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लोग क्यों मजबूर हो जाते है अपनी जान लेने के लिये depressed life

लोग क्यों मजबूर हो जाते है अपनी जान लेने के लिये लाइफ कोरोनावाइरस  सुशांत सिंह राजपूत 





दोस्तो nomadsachinblogs में आपका स्वागत है दोस्तों वैसे तो लाॅकडाउन और कोरोना वााइरस में सभी की हालत ख़राब है  बदलते लाइफस्टाइल में डिप्रेशन की बीमारी अब आम हो रही है। महानगर से निकलकर यह छोटे शहरों और कस्बों तक पहुंच रही है। इसके शिकार न सिर्फ युवा और बुजुर्ग बल्कि स्कूल जाने वाले स्टूडेंट भी हैं। इसका इलाज  दवाओं से नहीं हो सकता। इससे उबरने के लिए परिवार दोस्त और अपनों के साथ की भी दरकार होती है।  लंबे वक्त में लाइफस्टाइल रिश्ते इमोशंस के साथ बुने गए ताने.बाने में जब सुराख होता है तो उम्मीदें धरी रह जाती हैं। सपने गायब हो जाते हैं। ऐसे हालात में मानसिक तौर पर टूटना लाजमी है।






तो क्या है ये यह केमिकल लोचा

डिप्रेशन की सबसे बड़ी वजह है चिंता और तनाव यानी दिमाग में केमिकल लोचा। इसके लिए आमतौर पर जिम्मेदार हालात हैं

. प्रियजन से बिछड़ना ;मसलन ब्रेकअप किसी की मौत या तलाक


. नौकरी छूटना या पैसे.जायदाद का नुकसान




. रिटायरमेंट के बाद खुद को बेकार समझना

. किसी कड़े मुकाबले में हार जाना

. मेहनत के बाद भी उम्मीद के मुताबिक नतीजा न मिलना

. कर्ज बढ़ जाना और उसे चुकाने का जरिया न होना

. भविष्य के प्रति अनिश्चितता

. किसी बड़ी बीमारी या मौत का खौफ आदि।



दरअसल जब नेगेटिव सोच का दायरा और वक्त बढ़ता है तो इंसान को उदासी घेर लेती है। महानगरीय जीवन में सबसे ज्यादा परेशानी होती है सपने टूटने से। उससे ज्यादा तकलीफ होती है भरोसा खत्म होने से। सपना और भरोसा साथी जॉब या रुपए.पैसे को लेकर हो सकते हैं। प्यार में दिल टूट सकता है और इसका दर्द 21 से 35 साल की उम्र वालों को ज्यादा सताता है। खासकर ऐसे पुरुष या महिला डिप्रेशन के हालात में ज्यादा पहुंचते हैं जो अपनी फैमिली से लंबे समय तक दूर रहे हैं। गांव.देहात में अपनों की मौतए खेती के खत्म होने कर्ज और लंबी बीमारी अक्सर लोगों को डिप्रेशन में ले जाती है।
                                                                                                         




कैसे.कैसे डिप्रेशन

मेजर डिप्रेशनः यह बहुत कॉमन नहीं है। ऐसा किसी का साथ या आदत अचानक खत्म होने पर होता है। इसे आप इमोशनल डिसऑर्डर कह सकते हैं जहां बीमार खुदकुशी की हद तक जा सकता है।

टिपिकल डिप्रेशनः यह उदासी का वह दौर है जिसमें बीमार खुशियां और गम न तो शेयर करता है और न ही किसी चीज को इंजॉय करता है।

साइकॉटिक डिप्रेशनः ऐसे हालात में बीमार को अनजान आवाजें सुनाई देती हैं और वह काल्पनिक चीजों में यकीन करने लगता है। वह शक या वहम का शिकार हो जाता है। कई बार वह खुद से बात करता नजर आता है। उसे लगता है कि सब कुछ खत्म हो रहा है।

डिस्थायमियाः जिंदगी सामान्य चल रही होती है लेकिन शख्स अक्सर उदास रहता है। लाइफ में खालीपन महसूस करता है और असंतुष्ट रहता है। अपनी लाइफ को एन्जॉय नहीं करता।

पोस्टपॉर्टमः डिलिवरी के बाद कई बार महिलाओं में डिप्रेशन का भाव घर कर जाता है। यह बहुत ही कॉमन है।



मैनियाः अक्सर उम्मीद के मुताबिक रिजल्ट न आने पर ऐसी ही मायूसी आती है। ऐसा एग्जाम के रिजल्टए ऑफिस में वर्क लोड और एप्रेजल के बाद देखने को मिलता 

मत उदास हो दोस्त मैं हूं ना अब ये  कहने वाले बहुत कम लोग बचे हैं दुनिया मे 




डिप्रेशन के दौरान एक सवाल कॉमन है . मेरे साथ ही इतना बुरा क्यों ऐसे में जब दोस्त ज्यादा उदास हो तो उसका हाथ थाम लें या कंधे पर हाथ रखें ताकि उसे भरोसा हो कि वह अकेला नहीं है। . .

. ब्रेकअप के बाद कपल के पास एक.दूसरे के लिए सैकड़ों सवाल होते हैं। वह बार.बार जवाब के लिए फोनए चैट या मेसेज से एक्स पार्टनर को परेशान कर सकता है। बतौर दोस्त उसे रोकें क्योंकि साथ छोड़ने वाला कभी सही जवाब नहीं देगा।

. बातों.बातों में उसे बताएं कि वह दुनिया का पहला शख्स नहीं हैए जिसे कोई छोड़कर गया है। ऐसे ब्रेकअप के किस्सों से दुनिया भरी पड़ी हैं। अगर कोई उदाहरण आसपास मौजूद हो और वह सामान्य जिंदगी जी रहा हो तो उससे मिलवा भी दें।

. परेशानी में कई बार लोग नशे का सहारा ढूंढते हैं। कई नामी हस्तियों की अधूरी प्रेम कहानी शराब के गिलास में खत्म हो गई।

. अक्सर डिप्रेशन में बदला लेने का ख्याल आता है 


. जब अग्रेसिव होने लगे तो बीच में डांट.डपट बिल्कुल न करें। कई बार मनोबल तोड़नेवाली बातें उसके गुस्से को बढ़ाती हैं। 


. डिप्रेशन के दौरान पीड़ित में त्याग की भावना पैदा होती है। अनमोल रिश्तों सामान और समय के खोने पर भी वह उसे अपनी किस्मत मानता है। 

;भावुक 



करियर के कारण टेंशन रखने वाला गुस्सैल शख्सः नक्स.वोमिका 

किसी अपने के इग्नोर करने से दुखी शख्सः पुल्साटिला 

जिसे जल्द डिमांड पूरी न होने पर गुस्सा आता होः आर्सेनिकम अल्बम 

गर्लफ्रैंड व बॉयफ्रैंड के बीच के रिश्ते इतने जटिल क्यों हो जाते हैं? boyfriend-girlfriend



हर कोई रिश्तों की मिठास को भी जानता है मगर रिश्तों में काफी खटास भी होती है जिसका स्वाद आपको मिलने लगा है। लोग आम तौर पर शरीर पर आधारित रिश्तों के बारे में सोचते हैं। मगर रिश्ते कई प्रकार के हो सकते हैं।

अगर उन रिश्तों का आधार शरीर है तो आम तौर पर एक.दूसरे के शरीर को लेकर रोमांच कुछ समय बाद खत्म हो जाता है। जिसे आपने चरम सत्य समझा था वह कुछ समय बाद चरम सत्य नहीं रह जाता। यह स्वाभाविक है कि जब लोगों को साथ लाने वाला मुख्य आकर्षण एक तरह से पिघलने लगता है तो आपके लिए वह अहम नहीं रह जाता। कारण समझे बिना वे एक.दूसरे के प्रति कड़वे होने लगते हैं क्योंकि दरअसल ऐसे रिश्ते का मकसद दूसरे व्यक्ति से मिठास और खुशी को निचोड़ना होता है। अगर आप किसी से खुशी निचोड़ने की कोशिश करेंगे तो कुछ समय बाद जब आपको पहले जैसे नतीजे नहीं मिलते तो रिश्ते में कुछ कड़वाहट आ जाती है।


रिश्ते ख़ुशी को प्रकट करने के लिए होने चाहिएं


जब आप बूढ़े होने लगते हैं तो कुछ चीजें हो सकती हैं। कल से आज तक आप थोड़े बूढ़े हो जाते हैं। तो आज जब आप युवा हैं आपको उन सभी रिश्तों के बारे में सोचना चाहिए जो आपके जीवन में हैं सिर्फ जैविक रिश्तों के बारे में नहीं वह खुशी को प्रकट करने पर आधारित हो खुशी को निचोड़ने पर नहीं।


इसके लिए सबसे पहले आपको अपनी प्रकृति से आनंदित होना चाहिए। अगर आप आनंद का उल्लासमय प्रवाह बनने पर फोकस करें और आपका रिश्ता इस खुशी को साझा करने के लिए है तो आम तौर पर लोग रिश्तों में जिस सर्कस से गुजरते हैं आपको उसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है।


छोटी.छोटी बातों को सम्भालने से अच्छा है खुद को संभालना


एक रिश्ता जीवन के सिर्फ एक क्षेत्र में नहीं रहता। एक बार साथ आने के बाद लोग कई चीजें साझा करते हैं। स्वाभाविक रूप से आप छोटी.छोटी बातों पर एक.दूसरे को चोट पहुंचाना शुरू कर देंगे। इसके कारण आपके बीच बात बढ़ सकती है या झगड़ा हो सकता है ऐसा होता है।


ऐसी चीज़ें आप रोज.रोज नहीं संभाल सकते। तो सबसे बेहतर है खुद को इस तरह रखना कि आप कुदरती रूप से एक उल्लसित आनंदित प्राणी हों। अगर ऐसा होता है तो आपके रिश्ते जरूरत पर आधारित नहीं होंगे।


जब रिश्ते जरूरत पर टिके होते हैं तो अपनी जरूरत पूरी न होने पर आप शिकायत करना शुरू कर देंगे। आप कड़वाहट महसूस करने लगेंगे कि जो आपको मिलना चाहिए था वह नहीं मिल रहा है। अगर आप अपने अंदर इस जरूरत को खत्म कर देंगे और कुदरती रूप से खुशी से छलकते रहेंगे तो हर तरह के लोगों के साथ आपका रिश्ता शानदार हो सकता है . चाहे वे जो भी हों। उन्हें आपकी तरह होने की जरूरत नहीं है। मैं कामना करता हूं कि आपको जीवन में सबसे खूबसूरत रिश्ते मिलें।

Why do relationships between girlfriends and boyfriends become so complicated?
Everyone also knows the sweetness of relationships, but there is a lot of sourness in relationships, which you have started to taste. People usually think of body-based relationships. But relationships can be of many types.

If the basis of those relationships is the body, then usually one. The thrill of the other's body ends after some time. What you thought to be the extreme truth, after some time it does not remain extreme truth. It is natural that when the main attraction that brings people together starts melting in a way, then it is not important for you. Without understanding the reason, they start to become bitter towards each other because in reality the purpose of such relationship is to squeeze sweetness and happiness from the other person. If you try to squeeze happiness from someone, then after some time when you do not get the same results, then there is some bitterness in the relationship.

Relationships should be to express happiness

Some things can happen when you start getting older. You get a little older from yesterday to today. So today when you are young, you should think about all those relationships that are in your life, not just about biological relationships, it is based on manifesting happiness and not on squeezing happiness.

For this, first of all you should enjoy your nature. If you focus on the joyous flow of joy and your relationship is meant to share this happiness, then generally you do not need to worry about the circus people go through in the relationship.

It is better to handle yourself than handling small things

A relationship does not live in just one area of ​​life. Once they come together people share many things. Naturally you will start hurting one another on small things. Due to this, there may be increased talk or quarrel between you.

You cannot handle such things everyday. So it is best to keep yourself as if you are a hilariously joyful creature. If this happens then your relationship will not be need-based.

When the relationship is in need, you will start complaining if your need is not met. You will start to feel bitter that you are not getting what you should have got. If you will eliminate this need in yourself and will naturally spill with happiness, then your relationship with all kinds of people can be fantastic. No matter what they are. They don't have to be like you. I wish you all the most beautiful relationships in life.

प्रशासन,स्वास्थ्यकमियों और पुलिसकर्मियों के प्रयासों की सराहना,Indian administration


                     
विपदा की इसी घड़ी में सरकार को कई मोर्चों पर एक साथ बहुत सक्रियता से काम करना पड़ रहा है। कहीं बहुत कठोर निर्णय लेने पड़ रहे हैं तो कहीं बहुत नर्म रवैया अपनाना पड़ रहा है। इन सबके बीच जिंदगी बचाने से लेकर राहत कार्यों के संचालन में प्रशासन को जी.जान से जुटना पड़ा है।

पूरे संदर्भ में भारतीय प्रशासन के लिए सबसे पहली चुनौती स्वास्थ्य सेवा का सुचारू रूप से संचालन करने की रही है।

दूसरे अप्रवासी मजदूरों को उनकी जगह पर बनाए रखने के साथ.साथ उनके भोजन और रहने की व्यवस्था की समस्या रही है।

प्रशासन की इन दोनों ही चुनौतियों को तकनीक ने बहुत आसान बना दिया है। आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती हैए कथन को सार्थक बनाते हुए अनेक डेटा बेस मॉनिटरिंग मंच तैयार किए गए। इनके माध्यम से वायरस के फैलाव की स्थिति जरूरतमंदों की स्थिति और उनकी जरूरतों का पता लगाने के लिए तकनीक का बढ़.चढ़कर इस्तेमाल किया जा रहा है।

इसी श्रंखला में सूरत नगर निगम ने कोविड.19 ट्रेकर एप तैयार कर ली है। इसके माध्यम से होम क्वारंटाइन और विदेश भ्रमण से हाल ही में लौटे लोगों के स्वास्थ्य की स्थिति का पता लगाया जा रहा है। इससे लगभग 8500 लोगों को ट्रैक किया जा रहा है।

बंगलुरू की वृहान बंगलुरू महानगरपालिका ने 24x7 का कोरोना वायरस वॉर रूम तैयार कर लिया है। जी आई एस के माध्यम से तैयार इस तकनीक में जीपीएस के माध्यम से स्वास्थ्यकर्मियों को ट्रैक किया जा रहा है।

नागपुर नगर प्रशासन ने इस लड़ाई हेतु निजी क्षेत्र का सहयोग लिया है। आगरा में पब्लिक.प्राइवेट पार्टनरशिप में ई.डॉक्टर सेवा की सुविधा दी जा रही है। इससे टेलीवीडियो कंसलटेशन लिया जा सकता है।

लखनऊ चेन्नई राजकोट और रायपुर भी इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए अपने नगरों को संक्रमणमुक्त करने नागरिकों को सुरक्षित रखने राशन और अन्य जरूरी चीजों की सुविधाएं प्रदान करने आदि के लिए अनेक तकनीकी प्लेटफॉर्म का उपयोग करके इसे सफल बना रहे हैं।

भारत हेवी इलैक्ट्रिकल लिमिटेड ने तो चार दिनों में ही एक डिस्इनफेंक टेंट बना लिया है।

नगर स्तर पर चलाए जा रहे इन उपक्रमों ने यह प्रमाणित कर दिया है कि भारत के सोशल  कैपिटल में उसके नागरिको नगर.सेवा कार्पोरेट और शैक्षिक जगत् की शक्ति एकजुट है। यही कारण है कि स्वास्थ्यकमियों और पुलिसकर्मियों के प्रयासों की सराहना के लिए प्रधानमंत्री के आह्वान पर पूरे देश ने एकजुटता दिखाई थी। यह वह समय है जब हमारे जिम्मेदार नागरिक यह नहीं पूछ रहे हैं कि प्रशासन उनके लिए क्या कर सकता है बल्कि वे ही प्रशासन के लिए कुछ करने को तैयार खड़े हैं।

                    
In this moment of calamity, the government has to work very actively on many fronts simultaneously. Some very harsh decisions have to be taken, and somewhere a very soft attitude has to be adopted. In the midst of all this, the administration has had to mobilize from G.Jan in saving lives and conducting relief operations.

In the entire context, the first challenge for the Indian administration has been to run the health service smoothly.

Along with keeping the other immigrant workers in their place, there has been a problem of their food and living arrangements.

Technology has made both these challenges of administration very easy. Necessity is the mother of invention, many data base monitoring platforms have been designed to make the statement meaningful. The technique of spreading the virus through them is being increasingly used to find out the condition of the needy and their needs.

In this series, Surat Municipal Corporation has prepared covid .19 Trekker App. Through this, the health status of the recently returned people from home quarantine and abroad is being ascertained. About 8500 people are being tracked by this.

The Greater Bangalore Municipal Corporation of Bangalore has prepared a 24x7 corona virus war room. This technology, prepared through GIS, is tracking health workers through GPS.

Nagpur Municipal Administration has taken the support of private sector for this fight. E.Doctor service is being provided in the public-private partnership in Agra. Televideo Consultation can be taken from this.

Lucknow, Chennai, Rajkot and Raipur are also moving in the same direction, making it successful by using various technology platforms to make their cities free of infection, providing ration and other essential facilities to the citizens.

Bharat Heavy Electrical Limited has built a disinfant tent within four days.

These undertakings run at the city level have proved that the social capital of India has the power of its citizens, city service, corporate and educational world. This is the reason why the whole country had shown solidarity on the Prime Minister's call to appreciate the efforts of health workers and policemen. This is the time when our responsible citizens are not asking what the administration can do for them, rather they are ready to do something for the administration.

Indian and Chinese Soldiers Fight near Sikkim Border दोनों तरफ के जवानों को आईं चोटें



भारतीय दैनिक हिंदुस्तान टाइम्स ने एक सैन्य सूत्र का हवाला देते हुए कहा कि चार भारतीय सैनिक और सात चीनी सैनिक घायल हो गए, जब कुछ सैनिकों ने टकराव के दौरान मारपीट की, जिसमें कहा गया कि यह शनिवार को हुआ और इसमें लगभग 150 सैनिक शामिल थे।

अभी हाल ही में चाइना और भारतीय सैनिकों के बीच आमने सामने हाथ पाई हो गयी यह कोई नयी घटना नहीं लेकिन ऐसा होता क्यों है जब बोर्डर अलग है, दोस्तों सिक्किम बार्डर के पास नाथूला और चो ला इन जगह पर भारतीय सैनिक तैनात है लेकिन यहां पर 12 महीने तैनात होना नामुमकिन है क्योकि यहां का वातावरण अनुकूल नहीं रहता तो कुछ दिनों के लिये भारतीय सैनिक यहां से हट जाते हैं लेकिन जब वापिस लौटते हैं तो चीनी सैनिक हर बार अपने तम्बू अपना समान कैम्प बना लेते हैं फिर भारतीय सैनिक इन्हे खदेडते हैं तब ये भागते हैं ,ऐसा ये हर बार करते हैं। लेकिन इसकी बहुत संधियां हुई है और सब अभी तक ठीक था।

भारत सरकार को अब समझने कि जरूरत है इससे पहले हम सबको इस बुक को पढना चाहिये आप और अच्छे से समझ जायेगें एक किताब आयी थी जिसका नाम है वाटरशेड 1967 इण्डियास फार्गेटन विकटरी आॅफ चाइना इसे पढने कि अब जरूरत है। जिस समय पूरे प्रथ्वी पर कोरोना महामारी है ऐसे में सब व्यस्त हैं और चीन ऐसा कर क्यों रहा इसका कहीं न कहीं इसका कारण हमारी  डिप्लोमैसी भी है, जबसे चीनी सरकार द्वारा मचाया गया उत्पात कि बजह से समस्त पृथ्वी के लोग संकट में ऐसे में पृथ्वी के ज्यादातर देशों ने चीन को दोषी ठहराया है, जिसके चलते चीनी सरकार परेशान है, वहीं भारत और जापान ने अभी तक चीन के खिलाफ कोई भी टिप्पणी नहीं कि जिसका फायदा चीन कि सरकार उठाने कि कोशिश कर रही है। कुछ दिन पहले ही चीन ने जापान के आइलैण्ड पर कब्जा कर अपनी शिप से ब्लाक कर दी जापानी जहाजों को परेशान कर खदेड दिया और बोर्डर शील कर दिया वही अब भारत में घुसपैठ कि फिराक में है। मेरा मानना है कि चीनी सरकार के सोचने का तरीका अलग है वह समझती है कि ये देश कमजोर है इतने मजबूत है नहीं कि हमारे खिलाफ बोलेगें कोरोना वाइरस फैलाने के खिलाफ चाइना इन्हीं देशों को और पुस कर रही है। समस्त देशों को चाइनीस सरकार द्वारा फैलाये गये चाइनीस वाइरस का हिसाब मांगना बहुत जरूरी है।  

थोड़ा  इतिहास  पर भी नजर दाल लें 

नाथू ला और चो ला संघर्ष भारत और चीन के बीच सिक्किम के हिमालयी साम्राज्य की सीमा के साथ भारत और चीन के बीच सैन्य संघर्ष की एक श्रृंखला थी, 

नाथू ला संघर्ष 11 सितंबर 1967 को शुरू हुआ, जब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने नाथू ला में भारतीय चौकियों पर हमला शुरू किया और 15 सितंबर 1967 तक चला। अक्टूबर 1967 में चो ला पर एक और सैन्य द्वंद्व हुआ और उसका अंत हुआ। उसी दिन।

स्वतंत्र स्रोतों के अनुसार, भारतीय सेनाओं ने "निर्णायक सामरिक लाभ" हासिल किया और इन झड़पों में चीनी सेना को हराया। नाथू ला में कई पीएलए किलेबंदी को नष्ट कर दिया गया था,जहां भारतीय सैनिकों ने हमलावर चीनी सेना को वापस खदेड़ दिया।
1 अक्टूबर 1967 को, भारत और चीन के बीच चो ला में एक और झड़प हुई, सिक्किम-तिब्बत सीमा पर एक और दर्रा, जो नाथू ला से कुछ किलोमीटर उत्तर में है। 

विद्वान वैन ईकेलेन का कहना है कि द्वंद्वयुद्ध चीनी सैनिकों द्वारा दोनों के बीच हाथापाई के बाद शुरू हुआ था, जब चीनी सैनिकों ने सीमा के सिक्किम-पक्ष में घुसपैठ की, पास का दावा किया और इस पर भारतीय कब्जे का सवाल किया। 

हालाँकि, चीन ने दावा किया कि उकसावे की कार्रवाई भारतीय पक्ष से हुई थी। चीनी संस्करण के अनुसार, भारतीय सैनिकों ने पास के चीनी क्षेत्र में घुसपैठ की, तैनात चीनी सैनिकों के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए और उन पर गोलियां चला दीं।

सैन्य द्वंद्व एक दिन तक चला,  और भारतीय मनोबल को बढ़ाया।शेरू थपलियाल के अनुसार, इस झड़प के दौरान चीनियों को चो ला में लगभग तीन किलोमीटर पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा।
                          
                             power of indian army 

                                  real hero of india

The Indian daily Hindustan Times quoted a military source as saying that four Indian soldiers and seven Chinese soldiers were injured when some soldiers beat up during the confrontation, stating that it happened on Saturday and involved around 150 soldiers .

Recently, there has been a face-to-face between China and Indian soldiers, this is not a new incident but why it happens when the boarder is different, friends Nathula and Cho La Inn near Sikkim border, Indian soldiers are stationed here but here It is impossible to be posted for 12 months because the atmosphere here is not favorable, then the Indian soldiers withdraw from here for a few days but when they return, the Chinese soldiers A. Every time you take your tent to make my same camp again when Indian troops him Kdedte the rush, do it every time. But it has been many treaties and all was well till now.

The Government of India now needs to understand that before we all should read this book, you will understand better and there was a book called Watershed 1967 India FARGETON VICTORY OF CHINA It is now needed to read it. At the time when there is a corona epidemic all over the earth, everyone is busy and our reason for why China is doing this is due to our diplomacy, since the Chinese government created a ruckus that all the people of the earth are in a crisis. Most countries have blamed China, due to which the Chinese government is upset, while India and Japan have not yet made any comment against China, which benefits Rather than trying to take the government. Just a few days ago, China captured the island of Japan and blocked its ship, harassed the Japanese ships and shooed the boarder, the same is now in the infiltration of India. I believe that the Chinese government's way of thinking is different. She thinks that these countries are weak and not so strong that China will speak against us by spreading the Corona virus. It is very important to demand the account of the Chinese virus spread by the Chinese government to all countries.

Take a look at some history too

The Nathu La and Cho La conflict was a series of military conflicts between India and China along the border of the Himalayan Empire of Sikkim,

The Nathu La struggle began on 11 September 1967, when the People's Liberation Army (PLA) launched an attack on Indian outposts in Nathu La and lasted until 15 September 1967. In October 1967, another military conflict ensued and ended with Cho La. Same day

According to independent sources, Indian forces gained "decisive strategic advantage" and defeated the Chinese army in these skirmishes. Several PLA fortifications were destroyed at Nathu La, where Indian troops drove back the invading Chinese army.

On 1 October 1967, there was another skirmish between India and China at Cho La, another pass on the Sikkim-Tibet border, a few kilometers north of Nathu La.

Scholar van Eiklen states that the duel began after a scuffle between the two by Chinese troops, when Chinese troops infiltrated the Sikkim-side of the border, claimed the pass and questioned Indian occupation over it.

However, China claimed that the provocation was from the Indian side. According to the Chinese version, Indian soldiers infiltrated nearby Chinese territory, made inflammatory statements against the deployed Chinese troops and opened fire on them.

The military duel lasted for a day, and boosted Indian morale. According to Sheru Thapliyal, the Chinese were forced to retreat about three kilometers into Cho La during this skirmish.

लव अफेयर्स क्या है। What is love affairs



दोस्तो उम्मीद करता हूॅ कि आपके  प्रेम को वही इंसान समझ सकता है जो प्रेम बन सकता है  वाला लेख पसन्द आया होगा, मेरे प्रिय दोस्तों पहले तो आप लोगों का बहुत-बहुत धन्यवाद मेरे लेख को वाटस एप्प, फेसबुक, इन्सटाग्राम में शेयर कर अपना सहयोग हमें देने के लिये आज का टॅापिक भी बहुत बेहतरीन होने वाला है आज हम बात करेगें एक शब्द है, लव अफेयर्स जिसको आज नयी जनरेशन ने कहे तो हमने स्वयं ही इसे न समझी कि तरह उपयोग किया वास्तव में आज हम आपको इसको विस्तार से समझाता हूॅ। लव अफेयर्स कोई खराब चीज नहीं बसरते इसे अच्छे से उपयोग किया जाये लव अफेयर्स का अर्थ आज किसी से पूछो तो काई कहेगा कि मेल-फिमेल लोगों के बीच बिताया गया समय, कोई कहेगा सैक्सुअल रिलेशनशिप, कोई कहेगा कि एक-दूसरे कि जरूरत कि पूर्ति के लिये किये गये काम जीतनी आसानी पूर्वक इसका जबाब दिया गया वास्तव में यह उतना सरल है नहीं कि एक सोचते ही जबाब दे दिया यही कारण है हम इस शब्द को समझ नहीं पाये, सबके अपने-अपने विचार हो सकते हैं सब अपने अनुसार जबाब देगें लेकिन वास्तविकता में क्या यह सच है तो मै कहूॅगा नहीं क्यों क्योंकि एक लव अफेयर्स का महत्व इस बात से नहीं है कि दो लोगों के बीच क्या होता है, बल्कि इसका महत्व उस मिठास में है जिससे यह आपको भर देता है। मैं पहले ही आपको बता चुका हूॅ कि प्रेम आराम का साधन नहीं प्रेम स्वयं को मिटा देने कि प्रक्रिया है, साफ शब्दों मे कहे तो यह एक गहरा रहस्यमय दर्द है। लव अफेयर्स शब्द को अब आप समझ गये होगें इसका दो लोगेां के बीच क्या होता है इससे कोई सम्बन्ध ही नहीं हैं ये एक प्रक्रिया है जिसमें आप अन्दर से अपने आप को समझने का मौका देता है और आप पहले से समझदारी पूर्वक जीने कि शुरूआत करेगें। ये सब प्रक्रिया का अुनभव वही कर सकता है जिसके अन्दर कि हर चीज टूट चुकी हो, तभी आप जान पायेगें कि लव अफेयर्स (प्रेम) क्या है। वास्तव में यही एक प्रक्रिया होती है जिसकी रचना हम स्वयं करते हैं और समय जीवन में घटने वाली समस्याओं का पता ही नहीं कहां से आ रही कहां जा रही क्या हो रहा और क्या नहीं


What is love affairs

Friends, I hope that you can think of my love as the person who can become love, I would have liked the article, my dear friends, first of all, thank you very much for sharing your article in the WhatsApp, Facebook, Instagram Today's topic is also going to be very good to give us cooperation. Today we will talk is a word, Love Affairs, which the new generation said today, we did not understand it ourselves. B in fact used today we explain to you in detail this undertaking. Love Affairs is not a bad thing, it should be used well It has been answered easily to win the work done for it, in fact it is not as simple as one thought it was answered, that is why we could not understand this word, everyone Everyone may have their own thoughts, but they will answer according to their own, but in reality is it true, then I will not say why not because a love affair is not important about what happens between two people, but its importance in that sweetness. So that it fills you. I have already told you that love is not a means of comfort, but love is a process of erasing oneself, to put it clearly, it is a deep mysterious pain. Now you will understand the word love affairs, it does not have any relation with what happens between the two people, it is a process in which you get a chance to understand yourself from inside and you will start living wisely beforehand. The experience of all this process can do the same, in which everything is broken, only then you will know what is love affairs. In fact, this is a process whose creation is done by itself and time does not know the problems occurring in life, where it is coming from, where it is going and what is not.


प्रेम को वही इंसान समझ सकता है जो प्रेम बन सकता है। lovers


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आज के लवर्स लव के चक्कर में सब बर्बाद किये हैं, इसका कारण है कि वे लोग लव (प्रेम) को समझते ही नहीं या फिर सिर्फ वासना के वशीभूत होकर भागना शुरू कर देते हैं, दोस्तों आज हम आपके बहुत सारे सवालों के जबाब इस ब्लाॅग में दे दूंगा फिर शायद आप इस रहस्यमय दर्द से अपने आप को बचा पायें,ज्यादा दर्द से अपने आप को बचा पायें। 
ज्यादातर लोग सोचते हैं प्रेम से सुख, शांति मिलेगी आनन्द मिलेगा तो उन्हें मैं बता दूं इससे आपको कोई सुख,शान्ति नहीं मिलेगी हां ये जरूर कह सकता हूं कि इस दौर से गुजरने के बाद आप समझदारी पूर्वक जीना सीख जायेगें समझ जायेगें कि इस रहस्यमय दर्द को। हम ऐसा करते क्यों हैं क्या है ये चीज हम सब कुछ छोड कर बस प्यार नामक लगाव के पीछे भागने लगते हैं वास्तव में सच्चाई ये है कि वह ऐसा समय होता है जब हम अपने आप को अधूरा अकेला महसूस करने लगते हैं, इसलिये आप चाहने लगते हैं कि आपसे कोई प्रेम करें, मैने जहां तक समझा वास्तविकता यही है। दूसरी चीज जिसे मैने बहुत नजदीक से समझा है, कि प्रेम को वही इंसान समझ सकता है जो प्रेम बन सकता है, जो खुद को खो देने के डर से उपर उठ गया है।
वही इस को नजदीक से समझ सकता हैं बाकी लोग तो परेशान ही रहेगें पता ही नहीं चलेगा क्या हो रहा और समय निकल जायेगा फिर आप और आपकी यादें होगी। प्रेम शब्द है क्या वास्तव में जब आप प्रेम करते हैं तब आप स्थिर और शान्त हो जाते हैं, फिर और किसी चीज कि जरूरत नहीं रह जाती वास्तव में प्रेम यही है प्रेमी लागों के उदाहरण के तौर पर आप देखेगें कुछ बाबा, बैरागी लोग अपने आप में ही खेाये रहतें हैं, पहाड,नदियां, प्रकृति को देखकर ही खुश रहते हैं, कुछ लोग मनुष्य व जानवरों कि सेवा में लगे रहते हैं उनको कुछ दिखता ही नहीं, आपने नाम सुना होगा मीराबाई, तुलसीदास जैसे महान लोग प्रेम शब्द केा बहुत अच्छे से समझा कर गये हैं हमारे सामने उदाहरण है उनको हर जगह अपना प्रेम दिखता था क्यांेकि उनको स्वार्थ वश कुछ अपेक्षायें नहीं थीं, हर जगह प्रेम ऐसे जीते थे मानो कुछ हुआ ही नहीं उनके उपर इतने अत्याचार हुए लेकिन वह प्रेम नामक शब्द की असली दुनिया में पूरी तरह समा चुके थे दुनिया में कुछ ही लोग है जो इसे समझ पाये और उसमें अपने आप को जान पाये कि वे क्या हैं,दोस्तो समय के अनुसार बदलाव तो होता ही है वही का आज परिणाम है कि हमने प्यार को जाने क्या-क्या बना डाला एक शब्द है वासना हमने प्रेम में इसको उच्च स्थान पर रख दिया है वास्तविकता में पहले ये शब्द प्रेम के अन्तिम पडाव में था लेकिन हमने इससे पहले कोडिग कर दिया जिसके कारण सब गडबड हो रहा आज हम आपको अपने विचारों के माध्यम से समझाने कि कोशिश करेगें वास्तविकता में प्रेम और वासना शब्द मिलते जुलते लग रहे है लेकिन वास्तव में इनमें जमीन आसमान का अन्तर है, दोस्तों वासना एक जबरजस्त जरूरत है और प्रेम कोई जरूरत नहीं हैं जैसे मैने पहले कहा कि जब आप प्रेम करते हैं तो आप शान्त और स्थिर हो जाते हैं फिर और किसी चीज कि जरूरत नहीं रह जाती दोस्तों मैं आपको बताना चाहूंगा कि आपको प्रेम हुआ कि नहीं इसकी पहचान का बस एक ही तरीका है जब आप महसूस करने लगे कि आपका मन शान्त और स्थिर हो रहा है तो आप उस प्रेम में जी सकते हैं, अगर आपको लगे कि आप अशान्त हो रहे हैं तो आप समझ लेना कि आप प्रेम कि रास्ते पर नहीं हैं आप अपने जीवन कि सबसे बडी भूल कि ओर जा रहे हैं। आप लोग या मेरा करीबी कोई इसे पड रहा हो तो वह जरूर एक बार अचम्भित होगा लेकिन हम अपने विचारों को अपने अन्दर नहीं रख सकते संसार में असंख्य लेाग हैं वास्तव में कितने लोग अपने जीवन के विचार शेयर करते हैं कुछ कह जाते हैं कुछ अपने साथ ही ले जाते हैं। हम हर बार सामने वाले को गलत नहीं ठहरा सकते लेकिन हम उसको सही तरीके समझ कर अपनी गलती सुधार सकते हैं। वास्तविकता में हमने ही सारे नियमों को उलट पलट कर रख दिया है, फिर समस्या तो आयेगी ही आज का लेख उन लोगों के लिये जो इस दौर से गुजरने वाले हैं औ जो गुजर चुके हैं अभी भी परेषान हैं।
दोस्तों आपका सहयोग हमें मिल रहा उसी कि वजह से हम अपने विचारेंा को इस प्लेटफार्म में आपके सामने रख पा रहे हैं। अच्छा लगे तो शेयर करें इससे हमारा उत्साह बना रहता है, आप सामाजिक और प्यार (लव) से से जुडे सवाल हमसे कमेन्ट बाक्स में पूछ सकते हैं हम आपकी समस्या का समाधान आपकी इमेल आइडी पर दे देगें। नमस्कार   
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Today's lovers have spent a lot in love, it is because they do not understand love (love) or just start running away due to lust, friends, today we will answer many of your questions in this blog. I will give you then maybe you can save yourself from this mysterious pain, you can save yourself from most of the pain.
Most people think that love will bring happiness, peace and joy, so let me tell them it will not give you any happiness, peace, yes I can definitely say that after going through this phase you will learn to live wisely and understand that this mysterious pain To. Why do we do this? What is this thing, we leave everything behind and just run behind the attachment called love. Actually the truth is that this is the time when we start feeling unfulfilled alone, so you start wanting. If someone loves you, this is the reality as far as I have understood. The other thing that I have understood very closely is that love can be understood by a person who can become love, who has risen above the fear of losing himself.
He can understand this from close quarters, the rest of the people will be upset and will not know what is happening and time will pass then you and your memories will be there. Love is the word, do you really become stable and calm when you are in love, then there is no need for anything else, in fact, this is love. As an example of lovers, you will see some Baba, the reclusive people. We live in the mountains, the rivers, rivers, nature are happy to see, some people are engaged in the service of humans and animals, they do not see anything, you must have heard the name Mirabai, Great people like Lusidas have understood the word love very well, there is an example in front of us, they saw their love everywhere because they did not have any expectations of selfishness, love everywhere lived as if nothing had happened, they were tortured so much But he was completely absorbed in the real world of the word love, there are few people in the world who can understand it and know themselves in it what they Yes, friends, there is a change according to the time, today the result of this is that what we have made love known is a word, lust we have placed it in a high place in love, in reality, these words are the last steps of love. But we had codified before that due to which all things are getting messed up, today we will try to explain you through our thoughts, in reality, we will find the words love and lust. Looks like, but in fact there is a difference of land and sky, friends, lust is a tremendous need and love is not a need, like I said earlier when you love you become calm and stable then you need something else. No longer, friends, I would like to tell you that you are in love or not, there is only one way to recognize that when you start feeling that your mind is getting calm and stable then you Yes, you can live in love, if you feel that you are getting disturbed, then you should understand that you are not on the path of love, you are going towards the biggest mistake of your life. If you or someone close to me is reading this, then he will surely be amazed once but we cannot keep our thoughts inside us. Only take it. We cannot justify the person in front of us every time, but we can correct our mistake by taking the right way. In reality, we have reversed all the rules, then the problem will only come today for those who are going through this phase and those who have passed are still in trouble.
Friends, we are getting your support because of that we are able to put our thoughts in front of you in this platform. If you like it, then it keeps our enthusiasm, you can ask questions related to social and love (love) in the comment box, we will give solution to your problem on your email id. Hi


चिकित्सा के नाम पर सबसे ज्यादा लूट खशोट मचाते हैं,private medical sector

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आज जहां कोरोना वाइरस जैसी महामारी ने सब जगह दहसत मचा रखी है। सब एक दूसरे की मदद कर रहे वही बहुत सारी छिपी हुई चीजें हमारे समाने आ रही है जिनका पर्दा फास होना बहुत जरूरी भी था जैसे भारत में मेडिकल व्यवस्था भारत में सरकारें प्राइवेट मेडिकल सेक्टर को बढावा बहुत देती हैं और क्यों न दें सरकारे सोचती हैं कि काम और सुविधा मुहैया होगी लोगों को और सरकार का बोझ भी कम होगा लेकिन आज इस चीज का पर्दा फास हो गया हमें इससे सबक लेना चाहिये और सरकार को समझना चाहिये कि आज महामारी में ज्यादातर सरकारी डाॅक्टर ,कर्मचारी ही कोरोना वारियर्स के रूप में काम कर रहें आज ये प्राइवेट वाले नजर नहीं आ रहें, जो चिकित्सा के नाम पर सबसे ज्यादा लूट खशोट मचाते हैं, सच्चाई ये है कि जितने में एक मिडिल क्लास फैमिली का एक महीने का खर्चा है उतना इनकी एक बार में पर्चे में दवाईयां लिखते हैं, वह भी अपने ही हास्पिटल में खुले मेडिकल स्टोर कि किसी को नहीं छोडते एक अल्ट्रासांउड कराओ तो पूरी जेब खाली, आपरेशन कराओ तो जेबर गिरवी, सर्जरी कराओ तो मकान गिरवी और कोई इलाज कराओ तो तारीख पे तारीख मर्ज सही करने के नाम पर उसे अपना स्थायी ग्राहक बना के रख दिया जाता है, ऐसे में इन्हें जनता के लिये फ्री सेवा देना चाहिये वही आज भी कमाने का जरिया बना रखा है, सरकार को आज समझना चाहिये कि हमें किस ओर जोर देना है इन प्राइवेट सेक्टर में या सरकारी सेक्टर में प्राइवेट सेक्टर में तो आज जाओ तो भर्ती ही नहीं करते डर रहे कही कोराना तो नहीं कैसे डाक्टर हैं, वही सरकारी डाॅक्टर लगे हैं दिन रात हां ऐसे में ये कहना गलत होगा कि सब प्राइवेट सेक्टर ऐसा कर रहे कुछ प्राइवेट मेडिकल सेक्टर हैं जो ऐसी परिस्थिति में सरकार व जनता के साथ मिलकर अच्छा काम कर रहें अभी कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्राइवेट हो या सरकारी कोरोना कि जांच फ्री करें लेकिन इन प्राइवेट मेडिकल सेक्टर को सांप सूंघ गया नहीं मानी फिर कोर्ट ने अपना फैसला बदला इससे साफ साबित होता है कि ये प्राइवेट मेडिकल सेक्टर वाले सिर्फ अपने झोले और अपने बारे में सोचते हैं इनको देश या देश के लोगों से कोई मतलब नहीं, नहीं तो सरकार इनको मेडिकल किट मुहैया करा रही थी दो-चार महीने फ्री लोगों कि मदद नहीं कर सकते थे क्या सरकार को इनके खिलाफ सख्त कदम उठाना चाहिये और ऐसे लोगों को मेडिकल सेक्टर में आने से पहले एग्रीमेन्ट करा लेना चाहिये वो भी सख्त रूप से आज भारत में कोरोना फाइटर जो सब स्थिति को सम्भाल के चल रहे वह हैं हमारे देश का सरकारी तन्त्र जिसे हम निठल्ला कहते थे, अगर हम इन सरकारी तन्त्र को और सुविधाये मुहैया कराये तो ये और अच्छा काम कर सकते हैं, हम प्राइवेट सेक्टर को हर चीज में छूट देते हैं और इनकी बिल्डिंग बडी होती चली जाती हैं सरकारी तन्त्र धस्ता चला जाता है मुझे लगता हैं कि हमें अपने देश का मेडिकल सेक्टर सरकारी तन्त्र ही मजबूत करना होगा वैसे तो मोदी सरकार ने बहुत काम किये है पहले कि सरकार कि अपेक्षा लेकिन अभी और जरूरत है आज इन्हीं प्राइवेट सेक्टर कि बजह से लोगो में कोरोना से लडने कि प्रेयणा देनी चाहिये वही ये अपने हास्पिटल में चाहे गर्भवती महिला हो चाहे कोई इमरजेन्सी मरीज हो कोरोना के डर से भर्ती ही नहीं कर रहें लोग फिर वह आज इस जगह भी हमारा सरकारी तन्त्र ही काम कर रहा ।


Today, an epidemic like Corona virus has caused panic everywhere. All those who are helping each other, the same hidden things are coming in front of us, it was very important that the curtains in India are very important, like the medical system in India gives a lot to the private medical sector and why should not the governments think that Work and facilities will be provided to the people and the burden of the government will also be reduced, but today the curtain of this thing has fallen, we should take a lesson from it and the government should understand That in the epidemic today, most government doctors, employees are working as Corona warriors, these private people are not seen today, who make the most loot in the name of medicine, the truth is that as many as a middle class family He spends one month as much as he writes medicines in a prescription, that too open medical stores in his own hospital that nobody leaves an ultrasound If the entire pocket is emptied, the operation is done, the mortgage will be mortgaged, the surgery is done, the house is mortgaged and any treatment is done, then it is kept as a permanent customer in the name of correcting the date-to-date merge, so they are free to the public. Service should be given, the same has remained the way to earn even today, the government should understand today which side we have to emphasize in these private sector or in the private sector in the government sector If you go today, do not even recruit, you are afraid, how are you not, how are the doctors, the same government doctors are engaged day and night, in such a situation, it would be wrong to say that there are some private medical sectors doing all the private sector which in such a situation the government and Doing good work together with the public, just a few days ago, the Supreme Court had said that it should be private or government corona free of charge, but these private medical services The snake did not consider the snake to be sniffed, then the court changed its verdict, it is clear that these private medical sector people only think about their bag and their own, they do not have any meaning with the country or the people of the country, otherwise the government will give them medical kit Was providing two or four months could not help the free people, should the government take strict steps against them and take initiative in getting such people into the medical sector Agreement should be made strictly; Corona Fighter in India today, which is going to take care of all the situation is the government system of our country which we used to call Nithala, if we provide more facilities to these government system then this more good work Can, we give relaxation to the private sector in everything and their building gets bigger and the government machinery goes down, I think we should The medical sector of the country will have to be strengthened by the government system, although the Modi government has done a lot of work earlier than the government but now more is needed. Today, people from these private sectors should give their prayers to fight against the corona. Whether I am pregnant woman or an emergency patient, people are not recruiting for fear of Corona, then today, this place is also our official system Doing.

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