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सभी डॉक्टरों, मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों, नर्सों को वैक्सीन Coronavirus | vaccination


देश में कोरोना वायरस के खिलाफ काफी तेजी से टीकाकरण अभियान चल रहा है। अब तक देशभर में नौ करोड़ 43 लाख से अधिक कोरोना के टीके लगाए जा चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बीते गुरुवार को 36 लाख 91 हजार टीके लगाए गए हैं। हालांकि इस बीच देश में संक्रमण के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना के एक लाख 31 हजार 968 नए मामलों की पुष्टि हुई है। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश और दिल्ली समेत कुल 10 राज्यों में नए मामले प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। आइए विशेषज्ञ से जानते हैं कोरोना से जुड़े कुछ जरूरी सवालों के जवाब... 


जयपुर स्थित एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. रमन शर्मा कहते हैं, 'भारत सरकार और राज्य सरकारें कोविड के खिलाफ युद्ध स्तर पर काम कर रही हैं, लेकिन इसमें लोगों की सबसे बड़ी भूमिका है। उन्हें खुद का दायित्व समझते हुए जागरूक होना होगा और जो नियम बनाए जा रहे हैं, चाहे लॉकडाउन हो, कर्फ्यू हो या कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर (कोरोना से बचने के उपाय) हो, उनका पालन करना होगा। जब तक जरूरी न हो, बाहर न जाएं।'  

वैक्सीन अभी 45 साल के ऊपर के लोगों को लग रही है, क्या 30 साल वालों को लगाने पर समस्या हो सकती है? 


डॉ. रमन शर्मा कहते हैं, 'जी नहीं, वैक्सीन चरणबद्ध तरीके से लगाई जा रही है, इसमें फ्रंटलाइन वर्कर में 18 साल से ऊपर के सभी डॉक्टरों, मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्रों, नर्सों को वैक्सीन लगी है। फिलहाल वैक्सीन 45 साल के ऊपर वालों को लग रही है, आने वाले समय में इससे कम उम्र के लोगों को भी लगाई जाएगी। केंद्र सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द वैक्सीन 18 साल से कम उम्र के बच्चों को लग सके। हां, वैक्सीन तब तक 18 साल से नीचे के बच्चों को नहीं लग सकती है, जब तक इसके ट्रायल के परिणाम न आ जाएं।' 


कोरोना की दूसरी लहर में क्या नए लक्षण पाए जा रहे हैं

डॉ. रमन शर्मा कहते हैं, 'अभी कोरोना के जो नए केस आ रहे हैं, उसमें भी पुराने लक्षण ही हैं, इनमें बहुत ज्यादा अंतर नहीं है। खांसी, गले में खराश, बुखार, स्वाद न आना आदि लक्षण ही लोगों में ज्यादा पाए जा रहे हैं। लेकिन इस बार युवा ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं, क्योंकि वो बाहर सोशल गैदरिंग (सामाजिक मेलजोल) कर रहे हैं। महाराष्ट्र में केस ज्यादा पाए जा रहे हैं और वहां बच्चे ज्यादा संक्रमित पाए गए हैं।' 

कोरोना की दूसरी लहर से बचने के लिए क्या करें? 

डॉ. रमन शर्मा कहते हैं, 'कोविड से बचने के लिए कई तरह के सुरक्षा कवच दिए गए हैं, पहला तो सभी नियमों का पालन करें। दूसरा अगर किसी को कोविड हो गया है या लक्षण हैं तो तुरंत आइसोलेशन में जाएं। उस व्यक्ति से जितने लोग संपर्क में आए हैं, वो तुरंत होम आइसोलेशन हों, ताकि संक्रमण बाहर और लोगों में न पहुंचे। इसके अलावा जिनके लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है, वह खुद आगे आएं और वैक्सीन लगवाएं। लेकिन इन सबके बावजूद कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर (कोरोना से बचने के उपाय) को नहीं छोड़ना है। अमेरिका के लोगों ने भी मास्क लगाना और सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन करना बंद कर दिया था, जिससे वहां मृत्यु का आंकड़ा बढ़ने लगा था।' 

कोविड की मौजूदा स्थिति को कैसे देखते हैं? 

डॉ. रमन शर्मा कहते हैं, 'देश में हर दिन कोरोना के केस बढ़ते जा रहे हैं। हर हफ्ते जिस तरह से केस की संख्या बढ़ रही है, उतने की उम्मीद नहीं की गई थी। लेकिन वायरस का प्रभाव काफी तेजी से बढ़ रहा है। इसलिए कहा जा रहा है कि कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर (कोरोना से बचने के उपाय) को न छोड़ें। कुछ दिन पहले तक लोग इसे पूरी तरह से भूल चुके थे, इसी वजह से आज स्थिति इस तरह की है। शहरों में लॉकडाउन न लगाना पड़े, इसलिए लोगों को अभी से संभल कर और सतर्कता से रहना चाहिए।'  






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