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Today the thinking of the people living in India is getting so negative NRC #JNU #CAA

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Today the thinking of the people living in India is getting so negative, which is seeing its effect, today the situation has become such that if one party passes a bill, then all is well, on the other side, the government elected by the overwhelming majority, the absolute majority and Then some people came on the road to protest against the bill passed by the President. There are so many intelligent living and educated people in our country, it is a matter of shame that any Indian community is not related to caste by the law, yet the people who have been caught in lies spread by some leftists of Indian origin are making disgusting like picketing. .


India is a democratic country, it is right to picket, but what is the problem with the decision taken in the interest of the country, the minorities who are boycotting it should think that it is said that only one patient can understand the pain of another patient and think You should think that when you are so distracted by the spreading rumors like NRC that Afganistan, Pakistan, Bangladesh whose constitution has written in Article 2 that Religion Number Country just Islam and Contribution sense not Islam survey of religion is possible to get justice for minorities in these countries.

Today, the Government of India had taken a good decision, why started having problems, in India, not for seventy years, there have been millions of people asking for help from millions of people, but the governments continued to fill their pockets with blind eyes and help the refugees of India. It is committed that the Indian minority should understand this matter. There are many proofs which are also proving the truth. Why protest bed thinking NRC #JNU #CAA Protest | NRC against CAA, NRC

It is being said that Indian Muslim minorities are feeling insecure. So this thing must be understood.

There were 27 / minority in pakistan in 1950, 3 / today

The books were 17 / in Bangladesh today, 7 /. And there were 9.8 / Muslim minorities in India, which turned 14.3 / today, did not do anything wrong for anyone in a beautiful beautiful country like India, developed everyone's company and where did the so many people of the neighboring countries have been pleading with the Government of India for seventy years. These governments ignored them and the entire Indian population is in India or has been killed and all these things should be understood by the Muslim Indian minority and the Government of India is blessed Should sue

वामपंथियों द्वारा फैलाये गये झूठ में फस गये लोगNRC #JNU #CAA


आज भारत में रह रहे लोगों कि सोच इतनी नकारात्मक हो रही है जिसका प्रभाव देखने को मिल रहा है आज स्थिति ये हो गयी है जहां एक दल कोई बिल पारित करें तो सब ठीक वहीं दूसरी तरफ जनता द्वारा चुनी गयी भारी बहुमत आयी सरकार पूर्ण बहुमत और फिर राष्ट्रपति द्वारा पारित बिल का विरोध करने के लिये कुछ लोग सडक पर उतर आये। हमारे देश में इतने बुद्व जीवि और पढे लिखे लोग हैं बडी शर्म कि बात है जिस कानून से किसी भी भारतीय समुदाय जाति से सम्बन्धित नही है फिर भी भारतीय मूल के कुछ वामपंथियों द्वारा फैलाये गये झूठ में फस गये लोग धरना जैसी घिनौने कृत कर रहे है।


भारत लोकतांत्रिक देश है धरना करने का अधिकार है हक के लिये लेकिन देश हित में लिये गये फैसले से क्या दिक्कत जो अल्पसंख्यक इसका बहिष्कार कर रहे हैं उहे सोचना चाहिये कि जैसा कहा गया है कि एक रोगी ही दूसरे रोगी का दर्द समझ सकता है और सोचना चाहिये कि जब एनआरसी जैसी फैलायी गयी अफवाह से आप इतना विचलित है सोचो जो अफगानिस्तान,पाकिस्तान ,बाग्लादेश जिनके संविधान में अनुच्छेद 2 में लिखा है कि इस देश का धर्म सिर्फ इस्लाम है और किसी धर्म से कोई मतलब नही इस्लाम सर्वे सर्वा है ऐसे देशों में अल्पसंख्यकों को न्याय मिल पाना क्या मुमकिन है।

आज भारत सरकार ने अच्छा फैसला लिया था दिक्कत होने लगी आखिर क्यों भारत में आज से नही सत्तर सालों से चिटिठयां लाखों करोडो लोगो कि गुहारें आती रही भारत से मदद मांगती रही लेकिन सरकारें आंख बन्द करके अपना जेब भरती रही और भारत शरणार्थियों कि मदद करने को प्रतिबद्व है इस बात को भारतीय अल्पसंख्यको को समझनी चाहिये। बहुत से प्रूफ है जो सत्य प्रमाणित भी कर रहे है।why protest bed thinking NRC #JNU #CAA Protest | NRC against CAA, NRC

कहा जा रहा है कि भारतीय मुस्लिम अल्पसंख्यको असुरक्षित महसूस कर रहे है। तो ये बात जरूर समझना चाहिये।

पाक्स्तिान में 1950 में 27/ अल्पसंख्यक थे आज 3/ रह गये
बही  बांग्लादेश में 17/ थे आज 7/ रह गये। और भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यको 9.8/ थे जो आज 14.3/ हो गये भारत जैसे न्यायकारी सुन्दर देश में किसी के भी लिये गलत नही किया सबका साथ सबका विकास किया और पडोसी देशों कि इतनी आवादी कहां गयी बेंचारे सत्तर साल से भारत सरकार से गुहार लगा रहे थे सरकारो ने उनको अनसुना किया और सारी जनसंख्या या भारत में है या मार दी गयी इन सारी बातों को मुस्लिम भारतीय अल्पसंख्यको को समझना चाहिये और भारत सरकार का धन्यवाद करना चाहिये।

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देश-विदेश के लोग यहां रहकर दर्शन करते रहते हैं। places to visit in vrindavan | places in mathura | govardhan hill


प्रिय मित्रो उम्मीद करता हूॅ कि आप को रोज कुछ न कुछ नया पढने को मिल रहा होगा इसी तरह आप आनन्द लेते रहें और घूमते रहें।
आज हम आपको घुमाने ले चलते हैं मथुरा जी



सनातन धर्म में जिन सप्तपुरियों का वर्णन है उनमें मथुरा भगवान श्री कृष्ण तथा राधाजी कि बाललीला भूमि होने के कारण प्रसिद्व है। मथुरा से थोडी दूर पर ही नन्दगांव,बरसाना,गोकुल आदि प्राचीन मन्दिर हैं। बृन्दावन में बिडला मन्दिर हरे राम हरे कृष्णा का मन्दिर ,रामानुजाचार्य मन्दिर तथा बिहारी जी का मन्दिर आदि दर्शनार्थियों के चहल-पहल के केन्द्र बन गये है। देश-विदेश के लोग यहां रहकर दर्शन करते रहते हैं।

मथुरा में जैन मन्दिर और पुरातत्व संग्राहालय भी प्राचीन काल के महत्व पर ऐतिहासिक परिचय देते है। यहां के लोकगीतों में रसिया और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में रहस्यलीला कि अपनी विशेषता है। बृजभाषा कि मिठास खुरचन,रबडी और पेडेां कि तरह कि तरह याद आने वाली है। लला फिर आइयो खेलन होरी के द्वारा आज भी होली का दृश्य बहुत ही मनोहर होता है।



मथुरा में द्वारिकाधीश जी का मन्दिर और अनेक छोटे मन्दिरों में दर्शन पंडों कि खरीदी गई मेहरवानी से ही हो सकते है। दोस्तो आप अगर घूमने का प्लान बना रहै है तो आप मथुरा जी जरूर जाइये सबसे अच्छा समय यहां पर घूमने का होली के बीस दिन पहले का है होली के बीस दिन पहले अगर आप जाते है तो देखना आप अपनी पूरी जिदंगी इन पलो को भूल नही पायेगे। अगर आप अपनी फैमिली के साथ है तो आनन्द चार गुना हो जायेगा आप अपनी गर्ल फ्रेंड  को भी ले जा सकते है। बहुत सुन्दर स्थान है। मैने और भी सुन्दर-सुन्दर स्थानों के बारे में बता रखा है। अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे। 

धन्यवाद

Mathura


Dear friends, I hope that you will be getting something new to read every day, in the same way you keep enjoying and keep going.

Today we take you to rotate Mathura ji

Among the Saptapuris described in Sanatan DharmaMathura is famous for being a Balleela land of Lord Krishna and Radhaji. Nandgaon, Barsana, Gokul etc. are ancient temples just a short distance away from Mathura. Birla temple Hare Rama Hare Krishna temple, Ramanujacharya temple and Bihari ji's temple have become centers of pilgrimage in the Brindavan. People of the country and abroad live here and visit. 

Jain temples and archaeological museums in Mathura also give historical introduction on the importance of ancient times. The folk songs here have their own specialty in Rasiya and cultural programs. The sweetness of Brijbhasha is going to be remembered like Khurachan, Rabdi and Peden. The scene of Holi by Lala Phir again by Ayo Khelan Hori is still very beautiful. 

Dwarkadhish ji in Mathura


The temple of Dwarkadhishji in Mathura and the darshans in many small temples can only be purchased from the mehrwani. Friends, if you are planning to visit, then you must go to Mathura. The best time to visit here is twenty days before Holi. If you go twenty days before Holi, then you will not be able to forget your whole life. . If you are with your family, the joy will be four times, you can also take your girlfriend. It is a very beautiful place. I have told about more beautiful place. Do give your feedback


Thank you
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दिल्ली है दिल वालों कि. India Gate – India's Largest War Memorial Rashtrapati Bhawan – Presidential Palace. Qutub Minar


जैसा कि पुरानी कहावत है कि दिल्ली है दिल वालों कि तो आज हम आपको दिल्ली कि सैर कराते हैं।
tourist Places To Visit In Delhi In 2020. Red Fort – Pride Of Mughal Dynasty. India Gate – India's Largest War Memorial. Rashtrapati Bhawan – Presidential Palace. Qutub Minar – Majestic Stone Structure. Jantar Mantar – World's Largest Sundial. Humayun's Tomb – The Garden Of Tombs.

वर्तमान समय में दिल्ली भारतवर्ष कि राजधानी और विश्व कि महत्वपूर्ण नगरी है। आबादी ,इतिहास ,सभ्यता संस्कृति आदि दृष्टियों से इसका अपना अलग ही स्थान है। पुरानी दिल्ली इन्द्रप्रस्थ मुगलों कि राजधानी कि इमारतों आदि को देखना और उसका अध्ययन करना इतिहास को सजीव रूप में समझना है। अनेक उतार चडाव आये बदलाब हुए लेकिन दिल्ली आज भी दिल जीत लेती है। पांडव ,पृथ्वीराज चैहान, शाहजहां और बाद में अंग्रजों ने इसको राजधानी बनाने का जो गौरव दिया वह इसकी विशेषताओं के कारण हुआ। दौलताबाद भले ही देश के मध्य हो लेकिन दिल्ली उत्तर भारत में होते हुए भी राजधानी बन गयी। दिल्ली का लाल किला,जामा मस्जिद, चांदनी चैक, कुतुबमीनार, अजमेरी गेट आदि इमारतें बहुत ऐतिहासिक महत्व कि हैं।

अंग्रेजों ने दिल्ली को सन 1911 में राजधानी बनाया और नयी इमारतें बनवाई। वर्तमान काल में राष्ट्रपति भवन सचिवालय, संसद भवन, सर्वोच्च न्यायालय आदि को अंग्रेजो ने बनवाया था। स्वतंत्रता के पश्चात बिडला मन्दिर, राजघाट में गांधी जी कि समाधि, नेहरू जी कि समाधि,शान्तिभवन शास्त्री जी कि समाधि,विजयघाट,हरियागंज में जैन मन्दिर धर्मशाला आदि स्थान नेताओं से सम्बन्धित होकर तीर्थस्थल बन गये है। नेहरू जी 17 वर्ष वहां रहे। वहां का त्रिमूर्तिभवन अब एक राष्ट्रीय संग्राहालय है। इंडियागेट,राष्ट्रपतिभवन , चिडियाघर और कई औद्योगिक प्रतिष्ठान देखने योग्य है।

तो दोस्तो अगर आप प्लान बना रहे हैं घूमने का तो बस निकल पडिये और सर्दीले मौसम का आनन्द लेते हुए घूम आइयेगा मैने और भी बेहतरीन स्थानो का वर्णन कर रखा है आप उनमें से भी चुन सकते हैं। भारत अब भारत नही रहा भारत अब न्यू भारत बन गया है। अतिथि देवो भवः

आप अपनी प्रतिक्रिया हमें लिख भेजिये हमारे कमेन्ट बाॅक्स में धन्यवाद।
Delhi


As the old saying goes, Delhi is the heart of the people, so today we take you on a trip to Delhi.
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At present, Delhi is the capital of India and important city of the world. It has its own place in terms of population, history, civilization, culture etc. To see and study the buildings etc. of the capital of Indraprastha Mughals of Old Delhi is to understand history as living. Many ups and downs have changed but Delhi still wins hearts. The pride of Pandavas, Prithviraj Chauhan, Shah Jahan and later the British for making it a capital was due to its characteristics. Daulatabad may be in the middle of the country, but Delhi, despite being in North India, became the capital. Delhi's Red Fort, Jama Masjid, Chandni check, Qutub Minar, Ajmeri Gate etc. buildings are of great historical importance.


The British made Delhi the capital in 1911 and built new buildings. In present times, Rashtrapati Bhavan Secretariat, Parliament House, Supreme Court etc. were built by the British. After Independence, Birla Temple, Gandhiji's Samadhi in Rajghat, Nehru's Samadhi, Shantibhavan Shastri's Samadhi, Vijayghat, Jain Temple Dharamshala in Hariganj etc. have become pilgrimage centers related to leaders. Nehru lived there for 17 years. The Trimurtibhavan is now a national museum. Indiagate, Rashtrapati Bhavan, Zoo and many industrial establishments are worth visiting.

So friends, if you are planning to visit, then just go out and enjoy the cold weather, you will come around, I have described more excellent places, you can also choose from them. India is no longer India, India has now become New India. Atithi Devo Bhavah

Write your feedback to us and thank us in our comment box.
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उसे फिर आकाल मृत्यु छू नही सकती उज्जैन | uajjain | very beautiful place in india


दोस्तो आप हम आपको महाकाल कि नगरी उज्जैन घूमाने वाला हूॅ बहुत सुन्दर और प्राकृतिक वातावरण इस नगरी कि महत्ता बहुत है यहां पर एक बार जो महाकाल के दर्षन कर लेता है उसे फिर आकाल मृत्यु छू नही सकती और उसका जीवन सुख मय रहता है।

उज्जैन का प्राचीन नाम अवंतिका है। एक श्लोक में इस नगरी को भी मोक्षदायिनी कहा गया है। द्वापर में सान्दीपन ऋषि के यहां भगवान श्रीकृष्ण और उनके मित्र सुदामा पढने आये थे। सान्दीपन आश्रम उज्जैन से लगभग तीन किलोमीटर है। एक आश्रम यहां बना हुआ है। इसमें ऋषि कि मूर्ति स्थापित है। इसी के भीतर गोमती कुण्ड है।
राजा विक्रमादित्य के नवरत्नों में से कवि कालिदास यहीं के निवासी थे। एक नयी मूर्ति विक्रमादित्य कि और उनके सिघांसन कि बनायी गयी है।


सबसे प्रसिद्व स्थल द्वादश ज्योति लिगांे में से एक महाकाल का मन्दिर भी है। जमीन से बहुत नीचे शिवलिंग स्थापित है जहां पहुचने के लिये सुगम सीढियां हैं। दूसरी तरफ एक सरोवर है। भक्त इसमे स्नान भी करते हैं और इसी का जल शिवलिंग पर चढाते हैं। इसका अर्धस्थल चांदी का बना है। बेलपत्र चढाने का नियम है।
महाकाल के मन्दिर के पीछे गणेश जी का विशाल मन्दिर है। जिसमे गणेश जी कि बडी विशाल मूर्ति है। हरसिद्वि देवी का मन्दिर भी सिद्वपीठ है। सती कि कोहनी यही गिरी बतायी जाती है। सम्राट विक्रमादित्य कि इष्ट यही देवी थी। विद्योत्तमा से अपमाानित होकर कवि कालिदास इनकी कृपा से अभिज्ञान शाकुन्तल में मेघदूत आदि काव्यों का प्रणयन कर सके थे। उज्जैन में कालभैरों मंगलनाथ वेधशाला जैन मन्दिर आदि भी दर्शनीय स्थल है। हर बारह वर्ष में यहां भी कुंभ मेंला लगता है। यह नगर बहुत सुसज्जित है।

Ujjain

Friends, you, I am going to visit the city of Mahakal, Ujjain is very beautiful and natural environment. The importance of this city is very here, once the person who shows the great times, he cannot be touched by premature death and his life is happy. 

The ancient name of Ujjain is Avantika. In one verse this city is also called Mokshadayini. Lord Krishna and his friend Sudama had come to Dwarka to study Sandipan Rishi. Sandipan Ashram is about three kilometers from Ujjain. An ashram remains here. A sage statue is installed in it. Within this is the Gomti Kund. 
Among the Navratnas of King Vikramaditya, poet Kalidas was resident here. A new idol has been made of Vikramaditya and his signature.


One of the most famous place is Dwadash Jyoti Lingay, the temple of Mahakal. Shivalinga is installed far below the ground where there are easy steps to reach. On the other side is a lake. Devotees also bathe in it and offer its water to the Shivling. Its halftone is made of silver. There is a rule for mounting a bellpaper. 

There is a huge temple of Ganesha behind the temple of Mahakal. In which there is a huge huge statue of Ganesha. The temple of Harsidwi Devi is also the Siddhpeeth. Sati's elbow is said to be this fall. This was the goddess favored by Emperor Vikramaditya. Poet Kalidas was humiliated by Vidyottama and by his grace Abhigyan Shakuntal was able to propitiate poems like Meghdoot. Kalabhairon Mangalnath Observatory Jain Temple etc. is also a sightseeing place in Ujjain. Kumbh Mela is also held here every twelve years. This city is very well equipped.

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रावण ने क्रोध में अंगूठे से मूर्ति को दबा दिया,बैद्यनाथ धाम,baba baidyanath dham mandir, baidyanath dham darshan


दोस्तो आज हम आपको बैद्यनाथ धाम कि यात्रा कराते हैं। बैद्यनाथ धाम के विषय में बताया जाता है कि इसका सम्बन्ध रावण से है जो कि कैलाश पर्वत जाकर शंकर जी की पूजा किया करता था। लंका में शिवजी कि स्थापना करने के लिये उसने उग्र तपस्या कि और हठ कि वे साथ चलें। शिवजी ने एक प्रतिमा इस शर्त के साथ रावण को दी कि वह उसे जमीन पर नही रक्खे। 
https://truthhai.blogspot.com/2019/12/famous-tourist-places-in-india-state.html

पराक्रमी रावण ने बडे आत्मविश्वास में शर्त स्वीकार कर ली। वैद्यनाथ के समीप आने पर उसे लघुशंका करने कि आवश्यकता हुई। समीप ही एक किसान था। रावण ने उसे मूर्ति देकर पकडे रहने को कहा और लघुशंका के लिये चला गया। कुछ देर बाद उस किसान ने मूर्ति जमीन में रख दी और चला गया। रावण ने लौटकर देखा फिर उसने मूर्ति को जमीन से उठाने कि बहुत कोशिश कि किन्तु वह अचल हो गयी थी। रावण ने क्रोध में अंगूठे से मूर्ति को दबा दिया। वह चिन्ह आज भी अंकित है। रावण के दबाने से लिंग भूमि कि सतह से नीचे स्थापित है।

तभी भविष्यवाणी हुई जिसके अनुसार रावण ने मूर्ति का पूजन किया और एक सरोवर बनवाया।
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बैद्यनाथ का मन्दिर काफी बडे घेरे में है। उसके चारों तरफ पार्वती ,गणेश तथा अन्य देवताओं के मन्दिर है। मुख्य मन्दिर में एक ही दरवाजा है जहां घेार अंधकार को मिटाने के प्रयास में एक ही दीपक जलता रहता है, सती के अनेक अंगो में से एक यहां भी गिरा था। बैद्यनाथ मन्दिर कि सुन्दरता और प्राकृतिक वातावरण का वर्णन करना आसान नही है।   

राजगृह

गया से लगभग पचास किलोमीटर दूर राजगृह है यहां जैनियों के प्रसिद्व कई मन्दिर हैं तथा बौद्वों के अनेक मठ हैं। इन मठों में जपान और थाइलैण्ड के बनवाये हुए प्रमुख है। रत्नागिरि पहाडी पर जापान द्वारा विश्वशान्ति स्तूप का निर्माण हुआ है। रत्नागिरि काफी उचाई पर है। 
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Baidyanath Dham


Friends, today we give you a visit to Baidyanath Dham. It is said about Baidyanath Dham that it is related to Ravana who used to go to Mount KailashRavana and worship Shankar. In order to establish Shiva in Lanka, he did extreme penance and stubbornly walked along. Shivji gave a statue to Ravana with the condition that he not keep it on the ground.

The mighty Ravana accepted the bet in great confidence. When he came near Vaidyanath, he needed to take a short breath. There was a farmer nearby. Ravana gave him the idol and asked him to hold it and went for a short sight. After some time the farmer placed the idol in the ground and went away. Ravana returned and looked, then he tried hard to lift the idol from the ground, but it had become immovable. Ravana angrily stroked the idol with a thumb. That symbol is still inscribed today. The linga is installed below the surface of the ground by the suppression of Ravana

Then there was a prediction according to which Ravana worshiped the idol and built a lake.

The temple of Baidyanath is in a very big circle. There are temples of Parvati, Ganesh and other deities around it. There is only one door in the main temple where the same lamp keeps on burning in an attempt to eradicate the darkness, one of the many parts of Sati fell here. It is not easy to describe the beauty and natural environment of the Baidyanath temple.

Rajgraha

There is Rajgraha, about fifty kilometers from Gaya, there are many famous temples of Jains and many monasteries of Buddhists. In these monasteries, Japan and Thailand are the main ones built. Vishwan Shanti Stupa is built by Japan on Ratnagiri hill. Ratnagiri is quite high.

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तीर्थाे का राजा है प्रयागराज (इलाहाबाद) ,कुंभ मेंला,the kumbh mela festival


दोस्तो आज आपको हम बतायेगे प्रयागराज (इलाहाबाद) यह तीर्थाे का राजा है, और हर बारह साल  में यहां कुंभ मेंला, प्रत्येक छैः साल में अद्र्कुंभ,और प्रत्येक साल माघ मेला का आयोजन किया जाता है यहां इन उत्सवों में जब आप आयेगे तो आपको अलग ही आनन्द कि अनुभूति होगी क्योकि मै खुद ही यहां तीन साल से हूॅ । यहां आपको हर चीज अदभुत मिलेगी 
प्रयागराज (इलाहाबाद) goomo india beautiful city of india | populor city


आप प्रयागराज (इलाहाबाद) स्टेशन से बीस रूपये में सीधे संगम पहुच जायेगे। यहां पर तीन नदियों का पानी एक साथ मिलता है जिसे त्रिवेणी कहते है और यही दृष्य बहुत सुन्दर और लुभावना है यहां पर गंगा आपको गंगा दिख जायेगी, यमुना दिख जायेगी लेकिन त्रिवेणी कि सरस्वती ओझल बनी रहती हैं। यमुना का सांवला जल, गंगा का गोरा जल दोनो मिलकर तीसरा रंग बना देती है। जो संगम के दर्शन का आभास कराते है।
यमुना के किनारे अकबर बादशाह का बनवाया हुआ एक बडा किला है। इस किले में अशेाक कि लाट एवं अक्षयवट है। जो हर त्योहारो में खोल दिये जाते है बाकि समय बन्द रहते हैं यहां सेना कि छावनी है। यहां एक गर्भग्रह जो अन्डरग्राउड है जहां तमाम मूर्तियां स्थापित है। 
किले से गंगा जी कि तरफ चलने पर थेाडी दूर पर हनुमान जी कि लेटी हुई विशाल मूर्ति है और जब बर्षा ऋतु में बाढ आती है तब मूर्ति डूब जाती है।

प्रयागराज के पास पं0 नेहरू का आनन्द भवन है पुराने भाग को पण्डित मोतीलाल नेहरू ने बनवाया था और नय को पण्डित जवाहरलाल नेहरू ने। उसी के थेाडे पास में ही भरद्वाज आश्रम है बहुत सुन्दर। यहां भगवान राम को वन जाते समय भरद्वाज ऋषि ने उत्तर में बताया था कि वे चित्रकूट जायें जो कि यहां से दक्षिण दिशा में है।
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यहां पर एक बाग है जिसे कम्पनी बाग के नाम से जानते हैं उसी में एक म्यूजियम है जिसमें पंडित नेहरू को भेंट में प्राप्त चीजें संग्रहीत हैं , और सिविल लाइन्स के पास ही एक बहुत विशाल हनुमान जी का मन्दिर है यहां आपको हमेशा दशनार्थियों कि भीड मिलेगी बहुत सुन्दर मन्दिर है।

Prayagraj (Allahabad)

Friends, today we will tell you that Prayagraj (Allahabad) is the king of pilgrimage, and Kumbh Mela is held here every twelve years, Adrakumbh every six years, and Magh Mela is held every year, when you come here in these festivals you will be different It will be a feeling of joy because I myself have been here for three years. Here you will find everything amazing 
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You will reach Sangam directly from Prayagraj (Allahabad) station in twenty rupees. Here the water of three rivers is found together, which is called Triveni and this view is very beautiful and breathtaking here, Ganges will be seen by you Ganges, Yamuna will be seen, but the Saraswati of Triveni remains Ojhal. The dark water of the Yamuna and the fair water of the Ganges combine to form the third color. Which gives a glimpse of the Sangam philosophy. 

On the banks of the Yamuna is a large fort built by Akbar emperor. The fort has a lot of Ashek and Akshavat. Those who are opened in every festival, the remaining time is closed, there is an army camp here. Here is a garbhagriha undergroud where all the idols are installed.

Walking from the fort towards Ganga ji, Thedi is a huge statue of Hanuman lying on the far side and the statue sinks when it rains in the rainy season. 

Near Prayagraj is the Anand Bhawan of Pandit Nehru, the old part was built by Pandit Motilal Nehru and the new one by Pandit Jawaharlal Nehru. The Bharadwaj Ashram is very beautiful near the same place. While going to the forest here to Lord Rama, Bharadwaj Rishi had told in the north that he should go to Chitrakoot which is in the south direction from here.

There is a garden here which is known as Company Bagh, there is a museum in which the things received by Pandit Nehru as a gift are stored, and near the Civil Lines there is a very huge Hanuman ji temple, here you will always find crowds of devotees. Very beautiful temple. 

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भारत सरकार इस राज्य को पहले से और अधिक सुन्दर बनाने में लगी है,varanasi tourist attractions, varanasi ,kashmir tourist,



दोस्तो कश्मीर पर जबसे नये नियम बने है तब से भारत सरकार इस राज्य को पहले से और अधिक सुन्दर बनाने में लगी है, दोस्तो कश्मीर अब बहुत सुन्दर हो गया है अगर आप भारत घूमने का विचार बना रहे हैं तो निकल पडे लेकिन दोस्तो कश्मीर कि वादियां घूमना न भूले

https://truthhai.blogspot.com/2019/12/famous-tourist-places-in-india-state.html


वर्तमान भारतवर्ष के उत्तर में स्थित कश्मीर राज्य का उल्लेख पुराणेंा में मिलता है। महाभारत में पूरे कश्मीर खंड का वर्णन है। इसी प्रकार स्कंद पुराण में कश्मीर खंड एवं वहां स्थित तीर्थो का पूरा विवरण अलग से दिया हुआ है, मान्यता है कि महर्षि कश्यप ने हिमालय के पर्वतों में बनी प्राकृतिक झील को तोडकर कश्मीर घाटी का विकास किया था। कल्हण द्वारा रचित राजतरंगिणी (कश्मीर का इतिहास) के नाम से प्रसिद्व जिसमें कश्मीर का इतिहास एवं भौगोलिक रचना का अच्छा विवरण दिया गया है। आचार्य आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित संस्कारों को तो आज भी यहां के जगजीवन में देखा जा सकता है। 

वैसे तो वाराणसी के बारे में क्या बताउं आप विश्व भर के सैलानी का आर्कषण का केन्द्र बना हुआ है लेकिन फिर भी आप को कुछ रोचक बातों से परिचित करा ही देता हूॅ।

https://truthhai.blogspot.com/2019/12/famous-tourist-places-in-india-state.html

वरूणा और असी नदियों के संगम से वाराणसी नाम का यह नगर प्राचीनकाल से विद्वानों का निवास स्थान रहा है। इसका दूसरा नाम काशी है। बाबा विश्वनाथ कि नगरी भागीरथी पर बने घाटों के कारण तीर्थयात्रियों कि चहल-पहल से प्रसिद्व है। कहा जाता है कि अयोध्या कि भांति विश्वनाथ के मन्दिर के स्थान पर मुगल बादशाह औरंगजेब ने मन्दिर तुडवाकर बहुत पास ही मस्जिद बनवा दी थी। मन्दिR के हाते में काल भैरव, मां अन्नपूर्णा,विशालाक्षि, ज्ञानवापी आदि के दिव्य देवालय है।
श्री शिवप्रसाद गुप्त द्वारा निर्मित भारतमाता मन्दिर काशी में अनूठा है। यहां जरूर घूमे इसमें भारत का मानचित्र संगमरमर पत्थर का बहुत सुन्दर बना है। नये मन्दिरों में मानस मन्दिर बहुत मनोहरी है। सम्पूर्ण रामचरित मानस यहां संगमरमर पर अंकित है। राम-सीता विष्णु भगवान आदि कि मूर्तियां धार्मिकता को उददीप्त करती हैं।

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गोस्वामी तुलसीदास द्वारा संस्थापित संकट मोचन हनुमान मन्दिर और दुर्गादेवी के मन्दिर भी भक्तों के अन्य उपासना स्थल है। वाराणसी से कुछ दूरी पर ही सारनाथ है यहां बौद्व धर्म से सम्बन्धित कई विहार है। विदेशी बौद्व धर्मावलम्बी यहां प्रायः आते रहते हैं। सारनाथ के पास ही तीर्थकर चन्द्राप्रभु का जैन मन्दिर है। धार्मिक संगम स्थली काशी का महत्व वर्णन से परे है। तो ये थी हमारी काशी आप भारत आये तो काशी का जरूर आनन्द उठायें और घूमते घूमते हमें न भूल जाये अपनी प्रतिक्रिया जरूर शेयर करें।

Kashmir

Friends, since the new rules have been made on Kashmir, since then the Government of India has started making this state more beautiful than before, Friends Kashmir has become very beautiful now. Don't forget to roam

The Puranna mentions the state of Kashmir located in the north of present-day India. The Mahabharata describes the entire Kashmir section. Similarly, the Skanda Purana has given a complete description of the Kashmir section and the pilgrimages located there, it is believed that Maharishi Kashyap developed the Kashmir valley by breaking the natural lake in the Himalayan mountains. Famous by the name of Rajatarangini (History of Kashmir), composed by Kalhan, which gives a good description of the history and geographical composition of Kashmir. The rites established by Acharya Adi Shankaracharya can be seen even today in Jaggan.

Varanasi

By the way, what can I tell about Varanasi, you have been the center of attraction of tourists around the world, but still let me introduce you to some interesting things.

This city named Varanasi, since the confluence of the rivers Varuna and Asi, has been the abode of scholars since ancient times. Its second name is Kashi. Baba Vishwanath's city is famous for its pilgrimage due to the ghats built on Bhagirathi. It is said that like Ayodhya, the Mughal emperor Aurangzeb built a mosque very close to the temple in place of Vishwanath's temple. There are divine shrines of Kaal Bhairava, Maa Annapurna, Vishalakshi, Gyanvapi etc. in Mandi R.

The Bharatmata temple built by Shri Shivprasad Gupta is unique in Kashi. Must visit here, the map of India is made of marble stone very beautiful. Manas temple is very beautiful in new temples. The entire Ramcharit Manas is inscribed on marble here. Statues of Lord Rama-Sita Vishnu etc. incite righteousness.


The Sankat Mochan Hanuman Temple and the Durgadevi Temple founded by Goswami Tulsidas are other worship places for devotees. Sarnath is just some distance from Varanasi, there are many viharas related to Buddhism. Foreign Buddhist religious people often come here. There is a Jain temple of Tirthankar Chandraprabhu near Sarnath. The significance of Kashi at the religious Sangam site is beyond description. So this was our Kashi, if you come to India, then definitely enjoy Kashi and don't forget to roam around and share your reaction.


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भगवान राम का विशाल मन्दिर अयोध्या ,सुन्दर मन लुभावनी प्राकृतिक सुन्दर दृश्य,shri ram temple ayodhya

घूमो भारत
अयोध्या


दोस्तो जैसा कि मैने कहा घूमो भारत प्रिय मित्रों अब भारत और भी सुन्दर होने वाला है जहां भगवान राम का विशाल मन्दिर बनने जा रहा है और दूसरी तरफ कश्मीर कि सुन्दर मन लुभावनी प्राकृतिक सुन्दर दृश्य भारत में आपका स्वागत है। मै आपको भारत के बेहतरीन बेहतरीन जगहों से परिचित कराउगां। अतिथि देवो भवः



जिस-जिस ग्रन्थ में भगवान राम कि गाथा गायी है वहंा-वहां अयोध्या नगरी का नाम अवश्य ही आया है। यहां कि सडकों ,राजप्रसादों,जनसामान्य के अवासीय भवनों,उद्यानों,सैन्य शिविरों बाजारों आदि का रोचक वर्णन रामायण में किया गया है। तैतरीय अरण्यक में अयोध्या नगर को आध्यात्मिक नगर के रूप में वर्णित करता है। बाल्मिकि ने तो रामायण में इस नगर कि सुन्दरता एवं विस्तार के बारे में पर्याप्त विवेचन किया है।



महाभारत में भीम ने पूर्वी देशों कि दिग्विजय के क्रम में अयोध्या को जीता था। कालिदास ने रधुवंश के 16 वें सर्ग में अयोध्या को गाया था। बौद्व साहित्य में साकेत एवं अयोध्या का नाम साथ-साथ मिलता है।
चन्द्रगुप्त काल में अयोध्या गुप्त साम्राज्य कि राजधानी थी। 


दोस्तो चित्रकूट यहां जब आप घूमने जायेगे तो आपको एक बेहतरीन आनन्द का अनुभव करेगे अगर आप भारत घूमने आये हैं तो चित्रकूट जरूर घूमियेगा।

यहां आप मंदाकिनी में स्नान ,कामानाथ कि परिक्रमा,हनुमान धारा, जानकी कुन्ड और भी बहुत कुछ है दोस्तो यहां पर भगवान राम ने बारह साल बिताये इसका वर्णन करना इतना आसान नही है।

चित्रकूट

भगवान राम से संबंधित ग्रन्थों में चित्रकूट को विशिष्ट रूप से वर्णित किया है। यह वर्णन बाल्मिकि रामायण तथा तुलसीदास द्वारा रचित रामचरित मानस में भलिभांति स्पष्ट है। यहां के पर्वतों कि शोभा कलकल नदियों के स्वच्छ जल कि मनोरमता, वनश्री कि अपूर्वता एवं पक्षियों कि सुन्दरता का साहित्य में मुख्य रूप से वर्णित है। श्री मदभागवत कि जो श्रृंखला गिनायी जाती है। उसमें गोवर्धन पर्वत तथा चित्रकूट का नाम अंकित है। वर्तमान में यह तीर्थ उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में स्थित है। 

Visit India

Ayodhya

Friends, as I said, visit India dear friends, India is going to be more beautiful now, where the huge temple of Lord Rama is going to be built and on the other side, welcome to India, the beautiful scenic scenic view of Kashmir. Let me introduce you to the best places in India. Atithi Devo Bhavah

The book in which the saga of Lord Rama is sung - the name of the city of Ayodhya must have come there. Here roads, Rajprasadas, public buildings, gardens, military camps, markets, etc. are interestingly described in the Ramayana. Taittariya describes the city of Ayodhya as a spiritual city in Aranyak. Balmiki has given enough discussion about the beauty and expansion of this city in Ramayana.

In the Mahabharata, Bhima won Ayodhya in the order of Digvijay of the eastern countries. Kalidasa sang Ayodhya in the 16th canto of Radhuvansh. Saket and Ayodhya are named together in Buddhist literature.

Ayodhya was the capital of the Gupta Empire in the Chandragupta period.

Chitrakoot

Friends, when you go to visit Chitrakoot, you will experience a great joy if you have come to visit India, then Chitrakoot will definitely roam.
Here you have a bath in Mandakini, Parikrama of Kamanath, Hanuman Dhara, Janaki Kund and much more Friends, Lord Ram spent twelve years here, it is not easy to describe it.

Chitrakoot

Chitrakoot has been uniquely described in the texts related to Lord Rama. This description is well-known in the Ramcharit Manas composed by Balmiki Ramayana and Tulsidas. The beauty of the fresh water of the Kalkal rivers, the beauty of the vanasri and the beauty of the birds are mainly mentioned in the literature. The series which is counted by Mr. Madhagwat. The name of Govardhan Parvat and Chitrakoot is mentioned in it. Presently this shrine is located in Banda district of Uttar Pradesh.

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सीखेा शIस्त्रीय संगीत,indi classical, music classes online classical music, lesson-7

सीखेा शIस्त्रीय संगीत free music class volume - 7
                        प्रैक्टिस गाना से




बाकी सब सपने होते हैं
अपने तो अपने होते हैं 


दोस्तो आज कि क्लास भी गाना से प्रैक्टिस कि होगी, सबसे पहले आप पांच मिनट अलंकारों कि प्रैक्टिस कर लें, उसके बाद गाना को एक बार वीडियों में सुने फिर धीरे-धीरे इसकी पै्रक्टिस करें। धीरे-धीरे सुरों को साधने कि कोशिश करें।
घबराये नही धीरे-धीरे आयेगा बहुत से लोग होगे जो हमसे भी अच्छा गा रहे होगे उनके लिये बहुत बडिया लगे रहे प्रैक्टिस करते रहे एक दिन जरूर नाम बनेगा और आनन्द के साथ गाये मन बोर नही होना चाहिये अगर मन बोरिंग महसूस करने लगे तो गाना बन्द करके गाना सुनने लगे जब मन को रिलैक्स मिल जाये तब फिर शुरू करें। इससे आपका मनोबल बढेगा और आप आनन्द के साथ फुल एनर्जी के साथ प्रैक्टिस कर पायेगे। यही कुछ तरीके हैं जिससे आप फाॅलो करके जल्दी सीख सकते हैं, और एक बात शेयर करना न भूले आज कल हर जगह नया फैशन है हर जगह माॅल हैं , मन्दिर हैं, और बहुत से पब्लिक प्लेस हैं जहां पर आप अपना गाना लोगो के सामने पेश कर सकते है डरे नही हिटकिचाहट को फेक दो निकाल कर जिस दिन ये कर लिया आप ज्यादा से ज्यादा ,अच्छा से अच्छा सीखने कि चाह अपने आप आयेगी। दूसरे देखों में तो लोग अभी करते हैं भारत में ऐसा करना पर भिखारी से तुलना कर दी जाती है, लेकिन कभी न कभी ये सेाच बदलनी होगी तो इसकी शुरूआत आप अपने कैरियर से करे अच्छा औपशन है आपके पास प्रैक्टिस के साथ-साथ पहचान बनाने का।





free music classes lesson-6 प्रैक्टिस गाना से


                  सीखेा षास्त्रीय संगीत free music classes volume-6
                                         प्रैक्टिस गाना से




मेरी जिदंगी तेरा प्यार, क्या नसीब मैने पाया
सब पा के सब गवाया, क्या नसीब मैने पाया
सब पा के सब गवाया,कुछ नहीं मेरे पास मेरी 
जिदंगी तेरा प्यार
दोस्तो आज कि क्लास पहले वाले गाना प्रैक्टिस से ज्यादा सुपर होने वाली है, सबसे पहले आप पांच मिनट अलंकारों कि प्रैक्टिस कर लें, उसके बाद गाना को एक बार वीडियों में सुने फिर धीरे-धीरे इसकी पै्रक्टिस करें। धीरे-धीरे सुरों को साधने कि कोशिश करें। घबराये नही धीरे-धीरे आयेगा बहुत से लोग होगे जो हमसे भी अच्छा गा रहे होगे उनके लिये बहुत बडिया लगे रहे प्रैक्टिस करते रहे एक दिन जरूर नाम बनेगा और आनन्द के साथ गाये मन बोर नही होना चाहिये अगर मन बोरिंग महसूस करने लगे तो गाना बन्द करके गाना सुनने लगे जब मन को रिलैक्स मिल जाये तब फिर शुरू करें। इससे आपका मनोबल बढेगा और आप आनन्द के साथ फुल एनर्जी के साथ प्रैक्टिस कर पायेगे। यही कुछ तरीके हैं जिससे आप फाॅलो करके जल्दी सीख सकते हैं, और एक बात शेयर करना न भूले आज कल हर जगह नया फैशन है हर जगह माॅल हैं , मन्दिर हैं, और बहुत से पब्लिक प्लेस हैं जहां पर आप अपना गाना लोगो के सामने पेश कर सकते है डरे नही हिटकिचाहट को फेक दो निकाल कर जिस दिन ये कर लिया आप ज्यादा से ज्यादा ,अच्छा से अच्छा सीखने कि चाह अपने आप आयेगी। दूसरे देखों में तो लोग अभी करते हैं भारत में ऐसा करना पर भिखारी से तुलना कर दी जाती है, लेकिन कभी न कभी ये सेाच बदलनी होगी तो इसकी शुरूआत आप अपने कैरियर से करे अच्छा औपशन है आपके पास प्रैक्टिस के साथ-साथ पहचान बनाने का।

free music classes songs practice | Vocal singing lessons for beginners ...volume -5


सीखेा षास्त्रीय संगीत free classes volume .5
               प्रैक्टिस गाना से


शाकी कि हर निगाहे पे बल खा के पी गया
लहरो से खेलता हुआ , लहरा के पी गया
पास रहता है ,दूर रहता है, कोई दिल में 
जरूर रहता है।
दोस्तो आज कि क्लास सुपर होने वाली है, क्योकि आज हम गाना से पै्रक्टिस करने वाले हैं, सबसे पहले आप पांच मिनट अलंकारों कि प्रैक्टिस कर लें, उसके बाद गाना को एक बार वीडियों में सुने फिर धीरे-धीरे इसकी पै्रक्टिस करें। धीरे-धीरे सुरों को साधने कि कोशिश करें। घबराये नही धीरे-धीरे आयेगा बहुत से लोग होगे जो हमसे भी अच्छा गा रहे होगे उनके लिये बहुत बडिया लगे रहे प्रैक्टिस करते रहे एक दिन जरूर नाम बनेगा और आनन्द के साथ गाये मन बोर नही होना चाहिये अगर मन बोरिंग महसूस करने लगे तो गाना बन्द करके गाना सुनने लगे जब मन को रिलैक्स मिल जाये तब फिर शुरू करें। इससे आपका मनोबल बढेगा और आप आनन्द के साथ फुल एनर्जी के साथ प्रैक्टिस कर पायेगे। यही कुछ तरीके हैं जिससे आप फाॅलो करके जल्दी सीख सकते हैं, और एक बात शेयर करना न भूले आज कल हर जगह नया फैशन है हर जगह माॅल हैं , मन्दिर हैं, और बहुत से पब्लिक प्लेस हैं जहां पर आप अपना गाना लोगो के सामने पेश कर सकते है डरे नही हिटकिचाहट को फेक दो निकाल कर जिस दिन ये कर लिया आप ज्यादा से ज्यादा ,अच्छा से अच्छा सीखने कि चाह अपने आप आयेगी। दूसरे देखों में तो लोग अभी करते हैं भारत में ऐसा करना पर भिखारी से तुलना कर दी जाती है, लेकिन कभी न कभी ये सेाच बदलनी होगी तो इसकी शुरूआत आप अपने कैरियर से करे अच्छा औपशन है आपके पास प्रैक्टिस के साथ-साथ पहचान बनाने का।
अपनी प्रतिक्रिया हमसे जरूर शेयर करें।

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सीखेा षास्त्रीय संगीत free music class volume - 4
               प्रैक्टिस बाइब्रेशन



इक प्यार का नगमा है, मौजो कि रवानी है।
जिदगी और कुछ भी नही ,तेरी मेरी कहानी है।।

प्रिय मित्रो कल आपने अलकारों कि प्रैक्टिस कि उम्मीद करता हूॅ कि आपको अच्छा लगा होगा मित्रो मै ये बता दूॅ कि मै भी आप लोगो कि तरह हूॅ मै प्रयागराज भारत में प्रयाग संगीत समिति प्रयागराज (इलाहाबाद) ये सारे भारत में प्रसिद्व है। मै यही का विद्यार्थी हूॅ यहां पर सिनियर गुरूओं के मार्ग दर्शन में शास्त्रीय संगीत का ज्ञान प्राप्त कर रहा हूॅ जितना सीखता हूॅ सब कुछ आप लेागो को समर्पित कर देता हूॅ। अपना सहायोग दे बस शेयर करते रहे। इससे हमारा मोटिवेशन बढता है। जिससे हम आपको अच्छे से अच्छा सिखा सकूॅ  जो यहां आकर अध्ययन नही कर सकते वो सब घर बैठकर आनन्द ले। 
इसके बाद का अगला लैशन में आपको एक गाना गाकर सुनाउगा जिससे आप का कुछ मन ठीक हो जायेगा और आप फिर से नये जोश के साथ खडे हो जायेगे।
आज का लैशन बहुत बेहतरीन होने वाला है तैयार हो जाये आज आप को मै सिखउगां कि कैसे तालु से बाइब्रेशन उत्पन्न किया जाये। जिससे आपकी आवाज में मधुरता आये और जो भी सुने मधुरता में खेा जाये लेकिन इसमे भी प्रैक्टिस कम मत रखना जितनी पै्रक्टिस होगी उतना ही बाद में मजा आने वाला है। डरना नही है लगे रहो दौस्तो जिसके पास कोई इस्ट्रूमेन्टस है तो अच्छी बात है जिसके पास नही है वो भी ले ले कोई भी काई दिक्कत नही इससे आपको बोरिंग नही होगी और आनन्द आयेगा गाने में भी मजा आयेगा।

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