योग
आप अगर सिक्स ऐब्स या कुछ भी ऐसा चाहते हैं तो मैं कहूंगा कि आप जा कर टेनिस खेलिये या पहाड़ों पर चढ़िये। योग कोई व्यायाम नहीं है, इसके कई और आयाम हैं। शरीर को चुस्त, दुरुस्त रखने का एक अलग आयाम अवश्य है, आप इससे स्वास्थ्य भी प्राप्त कर सकते हैं पर ये सिक्स ऐब्स के लिये नहीं है।
पश्चिम में प्रवेश लेने के 20 साल बाद,अब, योग लोकप्रिय होता जा रहा है, तब मेडिकल वैज्ञानिक अब आगे आ रहे हैं, अध्ययन कर रहे हैं और कह रहे हैं, "योग से फायदे हैं"। यद्यपि योग बहुत सी जगह पर गलत, व्यर्थ तरीकों से सिखाया जाता है, फिर भी सारे संसार में इसके स्वास्थ्य संबंधी फायदों को कोई नकार नहीं सकता। लेकिन यदि योग को गलत ढंग से, विकृत रुप में पढ़ाने का क्रम चलता रहा, बढ़ता रहा तो 10 से 15 वर्षों के समय में वैज्ञानिक अध्ययन स्पष्ट रूप से आप को बतायेंगे कि कितने ही तरीकों से ये मनुष्यों के लिये नुकसानदेह है, और ये योग का पतन होगा।
यह आवश्यक है कि योग का अभ्यास सूक्ष्म,सरल, नर्म ढंग से, बिना बल प्रयोग के,किया जाये, जबरदस्ती मांसपेशियां बनाने, बढ़ाने के लिये नहीं, क्योंकि ये व्यायाम नहीं है।भौतिक शरीर के पास एक पूर्ण यादों, स्मृतियों की संरचना है। अगर आप इस भौतिक शरीर को पढ़ने, समझने के लिये तैयार हैं तो सब कुछ - कैसे इस ब्रह्मांड का शून्य से अब तक विकास हुआ - ये सब इस शरीर में लिखा हुआ है। योग एक तरीका है जिससे इस याददाश्त को, इन स्मृतियों को खोला जाये और इस जीवन की, अंतिम संभावना की ओर बढ़ने के लिये, पुनर्रचना की जाये। ये एक बहुत सूक्ष्म और वैज्ञानिक प्रक्रिया है।
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