अनुशासन
सफलता का मूल मंत्र है ‘अनुशासन ‘ अनुशासन हमसे वह कार्य करवाता है जिन्हें हम दिल से करना चाहते हैं पर हमारा मन उन्हें करने नहीं देता अनुषासन के बिना लक्ष्य स्पष्ट हो पायेगे नहीं न ही हम उन्हे कर पायेगे और न ही आप समय का सही उपयोग कर पायेगंे न लोगो के साथ अच्छा व्यवहार कर पायेगे न ही मुसीबतो के पलो का सामना कर पायेगे न ही सकारात्मक सोच पायेगे
अगर आप अपने द्वारा बनाये गये अनुशासन (नियम) व षर्तो पर जियेगे और उस पत्ते कि तरह प्रतिक्रिया नही करेगे जो बहते पानी और हवा कि दिशा का रूख ले लेता है। आप अपनी जिदगी जितनी सख्ती के साथ जियेगे उतना हि ये जीवन आपको सरल लगेगा आपके जीवन कि उत्तमता आपके चुनावो और निर्णयो पर निर्भर करती है। इस श्रेणी में यह भी शामिल है कि आप किस नौकरी में जाना चाहते हैं आप कौन सी कितावे पडते है। आप कितने बजे उठते है।
जब हम अपनी समस्त मानसिक शक्ति को अपने सही चुनावो कि ओर जुटा देते हैं और आसान चुनाव कि उपेक्षा करते हैं और तो यही हमारे जीवन कि बागडोर का नियंत्रण हमारे हाथ मे दे देता है। सक्षम और सम्पूर्ण लोग आसान और आरामदायक काम करने में अपना समय बबार्द नहीं करते है। यह आदत उन्हे महान का दर्जा देती है।
एक सफल इन्सान की मंशा वह सब करने कि होती है जिसे असफल इन्सान नहीं करना चाहता हैं।शायद षिक्षा का सबसे अधिक मूल्यवान परिणाम उस योग्यता में है जो हमसे वह करवाती है। जो हमे करना चाहिये
चाहे हम उसे पसन्द करंे या न करें।
दोस्तो हम जो सीखते है खुद के अनुभव से सीखते है। अगर आप स्कूल में टाॅप आना चाहतें है तो आपको औरो सेे ज्यादा अच्छी तैयारी करनी पडेगी; बीडा बजाने के अभ्यास से बीडा बादक वनते है।
साहस के कार्य करके हम वीर साहसी बनते है।