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UP में इंटरनेट पर पॉर्न सर्च करने वाले हो जायें सावधान





महिलाओं के साथ अश्लील हरकत करने वालों पर लगाम लगाने के लिए यूपी पुलिस और सरकार ने नया कदम उठाया है। इसके बाद यदि महिलाओं के खिलाफ अश्लील हरकत होगी तो टेक्नोलॉजी की सहायता से उस पर नजर रखी जायेगी। इसके लिए उत्तर प्रदेश पुलिस की 1090 सेवा ने नई योजना बनाई है। इस योजना के तहत पुलिस ऐसे लोगों की मानसिकता को बदलने की कोशिश करेगी, जो इस तरह के अपराध कर सकते हैं। इसमें इंटरनेट मीडिया का सहारा लिया जाएगा। ऑनलाइन अश्लील सामग्री सर्च करते ही 1090 सावधान रहने के लिए अलर्ट देगा। यह सारी जानकारी 1090 के पास दर्ज भी हो जाएगी।


1090 में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में एडीजी नीरा रावत ने बताया कि इंटरनेट के बढ़ते हुए प्रयोग को देखते हुए 1090 ने भी लोगों तक पहुंचने के लिए इसी माध्यम का प्रयोग किया। उत्तर प्रदेश में डिजिटल चक्रव्यूह (महिला सुरक्षा के लिए 360 डिग्री इकोसिस्टम) के लिए एक डिजिटल आउटरीच रोडमैप तैयार किया है।



एडीजी नीरा रावत ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत राज्य के छह जिलों में यह व्यवस्था शुरू कराई गई थी, जिसमें काफी अच्छा रिस्पांस आया है। अब राज्य के सभी जिलों में यह इंतजाम किया जायेगा। राज्य में करीब 11.6 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हैं। मुख्य रूप से वे सभी लोग 1090 के टारगेट में हैं। महिलाओं की फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम आइडी पर सुरक्षा से संबंधित मैसेज और युवकों को चेतावनी भरा मैसेज भेजा जाएगा।


एडीजी नीरा रावत ने आगे कहा कि इस पूरी योजना का नाम हमारी सुरक्षा दिया गया है। इस योजना के तहत राज्य के सभी इंटरनेट यूजर तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना को चरणबद्ध रूप से पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। आगे से 1090 सोशल मीडिया के हर प्लेटफॉर्म पर मौजूद रहेगा और अलग-अलग सोशल मीडिया के यूजरों तक इसकी पहुंच होगी। सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जाने वाले मेसेज और संदेश भी तैयार किए गए हैं। 

एक्ट्रेसेस एक समय में बॉलीवुड की पहचान हुआ करती थीं लेकिन अब उन्हें पहचानना भी मुश्किल है। #actress newsroom

#actress newsroom 
#bollywood news


90 के दशक की कुछ अभिनेत्रियां ऐसी हैं जो सिनेमाजगत में आज भी अपनी अदाकारी के लिए जानी जाती हैं। इन अभिनेत्रियों ने ना केवल अपने अभिनय बल्कि खूबसूरती से भी लोगों के दिलों में खास जगह बनाई। एक समय में चर्चा में रहने वालीं ये अभिनेत्रियां अब लाइमलाइट से दूर हैं और अपनी लाइफ एन्जॉय कर रही हैं। इनका लुक भी पहले से काफी बदल गया है। ऐसे में बात करेंगे उन पुरानी एक्ट्रेसेस की जो एक समय में बॉलीवुड की पहचान हुआ करती थीं लेकिन अब उन्हें पहचानना भी मुश्किल है।

#माधुरी दीक्षित





माधुरी दीक्षित के चेहरे पर चमक बरकरार है। अभी भी माधुरी दीक्षित कई टीवी शोज और फिल्में कर रही हैं। आखिरी बार बड़े पर्दे पर माधुरी कलंक फिल्म में नजर आई थीं। माधुरी के लुक में कुछ ज्यादा अंतर नहीं आया है, बल्कि ये कहना भी गलत नहीं होगा कि वक्त के साथ माधुरी और भी खूबसूरत हो गईं 

#फराह नाज



अपनी खूबसूरती और अदाकारी से बॉलीवुड पर राज करने वालीं फराह नाज ने अपने करियर में कई हिट फिल्में दीं, लेकिन करियर के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचकर शादी करके वो अचानक गायब हो गईं। बिंदू दारा सिंह के बाद फराह ने अभिनेता सुमीत सहगल से शादी कर ली। फराह मुंबई में अपने पति और बेटे के साथ रहती हैं। फराह पहले से काफी बदल चुकी हैं। उनकी तस्वीरों को देख आप अंदाजा लगा सकते हैं।

मीनाक्षी शेषाद्रि





मीनाक्षी शेषाद्रि 90 के दशक की सुपरहिट एक्ट्रेसेस में से एक हैं। अपनी अदाकारी और खूबसूरती के बल पर उन्होंने खूब नाम कमाया लेकिन इतनी ऊंचाईयों तक पहुंचने के बाद मीनाक्षी ने अचानक फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया। मीनाक्षी शेषाद्रि अब 55 साल की हो गईं है और फिल्मों से दूर अपनी जिंदगी बिता रही हैं। मीनाक्षी फिलहाल टेक्सास में पति और बच्चों के साथ रहती हैं। मीनाक्षी के लुक में पहले की अपेक्षा काफी बदलाव आया है। 

#रवीना टंडन


रवीना टंडन 90 के दशक की सबसे मशहूर अभिनेत्रियों में से एक हैं। रवीना टंडन 45 साल की हो चुकी हैं। रवीना ने 1991 में 'पत्थर के फूल' फिल्म से बॉलीवुड में कदम रखा था।

#जूही चावला




जूही चावला 52 साल की हैं। इस उम्र में भी जूही बेहद खूबसूरत लगती हैं। जूही चावला मध्य 80-90 दशक की प्रसिद्ध एक्ट्रेस रह चुकी हैं। जूही चावला 1984 में मिस इंडिया का खिताब हासिल कर चुकी हैं।


बॉलीवुड एक्ट्रेस डेजी शाह आवारा जानवरों के साथ रीलेशनशिप

बॉलीवुड एक्ट्रेस डेजी शाह इंडस्ट्री की खूबसूरत एक्ट्रेसेस में से एक हैं

आवारा जानवरों को खिलाने में बहुत खुशी होती है: डेजी शाह

डेजी शाह का कहना है कि जब भी वह बाहर जाती हैं तो हमेशा जानवरों के साथ भोजन साथ लेकर चलती हैं। 

अभिनेत्री डेजी शाह जानवरों से काफी प्रेम करती हैं। वह आवारा पशुओं को खाना खिलाना पसंद करती हैं। उनका कहना है कि जब भी वह बाहर जाती हैं तो हमेशा जानवरों के साथ भोजन साथ लेकर चलती हैं। अभिनेत्री को हाल ही में मुंबई के अंधेरी में आवारा कुत्तों और गायों को खाना खिलाते हुए देखा गया था।

शाह ने आईएएनएस से कहा, "मुझे जब भी मौका मिलता है, मैं अक्सर आवारा जानवरों को खाना खिलाती हूं। मैं चाहे कहीं भी जा रही हूं, मैं अपनी कार में हमेशा कुत्तों के लिए बिस्कुट का एक बॉक्स रखती हूं। अगर मैं एक सिग्नल पर रुकती हूं या अगर मैं अपनी कार से किसी जगह पर जा रही होती हूं और इन प्यारे जानवरों को देखती हूं, तो मैं उन्हें हमेशा खाना खिलाती हूं। ऐसा करने में अथाह आनंद है।"


अभिनेत्री का कहना है कि कचरे के उचित निस्तारण को सुनिश्चित करना इसलिए भी बहुत जरूरी है, ताकि पशु गलत चीजों का सेवन न कर सकें।

उन्होंने कहा, "यह समझने की जरूरत है कि आवारा जानवरों को भी खाने की जरूरत होती है, इसलिए वे जहां कहीं भी संभव हो, वहां से भोजन पाने की कोशिश करते हैं। कई बार यह शहर के आसपास रहने वाले बड़े कचरे के डिब्बे से होता है, जो बीएमसी द्वारा प्रदान किया जाता है। सरकार ने निश्चित रूप से हमारे शहर को ये कचरे के डिब्बे मुहैया कराकर सफाई रखने का काम किया है, लेकिन लोग अभी तक अपने कचरे को सही ढंग से अलग करने से अनजान हैं।"

अभिनेत्री ने लोगों से अपने कचरे को ठीक से अलग-अलग करने का आग्रह किया है, ताकि इसका निस्तारण या निपराटा उचित तरीके से किया जा सके।


शाह ने कहा, "हम इन गरीब जानवरों को बचाने के लिए क्या कर सकते हैं कि हमें अपने कचरे को सूखे, गीले और रिसाइकल के आधार पर अलग करना चाहिए।"



डेजी ने अपने घर पर भी एक पपी (पिल्ला) पाल रखा है, जिसे वह अपना सबसे अच्छा दोस्त बताती हैं।



मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना #yojna #KVIC

मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना


उ०प्र० खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड की व्यक्तिगत उद्यमियों को बैंकों से वित्त पोषण उपलब्ध कराने की ʺमुख्य मंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजनाʺ

1. उद्देश्य

ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती बेरोजगारी का समाधान करने, ग्रामीण शिक्षितों का शहरों की ओर पलायन को हतोत्साहित करने तथा अधिक से अधिक रोजगार का अवसर गॉव में ही उपलब्ध कराने के ध्येय से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के व्यक्तिगत उद्यमियों को पूंजीगत ऋण रू० 10.00 लाख तक की वित्तीय सहायता बैंकों के माध्यम से प्रदान की जाती है। योजना के अन्तर्गत सामान्य वर्ग के लाभार्थियों हेतु पूंजीगत ऋण 4 प्रतिशत से अधिक, ब्याज की धनराशि ब्याज उपादान के रूप में उपलब्ध करायी जाती है। आरक्षित वर्ग के लाभार्थियों (अनुसूचित जाति, अनु जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, विकलांग, महिलायें एवं भूतपूर्व सैनिक) को पूंजीगत ऋण ब्याज की धनराशि ब्याज उपादान के रूप में उपलब्ध करायी जाती है। व्यवसायिक बैंको तथा ग्रामीण बैंकों द्वारा उनके सेवा क्षेत्र के अन्तर्गत सम्बन्धित गॉंव या ग्रामीण क्षेत्र स्थित हों, नियमानुसार ऋण उपलब्ध कराया जाता है। जनपदों में जिलाधिकारी के सीधे नियंत्रण में खादी तथा ग्रामोद्योग विभाग द्वारा क्रियान्वित की जायेगी।

2. योजना की अवधि

यह योजना इस अधिसूचना के जारी होने की तिथि से 5 वर्षों तक लागू रहेगी।

3. कार्यक्षेत्र

उ0प्र0 पंचायतराज अधिनियम के उपबन्धों के अधीन समय-समय पर शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्र परिभाषित तथा अखिल भारतीय खादी ग्रामोद्योग आयोग/रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया द्वारा समय-समय पर परिभाषित ग्रामीण क्षेत्र।

4. पात्र 

इस योजना के अन्तर्गत मुख्य रूप से निम्नलिखित वरीयता क्रम में उद्यमियों को लाभान्वित किया जायेगा।

आई0टी0आई0 व पॉलीटेक्निक संस्थाओं से तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त बेरोजगार नवयुवकों / नवयुवतियों को योजना में प्राथमिकता दी जायेगी।शिक्षित बेरोजगार नवयुवक जिनकी सरकारी सेवा की आयु समाप्त हो गई हो।एस0जी0एस0वाई0 तथा शासन की अन्य योजनाओं के अन्तर्गत प्रशिक्षित अभ्यर्थी।परम्परागत कारीगर।स्वतः रोजगार में रूचि रखने वाली महिलाएं।व्यवसायिक शिक्षा (10+2) के अन्तर्गत ग्रामोद्योग विषय लेकर उत्तीर्ण अभ्यर्थी।इस योजना के अन्तर्गत उन अभ्यर्थियों को भी शामिल किया जा सकता है, जिन्होंने रोजगार हेतु सेवायोजन कार्यालय में अपना रजिस्ट्रेशन सम्बन्धित जिलों के सेवा योजन कार्यालय में करा रखा है।

5. लाभार्थियों का चयन

लाभार्थियों का चयन उ0प्र0 खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड/शासन द्वारा समय-समय पर गठित चयन समिति द्वारा या जिले स्तर पर अन्य राज्य पुरोनिधानित योजना/योजनाओं हेतु जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी/परगना अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा चयनित उद्यमी ही इस योजना के पात्र होते हैं। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि उद्यमी को ऋण लेने से पूर्व वांछित प्रशिक्षण प्राप्त हो और उसके पास स्वयं का अंशदान उपलब्ध हो, तथा यह मूल रूप से ग्राम का निवासी हो, अथवा ग्रामीण क्षेत्र में अपना उद्योग लगाना चाहता हो।

6. लाभार्थियों के चयन के मापदण्ड

लाभार्थियों की आयु 18 वर्ष से कम नही, तथा 50 वर्ष से अधिक न हो।50 प्रतिशत तक अनुसूचित जाति/जनजाति/ पिछड़ी जाति के लाभार्थी।स्थानीय कच्चे माल की उपलब्धता का आंकलन करके चयनित व्यक्तियों के लिये ग्रामोद्योग इकाई निर्धारित की जाती है।स्थानीय उपभोक्ताओं की दैनिक आवश्यकताओं की वस्तुओं के उत्पादन करने सम्बन्धी इकाईयॉं स्थापित करने में वरीयता दी जायेगी।

जो अपनों को करीब लाए, वो रंग अच्छे है !! Stories

जो अपनों को करीब लाए, वो रंग अच्छे है !! हम सब एक दूसरे के बिना कुछ नहीं है.... कुछ भी नहीं और यही रिश्तों की खूबसूरती है !!

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*करें जब पाँव खुद नर्तन, समझ लेना कि होली है ! हिलोरें ले रहा हो मन, समझ लेना कि होली है ! किसी को याद करते ही अगर बजते सुनाई दें, कहीं घुँघरू कहीं कंगन, समझ लेना कि होली है ! कभी खोलो अचानक, आप अपने घर का दरवाजा, खड़े देहरी पे हों साजन, समझ लेना कि होली है ! तरसती जिसके हों दीदार तक को आपकी आंखें, उसे छूने का आये क्षण, समझ लेना कि होली है ! हमारी ज़िन्दगी यूँ तो है इक काँटों भरा जंगल, अगर लगने लगे मधुबन, समझ लेना कि होली है ! अगर महसूस हो तुमको, कभी जब सांस लो, हवाओं में घुला चन्दन, समझ लेना कि होली है.. !!*

*उड़ने दो रंगों को इस बेरंग जिंदगी में... एक "त्यौहार" ही तो हैं जो हमें रंगीन बनाते हैं.... एक "त्यौहार" ही तो हैं जो हमें रंगीन बनाते हैं....  !! नफरत की होलिका जलाओ, प्रेम का रंग बरसाओ; मस्ती में डूब जाओ, हंसो और हंसाओ.. !!*

*सुनाई दे रही गूँज, ढोलक और करताल की, चिट्ठी आ गई मथुरा के सरकार की ! चढ़ गई मस्ती, अबीर और गुलाल की, फाल्गुन भी कह रहा, जय हो वृंदावन बिहारी लाल की !!*

*मौसम रंग बदलता है अपने नियम से, इंसान का कोई नियम नहीं होता, वो कभी भी रंग बदल लेता है.. !!*

*ना किस्सों में, ना हिस्सो में, जिंदगी की खूब सूरती तो है रिश्तों में, इन्हे बनाए रखे.... !!*

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किसानों का आंदोलन (मोदीजी) आखिर तेरी समस्या क्या है?

एक महत्वपूर्ण सवाल :--


जब आंदोलन शुरू हुआ था...
आलू 60/-...
प्याज़ 100/-...
टमाटर 60/-...
मटर 100/-...
गोभी 80/- किलो थी...

आंदोलन के बाद आज आलू 10/-...
प्याज़ 30/-...
मटर 20/-...
गोभी 10/-...
टमाटर 20/- किलो मिल रहा है...

अगर ये किसानों
 का आंदोलन होता तो क्या ये सम्भv tha



इस देश के जो भी किसान केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के पक्ष में नहीं हैं, वे अपने स्तर पर भी इन्हें रद्द कर सकते हैं। देखिए कैसे -

1. पहला कानून है कि किसान केवल एपीएमसी मंडियों में बेचने के लिए मजबूर नहीं होगा, जहाँ चाहे और जिसे चाहे बेच सकेगा। जिन किसानों को यह स्वतंत्रता अच्छी न लगे, वे तय कर सकते हैं कि हम तो एपीएमसी मंडी में जा कर उसी आढ़ती को अपनी फसल बेचेंगे, जिसे पहले बेचते रहे हैं। हो गया पहला कानून रद्द!

2. दूसरा कानून है कि किसान फसल रोपते समय ही पहले से किसी खरीदार से समझौता कर सकेंगे कि उनकी फसल वह खरीदार किस भाव पर खरीदेगा। खरीदार, कथित अम्बानी और अडानी से न करें समझौता! हो गया दूसरा कानून रद्द!

3. तीसरा कानून है कि कोई जितनी चाहे उतनी कृषि उपज इकट्ठा रख सकता है, कोई सीमा नहीं रहेगी। वैसे तो किसी किसान के लिए यह बात लागू ही नहीं है, व्यापारियों के लिए है। पर जो किसान इस कानून को गलत पा रहा हो, वह अपने खलिहान में फसल रखने की सीमा खुद तय कर ले! हो गया तीसरा कानून रद्द!



*ईमानदार होने की सजा भुगत रहे हैं मोदी जी* 

अपने जमाने की सुपरहिट फिल्म "जॉनी मेरा नाम" में अभिनेता सज्जन अपने भाई प्रेमनाथ से पूछता है कि..
 
*"आखिर तेरी समस्या क्या है? आखिर मेरा दोष क्या है जो मुझे तू इतनी बड़ी सज़ा दे रहा है?"*

प्रेमनाथ जवाब देता है
 
*"तुम्हारा दोष ये है कि तुम बेहद शरीफ आदमी हो, बेहद ईमानदार हो और तुम्हारी इस शराफत इस ईमानदारी ने बचपन से ही मेरा जीना हराम कर रखा है।*

*शराब तुम नहीं पीते। जुआ तुम नहीं खेलते। अय्याशी भी तुम नहीं करते। तुम्हारी ये शराफत मुझे परेशान करती है। तुम्हारी ये अच्छाई मुझे बुरा बनाती है। अगर तुम भी बुरे होते तो मुझे कोई परेशानी न होती।* 

*आज विपक्ष की भी यही समस्या 
 साल में 365 दिन, प्रतिदिन 18 घंटे काम करते हैं। शराब नहीं पीते। भ्रष्ट नहीं है। अय्याशी नहीं करते। 5-10 दिन तो क्या, 5 घंटे के लिए भी विदेश में आंखों से ओझल नहीं होते। आगे पीछे कोई बेटा-बेटी, बहू-दामाद नहीं है उनका, जिसके लिए वो धन संग्रह करें। उनका ऐसा कोई रिश्तेदार नहीं है, जो दिल्ली की सत्ता के गलियारों में घूम-घूम के रोब झाड़े, दलाली करे ।*

*मोदीजी की समस्या ये है कि किसी स्विस बैंक में उनका कोई खाता नहीं है। मोदीजी की समस्या ये है कि उनके तहखानों में 2000 और 500 की गड्डियाँ नहीं सड़ रहीं हैं। मोदीजी की ईमानदारी, देशभक्ति, वफादारी ही उनकी सबसे बड़ी समस्या और कमजोरी है।*


ज़ाहिर सी बात है..
 *आज की राजनीति में मोदी जी भ्रष्ट नेताओं के लिए एक समस्या बन गए हैं।*

यही है मोदीजी का धेर्य और किसान प्रेम कि इतनी उदंडता होने के बाद भी गोली नहीं चली जबकि 83 पुलिसकर्मी भाई घायल हैं! एक बार पुराने समय की याद दिलाता हूँ करीब 32 साल पहले 25 अक्टूबर 1988 को किसान नेता महेंद्र सिंह जी टिकैत के नेतृत्व में भारतीय किसान यूनियन के लोग अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में बोट क्लब पर रैली करने वाली थे! किसान बिजली, सिंचाई की दरें घटाने और फसल के उचित मूल्य सहित 35 सूत्री मांगों को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में दिल्ली आ रहे थे, उनको दिल्ली के लोनी

बॉर्डर पर पुलिस प्रशासन के द्वारा बल पूर्वक रोकने की कोशिश की गई! किसान नहीं रुके पुलिस ने लोनी बॉर्डर पर फायरिंग की और दो किसानों की जान चली गई! पुलिस की गोली लगने से कुटबी के राजेंद्र सिंह और टिटौली के भूप सिंह की मौत हो गई थी! इसके विपरीत वर्तमान में सरकार ने किसान भाइयों को आंदोलन के लिए स्थान ही नहीं दिया अपितु हर समय वार्ता के लिए आगे आए! आपने देखा ही होगा कि कितने चरण की वार्ता हो चुकी हैं अब तक लेकिन किसान भाई कोई बीच का रास्ता मानने के लिए तैयार ही नहीं हैं! ट्रेक्टर रैली की अनुमति भी सरकार द्वारा देदी गयी ताकि किसानो को भड़काने वाले यें ना कह सके कि आपको अनुमति क्यों नहीं मिली! सरकार अपनी ओर से पूर्ण धेर्य धारण करकें बैठी हैं उसके बाद इस प्रकार की अराजकता निंदनीय ही हैं! मेरे हिसाब से गणतंत्र दिवस पर जो हुआ वह बहुत ही गलत था और किसी भी समझदार व्यक्ति को इसका पक्ष नहीं लेना चाहिए! किसान संगठनों को अब समझदारी दिखाते हुए शान्ति स्थापित करके कोई बीच का रास्ता अपनाते हुए आंदोलन को समाप्त कर देना चाहिए! खाली आँख बंद करके विरोध करने की जगह एक बार देखना चाहिए कि क्या सही में किसानो को इन क़ानून में हुए बदलाव से नुक़सान होता हैं या फ़ायदा! चाहे कोई माने या ना माने किन्तु ये आंदोलन अब केवल किसान आंदोलन नहीं रहा हैं!!

Coronavirus vaccines कोविशील्ड' और 'कोवैक्सीन' किसे मिलेगी

Corona Vaccine: कीमत-असर से लेकर साइड इफेक्ट्स तक, जानिए वैक्सीन से जुड़े इन 21 सवालों के जवाब

Corona vaccine



आखिर कोरोना के खिलाफ बनी 'कोविशील्ड' और 'कोवैक्सीन' किसे मिलेगी, कैसे मिलेगी, कब मिलेगी, किस कीमत पर मिलेगी, वैक्सीन से कोई खतरा तो नहीं होगा और सबसे अहम सवाल ये वैक्सीन हमारे और आपके जैसे बेहद आम लोगों तक कब, कैसे और किस कीमत पर पहुंचेगी? जानिए सभी जरूरी सवालों के जवाब.

Coronavirus vaccines : नया साल आते ही देश में बड़ी खुशखबरी आ गई. जिस कोरोना से 2019 से लेकर 2020 के आखिर तक पूरी दुनिया में तबाही मचाता आ रहा था, अब उसका आखिरी वक्त आ गया है. लभारत भी ब्रिटेन और अमेरिका की लीग में शामिल हो ही गया और पहले स्वदेशी कोवैक्सीन को आज अनुमति मिल गई. साथ ही भारत के ही सीरम इंस्ट्यूट की अगुआई में बनी कोविशील्ड को भी आपातकालिक इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है. अब 2021 की इस खुशखबरी के साथ खड़े हो रहे हैं 21 सवाल जो आपके जेहन में भी होंगे.


आखिर कोरोना के खिलाफ बनी 'कोविशील्ड' और 'कोवैक्सीन' किसे मिलेगी, कैसे मिलेगी, कब मिलेगी, किस कीमत पर मिलेगी, वैक्सीन से कोई खतरा तो नहीं होगा और सबसे अहम सवाल ये वैक्सीन हमारे और आपके जैसे बेहद आम लोगों तक कब, कैसे और किस कीमत पर पहुंचेगी? जानिए सभी जरूरी सवालों के जवाब.



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सवाल-1


कोरोना की ये दोनों वैक्सीन कितनी कारगर हैं?


जवाब-


70 फीसदी से ज्यादा कारगर


सवाल -2


क्या वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट है?


जवाब-


नहीं, अब तक चूहे से लेकर बंदर और चिंपाजी जैसे प्राइमेट्स और इंसानों पर किए गए ट्रायल में ऐसा कोई साइड इफेक्ट नहीं पाया गया.


सवाल -3


वैक्सीन का असर कितने दिन तक?


जवाब-


साफ नहीं, अलग अलग कंपनियों के दावे


सवाल -4


वैक्सीन के कितने डोज जरूरी?


जवाब-


2 डोज से लेकर 3 डोज तक


सवाल -5


दो वैक्सीन का अंतराल कितना?


जवाब-


दो हफ्ते से दो महीने तक


सवाल -6


अंतराल के दौरान कोरोना संक्रमण संभव?


जवाब-


हां, पूरी इम्यूनिटी डोज पूरा होने पर ही. हाल ही में हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री को वैक्सीन ट्रायल की पहली डोज लगी थी लेकिन उसके बावजूद दूसरी डोज लगने से पहले वो कोरोना संक्रमित हो गए.


सवाल -7


टीके कीमत क्या होगी?


जवाब-


कोवैक्सीन- 100/डोज


कोविशील्ड- 1000/डोज


सवाल -8


क्या टीका मुफ्त लगेगा?


जवाब-


डॉक्टर समेत 3 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर को मुफ्त. आम जनता के लिए रुख अभी साफ नहीं


सवाल -9


शुरू में कितने लोगों को टीका लगेगा?


जवाब-


3 करोड़ फ्रंट लाइन वर्कर


27 करोड़ बुजुर्ग और बीमार


सवाल -10


टीकाकरण में बच्चों का क्या होगा?


जवाब-


बच्चों के लिए वैक्सीन नहीं, ट्रायल सिर्फ 16 साल के ऊपर पर


सवाल -11


गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण संभव?


जवाब-


कंपनियों का अब तक कोई दावा नहीं


सवाल -12


जिन्हें कोरोना हो चुका है उन्हें वैक्सीन कब?


जवाब


जिन्हें कोई गंभीर बीमारी है उन्हें जल्द वैक्सीन. पुराने लेकिन स्वस्थ संक्रमितों को आखिर में वैक्सीन.


सवाल -13


क्या देसी और विदेशी वैक्सीन में फर्क है?


जवाब-


तकनीक का फर्क, असर करीबन एक जैसे का दावा


सवाल -14


वैक्सीन के बाद सावधानी बरतनी जरूरी?


जवाब-


मास्क, सैनिटाइज, सोशल डिस्टांसिंग जारी रहेंगे


सवाल -15


नए स्ट्रेन पर वैक्सीन कितनी कारगर


जवाब-


मॉडर्ना का दावा- पूरी तरह कारगर


मॉडर्ना का बयान


अब तक मौजूद जानकारी के हिसाब से मॉडर्ना की वैक्सीन नए स्ट्रेन पर पूरी तरह कारगर है वैसे हम आगे भी जांच कर रहे हैं


सवाल -16


क्या खाने पीने में एहतियात जरूरी


जवाब-


शराब को छोड़ कर कोई रोक नहीं


स्पूतनिक 5-वैक्सीन लेने के दो हफ्ते पहले से वैक्सीन लेने के 42 दिन बाद तक परहेज. बाकि कंपनियों का दावा- शराब पीने से इम्यूनिटी घटती है इसलिए परहेज जरूरी.


सवाल 17


भारत में वैक्सीनेशन के इंतजाम कैसे?


जवाब-


तैयारी पूरी, ड्राई रन जारी


सवाल -18


भारत में पूरा वैक्सीनेशन में कितना वक्त लगेगा?


जवाब-


वैक्सीनेशन शुरू होने के 2 से 3 साल तक


सवाल -19


वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद संक्रमण में कमी आएगी?


जवाब-


जितने लोगों का टीकाकरण उतने कम केस आएंगे


सवाल -20


क्या हर साल लगानी होगी वैक्सीन?


जवाब-


इम्यूनिटी का डाटा आने पर साफ होगा


सवाल -21


क्या कोरोना वैक्सीन से नपुंषकता संभव है


जवाब-


बिल्कुल नहीं, पूरी तरह निराधार


2021 के इन इक्कीस सवालों में शायद आपके भी सवाल हों और उम्मीद है कि उनका जवाब मिल गया हो.

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योग का अर्थ है जोडना, यह कोई गुप्त विधा नही है #indian girl beauty tips

योग का अर्थ है जोडना, यह कोई गुप्त विधा नही है। गुप्त विधा से भावार्थ यह है कि जिस प्रकार कुछ धर्म गुरू अपने मत कि दीक्षा देते है और दीक्षित व्यक्ति को कोई मन्त्र दिया जाता है, जिसे वह गुप्त रखता है। यह बात ठीक है कि किसी भी विधा या कार्य को सीखने के लिए या उसमें पारंगत होने के लिये मार्गदर्शन कराने वाले गुरू कि भी आवश्यकता होती है परन्तु योग में गुरू कोई बात गुप्त रखने के लिये नही कहता।







योग में जोडने का अर्थ है मन शरीर और इन्द्रियों को साध कर एक ओर लगाना उसी प्रकार है जिस प्रकार किसी भी कार्य को आप जितना तन्मय होकर करते है। आपको उसमें उतनी ही सफलता मिलती है। इसी प्रकार यदि आप मन,शरीर और इन्द्रियों को वश में करके किसी भी ओर लगायेगे तो आप कुछ भी करने में समर्थ होगे।

योगासन योग की पहली सीढी है, जिनका उददेश्य व्यक्ति को स्वस्थ्य,सुडौल और सहनशील बनाना है। यदि आप दवाओं से तंग आ चुके अथवा आपको निराशा ने आ घेरा है, तो आपके लिये हमारी वेवसाइट जरूर फायदेमंद होगी। आप बगैर कुछ खर्च किये घर पर ही लम्बा,स्वस्थ्य जीवन जी सकते हैं ,और अपने व्यक्तित्व को आर्कषक एवं शरीर को पूर्ण स्वस्थ्य बना सकते है। विश्वास रखें।


मैने इसमें आपके लिये सरल और सुगम भाषा में चित्रों सहित प्राचीन ऋषि-मुनियों ,तपस्वियों एवं दिग्गजों, चिकित्सकों का लुप्तप्राय ज्ञान, जिससे अत्यन्त साधारण शिक्षित स्त्री-पुरूष भी भरपूर लाभ उठा सकते हैं। विश्वास रखें। 
मैं योग का एक मामूली सा साधक हूॅ और अनुभवों के आधार पर मेरी यह मान्यता बन चुकी है कि योग का रहस्य इतना सूक्ष्म है कि उसे साधारण प्राणी नही समझ सकता, परन्तु नियमो या मार्ग पर चलने आदि का पालन और आचरण करके हम स्वस्थ्य रह सकते हैं।
योग विधा प्राप्त करने के लिये आपको साधु बनने कि जरूरत नही है,न ही परिवार का त्याग करने कि जरूरत है,व्यक्ति कोई भी काम करता हो अथवा किसी भी धर्म में आस्था रखता हो योग विधा को जानकर स्वस्थ्य रह सकता है।
इस धरती पर प्रभु की सर्वोत्तम रचना मानव है,परन्तु यह सर्वश्रेष्ठ क्यों हैं कम लोग ही जानते हैं। इस धरती के सभी जीव-जन्तुओं एवं मनुष्यों में अधिकाश्ंा बातें समान हैं।

आहार निद्रा भय मैथुनष्च
सामान्यमेतत पशु भिनंराणाम
धर्मो हि तेषमधिको विशेषः
धर्मेण हीना पशुभि समाना।।

सोना, खाना ,पीना ,बच्चे पैदा करना आदि अधिकाशं बातें आदमी और पशु दोनो में समान है। विशेषता है तो केवल मानव धर्म कि जीवन मे कर्तव्य और ज्ञान कि । 


आज स्पष्ट देखने में आता है कि मनुष्य में अपने कर्तव्य के प्रति चेतना कि तो बात अलग है वह तो अनेक ऐसे कुकर्म भी करता है जिसे पशु भी नही करते।
क्या आपने कभी यह सोचा है कि आपने यह मानव का शरीर क्यों धारण किया है। आप कौन हैं। यहां क्यों आये हैं। आपको क्या करना है।
मनुष्य कि औसत आयु क्या है। यहि कोई साठ-सत्तर साल इस आयु को मनुष्य कैसे गुजारता है। आधा समय सोकर नींद में दिन का लगभग एक चैथाई खाने पीने, सजने संबरने में और शेष चैथाई समय से कुछ अधिक व्यवसाय या पैसा कमाने में इस के बाद कितना समय उस के पास शेष बचता है जब वह अपने बारे में सोच सके।
जीवन के चार भाग है, पहला बचपन जब मनुष्य चलना फिरना सीखता है जीवन के बीस बाइस साल तो अचेतनअवस्था में ही गुजर जाते है। उसके बाद आता है यौवन काल इस समय या तो आशकि में या विवाह करके बीबी बच्चों में व गृहस्थ्य के चक्कर में गुजर जाता है। तीसरी अवस्था में कुछ समय बच्चों कि विवाह शादियों कि चक्कर में गुजर जाता है। चैथी अवस्था यानी बुढापा आ जाता है।
आदमी का तन के साथ मन भी जर्जर होने लगता है। उस समय वह बीमारियों के चक्कर में टूटा हुआ जीवन जीता है ,जिसे जीवन जीना कभी नही कहा जा सकता।
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इन खास ट्रिक्स को अपनाइए, आप भी बन जाइएगा स्मार्ट ट्रेवलर













अगर आप कहीं यात्रा पर निकल रहे हैं और चाहते हैं की आपका सफ़र शानदार और बिना किसी परेशानी के पूरा हो जाए तो घुमने जाने से पहले कुछ उपायों का करना आपके लिए बेहद जरुरी है. अक्सर यात्रा के दौरान हमारे साथ न चाहते हुए भी कई छोटे मोटे एक्सीडेंट हो जाते हैं. जैसे तबियत ख़राब होना, मोबाइल की बैटरी ख़त्म हो जाना, बैग चोरी होना, टिकट गुम हो जाना और भी न जाने कितनी परेशानी उस वक़्त हमारे सामने आ जाती है और फिर सफ़र का पूरा मजा किरकिरा हो जाता है. ऐसे में #HindiTravelBlog आपको ये खास ट्रिक्स बताने जा रहा है जिसे अपना कर आप अपने सफ़र को पूरा एन्जॉय कर सकते हैं.



जगह को पहले अच्छी तरह से जान लें:

आपने जिस जगह घुमने जाने का प्लान बनाया है पहले उसके बारे में पूरी जानकारी पता कर लें. इंटरनेट, अखबार, पत्रिका आदि से पूरी डिटेल्स जान लें, मसलन वहां का मौसम कैसा है, घुमने लायक कौन कौन सी जगहें हैं, सबकी दूरी कितनी है, होटल्स के रेंज क्या है, आने जाने का क्या साधन है. अगर आपके जान पहचान का कोई व्यक्ति पहले उन स्थानों पर जा चुका है तो उनके अनुभव भी जानना आपके लिए अच्छा रहेगा.

सामानों की हिफाजत पहले कीजिये:

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घुमने जाने के लिए आप जो बैग पैक करते हैं उसकी सुरक्षा भी बेहद जरुरी है वर्ना जरा सोचिये आप कहीं अनजान जगह जा रहे हो और थोड़ी सी लापरवाही से पूरा सामान खो या चोरी हो जाए तो स्थिति कितनी कष्टप्रद हो जाएगी. इसलिए सामानों की पैकिंग के दौरान ही ताला और चेन रखना न भूले. रात के सफ़र में आप अपने सारे लगेज को गाड़ी में इससे लॉक करके आराम से नींद का मजा उठा सकते हैं.

भारी भरकम सामान ले जाने से बचें:

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सफ़र में भारी भरकम सामान ढोना भी किसी आफत से कम नहीं. इसलिए कोशिश करें अपने साथ जितना कम हो सके उतना ही कम सामान रखें. कपडें वगैरह भी आवश्यकता के अनुसार पैक करें. ऐसा न हो की आप पूरे सफ़र के दौरान भारी बैग लेकर पसीना बहाते फिरे, ऐसे में आप अपनी घुमक्कड़ी भी ठीक से एन्जॉय नहीं कर पाएंगे.

जरुरी दवाइयों को रखें अपने पास:

दिनभर की यात्रा में अक्सर हम इतना थक जाते है कि शाम होते होते पूरा शरीर जवाब देने लगता है, ऐसे में दवाइयों का हमारे पास रहना भी बहुत जरुरी है. अपने पास फर्स्ट ऐड किट जरुर रखें. रास्ते में भी कहीं कोई चोट या दुर्घटना होती है तो ये काम आ सकते हैं.

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तस्वीरों से भी ले सकते हैं मदद:

आपके पास भले पेन और डायरी हो जिसपर आप घुमने के दौरान सभी आवश्यक जानकारी दर्ज करते होंगे, पर हर वक़्त आप ऐसा नहीं कर सकते. इसलिए अगर आप किसी नए जगह, होटल का कमरा नंबर या पार्किंग में अपनी गाड़ी खड़ी करते हो तो अच्छा होगा उस जगह की मोबाइल से ही तस्वीरें उतार लें. इससे आप आसानी से उन जगहों को याद रख सकते हैं.

मोबाइल-कैमरे को हमेशा रखें चार्ज

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ट्रिप के लिए निकल रहे हैं तो मोबाइल, कैमरा और पॉवर बैंक सबको फुल चार्ज रखें. यह मत सोचें कि एयरपोर्ट, स्टेशन या होटल के कमरे में कर लेंगे. कभी कभी परिस्थितयां प्रतिकूल भी हो जाती है. वहीँ अगर अगले दिन सुबह आपको घुमने निकलना है तो रात में ही अपने सभी गजेट्स को चार्ज कर तैयार कर लें.

 जरुरी डॉक्यूमेंट की रखें फोटो कॉपी:

अपने पास सभी डाक्यूमेंट्स की फोटोकॉपी भी याद से रख लें, साथ ही मोबाइल में भी फोटो खिंच कर सेव कर लें. हो सके तो आई कार्ड, पासपोर्ट आदि को स्कैन करके उसे खुद को ही मेल कर दें, अगर आपका वॉलेट या पर्स खो जाये तो मेल से उसका प्रिंट आउट कर सकते हैं.

पैसों को न रखें एक जगह:

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सफ़र के दौरान एक बात यह भी गांठ बाँध ले कि अपने सारे पैसों को कभी भी एक जगह नहीं रखें. थोड़ी थोड़ी मात्रा में पैसों को अलग अलग जगहों पर छिपा दें. उसे आप बैग के किसी भीतरी जगह, मौजा आदि जगहों में रख दें. ऐसे में इसका बड़ा फायदा यह होगा कि अगर वॉलेट या पर्स गायब होता है तो आपके सारे पैसे चोरी होने से बच जायेंगे.

हर जगह पहुंचे वक़्त से पहले:

अपने सफ़र को सुखद बनाने के लिए हर जगह वक़त से पहले पहुंचे. रेलवे स्टेशन हो चाहे एयरपोर्ट पहले पहुँचने से आप जर्नी से रिलेटेड सारे प्रोसेस समय रहते पूरा कर सकते है. और गाड़ी छूटने का भी डर नहीं रहता.




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