders of our country has increased so suddenly, who has said that it is a crime to calculate this. . One should be ashamed about the dharna going on in Shaheen Bagh and before answering that the governments and our people living in other countries, whose help will be lost everyday, help those who did not think why the governments should answer. Now if a government is working on it, then things like dharna riot started happening, some are saying that the economy is recession, the government will like the interest of the country, they will enjoy it and succeed even further, just patience is very important. Former governments did not have the courage to take decisions. Eat at the same Were drinking Today the governments and the previous governments should know that now the people have understood and are watching. India has once again been born to great men like Ballabh Bhai Patel, Atal Bihari Bajpaiye, Lal Bahadur Shastri, Bir Sabarkar,wala Sahab Thackeray, Subhash Chandra Bose.


bjp government, modi sarkar, my government, Ballabh Bhai Patel, Atal Bihari Bajpaiye, Lal Bahadur Shastri, Bir Sabarkar,wala Sahab Thackeray, Subhash Chandra Bose.,Shaheen Bagh,Great Sanatan Culture of India



Today the thinking of the people living in India is getting so negative NRC #JNU #CAA

Description:
By
Pinned to why protest bed thinking NRC #JNU #CAA Protest on Pinterest
Found on: https://ift.tt/2R5hNrw
Today the thinking of the people living in India is getting so negative, which is seeing its effect, today the situation has become such that if one party passes a bill, then all is well, on the other side, the government elected by the overwhelming majority, the absolute majority and Then some people came on the road to protest against the bill passed by the President. There are so many intelligent living and educated people in our country, it is a matter of shame that any Indian community is not related to caste by the law, yet the people who have been caught in lies spread by some leftists of Indian origin are making disgusting like picketing. .


India is a democratic country, it is right to picket, but what is the problem with the decision taken in the interest of the country, the minorities who are boycotting it should think that it is said that only one patient can understand the pain of another patient and think You should think that when you are so distracted by the spreading rumors like NRC that Afganistan, Pakistan, Bangladesh whose constitution has written in Article 2 that Religion Number Country just Islam and Contribution sense not Islam survey of religion is possible to get justice for minorities in these countries.

Today, the Government of India had taken a good decision, why started having problems, in India, not for seventy years, there have been millions of people asking for help from millions of people, but the governments continued to fill their pockets with blind eyes and help the refugees of India. It is committed that the Indian minority should understand this matter. There are many proofs which are also proving the truth. Why protest bed thinking NRC #JNU #CAA Protest | NRC against CAA, NRC

It is being said that Indian Muslim minorities are feeling insecure. So this thing must be understood.

There were 27 / minority in pakistan in 1950, 3 / today

The books were 17 / in Bangladesh today, 7 /. And there were 9.8 / Muslim minorities in India, which turned 14.3 / today, did not do anything wrong for anyone in a beautiful beautiful country like India, developed everyone's company and where did the so many people of the neighboring countries have been pleading with the Government of India for seventy years. These governments ignored them and the entire Indian population is in India or has been killed and all these things should be understood by the Muslim Indian minority and the Government of India is blessed Should sue

वामपंथियों द्वारा फैलाये गये झूठ में फस गये लोगNRC #JNU #CAA


आज भारत में रह रहे लोगों कि सोच इतनी नकारात्मक हो रही है जिसका प्रभाव देखने को मिल रहा है आज स्थिति ये हो गयी है जहां एक दल कोई बिल पारित करें तो सब ठीक वहीं दूसरी तरफ जनता द्वारा चुनी गयी भारी बहुमत आयी सरकार पूर्ण बहुमत और फिर राष्ट्रपति द्वारा पारित बिल का विरोध करने के लिये कुछ लोग सडक पर उतर आये। हमारे देश में इतने बुद्व जीवि और पढे लिखे लोग हैं बडी शर्म कि बात है जिस कानून से किसी भी भारतीय समुदाय जाति से सम्बन्धित नही है फिर भी भारतीय मूल के कुछ वामपंथियों द्वारा फैलाये गये झूठ में फस गये लोग धरना जैसी घिनौने कृत कर रहे है।


भारत लोकतांत्रिक देश है धरना करने का अधिकार है हक के लिये लेकिन देश हित में लिये गये फैसले से क्या दिक्कत जो अल्पसंख्यक इसका बहिष्कार कर रहे हैं उहे सोचना चाहिये कि जैसा कहा गया है कि एक रोगी ही दूसरे रोगी का दर्द समझ सकता है और सोचना चाहिये कि जब एनआरसी जैसी फैलायी गयी अफवाह से आप इतना विचलित है सोचो जो अफगानिस्तान,पाकिस्तान ,बाग्लादेश जिनके संविधान में अनुच्छेद 2 में लिखा है कि इस देश का धर्म सिर्फ इस्लाम है और किसी धर्म से कोई मतलब नही इस्लाम सर्वे सर्वा है ऐसे देशों में अल्पसंख्यकों को न्याय मिल पाना क्या मुमकिन है।

आज भारत सरकार ने अच्छा फैसला लिया था दिक्कत होने लगी आखिर क्यों भारत में आज से नही सत्तर सालों से चिटिठयां लाखों करोडो लोगो कि गुहारें आती रही भारत से मदद मांगती रही लेकिन सरकारें आंख बन्द करके अपना जेब भरती रही और भारत शरणार्थियों कि मदद करने को प्रतिबद्व है इस बात को भारतीय अल्पसंख्यको को समझनी चाहिये। बहुत से प्रूफ है जो सत्य प्रमाणित भी कर रहे है।why protest bed thinking NRC #JNU #CAA Protest | NRC against CAA, NRC

कहा जा रहा है कि भारतीय मुस्लिम अल्पसंख्यको असुरक्षित महसूस कर रहे है। तो ये बात जरूर समझना चाहिये।

पाक्स्तिान में 1950 में 27/ अल्पसंख्यक थे आज 3/ रह गये
बही  बांग्लादेश में 17/ थे आज 7/ रह गये। और भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यको 9.8/ थे जो आज 14.3/ हो गये भारत जैसे न्यायकारी सुन्दर देश में किसी के भी लिये गलत नही किया सबका साथ सबका विकास किया और पडोसी देशों कि इतनी आवादी कहां गयी बेंचारे सत्तर साल से भारत सरकार से गुहार लगा रहे थे सरकारो ने उनको अनसुना किया और सारी जनसंख्या या भारत में है या मार दी गयी इन सारी बातों को मुस्लिम भारतीय अल्पसंख्यको को समझना चाहिये और भारत सरकार का धन्यवाद करना चाहिये।

NRC, why protest bed thinking NRC #JNU #CAA Protest | NRC against CAA, NRC, 

play and earn money