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लोग क्यों मजबूर हो जाते है अपनी जान लेने के लिये depressed life

लोग क्यों मजबूर हो जाते है अपनी जान लेने के लिये लाइफ कोरोनावाइरस  सुशांत सिंह राजपूत 





दोस्तो nomadsachinblogs में आपका स्वागत है दोस्तों वैसे तो लाॅकडाउन और कोरोना वााइरस में सभी की हालत ख़राब है  बदलते लाइफस्टाइल में डिप्रेशन की बीमारी अब आम हो रही है। महानगर से निकलकर यह छोटे शहरों और कस्बों तक पहुंच रही है। इसके शिकार न सिर्फ युवा और बुजुर्ग बल्कि स्कूल जाने वाले स्टूडेंट भी हैं। इसका इलाज  दवाओं से नहीं हो सकता। इससे उबरने के लिए परिवार दोस्त और अपनों के साथ की भी दरकार होती है।  लंबे वक्त में लाइफस्टाइल रिश्ते इमोशंस के साथ बुने गए ताने.बाने में जब सुराख होता है तो उम्मीदें धरी रह जाती हैं। सपने गायब हो जाते हैं। ऐसे हालात में मानसिक तौर पर टूटना लाजमी है।






तो क्या है ये यह केमिकल लोचा

डिप्रेशन की सबसे बड़ी वजह है चिंता और तनाव यानी दिमाग में केमिकल लोचा। इसके लिए आमतौर पर जिम्मेदार हालात हैं

. प्रियजन से बिछड़ना ;मसलन ब्रेकअप किसी की मौत या तलाक


. नौकरी छूटना या पैसे.जायदाद का नुकसान




. रिटायरमेंट के बाद खुद को बेकार समझना

. किसी कड़े मुकाबले में हार जाना

. मेहनत के बाद भी उम्मीद के मुताबिक नतीजा न मिलना

. कर्ज बढ़ जाना और उसे चुकाने का जरिया न होना

. भविष्य के प्रति अनिश्चितता

. किसी बड़ी बीमारी या मौत का खौफ आदि।



दरअसल जब नेगेटिव सोच का दायरा और वक्त बढ़ता है तो इंसान को उदासी घेर लेती है। महानगरीय जीवन में सबसे ज्यादा परेशानी होती है सपने टूटने से। उससे ज्यादा तकलीफ होती है भरोसा खत्म होने से। सपना और भरोसा साथी जॉब या रुपए.पैसे को लेकर हो सकते हैं। प्यार में दिल टूट सकता है और इसका दर्द 21 से 35 साल की उम्र वालों को ज्यादा सताता है। खासकर ऐसे पुरुष या महिला डिप्रेशन के हालात में ज्यादा पहुंचते हैं जो अपनी फैमिली से लंबे समय तक दूर रहे हैं। गांव.देहात में अपनों की मौतए खेती के खत्म होने कर्ज और लंबी बीमारी अक्सर लोगों को डिप्रेशन में ले जाती है।
                                                                                                         




कैसे.कैसे डिप्रेशन

मेजर डिप्रेशनः यह बहुत कॉमन नहीं है। ऐसा किसी का साथ या आदत अचानक खत्म होने पर होता है। इसे आप इमोशनल डिसऑर्डर कह सकते हैं जहां बीमार खुदकुशी की हद तक जा सकता है।

टिपिकल डिप्रेशनः यह उदासी का वह दौर है जिसमें बीमार खुशियां और गम न तो शेयर करता है और न ही किसी चीज को इंजॉय करता है।

साइकॉटिक डिप्रेशनः ऐसे हालात में बीमार को अनजान आवाजें सुनाई देती हैं और वह काल्पनिक चीजों में यकीन करने लगता है। वह शक या वहम का शिकार हो जाता है। कई बार वह खुद से बात करता नजर आता है। उसे लगता है कि सब कुछ खत्म हो रहा है।

डिस्थायमियाः जिंदगी सामान्य चल रही होती है लेकिन शख्स अक्सर उदास रहता है। लाइफ में खालीपन महसूस करता है और असंतुष्ट रहता है। अपनी लाइफ को एन्जॉय नहीं करता।

पोस्टपॉर्टमः डिलिवरी के बाद कई बार महिलाओं में डिप्रेशन का भाव घर कर जाता है। यह बहुत ही कॉमन है।



मैनियाः अक्सर उम्मीद के मुताबिक रिजल्ट न आने पर ऐसी ही मायूसी आती है। ऐसा एग्जाम के रिजल्टए ऑफिस में वर्क लोड और एप्रेजल के बाद देखने को मिलता 

मत उदास हो दोस्त मैं हूं ना अब ये  कहने वाले बहुत कम लोग बचे हैं दुनिया मे 




डिप्रेशन के दौरान एक सवाल कॉमन है . मेरे साथ ही इतना बुरा क्यों ऐसे में जब दोस्त ज्यादा उदास हो तो उसका हाथ थाम लें या कंधे पर हाथ रखें ताकि उसे भरोसा हो कि वह अकेला नहीं है। . .

. ब्रेकअप के बाद कपल के पास एक.दूसरे के लिए सैकड़ों सवाल होते हैं। वह बार.बार जवाब के लिए फोनए चैट या मेसेज से एक्स पार्टनर को परेशान कर सकता है। बतौर दोस्त उसे रोकें क्योंकि साथ छोड़ने वाला कभी सही जवाब नहीं देगा।

. बातों.बातों में उसे बताएं कि वह दुनिया का पहला शख्स नहीं हैए जिसे कोई छोड़कर गया है। ऐसे ब्रेकअप के किस्सों से दुनिया भरी पड़ी हैं। अगर कोई उदाहरण आसपास मौजूद हो और वह सामान्य जिंदगी जी रहा हो तो उससे मिलवा भी दें।

. परेशानी में कई बार लोग नशे का सहारा ढूंढते हैं। कई नामी हस्तियों की अधूरी प्रेम कहानी शराब के गिलास में खत्म हो गई।

. अक्सर डिप्रेशन में बदला लेने का ख्याल आता है 


. जब अग्रेसिव होने लगे तो बीच में डांट.डपट बिल्कुल न करें। कई बार मनोबल तोड़नेवाली बातें उसके गुस्से को बढ़ाती हैं। 


. डिप्रेशन के दौरान पीड़ित में त्याग की भावना पैदा होती है। अनमोल रिश्तों सामान और समय के खोने पर भी वह उसे अपनी किस्मत मानता है। 

;भावुक 



करियर के कारण टेंशन रखने वाला गुस्सैल शख्सः नक्स.वोमिका 

किसी अपने के इग्नोर करने से दुखी शख्सः पुल्साटिला 

जिसे जल्द डिमांड पूरी न होने पर गुस्सा आता होः आर्सेनिकम अल्बम 

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