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ईसाई संत निकोलस किसी गरीब को पैसे की कमी के कारण ,The Christmas Story

ईसाई संत निकोलस किसी गरीब को पैसे की कमी के कारण क्रिसमस मनाने से वंचित नहीं देख सकते थे। इसलिए वह लाल कपड़े पहनकर, चेहरे को दाढ़ी से ढक गरीबों को खाने की चीजें और गिफ्ट बांटते थे। तभी से सेंटा क्लाज का यह रूप सामने आया।

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लाल रंग जीसस क्राइस्ट के रक्त का प्रतीक है। जीजस हर ईसाई को अपनी संतान समझते थे और उन्हें बिना शर्त प्यार करते थे। लाल रंग के जरिये वह सबको मानवता का पाठ पढ़ाना चाहते थे। उनका कहना था कि लाल खुशी का रंग है।Christmas pictures, photos & images, to be used on Facebook, Tumblr, Pinterest, Twitter and other websites

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क्रिसमस ट्री को सजाने की शुरुआत जर्मनी से हुई थी। माना जाता है कि मार्टिन लूथर नामक शख्स की निगाह बर्फ से ढके फर के पेड़ों पर पड़ी, जो बेहद खूबसूरत लग रहे थे। वह कुछ पौधे घर लाए और उन्हें कैंडल्स से सजाया। ट्री में घंटियां बुरी आत्माओं को दूर रखने और अच्छाइयों को लाने के लिए परी और फेयरी की मूर्तियों लगाई जाती हैं।celebrating the birth of Jesus Christmas celebration

अक्सर बच्चे गिफ्ट लेने के लिए 24 दिसंबर की रात अपने पास सॉक्स रखकर सोते है। लेकिन सेंटा से गिफ्ट पाने के लिसे सॉक्स ही क्यों रखा जाता है, इसकी एक कहानी है। कहा जाता है कि एक गरीब की तीन बेटियां थीं, जिनकी शादी के लिए उसके पास पैसे नहीं थे। सेंटा ने उन लड़कियों के सॉक्स में सोने के सिक्के भर दिए। तभी से बच्चे 24 दिसंबर की रात अपने पास सॉक्स रखकर सोते हैं।




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