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सामाजिक गलत अवधारणाओं के शिकार नेहरू ,jawaharlal nehru death,jawaharlal nehru achievement

                               वन है सुन्दर और सघन पर मुझको वचन निभाना है 
                               नींद सताए इसके  पहले कोसो जाना है
                                       मुझको कोसो जाना है 
   


                                            सामाजिक गलत अवधारणाओं के शिकार   नेहरू   

      प्रिय
            पाठको 



आज हम लोगो द्वारा बनाई गयी गलत अवधारणाओं के शिकार पंडित नेहरू जी के जीवन के बारे मे बताउगा दोस्तों कोई अपना बास्तविक जीवन कैसे जीता है उससे हमको कोई समस्या नहीं होनी चाहिए हमे ध्यान ये देना चाहिए की हमने उससे जो जिम्मेदारी दी है उसने उसे की महत्वपूर्णता से निभावा है

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू इंग्लैंड गए बहा उनकी मुलाकात ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री चर्चिल से हुई  पिछली बातो को याद कर चर्चिल ने पूछा आपने अंग्रेजो के शाशन में कितने वर्ष जेल में बिताये है लगभग १० वर्ष  नेहरू ने कहा तब अपने प्रति किये गए व्यवहार के प्रति आपको हमसे घृणा करनी चाहिए चर्चिल ने मजाकिया अंदाज में पूछा नेहरू जी ने उत्तर दिया बात ऐसी नहीं है हमने ऐसे नेता के अधीन काम किया है जिसने हमें दो बाटे सिखाई है एक तो यह की किसी से डरो मत और दूसरी किसी से घृणा मत मत करो हम उस समय आपसे डरते नहीं थे इसलिए अब घृणा भी नहीं करते





पंडित नेहरू एक कुशल राजनीतिज्ञ के साथ साथ उच्च कोटि के विचारक थे उनकी राजनीती स्वच्छ और सौहार्दपूर्ण थी स्वंत्रता संग्राम के दिनों में उन्होंने कारावास में रहकर अनेक पुस्तकों की रचना की मेरी कहानी, विश्व इतिहास की झलक भारत की खोज उनकी प्रसिद्द रचनाये है  राजनीती अवं प्रशासन की समस्याओ से घिरे रहने के बाबजूद वे खेल ,संगीत कला, आदि के लिए समय निकाल लेते थे बच्चो को तो बो अति प्रिय थे आज भी बो चाचा नेहरू के नाम से प्रसिद्धि है उनके जन्मदिन 14   नवंबर को हमारा देश बाल दिवाद के रूप में मनाता है 
पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म प्रयागराज में 14 नवंबर सन 1889 को हुआ इनके पिता मोती लाल नेहरू प्रसिद्द वकील थे माता स्वरूपरानी उदार विचारो वाली महिला थी अपने शिक्षकों में एक एफ.टी.ब्रूम्स. के सानिध्य में रहकर जहाँ इन्होने अंग्रेजी साहित्य और विज्ञानं का ज्ञान प्राप्त किया वही मुंशी मुबारक अली ने इनके मन में इतिहास और स्वंत्रता के प्रति जिज्ञासा पैदा क्र दी यही कारन है की बचपन से ही इनके मन में दासता के प्रति विद्रोह की भवन भर उठी 
उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए नेहरू जी को बिलायत इंग्लैंड भेजा गया वहां रहकर उन्होंने अनेक पुस्तकों का अध्ययन किया वकालत की शिक्षा पूरी करने के बाद वे भारत लौट आये और भारत के इलाहाबाद उच्च न्यायलय में वकालत करने लगे आज कल लोग ये सब होने के बाद लौटते ही नहीं अपने देश वकालत में उनका मन न लगा उनके मन में देश को स्वतंत्र कराने की इच्छा बलबती हो रही थी इसी समय इनकी भेट महात्मा गाँधी से हुई इस मुलाकात ने उनके जीवन धारा ही बदल दी
उस समय देश में जगह जगह अंग्रेजो का विरोध लोग अपने अपने तरीको से कर रहे थे सन १९१९ में जलिया बाला बाग में अंग्रेज अफसर दायर द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों की नृपश हत्या की गई इससे पूरे देश में क्रोध की ज्वाला धहक उठी सन 1920  मे गाँधी जी द्वारा ासयोग आंदोलन चलाया गया जवाहरलाल नेहरू पूर्ण मनोयोग से स्वंत्रता संगम में कूद पड़े सन 1921 में इंग्लैंड के राजकुमार प्रिंस ॉफ बेल्स के भारत आने पर अंग्रेज शासको द्वारा राजकुमार के स्वागत का व्यापक स्तर पर विरोध किया गया इलहाबाद में विरोध का नेतृत्व नेहरू को सौपा गया इनके साथ इनके पिता दोनों को गिरफ़्तार कर लिया गया नेहरू की जेल की प्रथम यात्रा थी इसके बाद ये नौ बार और गए थे लेकिन ये भयभीत नहीं हुए 
लम्बे संघर्ष के  बाद देश 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ नेहरू स्वतंत्र प्रधानमंत्री बने देश की आर्थिक स्थिति बहुत जर्जर थी दूरदर्शिता और कर्मठता से नेहरू ी ने कृषि और उधोग के विकास हेतु पंचवर्षीय योजनाए की आधारशिला राखी आज देश में बड़े बड़े कारखाने, प्रोग्शालाये, विशाल बांध आदि दिखाई पड़ते है ये सब इन्ही की दें है भाखड़ा नांगल बांध को देखकर नेहरू जी  ने कहा 
मनुष्य का सबसे बड़ा तीर्थ ,मंदिर ,मस्जिद, और गुरुद्वारा वही है जहाँ इंसान की भलाई के लिए काम होता है 
वे जानते थे की बिना अणुशक्ति  के देश शक्ति संपन्न नहीं हो शक्ति उन्होंने ही परमाणु आयोग की स्थापना की  
जवाहर लाल नेहरू बिना थके प्रतिदिन अठारह से बीस घंटे  कार्य करते थे   
नेहरू जी ने प्रत्येक क्षण देश सेवा में लगाया देश के लिए लड़े  विज्ञानं और तकनीक के क्षेत्र को समर्थ बनाया 75  वर्ष की आयु में 27 मई 1964   को अस्वस्थ होने के कारन उनका निधन हो गया 
ऐसी अवस्था में कोई भी राजनीतिज्ञ आज का इतनी दूरदर्शिता भरा काम नहीं कर सकता कुछ गलतिया सबसे होती है कौन सा देश है जिसके बॉर्डर में तनाव नहीं छोटे छोटे घरो  को ही देख लो आज  जाने कितनी दीवारे है इसको क्या कहोगे बताइये 
                                                                                                                धन्यवाद 


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