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जिंदगी | को देखने का नजरिया , hindi stories motivational, hindi stories with morals,

                                                     जिंदगी को देखने का नजरिया



सचिन और गौरव बचपन के जिगरी दोस्त थे| लेकिन काम में व्यस्त होने के कारण दोनों ज्यादा नहीं मिल पाते थे| गौरव पढ़ लिखकर एक बैंक में अच्छे पद पर नौकरी कर रहा था लेकिन फिर भी वह अपने काम से खुश नहीं था| दूसरी और सचिन एक फोटोग्राफर बन गया था|

क्योंकि उसे बचपन से ही फोटोग्राफी का शौक था| और वह अपनी जिंदगी से बहुत खुश था| एक दिन गौरव, सचिन के घर खाने पर गया| गौरव ने सचिन से कहा यार, मैंने नौकरी करके गलती कर दी| मुझे भी तेरी तरह फोटोग्राफर ही बनना चाहिए था|


कम से कम मैं तेरी तरह जिंदगी में खुश तो रह पाता| आज मेरे पास सब कुछ है लेकिन खुशी नहीं है|

यह सुनकर सचिन बोला, देखो भाई, अगर तुम्हें फोटोग्राफी इतनी ही पसंद है तो फोटोग्राफर बन जाओ इसमें कौन सी बड़ी बात है|

गौरव बोला, यार फोटोग्राफी तो मुझे हमेशा से ही पसंद थी लेकिन अब ज्यादा पसंद आती है क्योंकि मेरे काम में वह मजा नहीं है जो तुम्हारे काम में है|

अगर मैं फोटोग्राफी शुरु कर दूंगा तो मैं भी तुम्हारी तरह खुश रहूंगा| तब तो तुम एक काम और करना| मुझे करेले भी बहुत पसंद है और मैं दिन में दो बार करेले खाता हूं| इसीलिए मैं इतना खुश नजर आता हूं| गौरव हंसने लगा|

सचिन बोला:-  खुशी किसी काम से नहीं बल्कि अपने अंदर से आती है| सब कुछ मिलने के बाद भी हम दुखी रह सकते हैं या फिर कुछ नहीं मिलने पर भी खुश रह सकते हैं| यह सब हमारी जिंदगी को देखने का नजरिया है|







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