सीखेा षास्त्रीय संगीत free music class volume -2
अलंकार
समां को पिघलने का अरमान क्यूॅ हैं।
पतंगो केा जलने का अरमान क्यूॅ है।।
इसी षौक का इम्तिहां जिदंगी है।
पार्ट वन में आपने अलंकारो कि एक झलक सीखी उम्मीद करता हूॅ आप ने उसकी प्रैक्टिस कि होगी दोस्तो अलंकार षास्त्रीय संगीत कि पहली सीढी है अगर आप ये सीढी जिसे नीव कहते हैं अगर नीव मजबूत हो तो चाहे जितनी बडी बिल्डिंग बना लो कहने का तात्पर्य यह है कि शास्त्रीय संगीत में आप जितनी प्रैक्टिस करेगे उतने ही अच्छे आप उस्ताद गायक बन जायेगें तो आप प्रैक्टिस जबरजस्त करें। चाहे दो दिन बाद मेरा पार्ट दूसरा लेसन देखे लेकिन प्रैक्टिस ही आपको बनायेगी।
आज आप सीखेगे अलंकारो का दूसरा चरण
अलंकार
सासा रेरे गग मम पप धध नीनी सांसां
सांसां नीनी धध पप मम गग रेरे सांसां
इसकी आपको पै्रक्टिस कम से कम तीन दिन करनी है तब कुछ अच्छा रिजल्ट आप दे पायेगें। घबराये नहीं आराम आराम से करें कोई जल्द बाजी नहीं है आप जितना अलंकारों को अपने दिल ,दिमाग में सेट करेगे उतना ही अच्छे आप निखर कर स्वच्छ पटल पर आयेगे। आनन्द के साथ चाहे आप बैक ग्राउण्ड में कुछ बजा भी सकते है सिलो मोशन में अगर आप हरमोनियम पर अलंकार का उच्चारण कर रहे है तो इससे बेहतरीन और कुछ भी नही हो सकता। आपके पास एक इन्ट्रूमेन्टस जरूर साथ रखखे अगर नही है तेा भी आप सीख जायेगे उसकी चिन्ता आप मुझ पर छोड दीजिये और ज्यादा से ज्यादा शेयर करे तााकि और भी लोग फायदा ले सके और शास्त्रीय संगीत कि दुनिया का आनन्द ले सके।