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भगवान राम का विशाल मन्दिर अयोध्या ,सुन्दर मन लुभावनी प्राकृतिक सुन्दर दृश्य,shri ram temple ayodhya

घूमो भारत
अयोध्या


दोस्तो जैसा कि मैने कहा घूमो भारत प्रिय मित्रों अब भारत और भी सुन्दर होने वाला है जहां भगवान राम का विशाल मन्दिर बनने जा रहा है और दूसरी तरफ कश्मीर कि सुन्दर मन लुभावनी प्राकृतिक सुन्दर दृश्य भारत में आपका स्वागत है। मै आपको भारत के बेहतरीन बेहतरीन जगहों से परिचित कराउगां। अतिथि देवो भवः



जिस-जिस ग्रन्थ में भगवान राम कि गाथा गायी है वहंा-वहां अयोध्या नगरी का नाम अवश्य ही आया है। यहां कि सडकों ,राजप्रसादों,जनसामान्य के अवासीय भवनों,उद्यानों,सैन्य शिविरों बाजारों आदि का रोचक वर्णन रामायण में किया गया है। तैतरीय अरण्यक में अयोध्या नगर को आध्यात्मिक नगर के रूप में वर्णित करता है। बाल्मिकि ने तो रामायण में इस नगर कि सुन्दरता एवं विस्तार के बारे में पर्याप्त विवेचन किया है।



महाभारत में भीम ने पूर्वी देशों कि दिग्विजय के क्रम में अयोध्या को जीता था। कालिदास ने रधुवंश के 16 वें सर्ग में अयोध्या को गाया था। बौद्व साहित्य में साकेत एवं अयोध्या का नाम साथ-साथ मिलता है।
चन्द्रगुप्त काल में अयोध्या गुप्त साम्राज्य कि राजधानी थी। 


दोस्तो चित्रकूट यहां जब आप घूमने जायेगे तो आपको एक बेहतरीन आनन्द का अनुभव करेगे अगर आप भारत घूमने आये हैं तो चित्रकूट जरूर घूमियेगा।

यहां आप मंदाकिनी में स्नान ,कामानाथ कि परिक्रमा,हनुमान धारा, जानकी कुन्ड और भी बहुत कुछ है दोस्तो यहां पर भगवान राम ने बारह साल बिताये इसका वर्णन करना इतना आसान नही है।

चित्रकूट

भगवान राम से संबंधित ग्रन्थों में चित्रकूट को विशिष्ट रूप से वर्णित किया है। यह वर्णन बाल्मिकि रामायण तथा तुलसीदास द्वारा रचित रामचरित मानस में भलिभांति स्पष्ट है। यहां के पर्वतों कि शोभा कलकल नदियों के स्वच्छ जल कि मनोरमता, वनश्री कि अपूर्वता एवं पक्षियों कि सुन्दरता का साहित्य में मुख्य रूप से वर्णित है। श्री मदभागवत कि जो श्रृंखला गिनायी जाती है। उसमें गोवर्धन पर्वत तथा चित्रकूट का नाम अंकित है। वर्तमान में यह तीर्थ उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में स्थित है। 

Visit India

Ayodhya

Friends, as I said, visit India dear friends, India is going to be more beautiful now, where the huge temple of Lord Rama is going to be built and on the other side, welcome to India, the beautiful scenic scenic view of Kashmir. Let me introduce you to the best places in India. Atithi Devo Bhavah

The book in which the saga of Lord Rama is sung - the name of the city of Ayodhya must have come there. Here roads, Rajprasadas, public buildings, gardens, military camps, markets, etc. are interestingly described in the Ramayana. Taittariya describes the city of Ayodhya as a spiritual city in Aranyak. Balmiki has given enough discussion about the beauty and expansion of this city in Ramayana.

In the Mahabharata, Bhima won Ayodhya in the order of Digvijay of the eastern countries. Kalidasa sang Ayodhya in the 16th canto of Radhuvansh. Saket and Ayodhya are named together in Buddhist literature.

Ayodhya was the capital of the Gupta Empire in the Chandragupta period.

Chitrakoot

Friends, when you go to visit Chitrakoot, you will experience a great joy if you have come to visit India, then Chitrakoot will definitely roam.
Here you have a bath in Mandakini, Parikrama of Kamanath, Hanuman Dhara, Janaki Kund and much more Friends, Lord Ram spent twelve years here, it is not easy to describe it.

Chitrakoot

Chitrakoot has been uniquely described in the texts related to Lord Rama. This description is well-known in the Ramcharit Manas composed by Balmiki Ramayana and Tulsidas. The beauty of the fresh water of the Kalkal rivers, the beauty of the vanasri and the beauty of the birds are mainly mentioned in the literature. The series which is counted by Mr. Madhagwat. The name of Govardhan Parvat and Chitrakoot is mentioned in it. Presently this shrine is located in Banda district of Uttar Pradesh.

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सीखेा शIस्त्रीय संगीत,indi classical, music classes online classical music, lesson-7

सीखेा शIस्त्रीय संगीत free music class volume - 7
                        प्रैक्टिस गाना से




बाकी सब सपने होते हैं
अपने तो अपने होते हैं 


दोस्तो आज कि क्लास भी गाना से प्रैक्टिस कि होगी, सबसे पहले आप पांच मिनट अलंकारों कि प्रैक्टिस कर लें, उसके बाद गाना को एक बार वीडियों में सुने फिर धीरे-धीरे इसकी पै्रक्टिस करें। धीरे-धीरे सुरों को साधने कि कोशिश करें।
घबराये नही धीरे-धीरे आयेगा बहुत से लोग होगे जो हमसे भी अच्छा गा रहे होगे उनके लिये बहुत बडिया लगे रहे प्रैक्टिस करते रहे एक दिन जरूर नाम बनेगा और आनन्द के साथ गाये मन बोर नही होना चाहिये अगर मन बोरिंग महसूस करने लगे तो गाना बन्द करके गाना सुनने लगे जब मन को रिलैक्स मिल जाये तब फिर शुरू करें। इससे आपका मनोबल बढेगा और आप आनन्द के साथ फुल एनर्जी के साथ प्रैक्टिस कर पायेगे। यही कुछ तरीके हैं जिससे आप फाॅलो करके जल्दी सीख सकते हैं, और एक बात शेयर करना न भूले आज कल हर जगह नया फैशन है हर जगह माॅल हैं , मन्दिर हैं, और बहुत से पब्लिक प्लेस हैं जहां पर आप अपना गाना लोगो के सामने पेश कर सकते है डरे नही हिटकिचाहट को फेक दो निकाल कर जिस दिन ये कर लिया आप ज्यादा से ज्यादा ,अच्छा से अच्छा सीखने कि चाह अपने आप आयेगी। दूसरे देखों में तो लोग अभी करते हैं भारत में ऐसा करना पर भिखारी से तुलना कर दी जाती है, लेकिन कभी न कभी ये सेाच बदलनी होगी तो इसकी शुरूआत आप अपने कैरियर से करे अच्छा औपशन है आपके पास प्रैक्टिस के साथ-साथ पहचान बनाने का।





free music classes lesson-6 प्रैक्टिस गाना से


                  सीखेा षास्त्रीय संगीत free music classes volume-6
                                         प्रैक्टिस गाना से




मेरी जिदंगी तेरा प्यार, क्या नसीब मैने पाया
सब पा के सब गवाया, क्या नसीब मैने पाया
सब पा के सब गवाया,कुछ नहीं मेरे पास मेरी 
जिदंगी तेरा प्यार
दोस्तो आज कि क्लास पहले वाले गाना प्रैक्टिस से ज्यादा सुपर होने वाली है, सबसे पहले आप पांच मिनट अलंकारों कि प्रैक्टिस कर लें, उसके बाद गाना को एक बार वीडियों में सुने फिर धीरे-धीरे इसकी पै्रक्टिस करें। धीरे-धीरे सुरों को साधने कि कोशिश करें। घबराये नही धीरे-धीरे आयेगा बहुत से लोग होगे जो हमसे भी अच्छा गा रहे होगे उनके लिये बहुत बडिया लगे रहे प्रैक्टिस करते रहे एक दिन जरूर नाम बनेगा और आनन्द के साथ गाये मन बोर नही होना चाहिये अगर मन बोरिंग महसूस करने लगे तो गाना बन्द करके गाना सुनने लगे जब मन को रिलैक्स मिल जाये तब फिर शुरू करें। इससे आपका मनोबल बढेगा और आप आनन्द के साथ फुल एनर्जी के साथ प्रैक्टिस कर पायेगे। यही कुछ तरीके हैं जिससे आप फाॅलो करके जल्दी सीख सकते हैं, और एक बात शेयर करना न भूले आज कल हर जगह नया फैशन है हर जगह माॅल हैं , मन्दिर हैं, और बहुत से पब्लिक प्लेस हैं जहां पर आप अपना गाना लोगो के सामने पेश कर सकते है डरे नही हिटकिचाहट को फेक दो निकाल कर जिस दिन ये कर लिया आप ज्यादा से ज्यादा ,अच्छा से अच्छा सीखने कि चाह अपने आप आयेगी। दूसरे देखों में तो लोग अभी करते हैं भारत में ऐसा करना पर भिखारी से तुलना कर दी जाती है, लेकिन कभी न कभी ये सेाच बदलनी होगी तो इसकी शुरूआत आप अपने कैरियर से करे अच्छा औपशन है आपके पास प्रैक्टिस के साथ-साथ पहचान बनाने का।

free music classes songs practice | Vocal singing lessons for beginners ...volume -5


सीखेा षास्त्रीय संगीत free classes volume .5
               प्रैक्टिस गाना से


शाकी कि हर निगाहे पे बल खा के पी गया
लहरो से खेलता हुआ , लहरा के पी गया
पास रहता है ,दूर रहता है, कोई दिल में 
जरूर रहता है।
दोस्तो आज कि क्लास सुपर होने वाली है, क्योकि आज हम गाना से पै्रक्टिस करने वाले हैं, सबसे पहले आप पांच मिनट अलंकारों कि प्रैक्टिस कर लें, उसके बाद गाना को एक बार वीडियों में सुने फिर धीरे-धीरे इसकी पै्रक्टिस करें। धीरे-धीरे सुरों को साधने कि कोशिश करें। घबराये नही धीरे-धीरे आयेगा बहुत से लोग होगे जो हमसे भी अच्छा गा रहे होगे उनके लिये बहुत बडिया लगे रहे प्रैक्टिस करते रहे एक दिन जरूर नाम बनेगा और आनन्द के साथ गाये मन बोर नही होना चाहिये अगर मन बोरिंग महसूस करने लगे तो गाना बन्द करके गाना सुनने लगे जब मन को रिलैक्स मिल जाये तब फिर शुरू करें। इससे आपका मनोबल बढेगा और आप आनन्द के साथ फुल एनर्जी के साथ प्रैक्टिस कर पायेगे। यही कुछ तरीके हैं जिससे आप फाॅलो करके जल्दी सीख सकते हैं, और एक बात शेयर करना न भूले आज कल हर जगह नया फैशन है हर जगह माॅल हैं , मन्दिर हैं, और बहुत से पब्लिक प्लेस हैं जहां पर आप अपना गाना लोगो के सामने पेश कर सकते है डरे नही हिटकिचाहट को फेक दो निकाल कर जिस दिन ये कर लिया आप ज्यादा से ज्यादा ,अच्छा से अच्छा सीखने कि चाह अपने आप आयेगी। दूसरे देखों में तो लोग अभी करते हैं भारत में ऐसा करना पर भिखारी से तुलना कर दी जाती है, लेकिन कभी न कभी ये सेाच बदलनी होगी तो इसकी शुरूआत आप अपने कैरियर से करे अच्छा औपशन है आपके पास प्रैक्टिस के साथ-साथ पहचान बनाने का।
अपनी प्रतिक्रिया हमसे जरूर शेयर करें।

free music classes make sound vaibration | Vocal singing lessons | volume -4


सीखेा षास्त्रीय संगीत free music class volume - 4
               प्रैक्टिस बाइब्रेशन



इक प्यार का नगमा है, मौजो कि रवानी है।
जिदगी और कुछ भी नही ,तेरी मेरी कहानी है।।

प्रिय मित्रो कल आपने अलकारों कि प्रैक्टिस कि उम्मीद करता हूॅ कि आपको अच्छा लगा होगा मित्रो मै ये बता दूॅ कि मै भी आप लोगो कि तरह हूॅ मै प्रयागराज भारत में प्रयाग संगीत समिति प्रयागराज (इलाहाबाद) ये सारे भारत में प्रसिद्व है। मै यही का विद्यार्थी हूॅ यहां पर सिनियर गुरूओं के मार्ग दर्शन में शास्त्रीय संगीत का ज्ञान प्राप्त कर रहा हूॅ जितना सीखता हूॅ सब कुछ आप लेागो को समर्पित कर देता हूॅ। अपना सहायोग दे बस शेयर करते रहे। इससे हमारा मोटिवेशन बढता है। जिससे हम आपको अच्छे से अच्छा सिखा सकूॅ  जो यहां आकर अध्ययन नही कर सकते वो सब घर बैठकर आनन्द ले। 
इसके बाद का अगला लैशन में आपको एक गाना गाकर सुनाउगा जिससे आप का कुछ मन ठीक हो जायेगा और आप फिर से नये जोश के साथ खडे हो जायेगे।
आज का लैशन बहुत बेहतरीन होने वाला है तैयार हो जाये आज आप को मै सिखउगां कि कैसे तालु से बाइब्रेशन उत्पन्न किया जाये। जिससे आपकी आवाज में मधुरता आये और जो भी सुने मधुरता में खेा जाये लेकिन इसमे भी प्रैक्टिस कम मत रखना जितनी पै्रक्टिस होगी उतना ही बाद में मजा आने वाला है। डरना नही है लगे रहो दौस्तो जिसके पास कोई इस्ट्रूमेन्टस है तो अच्छी बात है जिसके पास नही है वो भी ले ले कोई भी काई दिक्कत नही इससे आपको बोरिंग नही होगी और आनन्द आयेगा गाने में भी मजा आयेगा।

free music class practi..| Vocal singing lessons | for beginners volume -3

सीखेा षास्त्रीय संगीत free classes volume-3
                     प्रैक्टिस



                            

करत करत अभ्यास के जडमत होत सुजान

दोस्तो इसका मतलब है कि किसी भी काम में प्रैक्टिस कर हम उसमे निपुणता हासिल कर सकते हैं। चाहे दुनिया कि कोई चीज हो अगर हम लगातार अभ्यास करते रहे तो एक न एक दिन हम उस विद्या में निपुणता हासिल कर लेगे ऐसा मेरा विश्वास है, एक दिन में नाम नही बनता लेकिन ये भी सत्य है एक दिन नाम जरूर बनता है इसके लिये जरूरी सिर्फ इतना है कि आप संगीत को अपने आप को समर्पित कर दे। दिल से अपनाये संगीत को फिर देखना इतना करने के बाद संगीत भी आपको अपना लेगा और आप आनन्द कि दुनिया में खो लायेगे जैसे कि आज अरिजीत सिंह, सुखविन्दर सिंह जैसे संगीतकार सिर्फ अपनी धुन में रहते हैं दुनिया से कोई मतलब नही अपना संगीत और काम बस इनको संगीत में अनुपम आनन्द कि अनुभूति होने लगी है ऐसा ही होता है । 
दोस्तो आज हम आपको पिछली सारी क्लासों कि प्रैक्टिस कराने वाला हूॅ , लग जाइये आनन्द लें।
अलंकार

    सा    रे    ग   म   प   ध   नी   सा
    सा    नी   ध   प   म   ग    रे   सा

अलंकार

सासा   रेरे  गग  मम  पप  धध  नीनी  सांसां
सांसां  नीनी  धध  पप  मम  गग  रेरे  सांसां

आप अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे जिससे हम आपकि होने वाली समस्याओं को समझ सके और अच्छे से सिखा सकूॅ।

free music class | singing lessons | for beginners volume-2


            सीखेा षास्त्रीय संगीत free music class volume -2
                                             अलंकार




                           



समां को पिघलने का अरमान क्यूॅ हैं।
पतंगो केा जलने का अरमान क्यूॅ है।।
इसी षौक का इम्तिहां जिदंगी है।

पार्ट वन में आपने अलंकारो कि एक झलक सीखी उम्मीद करता हूॅ आप ने उसकी प्रैक्टिस कि होगी दोस्तो अलंकार षास्त्रीय संगीत कि पहली सीढी है अगर आप ये सीढी जिसे नीव कहते हैं अगर नीव मजबूत हो तो चाहे जितनी बडी बिल्डिंग बना लो कहने का तात्पर्य यह है कि शास्त्रीय संगीत में आप जितनी प्रैक्टिस करेगे उतने ही अच्छे आप उस्ताद गायक बन जायेगें तो आप प्रैक्टिस जबरजस्त करें। चाहे दो दिन बाद मेरा पार्ट दूसरा लेसन देखे लेकिन प्रैक्टिस ही आपको बनायेगी। 

आज आप सीखेगे अलंकारो का दूसरा चरण 


अलंकार

सासा   रेरे  गग  मम  पप  धध  नीनी  सांसां
सांसां  नीनी  धध  पप  मम  गग  रेरे  सांसां

इसकी आपको पै्रक्टिस कम से कम तीन दिन करनी है तब कुछ अच्छा रिजल्ट आप दे पायेगें। घबराये नहीं आराम आराम से करें कोई जल्द बाजी नहीं है आप जितना अलंकारों को अपने दिल ,दिमाग में सेट करेगे उतना ही अच्छे आप निखर कर स्वच्छ पटल पर आयेगे। आनन्द के साथ चाहे आप बैक ग्राउण्ड में कुछ बजा भी सकते है सिलो मोशन में अगर आप हरमोनियम पर अलंकार का उच्चारण कर रहे है तो इससे बेहतरीन और कुछ भी नही हो सकता। आपके पास एक इन्ट्रूमेन्टस जरूर साथ रखखे अगर नही है तेा भी आप सीख जायेगे उसकी चिन्ता आप मुझ पर छोड दीजिये और ज्यादा से ज्यादा शेयर करे तााकि और भी लोग फायदा ले सके और शास्त्रीय संगीत कि दुनिया का आनन्द ले सके।

free music classes | Vocal singing lessons for beginners | volume -1

                  सीखेा षास्त्रीय संगीत free music volume -1
                                        अलंकार


                    

वे वजह था सफर , बिन तेरे हम सफर
लग रहा है तुझे , देखके जिदंगी कि तरफ
तू है पहला कदम , है तुझी में मेरी मंजिले


दोस्तों म्यूजिक कहा है म्यूजिक को गौर से सुनो इन संासोका के हर चीज में म्यूजिक है,वारिष कि गिरती बूदों मे म्यूजिक है ,आखों से गिरते आंसूओं में किसी के षोर में, किसी के ,खामोषी में ,हर एक धडकन, हर एक सांस में म्यूजिक है।

अगर आपको संगीत से है प्यार तो बने रहे हमारे साथ आज हम आपको संगीत का पूरा कोर्स फ्री में आपको सिखाने वाला हूॅ। उससे पहले आप संगीत के बारे में जानकारी जान ले आधुनिक भारत में संगीत के महान ज्ञाता मुगल कालीन अकबर के दरवार के आभूषण सुरों के उस्ताद श्री तानसेन जी जो ध्रुपद शैली, राग दीपक व वीणा वादन में पारंगत थे। वैसे तो आप जानते ही होगे।

आज हम आपको सीखा रहे हैं षास्त्रीय संगीत के अलंकार के बारे में सीखाउगां किस तरह अलंकार को आगे पीछे घूमा कर बेहतरीन तरीके से लय के साथ उनका उपयोग कर सके।षुरू में दोस्तो आपको दिक्कत का सामना करना पडेगा उसके बाद आप देखना अपने आप ही बेहतरीन प्रयोग करने लगेगे बस लगातार प्रैक्टिस करते रहिये और अपने विचार भी हमें बताते रहे क्या आप सीख पा रहे है या कोई दिक्कत हो रही है आप कमेन्ट में हमें बताये हम आपको अच्छे से अच्छे तरीके से और सरल तरीके से सिखाने कि कोषिष करूगां । बस प्रैक्टिस ज्यादा से ज्यादा करंे। जितनी अधिक प्रैक्टिस होगी उतनी ही अधिक आपकी आवाज में दम आयेगी।

अलंकार

    सा    रे    ग   म   प   ध   नी   सा
    सा    नी   ध   प   म   ग    रे   सा









आज कल विद्यार्थी के सामनेे समस्या है कि कैसे इतना मैटेरियल (सिलैवस) याद रखा जाये ,time management for students in hindi,

                                                 विद्यार्थियों कि समस्या 
                                                       याद नही होता
                                                      अब होगा याद


आज कल विद्यार्थी के सामनेे समस्या है कि कैसे इतना मैटेरियल (सिलैवस) याद रखा जाये आज याद करो तीन दिनों बाद फिर भूल जाते है, आज हम आपको ऐसे ही कुछ जबरजस्त ट्रिक (उपाय) बताउगां जो बेहद सरल है जिसको फाॅलो करने पर आप अपनी बौद्विक क्षमता और याद करने कि क्षमता का जबरजस्त विस्तार कर पायेगे, आज दुनिया में आबादी जितनी दिक्कत बनी हुयी है,उससे ज्यादा बढती मोटर गाडियां शेार और भी तमाम जीवन से सम्बंधित समस्याये हैं। ये उपाय उन उपायों में से हैं जिन्हे हमारे भारतीय महापुरूष पूर्वज जो एक बार किताबे पड ले फिर कभी भूलते ही नही थे,1000-1000 पेजों कि किताबें मुह जबानी रट लेते थे। ये उपाय बहुत से बौद्विक चिंतको द्वारा भी उपयोग किया है।



दोस्तों जब आप विद्यार्थी जीवन में होते हैं। तब आप डेली स्कूल,काॅलेज या कोचिंग जाते हैं। अध्ययन के लिये और जब बापस आते है बहुत थक चुके होते हैं और स्कूल का सिर्फ 30-40 प्रतिशत ही हमारा दिमाग गेन कर पाता है। इसका कारण है शेारगुल और दिमाग का जागरूक न होना,और विद्यार्थी जीवन में बहुत से भटकाव भी आते ये सबके जीवन में आते हैं, जैसे स्कूल,काॅलेज या कोचिंग संस्थानों में किसी के प्रति लगाव (प्यार) या सोशल मीडिया का गलत प्रयोग अकसर हमें भटकाव कि ओर ले जाते हैं। ये ऐसा प्रयोग है जो सभी समस्याओ ंको किनारे लगाकर ,प्रगति कि ओर आपको अग्रसर करने में मदद करेगा ।
अचूक उपाय-
1. जब आप पडने बैठे तो सबसे पहले हाथ - पैर धेा ले।

2. फिर आंख बन्द कर अपने माता-पिता- गुरू और मां-सरस्वती का एक मिनट ध्यान करें। सरल शब्दों में कहे तो एक मिनट इनको याद करे।
3. जब पडने बैठे तेा हर एक घण्टे बाद पांच मिनट का ब्रेक ले उस पांच मिनट में अपने माता-पिता- गुरू और मां-सरस्वती का एक मिनट ध्यान करें या पानी, या कुछ खा लें।

    या

असतो मां सदगमय
तमसो मां ज्योतिर्गमय
मृत्योर्मा अमृतम गमय
ओम शान्ति, शान्ति,शान्ति

तीन बार इस मन्त्र का उच्चारण करे। बस इतना करना है आपका मन ,दिल ,दिमाग सब आपके काबू में होगा । मित्रों सिर्फ दस दिन करके देखो अभी तो भारत में सर्दी है। आप लोग बगैर नहाये भी इसे कर सकते है जो लोग ठन्डे इलाके से हैं वो लोग ये न सोचे कि नहाना पडेगा ऐसा कोई प्रतिबंध नही हैं।
अन्त में एक बात कहना चाहूंगा कि पडने के बाद इसे जरूर शेयर करे ंताकि बहुत से ऐसे लोग है जिनको याद न होने कि समस्या से पीडित है। आपका एक शेयर लाखेां ,करोडो कि जिन्दगी बना सकता है। कृपया शेयर करें।
                               धन्यवाद

गुरुकुल रीति: शिक्षा से जुड़ी है दीक्षा. शिक्षा का अर्थ विद्या प्राप्त करना है।,gurukuls in india, gurukuls in haridwar, gurukul school

                             भारतीय गुरूकुलम रीति

शिक्षा पाने के बाद मानव विद्या का प्रयोग केवल अपने लिये न करे। बल्कि उससे समाज और देश को लाभान्वित करें। इसलिये शिक्षा के साथ दीक्षा का सनातन संबंध है। शिक्षा से मानवता के विकास और परस्पर मैत्री के भाव का संर्बधन जरूरी है। विद्या का उपयोग ज्ञान  के विस्तार के लिये हो न कि विवाद करने के लिये विद्या कल्याण का मार्ग बने पतन का नही इन गहरे तत्वो का विचार कर ही ऋषियों ने शिक्षा समाप्ति पर दीक्षा देने का समारोह प्रारम्भ किया जो गुरूकुलों में सदा से चली आ रही है।


मनुष्य का जीवन चार आश्रयों में बटा है इनमें पहले ब्रहाचर्य आश्रम में विभिन्न विषयों को जानने का अभ्यास मानव के शेष जीवन का आधार है। विद्यार्थी अवस्था में किया अध्ध्यन मानव को सोचने विचारने योग्य बनाता है।

भरतीय परंम्परा के आधार वेद है, वेद उन ग्रन्थों को कहते हैं जो सार्वकालिक एवं सार्वभैाम ज्ञाननिधि है। वेद चार हैं- ऋग्वेद, यजुर्वेद,सामवेद,अथर्ववेद महर्षि पतंजलि के महाभाष्य के अनुसार ऋग्वेद कि 21, यजुर्वेद कि 101,सामवेद कि 1000,अथर्ववेद कि 9 शाखायें थी। इन वेदो के चार प्रकार हैं। संहिता,अरण्यक,ब्राहम्ण,और उपनिषद शब्द का अर्थ है निकट बैठना उपनिषद परम्परा में शिष्य कि तत्वज्ञान संबंधी जिज्ञासा का समाधान ऐसे गुरू करते हैं जिन्होने स्वयं अमूर्त तत्व का साक्षात्कार किया हो। गुरू कैसे हो - वेद कहते है ब्राहम्निष्ठं क्षेत्रियं गुरूमाश्रयेत गुरू का श्रोत्रिय और ब्राहम्निष्ठ  होना नितात आवश्यक है। श्रोत्रिय शब्द का अर्थ । शास्त्रों का अध्ययन करने वाला आचर्य । ब्राहम्निष्ठ  से तात्पर्य में निरन्तर चित लगाने वाला ये दोनो होना बहुत जरूरी है । ये दोनो होना बहुत जरूरी है किसी एक के होने पर जीवन में भटकाव कि सम्भावना बनी रहती है।भारतीय संस्कृति | में गुरु शिष्य संबंध | भारतीय गुरूकुलम | रीति


Indian Gurukulam customs

After getting education, do not use anthropology only for yourself. Rather, benefit the society and the country from it. So initiation has an eternal relationship with education. It is necessary to promote the development of humanity and a sense of mutual friendship with education. Knowledge should be used for the expansion of knowledge and not for the dispute to become the path of knowledge welfare, not the fall, considering these deep elements, the sages started the ceremony of initiation at the end of education which has been going on in the gurukuls forever. .

Man's life is divided into four shelters, among these, the practice of knowing various subjects in the first Brahmacharya ashram is the basis of the rest of human life. The study done in the student stage makes a human thinkable.

Vedas are the basis of the Indian tradition, Vedas are those texts which are eternal and universal knowledge. The Vedas are four - Rigveda, Yajurveda, Samveda, Atharvaveda Maharishi According to Patanjali, there were 21 branches of Rigveda, 101 of Yajurveda, 1000 of Samveda, 9 branches of Atharva Veda. There are four types of these Vedas. The terms Samhita, Aranyaka, Brahmana, and Upanishad mean sitting close together in the Upanishadic tradition resolving the metaphysical curiosity of the disciples who have themselves interviewed the abstract element. How to be a Guru - Vedas say that it is absolutely necessary for a Brahminishtriya region to be a teacher and a Brahminishta. Meaning of the word Shrotriya. Asthayaya studying the scriptures. It is very important to have both of them constantly bragging about Brahmanishta. It is very important to have both. There is a possibility of deviation in life if one is there. Indian culture. Guru disciple relationship | Indian Gurukulam | Manner
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मौसम कोई भी हो आप रूकिये मत समय कि तरह चलते रहिये,life management skills in hindi,english

                                           समय




दोस्तो यह पावर फुल विचार हमारी मंडली के संग्राम सिंह द्वारा लिखा गया है। जो इस समय कानपुर में  बीए0 एलएलबी0 के छात्र है। यह हर उस व्यक्ति (विद्यार्थी) को समर्पित है जो अपने भविष्य निर्माण में अग्रसर है।
जैसा कि आप सब जानते है कि समय बलवान है समय से ताकतबर कोई चीज नही है ।समय जो चाहता है वह हमसे वो करवा सकता है।

उदाहरण के लियेः
            
   जब सर्दी आती है तो हम गर्म कपडे पहनने को मजबूर हो जाते है, और जब गर्मी आती है तो हम उन्ही कपडो का त्याग करते हैं। यह सब समय हमसे करवाता है।हम चाहते हुए भी अपने अनुसार कपडे नही पहन सकते हैं, यह समय कि ताकत है।
समय कि एक अच्छी बात यह भी है कि अच्छा हो या बुरा दोनो ही कट जाते है । हम समय को पकड या रोक नही सकते बस हम इसका पीछा कर सकते है।
यही सफल होने का तरीका है मौसम कोई भी हो आप रूकिये मत समय कि तरह चलते रहिये। आप खुद अपनी मंजिल तक पहुच जायेगे।

जैसे खरगोश और कछुए कि कहानी में था। कछुआ चलता रहा लगातार और वह मंजिल तक खरगोश से पहले पहुच गया।

अक्सर हमारे साथ भी यही होता है कि जब हम मंजिल कि ओर चलते रहते है तो बहुत तेज चलते है अन्त में मंजिल से पहले ही हम थक जाते हैं या रूक जोते हैं और हमसे पीछे वाले अक्सर आगे निकल जाते है। यही हमारी हार का कारण  है। जिसको आने लगता है और हम सोचते है कि अब कुछ सीखने कि जरूरत नही है और कम जानकारी वाला सोचता है कि अभी हमारे पास बहुत समय है,और वह वही थम जाता है, जिसको कुछ नही आता वह सोचता है उपर वाले का कुछ नही हो रहा तो हमारा क्या होगा और वह भी प्रयास करना छोड देता है, यही हमारी हार का कारण है। समय कि तरह निरन्तर बिना थके बिना रूके चलते रहना चाहिये।
थक सा गया हूॅ मै मगर मै बैठ नही सकता 
मैं वो सूरज हूॅ जो शाम ये पहले ढल नही सकता

हमारा निरन्तर किया जाने वाला प्रयास ही हमे सफल बनाता है। समय किसी का अच्छा या बुरा नही होता है। यह हमारे उपर निर्भर होता है।

आप बहते रहिये लगातार नदियों के पानी कि तरह
बुराईयां खुद किनारे लग जायेगी कचरे कि तरह।

Time

Friends, this power full idea has been written by Sangram Singh of our troupe. Who is currently a BA LLB student in Kanpur. It is dedicated to every person (student) who is in the forefront of building his future.

As you all know that time is strong, there is nothing stronger than time. He can get us what he wants from time to time.

For example:

   When winter comes, we are forced to wear warm clothes, and when summer comes, we discard those clothes. It makes us do it all the time. We cannot wear clothes as per our wish, this is the strength of our time.

There is also a good point of time that both good or bad are cut. We cannot catch or hold time, just we can chase it.

This is the way to succeed, no matter what the weather, do not stop and keep going like time. You will reach your destination yourself.

Like in the story of the rabbit and the turtle. The turtle kept moving continuously and he reached the floor before the rabbit.

Often the same happens with us that when we keep walking towards the floor, we walk very fast, finally before the floor we get tired or hold back and the people behind us often get ahead. This is the reason for our defeat. The one who starts coming and we think that there is no need to learn anything now and the less knowledgeable thinks that we have a lot of time now, and he stops, the one who does not think he has nothing. What will happen to us if we stop trying too, that is the reason for our defeat. Like time, one should keep going without stopping without being tired.

I'm tired but I can't sit
I'm the sun that can't change this evening

Our constant effort makes us successful. Time is not good or bad for anyone. It depends on us.

You keep flowing like the water of rivers continuously
The evils themselves will take the edge like garbage.

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ऐतिहासिक भूल सुधार शरणार्थियों को नागरिकता देने का CAA,NRC


                                ऐतिहासिक भूल सुधार 
                                         एनआरसी

                       


धर्म के आधार पर हुए देश के बटवारे को स्वीकार कर क्रांग्रेस ने जो ऐतिहासिक भूल कि थी । उसका परिणाम भुगतने वाले पाक्स्तिान , अफगानिस्तान , बांग्लादेश में  रह गये लाखों करोडो लोगो के हितों कि सुरक्षा का उपाय केन्द्र कि भाजपा सरकार ने कर दिया है। नागरिकता संशोधन कानून के जरिये सभी अल्पसंख्यकों के लिये भारत अब कानूनी तौर पर उनका स्थायी निवास बन पायेगा। सरकार का यह कदम किसी खास धर्म के के विरोध में उठाया गया कदम नही है वल्कि इसे भारतीय समाज को उसकी जडों कि तरफ लौटाने वाले कदम के तौर पर देखा जाना चाहिये। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि जो काम देश कि आजादी के तुरंत बाद शुरू हो जाना चाहिये था। वह अब शुरू हो रहा है।ऐसा भी नही कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने देश के अल्पसंख्यकों के लिये ऐसा काम पहली बार किया हो मनमोहन सिंह ने भी वर्ष 2003 में बांग्लादेश के उत्पीडन का शिकार होकर भारत आये शरणार्थियों को नागरिकता देने का समर्थन संसद में किया था।
इस बात से कोई इन्कार नही कर सकता कि स्वतंत्रता के बाद पाक्स्तिान, अफगाानिस्तान, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को प्रताडना ना सामना न करना पडा हेा।
खाशतौर पर महिलाओं के साथ हुए अपमानजनक व्यवहार दुष्कर्म जैसी घटनायें हुयी है। इसलिये भारत का दायित्व बनता है कि इतने वर्षो से उत्पीडित अल्पसंख्यकों समुदायों को भारत कि नागरिकता मिले ताकि ये लोग सम्मान और अधिकार के साथ अपना जीवन यापन कर सकें।

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अपवाहें और गलत सूचना फैलायी जा रही है,NRC | नागरिकता संशोधन अधिनियम

                          नागरिकता संशोधन अधिनियम
                 (सीएए) के बारे में गलत सूचना से भ्रमित न हो

अधिनियम से जुडी कई प्रकार कि अपवाहें और गलत सूचना फैलायी जा रही है लेकिन ये किसी भी तरह से सच नही है।
सच
                            



1. सीएए किसी भी धर्म के मौजूदा भारतीय नागरिको को प्रभावित नही करता है।
यह 2014 तक भारत मे रह रहे प्रताडित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने से संबधित है न कि किसी व्यक्ति से उसकी नागरिकता छीनता है।

2. यह एक झूठ है सीएए तीनो देशों पाक्सितान ,बांग्लादेश, और अफगाानिस्तान से आये अल्पसंख्यकों पर लागू होगा। यह मुसलमानों सहित किसी भी धर्म के भारतीय नागरिक को प्रभावित होने का कोई सवाल ही नहीं है।


3. किसी राष्ट्रव्यापी एनआरसी कि घोषणा नही कि गई है अगर कभी इसकी घोषणा कि जाती है तो ऐसी स्थिति मे नियम और निर्देश ऐसे बनाये जाएगे ताकि किसी भी भारतीय नागरिक को परेशानी न हो।
नागरिक संशोधन अधिनियम किसी क्षेत्र के भारतीय नागरिक या धर्म विशेष पर प्रतिकूल प्रभाव नही पडेगा।

मेरे प्रिय भारत के नागरिको शान्ति और आंनन्द के साथ जीये
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मानव आत्माओं को बांधते हैं - चीजें बेहतर होंगी ,Kumbh Mela, Hindu, Mahakumbh Mela, Kumbh


14th january to 27th april 2021 in Haridwar


यह आस्था की शक्ति है जो एक नदी को भाग सकती है, पहाड़ों को स्थानांतरित कर सकती है, और कुंभ मेले का एक अभिन्न अंग होने के लिए बंधी हुई कठिनाइयों को सहन कर सकती है, लाखों लोगों की एक मंडली, जीवन के छोटे से चक्र से मुक्त होने के लिए एकत्र हुई और मृत्यु और एक स्वर्गीय क्षेत्र की ओर बढ़ना, जो कोई दुख या पीड़ा नहीं जानता है।







यह भारत का पौराणिक इतिहास है और पवित्र धार्मिक ग्रंथ हैं जो हमें एक निश्चित आशा के साथ-साथ मानव आत्माओं को बांधते हैं - चीजें बेहतर होंगी, उनके बिना आसन्न भय के बदतर होने के साथ ही यहां हमें अपंग कर देगा। "पापों से मुक्त एक शाश्वत जीवन" वह वादा है जो कुंभ मेले के शानदार आयोजन के साथ जुड़ा हुआ है। यह एक वादा है जिसके साथ लाखों लोग बंधना चाहते हैं, और यह वादा है कि कुंभ मेला है जो आज है।

किंवदंती है कि पौराणिक समय में, अनन्त जीवन के अमृत के कब्जे के लिए राक्षसों और राक्षसों के बीच युद्ध के दौरान, इसकी कुछ बूंदें चार स्थानों पर गिर गई थीं जिन्हें आज प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन, और के रूप में जाना जाता है। नासिक। ऐसा माना जाता है कि इन बूंदों ने इन स्थानों को रहस्यमय शक्तियां दीं। यह उन शक्तियों पर अपने आप को लाभ पहुंचाना है जो कुंभ मेला चार स्थानों में से एक में मनाया गया है जब तक कि कोई भी याद कर सकता है। सामान्य कुंभ मेला हर 3 साल में आयोजित किया जाता है, अर्ध (आधा) कुंभ मेला हर छह साल में हरिद्वार और इलाहाबाद (प्रयाग) में आयोजित किया जाता है, जबकि पूर्ण (पूर्ण) कुंभ मेला हर बारह साल में होता है, चार स्थानों पर होता है प्रयाग (इलाहाबाद) , हरिद्वार, उज्जैन, और नासिक, ग्रहों की चाल पर आधारित है। महाकुंभ का मेला प्रयाग में 144 वर्षों (12 'पूर्ण कुंभ मेलों' के बाद) में मनाया जाता है।

विभिन्न राशियों में उस अवधि में सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति किस स्थिति में रहते हैं, इसके आधार पर कुंभ मेले का स्थान तय किया जाता है। गणना जानकारी के लिए नीचे दी गई है:

जब बृहस्पति मेष या वृष राशि में होता है और सूर्य और चंद्रमा माघ (जनवरी-फरवरी) के हिंदू महीने के दौरान मकर राशि में होते हैं।


जब बृहस्पति कुंभ राशि में है और सूर्य चैत्र (मार्च-अप्रैल) के हिंदू महीने के दौरान मेष राशि में है।
जब बृहस्पति सिंह राशि में हो और सूर्य मेष राशि में हो, या वैशाख के हिंदू महीने (अप्रैल-मई) के दौरान तीनों तुला राशि में हों।
जब भाद्रपद (अगस्त-सितंबर) के हिंदू महीने के दौरान सूर्य और बृहस्पति सिंह राशि में होते हैं।

अगला महाकुंभ मेला वर्ष 2013 में इलाहाबाद (प्रयाग) शहर में आयोजित किया जाता है। कुंभ मेले की महत्वपूर्ण तिथियों, इतिहास और परंपराओं और पर्यटन की जानकारी के बारे में जानने के लिए बाकी 


Kumbh mela 2021


14th january to 27th april 2021 in haridwar


It is the power of faith that can run down a river, move mountains, and endure the hardships tied to being an integral part of the Kumbh Mela, a congregation of millions of people, small circles of life Gathered to be free from death and move towards death and a heavenly realm, which knows no sorrow or suffering.


It is the mythological history of India and there are sacred religious texts that bind us human souls with a certain hope - things will be better, without them becoming worse with imminent fear that will cripple us here. "An eternal life free from sins" is the promise that is associated with the grand event of the Kumbh Mela. It is a promise with which millions of people want to be bound, and it is a promise that 
Kumbh Mela is what it is today.


Legend has it that in mythological times, during the war between demons and demons for possession of the nectar of eternal life, some of its drops fell on four places which are known today as Prayag, Haridwar, Ujjain, and. Nashik It is believed that these drops gave mystical powers to these places. It is to benefit oneself over the powers that the Kumbh Mela has celebrated in one of the four places as long as anyone can remember. The usual Kumbh Mela is held every 3 years, Ardh (half) Kumbh Mela is held every six years at Haridwar and Allahabad (Prayag), while Purna (Purna) Kumbh Mela  takes place every twelve years, in four places. But happens in Prayag (Allahabad), Haridwar, Ujjain, and Nashik, based on planetary movements. The fair of Mahakumbh is celebrated in Prayag in 144 years (after 12 'full Kumbh Melas').


In different zodiac signs, the location of the Kumbh Mela is decided on the basis of what position the Sun, Moon and Jupiter live in that period. The calculation is given below for information:



Kumbh Mela in Allahabad


When Jupiter is in Aries or Taurus, and the Sun and Moon are in Capricorn during the Hindu month of Magha (January-February).


Kumbh Mela in Haridwar


When Jupiter is in Aquarius and the Sun is in Aries during the Hindu month of Chaitra (March-April).


Kumbh Mela in Ujjain


When Jupiter is in Leo zodiac sign and Sun is in Aries zodiac, or all three are in Libra during the Hindu month of Vaishakh (April-May).


Kumbh Mela in Nashik


When Surya and Jupiter are in Leo zodiac during the Hindu month of Bhadrapada (August-September).


The next Mahakumbh Mela is held in the city of Allahabad (Prayag) in the year 2013. To know about the important dates, history and traditions of Kumbh Mela and information about tourism

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एक करोड़ से अधिक लोगों ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई. kumbh mela



24 करोड़ श्रद्धालुओं के शाही स्नान के साथ Kumbh 2019 का हुआ समापन
प्रयागराज:

महाशिवरात्रि पर 4 मार्च को कुंभ मेले में एक करोड़ से अधिक लोगों ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई. यह संख्या मेला प्रशासन के अनुमान से कहीं अधिक है. मेला प्रशासन ने 50-60 लाख श्रद्धालुओं के गंगा और संगम में स्नान करने की संभावना जताई थी. अब तक कुंभ मेले में 24 करोड़ से अधिक लोग स्नान कर चुके हैं.

सूचना विभाग ने मेला अधिकारी विजय किरण आनंद का हवाला देते हुए बताया कि महाशिवरात्रि पर्व पर शाम 6 बजे तक 1.15 करोड़ लोगों ने गंगा और संगम में स्नान किया. 15 जनवरी से तीन मार्च तक कुंभ मेले में स्नान करने वाले लोगों की संख्या 22 करोड़ 95 लाख रही. इस तरह से अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि तक यह संख्या 24 करोड़ से अधिक पहुंच गई.

रविवार को कुंभ मेला अधिकारी ने कहा था कि मेले के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि पर मेला प्रशासन संगम क्षेत्र पर खास ध्यान दे रहा है क्योंकि महाशिवरात्रि सोमवार को पड़ने से ज्यादा से ज्यादा लोग संगम की ओर आएंगे. मेला डीआईजी केपी सिंह के मुताबिक, महाशिवरात्रि का मुहूर्त रविवार की रात्रि एक बजकर 26 मिनट पर लगा और इसे देखते हुए श्रद्धालुओं ने तड़के सुबह से ही स्नान करना आरंभ कर दिया.

Shivratri 2019: क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि?

महाशिवरात्रि पर मेला प्रशासन ने शिव मंदिरों में भीड़ नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए. हालांकि मंदिरों में लोगों का भारी रेला लगा रहा. महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक भी किया जा रहा है. इस बार खास संयोग बना है कि महाशिवरात्रि सोमवार को पड़ी है. उन्होंने कहा कि रविवार की शाम तेज बारिश होने से प्रयागराज में ठंड बढ़ गई. इसके बावजूद मेले में आने वाले लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई है और कल से ही भारी संख्या में श्रद्धालुओं का आना जारी है
महाशिवरात्रि के स्नान के साथ कुम्भ मेला समाप्त हो जाएगा और 5 मार्च को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुंभ नगरी में इसकी औपचारिक घोषणा करेंगे. राजस्थान में सोमवार को महाशिवरात्रि का पर्व श्रद्धा, उमंग और उल्लास के साथ मनाया गया. राज्य भर के शिवालयों में महादेव की पूजा अर्चना करने के लिये सुबह से ही श्रृद्धालुओं की लंबी कतारें लग गयीं थीं. राजधानी जयपुर के ताड़केश्वर महादेव मंदिर में सुबह से ही श्रृद्धालुओं की भीड़ पूजा अर्चना के लिये कतार में लग गयी. वहीं, क्वींस रोड वैशालीनगर स्थित झारखंड महादेव, बनीपार्क के जंगलेश्वर महादेव, छोटी चौपड़ स्थित रोजगारेश्वर महादेव, सहित सभी शिवालयों में मेले सा माहौल रहा. शिवालयों में श्रद्धालुओं ने दूध मिश्रित जल से भोलेनाथ का अभिषेक किया और उन्हें बेर, धतूरा, बिल्व पत्र अर्पित कर पूजा अर्चना की.



Kumbh 2019 concludes with royal bath of 24 crore devotees

Prayagraj:

On Mahashivratri, on March 4, more than one crore people took a dip in the Ganges and Sangam at the Kumbh Mela. This number is more than the fair administration had estimated. The fair administration had expressed the possibility of 50-60 lakh devotees taking a bath in the Ganges and Sangam. So far, more than 24 crore people have taken bath in the Kumbh Mela
Quoting Fair Officer Vijay Kiran Anand, the information department said that 1.15 crore people took bath in Ganga and Sangam till 6 pm on Mahashivratri festival. The number of people taking bath in the Kumbh Mela from January 15 to March 3 was 22.95 million. In this way, this number reached more than 24 crores by the last bathing festival Mahashivratri.

On Sunday, the Kumbh Mela officer had said that on the last bathing festival of the fair, the fair administration is paying special attention to the Sangam area because more and more people will come to the Sangam on Monday. According to Mela DIG KP Singh, the Mahashivratri Muhurat was held at 1.26 pm on Sunday night and in view of this, devotees started bathing in the early morning. 
Shivratri 2019: Why Mahashivratri is celebrated?

On Mahashivaratri, the Mela administration deployed additional police forces to control the crowd in Shiva temples. However, there was a huge surge of people in the temples. Rudrabhishek is also being done on Mahashivaratri. This time a special coincidence has been made that Mahashivaratri is on Monday. He said that due to heavy rains on Sunday evening, the cold in Prayagraj increased. Despite this, there has been no decrease in the enthusiasm of the people coming to the fair and a large number of devotees have been coming since yesterday. 


The Kumbh Mela will end with Mahashivaratri bath and the Chief Minister of the state Yogi Adityanath will formally announce it on March 5 in Kumbh city. In Rajasthan, the festival of Mahashivaratri was celebrated on Monday with reverence, zeal and gaiety. Long queues of devotees were engaged in pagoda across the state to worship Mahadev since morning. A crowd of devotees started queuing up to offer prayers at the Tadkeshwar Mahadev temple in the capital Jaipur. At the same time, there was a fair atmosphere in all pagoda including Jharkhand Mahadev on Queens Road Vaishali Nagar, Jangleshwar Mahadev of Banipark, Rojgareshwar Mahadev  in Chhoti Chaupar. In the pagoda, devotees anointed Bholenath with milk mixed water and offered him plum, dhatura, bilva patra and offered prayers.

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सौंदर्य प्रतियोगिता में मिस वर्ल्ड Miss World ,suman rao


                      

जमैका के टोनीअन सिंह को यहां आयोजित एक वार्षिक सौंदर्य प्रतियोगिता में मिस वर्ल्ड 2019 का ताज पहनाया गया, जिसमें भारत की सुमन राव दूसरी रनरअप बनीं। 23yr old जमैका को एक टेलीविजन कार्यक्रम में विजेता घोषित किया गया, जिसकी मेजबानी शनिवार को एक्सल लंदन में ब्रिटिश टेलीविजन व्यक्तित्व पीयर्स मॉर्गन ने की। उनके इंडो कैरिबियन पिता ब्रैडशॉ सिंह और अफ्रीकी कैरिबियन मां जहरिन बेली के घर जन्मी, सिंह फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी में महिलाओं के अध्ययन और मनोविज्ञान की छात्रा हैं, और एक मेडिकल डॉक्टर बनने की इच्छा रखती है  
प्रतियोगिता के दौरान, उन्होंने व्हिटनी ह्यूस्टन की हिट आई हैव के लिए दर्शकों से शानदार तालियां अर्जित कीं
उन्हें पिछले साल की विजेता, मेक्सिको की वैनेसा पोंस डी लियोन द्वारा ताज पहनाया गया था। राजस्थान के रहने वाले सीए छात्र 20 वर्षीय राव को जून में मिस इंडिया वर्ल्ड 2019 का ताज पहनाया गया था।



विश्वास करने की आवश्यकता है कि सिंह ने इंस्टाग्राम पर अपनी जीत का जश्न मनाया, "मुझ पर विश्वास" के लिए अपने साथी जमैकावासियों का आभार व्यक्त किया। उसने दुनिया भर की लड़कियों से खुद पर और अपने सपनों पर विश्वास करने का आग्रह किया। “कृपया जान लें कि आप योग्य हैं और अपने सपनों को प्राप्त करने में सक्षम हैं। यह ताज मेरा नहीं बल्कि तुम्हारा है। यह आपके लिए वास्तव में यह समझने के लिए है कि आप जीवन में आपके द्वारा निपटाए गए और आपके सपनों के वैध होने से कोई फर्क नहीं पड़ता। आपके पास एक PURPOSE है, ”उसने कहा। सिंह प्रतिष्ठित पजेंट जीतने वाला चौथा जमैका है। देश ने इससे पहले 1963, 1976 और 1993 में मिस वर्ल्ड के खिताब जीते हैं।Miss World

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