कहीं क्रिसमस, न्यू ईयर की शॉपिंग सिर दर्द ना बन जाएं, अपनाएं ये जरूरी टिप्स
लुभावने विज्ञापनों को देखा या बंपर सेल के बैनर पर नजर गई और आप सामान खरीदने निकल गईं। लेकिन कभी सोचा है आपने कि जो खरीद कर ले आईं, क्या सचमुच उसकी जरूरत थी आपको? क्रिसमस की घंटियों की रुनझुन कानों में दस्तक देने लगी है, मन में उत्साह-उमंग जाग रहे हैं, क्योंकि क्रिसमस, पार्टी, शॉपिंग और उपहारों का त्योहार है। आपका कोई अपना आपके लिए सैंटा बनकर यादगार उपहार देता है और आप भी किसी न किसी के लिए सैंटा बनती होंगी।New year shopping | Christians| in India celebrate Jesus Christ's| birth | on on Christmas Day |
गिफ्ट देना हो या पाना, बाजार में आना-जाना तो लगा ही रहता है। वैसे भी, इस मौसम में बाजार की रौनक देखते ही बनती है। रंग-बिरंगी लाइटों और क्रिसमस ट्री से सजे-धजे बाजार, लुभावने विज्ञापन, बंपर सेल के बड़े-बड़े बैनर। इन प्रलोभनों के जाल में फंसता हमारा नासमझ मन। फिर कोई बचे तो भला कैसे? वैसे त्योहार खुशियों के प्रतीक होते हैं, मगर हमारी नासमझी इन्हें फिजूलखर्ची और बिगड़े बजट का प्रतीक बना देती है। त्योहार में हम इतने मस्त हो जाते हैं कि बिगड़े बजट का होश ही नहीं रहता, लेकिन बाद में बैठकर पछताते हैं। हमें ऐसा न करना पड़े, इसके लिए कुछ बातों को ध्यान में रखने की जरूरत है।Christmas, Christian festival celebrating the birth of Jesus Christmas celebration
कुछ भी खरीदने से पहले यह देखें कि वह आपकी जरूरत है या चाहत। यदि आपका मन लुभावने विज्ञापनों और बंपर सेल के बैनर देखकर बिना जरूरत के भी खरीदारी करने को मचल पड़े, तो खुद से यह सवाल पूछें। यह खर्च मेरी जरूरत है या केवल चाहत है? यदि उत्तर चाहत है, तो संभल जाएं। यदि इस समय आप अपने मन को नियंत्रण में रख लें, तो निश्चित ही फिजूलखर्ची से बच जाएंगी।
दूसरों के सामने खुद को बड़ा दिखाने की मानसिकता फिजूलखर्ची की बड़ी वजह होती है। यदि आप ऐसी मानसिकता की शिकार हैं, तो हजारों रुपए खर्च करने के बाद भी कभी संतुष्टि का अहसास नहीं कर पाएंगी। क्योंकि झूठा दिखावा करके, महंगे सामान और कपड़े खरीदकर हम जिन लोगों के सामने अपने स्टेट्स को ऊंचा दिखाने का प्रयास करते हैं, वही लोग पीठ पीछे हमारा मजाक उड़ाते हैं। अपनी स्थिति को खुले दिल से स्वीकार करें और झूठा दिखावा करने से बचें। The Christmas Story and lots of Christmas
त्योहार के मौसम में चारों ओर सेल की धूम रहती है, जिन्हें देखकर लोगों में शॉपिंग का नशा छाने लगता है और वे बिना जरूरत के भी शॉपिंग करने चल देते हैं। बहुत से लोग लेने कुछ जाते हैं, परंतु लेकर कुछ आ जाते हैं। यदि आप भी बिना सोचे समझे विज्ञापन की ‘बाय वन गेट वन’ स्कीमों में उलझ जाएंगी, तो अनावश्यक शॉपिंग कर बैठेंगी और धन की बर्बादी करेंगी। कोई भी सामान खरीदने से पहले इतना जरूर सोचें, क्या आपको वास्तव में उस चीज की जरूरत है अगर जरूरत नहीं है, तो सस्ते में मिलने के बावजूद भी वह व्यर्थ ही है।
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