सीखेा षास्त्रीय संगीत free music volume -1
अलंकार
वे वजह था सफर , बिन तेरे हम सफर
लग रहा है तुझे , देखके जिदंगी कि तरफ
तू है पहला कदम , है तुझी में मेरी मंजिले
अलंकार
सा रे ग म प ध नी सा
सा नी ध प म ग रे सा
अलंकार
वे वजह था सफर , बिन तेरे हम सफर
लग रहा है तुझे , देखके जिदंगी कि तरफ
तू है पहला कदम , है तुझी में मेरी मंजिले
दोस्तों म्यूजिक कहा है म्यूजिक को गौर से सुनो इन संासोका के हर चीज में म्यूजिक है,वारिष कि गिरती बूदों मे म्यूजिक है ,आखों से गिरते आंसूओं में किसी के षोर में, किसी के ,खामोषी में ,हर एक धडकन, हर एक सांस में म्यूजिक है।
अगर आपको संगीत से है प्यार तो बने रहे हमारे साथ आज हम आपको संगीत का पूरा कोर्स फ्री में आपको सिखाने वाला हूॅ। उससे पहले आप संगीत के बारे में जानकारी जान ले आधुनिक भारत में संगीत के महान ज्ञाता मुगल कालीन अकबर के दरवार के आभूषण सुरों के उस्ताद श्री तानसेन जी जो ध्रुपद शैली, राग दीपक व वीणा वादन में पारंगत थे। वैसे तो आप जानते ही होगे।
आज हम आपको सीखा रहे हैं षास्त्रीय संगीत के अलंकार के बारे में सीखाउगां किस तरह अलंकार को आगे पीछे घूमा कर बेहतरीन तरीके से लय के साथ उनका उपयोग कर सके।षुरू में दोस्तो आपको दिक्कत का सामना करना पडेगा उसके बाद आप देखना अपने आप ही बेहतरीन प्रयोग करने लगेगे बस लगातार प्रैक्टिस करते रहिये और अपने विचार भी हमें बताते रहे क्या आप सीख पा रहे है या कोई दिक्कत हो रही है आप कमेन्ट में हमें बताये हम आपको अच्छे से अच्छे तरीके से और सरल तरीके से सिखाने कि कोषिष करूगां । बस प्रैक्टिस ज्यादा से ज्यादा करंे। जितनी अधिक प्रैक्टिस होगी उतनी ही अधिक आपकी आवाज में दम आयेगी।
अलंकार
सा रे ग म प ध नी सा
सा नी ध प म ग रे सा