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तीर्थाे का राजा है प्रयागराज (इलाहाबाद) ,कुंभ मेंला,the kumbh mela festival


दोस्तो आज आपको हम बतायेगे प्रयागराज (इलाहाबाद) यह तीर्थाे का राजा है, और हर बारह साल  में यहां कुंभ मेंला, प्रत्येक छैः साल में अद्र्कुंभ,और प्रत्येक साल माघ मेला का आयोजन किया जाता है यहां इन उत्सवों में जब आप आयेगे तो आपको अलग ही आनन्द कि अनुभूति होगी क्योकि मै खुद ही यहां तीन साल से हूॅ । यहां आपको हर चीज अदभुत मिलेगी 
प्रयागराज (इलाहाबाद) goomo india beautiful city of india | populor city


आप प्रयागराज (इलाहाबाद) स्टेशन से बीस रूपये में सीधे संगम पहुच जायेगे। यहां पर तीन नदियों का पानी एक साथ मिलता है जिसे त्रिवेणी कहते है और यही दृष्य बहुत सुन्दर और लुभावना है यहां पर गंगा आपको गंगा दिख जायेगी, यमुना दिख जायेगी लेकिन त्रिवेणी कि सरस्वती ओझल बनी रहती हैं। यमुना का सांवला जल, गंगा का गोरा जल दोनो मिलकर तीसरा रंग बना देती है। जो संगम के दर्शन का आभास कराते है।
यमुना के किनारे अकबर बादशाह का बनवाया हुआ एक बडा किला है। इस किले में अशेाक कि लाट एवं अक्षयवट है। जो हर त्योहारो में खोल दिये जाते है बाकि समय बन्द रहते हैं यहां सेना कि छावनी है। यहां एक गर्भग्रह जो अन्डरग्राउड है जहां तमाम मूर्तियां स्थापित है। 
किले से गंगा जी कि तरफ चलने पर थेाडी दूर पर हनुमान जी कि लेटी हुई विशाल मूर्ति है और जब बर्षा ऋतु में बाढ आती है तब मूर्ति डूब जाती है।

प्रयागराज के पास पं0 नेहरू का आनन्द भवन है पुराने भाग को पण्डित मोतीलाल नेहरू ने बनवाया था और नय को पण्डित जवाहरलाल नेहरू ने। उसी के थेाडे पास में ही भरद्वाज आश्रम है बहुत सुन्दर। यहां भगवान राम को वन जाते समय भरद्वाज ऋषि ने उत्तर में बताया था कि वे चित्रकूट जायें जो कि यहां से दक्षिण दिशा में है।
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यहां पर एक बाग है जिसे कम्पनी बाग के नाम से जानते हैं उसी में एक म्यूजियम है जिसमें पंडित नेहरू को भेंट में प्राप्त चीजें संग्रहीत हैं , और सिविल लाइन्स के पास ही एक बहुत विशाल हनुमान जी का मन्दिर है यहां आपको हमेशा दशनार्थियों कि भीड मिलेगी बहुत सुन्दर मन्दिर है।

Prayagraj (Allahabad)

Friends, today we will tell you that Prayagraj (Allahabad) is the king of pilgrimage, and Kumbh Mela is held here every twelve years, Adrakumbh every six years, and Magh Mela is held every year, when you come here in these festivals you will be different It will be a feeling of joy because I myself have been here for three years. Here you will find everything amazing 
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You will reach Sangam directly from Prayagraj (Allahabad) station in twenty rupees. Here the water of three rivers is found together, which is called Triveni and this view is very beautiful and breathtaking here, Ganges will be seen by you Ganges, Yamuna will be seen, but the Saraswati of Triveni remains Ojhal. The dark water of the Yamuna and the fair water of the Ganges combine to form the third color. Which gives a glimpse of the Sangam philosophy. 

On the banks of the Yamuna is a large fort built by Akbar emperor. The fort has a lot of Ashek and Akshavat. Those who are opened in every festival, the remaining time is closed, there is an army camp here. Here is a garbhagriha undergroud where all the idols are installed.

Walking from the fort towards Ganga ji, Thedi is a huge statue of Hanuman lying on the far side and the statue sinks when it rains in the rainy season. 

Near Prayagraj is the Anand Bhawan of Pandit Nehru, the old part was built by Pandit Motilal Nehru and the new one by Pandit Jawaharlal Nehru. The Bharadwaj Ashram is very beautiful near the same place. While going to the forest here to Lord Rama, Bharadwaj Rishi had told in the north that he should go to Chitrakoot which is in the south direction from here.

There is a garden here which is known as Company Bagh, there is a museum in which the things received by Pandit Nehru as a gift are stored, and near the Civil Lines there is a very huge Hanuman ji temple, here you will always find crowds of devotees. Very beautiful temple. 

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भारत सरकार इस राज्य को पहले से और अधिक सुन्दर बनाने में लगी है,varanasi tourist attractions, varanasi ,kashmir tourist,



दोस्तो कश्मीर पर जबसे नये नियम बने है तब से भारत सरकार इस राज्य को पहले से और अधिक सुन्दर बनाने में लगी है, दोस्तो कश्मीर अब बहुत सुन्दर हो गया है अगर आप भारत घूमने का विचार बना रहे हैं तो निकल पडे लेकिन दोस्तो कश्मीर कि वादियां घूमना न भूले

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वर्तमान भारतवर्ष के उत्तर में स्थित कश्मीर राज्य का उल्लेख पुराणेंा में मिलता है। महाभारत में पूरे कश्मीर खंड का वर्णन है। इसी प्रकार स्कंद पुराण में कश्मीर खंड एवं वहां स्थित तीर्थो का पूरा विवरण अलग से दिया हुआ है, मान्यता है कि महर्षि कश्यप ने हिमालय के पर्वतों में बनी प्राकृतिक झील को तोडकर कश्मीर घाटी का विकास किया था। कल्हण द्वारा रचित राजतरंगिणी (कश्मीर का इतिहास) के नाम से प्रसिद्व जिसमें कश्मीर का इतिहास एवं भौगोलिक रचना का अच्छा विवरण दिया गया है। आचार्य आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित संस्कारों को तो आज भी यहां के जगजीवन में देखा जा सकता है। 

वैसे तो वाराणसी के बारे में क्या बताउं आप विश्व भर के सैलानी का आर्कषण का केन्द्र बना हुआ है लेकिन फिर भी आप को कुछ रोचक बातों से परिचित करा ही देता हूॅ।

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वरूणा और असी नदियों के संगम से वाराणसी नाम का यह नगर प्राचीनकाल से विद्वानों का निवास स्थान रहा है। इसका दूसरा नाम काशी है। बाबा विश्वनाथ कि नगरी भागीरथी पर बने घाटों के कारण तीर्थयात्रियों कि चहल-पहल से प्रसिद्व है। कहा जाता है कि अयोध्या कि भांति विश्वनाथ के मन्दिर के स्थान पर मुगल बादशाह औरंगजेब ने मन्दिर तुडवाकर बहुत पास ही मस्जिद बनवा दी थी। मन्दिR के हाते में काल भैरव, मां अन्नपूर्णा,विशालाक्षि, ज्ञानवापी आदि के दिव्य देवालय है।
श्री शिवप्रसाद गुप्त द्वारा निर्मित भारतमाता मन्दिर काशी में अनूठा है। यहां जरूर घूमे इसमें भारत का मानचित्र संगमरमर पत्थर का बहुत सुन्दर बना है। नये मन्दिरों में मानस मन्दिर बहुत मनोहरी है। सम्पूर्ण रामचरित मानस यहां संगमरमर पर अंकित है। राम-सीता विष्णु भगवान आदि कि मूर्तियां धार्मिकता को उददीप्त करती हैं।

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गोस्वामी तुलसीदास द्वारा संस्थापित संकट मोचन हनुमान मन्दिर और दुर्गादेवी के मन्दिर भी भक्तों के अन्य उपासना स्थल है। वाराणसी से कुछ दूरी पर ही सारनाथ है यहां बौद्व धर्म से सम्बन्धित कई विहार है। विदेशी बौद्व धर्मावलम्बी यहां प्रायः आते रहते हैं। सारनाथ के पास ही तीर्थकर चन्द्राप्रभु का जैन मन्दिर है। धार्मिक संगम स्थली काशी का महत्व वर्णन से परे है। तो ये थी हमारी काशी आप भारत आये तो काशी का जरूर आनन्द उठायें और घूमते घूमते हमें न भूल जाये अपनी प्रतिक्रिया जरूर शेयर करें।

Kashmir

Friends, since the new rules have been made on Kashmir, since then the Government of India has started making this state more beautiful than before, Friends Kashmir has become very beautiful now. Don't forget to roam

The Puranna mentions the state of Kashmir located in the north of present-day India. The Mahabharata describes the entire Kashmir section. Similarly, the Skanda Purana has given a complete description of the Kashmir section and the pilgrimages located there, it is believed that Maharishi Kashyap developed the Kashmir valley by breaking the natural lake in the Himalayan mountains. Famous by the name of Rajatarangini (History of Kashmir), composed by Kalhan, which gives a good description of the history and geographical composition of Kashmir. The rites established by Acharya Adi Shankaracharya can be seen even today in Jaggan.

Varanasi

By the way, what can I tell about Varanasi, you have been the center of attraction of tourists around the world, but still let me introduce you to some interesting things.

This city named Varanasi, since the confluence of the rivers Varuna and Asi, has been the abode of scholars since ancient times. Its second name is Kashi. Baba Vishwanath's city is famous for its pilgrimage due to the ghats built on Bhagirathi. It is said that like Ayodhya, the Mughal emperor Aurangzeb built a mosque very close to the temple in place of Vishwanath's temple. There are divine shrines of Kaal Bhairava, Maa Annapurna, Vishalakshi, Gyanvapi etc. in Mandi R.

The Bharatmata temple built by Shri Shivprasad Gupta is unique in Kashi. Must visit here, the map of India is made of marble stone very beautiful. Manas temple is very beautiful in new temples. The entire Ramcharit Manas is inscribed on marble here. Statues of Lord Rama-Sita Vishnu etc. incite righteousness.


The Sankat Mochan Hanuman Temple and the Durgadevi Temple founded by Goswami Tulsidas are other worship places for devotees. Sarnath is just some distance from Varanasi, there are many viharas related to Buddhism. Foreign Buddhist religious people often come here. There is a Jain temple of Tirthankar Chandraprabhu near Sarnath. The significance of Kashi at the religious Sangam site is beyond description. So this was our Kashi, if you come to India, then definitely enjoy Kashi and don't forget to roam around and share your reaction.


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भगवान राम का विशाल मन्दिर अयोध्या ,सुन्दर मन लुभावनी प्राकृतिक सुन्दर दृश्य,shri ram temple ayodhya

घूमो भारत
अयोध्या


दोस्तो जैसा कि मैने कहा घूमो भारत प्रिय मित्रों अब भारत और भी सुन्दर होने वाला है जहां भगवान राम का विशाल मन्दिर बनने जा रहा है और दूसरी तरफ कश्मीर कि सुन्दर मन लुभावनी प्राकृतिक सुन्दर दृश्य भारत में आपका स्वागत है। मै आपको भारत के बेहतरीन बेहतरीन जगहों से परिचित कराउगां। अतिथि देवो भवः



जिस-जिस ग्रन्थ में भगवान राम कि गाथा गायी है वहंा-वहां अयोध्या नगरी का नाम अवश्य ही आया है। यहां कि सडकों ,राजप्रसादों,जनसामान्य के अवासीय भवनों,उद्यानों,सैन्य शिविरों बाजारों आदि का रोचक वर्णन रामायण में किया गया है। तैतरीय अरण्यक में अयोध्या नगर को आध्यात्मिक नगर के रूप में वर्णित करता है। बाल्मिकि ने तो रामायण में इस नगर कि सुन्दरता एवं विस्तार के बारे में पर्याप्त विवेचन किया है।



महाभारत में भीम ने पूर्वी देशों कि दिग्विजय के क्रम में अयोध्या को जीता था। कालिदास ने रधुवंश के 16 वें सर्ग में अयोध्या को गाया था। बौद्व साहित्य में साकेत एवं अयोध्या का नाम साथ-साथ मिलता है।
चन्द्रगुप्त काल में अयोध्या गुप्त साम्राज्य कि राजधानी थी। 


दोस्तो चित्रकूट यहां जब आप घूमने जायेगे तो आपको एक बेहतरीन आनन्द का अनुभव करेगे अगर आप भारत घूमने आये हैं तो चित्रकूट जरूर घूमियेगा।

यहां आप मंदाकिनी में स्नान ,कामानाथ कि परिक्रमा,हनुमान धारा, जानकी कुन्ड और भी बहुत कुछ है दोस्तो यहां पर भगवान राम ने बारह साल बिताये इसका वर्णन करना इतना आसान नही है।

चित्रकूट

भगवान राम से संबंधित ग्रन्थों में चित्रकूट को विशिष्ट रूप से वर्णित किया है। यह वर्णन बाल्मिकि रामायण तथा तुलसीदास द्वारा रचित रामचरित मानस में भलिभांति स्पष्ट है। यहां के पर्वतों कि शोभा कलकल नदियों के स्वच्छ जल कि मनोरमता, वनश्री कि अपूर्वता एवं पक्षियों कि सुन्दरता का साहित्य में मुख्य रूप से वर्णित है। श्री मदभागवत कि जो श्रृंखला गिनायी जाती है। उसमें गोवर्धन पर्वत तथा चित्रकूट का नाम अंकित है। वर्तमान में यह तीर्थ उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में स्थित है। 

Visit India

Ayodhya

Friends, as I said, visit India dear friends, India is going to be more beautiful now, where the huge temple of Lord Rama is going to be built and on the other side, welcome to India, the beautiful scenic scenic view of Kashmir. Let me introduce you to the best places in India. Atithi Devo Bhavah

The book in which the saga of Lord Rama is sung - the name of the city of Ayodhya must have come there. Here roads, Rajprasadas, public buildings, gardens, military camps, markets, etc. are interestingly described in the Ramayana. Taittariya describes the city of Ayodhya as a spiritual city in Aranyak. Balmiki has given enough discussion about the beauty and expansion of this city in Ramayana.

In the Mahabharata, Bhima won Ayodhya in the order of Digvijay of the eastern countries. Kalidasa sang Ayodhya in the 16th canto of Radhuvansh. Saket and Ayodhya are named together in Buddhist literature.

Ayodhya was the capital of the Gupta Empire in the Chandragupta period.

Chitrakoot

Friends, when you go to visit Chitrakoot, you will experience a great joy if you have come to visit India, then Chitrakoot will definitely roam.
Here you have a bath in Mandakini, Parikrama of Kamanath, Hanuman Dhara, Janaki Kund and much more Friends, Lord Ram spent twelve years here, it is not easy to describe it.

Chitrakoot

Chitrakoot has been uniquely described in the texts related to Lord Rama. This description is well-known in the Ramcharit Manas composed by Balmiki Ramayana and Tulsidas. The beauty of the fresh water of the Kalkal rivers, the beauty of the vanasri and the beauty of the birds are mainly mentioned in the literature. The series which is counted by Mr. Madhagwat. The name of Govardhan Parvat and Chitrakoot is mentioned in it. Presently this shrine is located in Banda district of Uttar Pradesh.

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सीखेा शIस्त्रीय संगीत free music class volume - 7
                        प्रैक्टिस गाना से




बाकी सब सपने होते हैं
अपने तो अपने होते हैं 


दोस्तो आज कि क्लास भी गाना से प्रैक्टिस कि होगी, सबसे पहले आप पांच मिनट अलंकारों कि प्रैक्टिस कर लें, उसके बाद गाना को एक बार वीडियों में सुने फिर धीरे-धीरे इसकी पै्रक्टिस करें। धीरे-धीरे सुरों को साधने कि कोशिश करें।
घबराये नही धीरे-धीरे आयेगा बहुत से लोग होगे जो हमसे भी अच्छा गा रहे होगे उनके लिये बहुत बडिया लगे रहे प्रैक्टिस करते रहे एक दिन जरूर नाम बनेगा और आनन्द के साथ गाये मन बोर नही होना चाहिये अगर मन बोरिंग महसूस करने लगे तो गाना बन्द करके गाना सुनने लगे जब मन को रिलैक्स मिल जाये तब फिर शुरू करें। इससे आपका मनोबल बढेगा और आप आनन्द के साथ फुल एनर्जी के साथ प्रैक्टिस कर पायेगे। यही कुछ तरीके हैं जिससे आप फाॅलो करके जल्दी सीख सकते हैं, और एक बात शेयर करना न भूले आज कल हर जगह नया फैशन है हर जगह माॅल हैं , मन्दिर हैं, और बहुत से पब्लिक प्लेस हैं जहां पर आप अपना गाना लोगो के सामने पेश कर सकते है डरे नही हिटकिचाहट को फेक दो निकाल कर जिस दिन ये कर लिया आप ज्यादा से ज्यादा ,अच्छा से अच्छा सीखने कि चाह अपने आप आयेगी। दूसरे देखों में तो लोग अभी करते हैं भारत में ऐसा करना पर भिखारी से तुलना कर दी जाती है, लेकिन कभी न कभी ये सेाच बदलनी होगी तो इसकी शुरूआत आप अपने कैरियर से करे अच्छा औपशन है आपके पास प्रैक्टिस के साथ-साथ पहचान बनाने का।





free music classes lesson-6 प्रैक्टिस गाना से


                  सीखेा षास्त्रीय संगीत free music classes volume-6
                                         प्रैक्टिस गाना से




मेरी जिदंगी तेरा प्यार, क्या नसीब मैने पाया
सब पा के सब गवाया, क्या नसीब मैने पाया
सब पा के सब गवाया,कुछ नहीं मेरे पास मेरी 
जिदंगी तेरा प्यार
दोस्तो आज कि क्लास पहले वाले गाना प्रैक्टिस से ज्यादा सुपर होने वाली है, सबसे पहले आप पांच मिनट अलंकारों कि प्रैक्टिस कर लें, उसके बाद गाना को एक बार वीडियों में सुने फिर धीरे-धीरे इसकी पै्रक्टिस करें। धीरे-धीरे सुरों को साधने कि कोशिश करें। घबराये नही धीरे-धीरे आयेगा बहुत से लोग होगे जो हमसे भी अच्छा गा रहे होगे उनके लिये बहुत बडिया लगे रहे प्रैक्टिस करते रहे एक दिन जरूर नाम बनेगा और आनन्द के साथ गाये मन बोर नही होना चाहिये अगर मन बोरिंग महसूस करने लगे तो गाना बन्द करके गाना सुनने लगे जब मन को रिलैक्स मिल जाये तब फिर शुरू करें। इससे आपका मनोबल बढेगा और आप आनन्द के साथ फुल एनर्जी के साथ प्रैक्टिस कर पायेगे। यही कुछ तरीके हैं जिससे आप फाॅलो करके जल्दी सीख सकते हैं, और एक बात शेयर करना न भूले आज कल हर जगह नया फैशन है हर जगह माॅल हैं , मन्दिर हैं, और बहुत से पब्लिक प्लेस हैं जहां पर आप अपना गाना लोगो के सामने पेश कर सकते है डरे नही हिटकिचाहट को फेक दो निकाल कर जिस दिन ये कर लिया आप ज्यादा से ज्यादा ,अच्छा से अच्छा सीखने कि चाह अपने आप आयेगी। दूसरे देखों में तो लोग अभी करते हैं भारत में ऐसा करना पर भिखारी से तुलना कर दी जाती है, लेकिन कभी न कभी ये सेाच बदलनी होगी तो इसकी शुरूआत आप अपने कैरियर से करे अच्छा औपशन है आपके पास प्रैक्टिस के साथ-साथ पहचान बनाने का।

free music classes songs practice | Vocal singing lessons for beginners ...volume -5


सीखेा षास्त्रीय संगीत free classes volume .5
               प्रैक्टिस गाना से


शाकी कि हर निगाहे पे बल खा के पी गया
लहरो से खेलता हुआ , लहरा के पी गया
पास रहता है ,दूर रहता है, कोई दिल में 
जरूर रहता है।
दोस्तो आज कि क्लास सुपर होने वाली है, क्योकि आज हम गाना से पै्रक्टिस करने वाले हैं, सबसे पहले आप पांच मिनट अलंकारों कि प्रैक्टिस कर लें, उसके बाद गाना को एक बार वीडियों में सुने फिर धीरे-धीरे इसकी पै्रक्टिस करें। धीरे-धीरे सुरों को साधने कि कोशिश करें। घबराये नही धीरे-धीरे आयेगा बहुत से लोग होगे जो हमसे भी अच्छा गा रहे होगे उनके लिये बहुत बडिया लगे रहे प्रैक्टिस करते रहे एक दिन जरूर नाम बनेगा और आनन्द के साथ गाये मन बोर नही होना चाहिये अगर मन बोरिंग महसूस करने लगे तो गाना बन्द करके गाना सुनने लगे जब मन को रिलैक्स मिल जाये तब फिर शुरू करें। इससे आपका मनोबल बढेगा और आप आनन्द के साथ फुल एनर्जी के साथ प्रैक्टिस कर पायेगे। यही कुछ तरीके हैं जिससे आप फाॅलो करके जल्दी सीख सकते हैं, और एक बात शेयर करना न भूले आज कल हर जगह नया फैशन है हर जगह माॅल हैं , मन्दिर हैं, और बहुत से पब्लिक प्लेस हैं जहां पर आप अपना गाना लोगो के सामने पेश कर सकते है डरे नही हिटकिचाहट को फेक दो निकाल कर जिस दिन ये कर लिया आप ज्यादा से ज्यादा ,अच्छा से अच्छा सीखने कि चाह अपने आप आयेगी। दूसरे देखों में तो लोग अभी करते हैं भारत में ऐसा करना पर भिखारी से तुलना कर दी जाती है, लेकिन कभी न कभी ये सेाच बदलनी होगी तो इसकी शुरूआत आप अपने कैरियर से करे अच्छा औपशन है आपके पास प्रैक्टिस के साथ-साथ पहचान बनाने का।
अपनी प्रतिक्रिया हमसे जरूर शेयर करें।

free music classes make sound vaibration | Vocal singing lessons | volume -4


सीखेा षास्त्रीय संगीत free music class volume - 4
               प्रैक्टिस बाइब्रेशन



इक प्यार का नगमा है, मौजो कि रवानी है।
जिदगी और कुछ भी नही ,तेरी मेरी कहानी है।।

प्रिय मित्रो कल आपने अलकारों कि प्रैक्टिस कि उम्मीद करता हूॅ कि आपको अच्छा लगा होगा मित्रो मै ये बता दूॅ कि मै भी आप लोगो कि तरह हूॅ मै प्रयागराज भारत में प्रयाग संगीत समिति प्रयागराज (इलाहाबाद) ये सारे भारत में प्रसिद्व है। मै यही का विद्यार्थी हूॅ यहां पर सिनियर गुरूओं के मार्ग दर्शन में शास्त्रीय संगीत का ज्ञान प्राप्त कर रहा हूॅ जितना सीखता हूॅ सब कुछ आप लेागो को समर्पित कर देता हूॅ। अपना सहायोग दे बस शेयर करते रहे। इससे हमारा मोटिवेशन बढता है। जिससे हम आपको अच्छे से अच्छा सिखा सकूॅ  जो यहां आकर अध्ययन नही कर सकते वो सब घर बैठकर आनन्द ले। 
इसके बाद का अगला लैशन में आपको एक गाना गाकर सुनाउगा जिससे आप का कुछ मन ठीक हो जायेगा और आप फिर से नये जोश के साथ खडे हो जायेगे।
आज का लैशन बहुत बेहतरीन होने वाला है तैयार हो जाये आज आप को मै सिखउगां कि कैसे तालु से बाइब्रेशन उत्पन्न किया जाये। जिससे आपकी आवाज में मधुरता आये और जो भी सुने मधुरता में खेा जाये लेकिन इसमे भी प्रैक्टिस कम मत रखना जितनी पै्रक्टिस होगी उतना ही बाद में मजा आने वाला है। डरना नही है लगे रहो दौस्तो जिसके पास कोई इस्ट्रूमेन्टस है तो अच्छी बात है जिसके पास नही है वो भी ले ले कोई भी काई दिक्कत नही इससे आपको बोरिंग नही होगी और आनन्द आयेगा गाने में भी मजा आयेगा।

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सीखेा षास्त्रीय संगीत free classes volume-3
                     प्रैक्टिस



                            

करत करत अभ्यास के जडमत होत सुजान

दोस्तो इसका मतलब है कि किसी भी काम में प्रैक्टिस कर हम उसमे निपुणता हासिल कर सकते हैं। चाहे दुनिया कि कोई चीज हो अगर हम लगातार अभ्यास करते रहे तो एक न एक दिन हम उस विद्या में निपुणता हासिल कर लेगे ऐसा मेरा विश्वास है, एक दिन में नाम नही बनता लेकिन ये भी सत्य है एक दिन नाम जरूर बनता है इसके लिये जरूरी सिर्फ इतना है कि आप संगीत को अपने आप को समर्पित कर दे। दिल से अपनाये संगीत को फिर देखना इतना करने के बाद संगीत भी आपको अपना लेगा और आप आनन्द कि दुनिया में खो लायेगे जैसे कि आज अरिजीत सिंह, सुखविन्दर सिंह जैसे संगीतकार सिर्फ अपनी धुन में रहते हैं दुनिया से कोई मतलब नही अपना संगीत और काम बस इनको संगीत में अनुपम आनन्द कि अनुभूति होने लगी है ऐसा ही होता है । 
दोस्तो आज हम आपको पिछली सारी क्लासों कि प्रैक्टिस कराने वाला हूॅ , लग जाइये आनन्द लें।
अलंकार

    सा    रे    ग   म   प   ध   नी   सा
    सा    नी   ध   प   म   ग    रे   सा

अलंकार

सासा   रेरे  गग  मम  पप  धध  नीनी  सांसां
सांसां  नीनी  धध  पप  मम  गग  रेरे  सांसां

आप अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे जिससे हम आपकि होने वाली समस्याओं को समझ सके और अच्छे से सिखा सकूॅ।

free music class | singing lessons | for beginners volume-2


            सीखेा षास्त्रीय संगीत free music class volume -2
                                             अलंकार




                           



समां को पिघलने का अरमान क्यूॅ हैं।
पतंगो केा जलने का अरमान क्यूॅ है।।
इसी षौक का इम्तिहां जिदंगी है।

पार्ट वन में आपने अलंकारो कि एक झलक सीखी उम्मीद करता हूॅ आप ने उसकी प्रैक्टिस कि होगी दोस्तो अलंकार षास्त्रीय संगीत कि पहली सीढी है अगर आप ये सीढी जिसे नीव कहते हैं अगर नीव मजबूत हो तो चाहे जितनी बडी बिल्डिंग बना लो कहने का तात्पर्य यह है कि शास्त्रीय संगीत में आप जितनी प्रैक्टिस करेगे उतने ही अच्छे आप उस्ताद गायक बन जायेगें तो आप प्रैक्टिस जबरजस्त करें। चाहे दो दिन बाद मेरा पार्ट दूसरा लेसन देखे लेकिन प्रैक्टिस ही आपको बनायेगी। 

आज आप सीखेगे अलंकारो का दूसरा चरण 


अलंकार

सासा   रेरे  गग  मम  पप  धध  नीनी  सांसां
सांसां  नीनी  धध  पप  मम  गग  रेरे  सांसां

इसकी आपको पै्रक्टिस कम से कम तीन दिन करनी है तब कुछ अच्छा रिजल्ट आप दे पायेगें। घबराये नहीं आराम आराम से करें कोई जल्द बाजी नहीं है आप जितना अलंकारों को अपने दिल ,दिमाग में सेट करेगे उतना ही अच्छे आप निखर कर स्वच्छ पटल पर आयेगे। आनन्द के साथ चाहे आप बैक ग्राउण्ड में कुछ बजा भी सकते है सिलो मोशन में अगर आप हरमोनियम पर अलंकार का उच्चारण कर रहे है तो इससे बेहतरीन और कुछ भी नही हो सकता। आपके पास एक इन्ट्रूमेन्टस जरूर साथ रखखे अगर नही है तेा भी आप सीख जायेगे उसकी चिन्ता आप मुझ पर छोड दीजिये और ज्यादा से ज्यादा शेयर करे तााकि और भी लोग फायदा ले सके और शास्त्रीय संगीत कि दुनिया का आनन्द ले सके।

free music classes | Vocal singing lessons for beginners | volume -1

                  सीखेा षास्त्रीय संगीत free music volume -1
                                        अलंकार


                    

वे वजह था सफर , बिन तेरे हम सफर
लग रहा है तुझे , देखके जिदंगी कि तरफ
तू है पहला कदम , है तुझी में मेरी मंजिले


दोस्तों म्यूजिक कहा है म्यूजिक को गौर से सुनो इन संासोका के हर चीज में म्यूजिक है,वारिष कि गिरती बूदों मे म्यूजिक है ,आखों से गिरते आंसूओं में किसी के षोर में, किसी के ,खामोषी में ,हर एक धडकन, हर एक सांस में म्यूजिक है।

अगर आपको संगीत से है प्यार तो बने रहे हमारे साथ आज हम आपको संगीत का पूरा कोर्स फ्री में आपको सिखाने वाला हूॅ। उससे पहले आप संगीत के बारे में जानकारी जान ले आधुनिक भारत में संगीत के महान ज्ञाता मुगल कालीन अकबर के दरवार के आभूषण सुरों के उस्ताद श्री तानसेन जी जो ध्रुपद शैली, राग दीपक व वीणा वादन में पारंगत थे। वैसे तो आप जानते ही होगे।

आज हम आपको सीखा रहे हैं षास्त्रीय संगीत के अलंकार के बारे में सीखाउगां किस तरह अलंकार को आगे पीछे घूमा कर बेहतरीन तरीके से लय के साथ उनका उपयोग कर सके।षुरू में दोस्तो आपको दिक्कत का सामना करना पडेगा उसके बाद आप देखना अपने आप ही बेहतरीन प्रयोग करने लगेगे बस लगातार प्रैक्टिस करते रहिये और अपने विचार भी हमें बताते रहे क्या आप सीख पा रहे है या कोई दिक्कत हो रही है आप कमेन्ट में हमें बताये हम आपको अच्छे से अच्छे तरीके से और सरल तरीके से सिखाने कि कोषिष करूगां । बस प्रैक्टिस ज्यादा से ज्यादा करंे। जितनी अधिक प्रैक्टिस होगी उतनी ही अधिक आपकी आवाज में दम आयेगी।

अलंकार

    सा    रे    ग   म   प   ध   नी   सा
    सा    नी   ध   प   म   ग    रे   सा









आज कल विद्यार्थी के सामनेे समस्या है कि कैसे इतना मैटेरियल (सिलैवस) याद रखा जाये ,time management for students in hindi,

                                                 विद्यार्थियों कि समस्या 
                                                       याद नही होता
                                                      अब होगा याद


आज कल विद्यार्थी के सामनेे समस्या है कि कैसे इतना मैटेरियल (सिलैवस) याद रखा जाये आज याद करो तीन दिनों बाद फिर भूल जाते है, आज हम आपको ऐसे ही कुछ जबरजस्त ट्रिक (उपाय) बताउगां जो बेहद सरल है जिसको फाॅलो करने पर आप अपनी बौद्विक क्षमता और याद करने कि क्षमता का जबरजस्त विस्तार कर पायेगे, आज दुनिया में आबादी जितनी दिक्कत बनी हुयी है,उससे ज्यादा बढती मोटर गाडियां शेार और भी तमाम जीवन से सम्बंधित समस्याये हैं। ये उपाय उन उपायों में से हैं जिन्हे हमारे भारतीय महापुरूष पूर्वज जो एक बार किताबे पड ले फिर कभी भूलते ही नही थे,1000-1000 पेजों कि किताबें मुह जबानी रट लेते थे। ये उपाय बहुत से बौद्विक चिंतको द्वारा भी उपयोग किया है।



दोस्तों जब आप विद्यार्थी जीवन में होते हैं। तब आप डेली स्कूल,काॅलेज या कोचिंग जाते हैं। अध्ययन के लिये और जब बापस आते है बहुत थक चुके होते हैं और स्कूल का सिर्फ 30-40 प्रतिशत ही हमारा दिमाग गेन कर पाता है। इसका कारण है शेारगुल और दिमाग का जागरूक न होना,और विद्यार्थी जीवन में बहुत से भटकाव भी आते ये सबके जीवन में आते हैं, जैसे स्कूल,काॅलेज या कोचिंग संस्थानों में किसी के प्रति लगाव (प्यार) या सोशल मीडिया का गलत प्रयोग अकसर हमें भटकाव कि ओर ले जाते हैं। ये ऐसा प्रयोग है जो सभी समस्याओ ंको किनारे लगाकर ,प्रगति कि ओर आपको अग्रसर करने में मदद करेगा ।
अचूक उपाय-
1. जब आप पडने बैठे तो सबसे पहले हाथ - पैर धेा ले।

2. फिर आंख बन्द कर अपने माता-पिता- गुरू और मां-सरस्वती का एक मिनट ध्यान करें। सरल शब्दों में कहे तो एक मिनट इनको याद करे।
3. जब पडने बैठे तेा हर एक घण्टे बाद पांच मिनट का ब्रेक ले उस पांच मिनट में अपने माता-पिता- गुरू और मां-सरस्वती का एक मिनट ध्यान करें या पानी, या कुछ खा लें।

    या

असतो मां सदगमय
तमसो मां ज्योतिर्गमय
मृत्योर्मा अमृतम गमय
ओम शान्ति, शान्ति,शान्ति

तीन बार इस मन्त्र का उच्चारण करे। बस इतना करना है आपका मन ,दिल ,दिमाग सब आपके काबू में होगा । मित्रों सिर्फ दस दिन करके देखो अभी तो भारत में सर्दी है। आप लोग बगैर नहाये भी इसे कर सकते है जो लोग ठन्डे इलाके से हैं वो लोग ये न सोचे कि नहाना पडेगा ऐसा कोई प्रतिबंध नही हैं।
अन्त में एक बात कहना चाहूंगा कि पडने के बाद इसे जरूर शेयर करे ंताकि बहुत से ऐसे लोग है जिनको याद न होने कि समस्या से पीडित है। आपका एक शेयर लाखेां ,करोडो कि जिन्दगी बना सकता है। कृपया शेयर करें।
                               धन्यवाद

गुरुकुल रीति: शिक्षा से जुड़ी है दीक्षा. शिक्षा का अर्थ विद्या प्राप्त करना है।,gurukuls in india, gurukuls in haridwar, gurukul school

                             भारतीय गुरूकुलम रीति

शिक्षा पाने के बाद मानव विद्या का प्रयोग केवल अपने लिये न करे। बल्कि उससे समाज और देश को लाभान्वित करें। इसलिये शिक्षा के साथ दीक्षा का सनातन संबंध है। शिक्षा से मानवता के विकास और परस्पर मैत्री के भाव का संर्बधन जरूरी है। विद्या का उपयोग ज्ञान  के विस्तार के लिये हो न कि विवाद करने के लिये विद्या कल्याण का मार्ग बने पतन का नही इन गहरे तत्वो का विचार कर ही ऋषियों ने शिक्षा समाप्ति पर दीक्षा देने का समारोह प्रारम्भ किया जो गुरूकुलों में सदा से चली आ रही है।


मनुष्य का जीवन चार आश्रयों में बटा है इनमें पहले ब्रहाचर्य आश्रम में विभिन्न विषयों को जानने का अभ्यास मानव के शेष जीवन का आधार है। विद्यार्थी अवस्था में किया अध्ध्यन मानव को सोचने विचारने योग्य बनाता है।

भरतीय परंम्परा के आधार वेद है, वेद उन ग्रन्थों को कहते हैं जो सार्वकालिक एवं सार्वभैाम ज्ञाननिधि है। वेद चार हैं- ऋग्वेद, यजुर्वेद,सामवेद,अथर्ववेद महर्षि पतंजलि के महाभाष्य के अनुसार ऋग्वेद कि 21, यजुर्वेद कि 101,सामवेद कि 1000,अथर्ववेद कि 9 शाखायें थी। इन वेदो के चार प्रकार हैं। संहिता,अरण्यक,ब्राहम्ण,और उपनिषद शब्द का अर्थ है निकट बैठना उपनिषद परम्परा में शिष्य कि तत्वज्ञान संबंधी जिज्ञासा का समाधान ऐसे गुरू करते हैं जिन्होने स्वयं अमूर्त तत्व का साक्षात्कार किया हो। गुरू कैसे हो - वेद कहते है ब्राहम्निष्ठं क्षेत्रियं गुरूमाश्रयेत गुरू का श्रोत्रिय और ब्राहम्निष्ठ  होना नितात आवश्यक है। श्रोत्रिय शब्द का अर्थ । शास्त्रों का अध्ययन करने वाला आचर्य । ब्राहम्निष्ठ  से तात्पर्य में निरन्तर चित लगाने वाला ये दोनो होना बहुत जरूरी है । ये दोनो होना बहुत जरूरी है किसी एक के होने पर जीवन में भटकाव कि सम्भावना बनी रहती है।भारतीय संस्कृति | में गुरु शिष्य संबंध | भारतीय गुरूकुलम | रीति


Indian Gurukulam customs

After getting education, do not use anthropology only for yourself. Rather, benefit the society and the country from it. So initiation has an eternal relationship with education. It is necessary to promote the development of humanity and a sense of mutual friendship with education. Knowledge should be used for the expansion of knowledge and not for the dispute to become the path of knowledge welfare, not the fall, considering these deep elements, the sages started the ceremony of initiation at the end of education which has been going on in the gurukuls forever. .

Man's life is divided into four shelters, among these, the practice of knowing various subjects in the first Brahmacharya ashram is the basis of the rest of human life. The study done in the student stage makes a human thinkable.

Vedas are the basis of the Indian tradition, Vedas are those texts which are eternal and universal knowledge. The Vedas are four - Rigveda, Yajurveda, Samveda, Atharvaveda Maharishi According to Patanjali, there were 21 branches of Rigveda, 101 of Yajurveda, 1000 of Samveda, 9 branches of Atharva Veda. There are four types of these Vedas. The terms Samhita, Aranyaka, Brahmana, and Upanishad mean sitting close together in the Upanishadic tradition resolving the metaphysical curiosity of the disciples who have themselves interviewed the abstract element. How to be a Guru - Vedas say that it is absolutely necessary for a Brahminishtriya region to be a teacher and a Brahminishta. Meaning of the word Shrotriya. Asthayaya studying the scriptures. It is very important to have both of them constantly bragging about Brahmanishta. It is very important to have both. There is a possibility of deviation in life if one is there. Indian culture. Guru disciple relationship | Indian Gurukulam | Manner
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मौसम कोई भी हो आप रूकिये मत समय कि तरह चलते रहिये,life management skills in hindi,english

                                           समय




दोस्तो यह पावर फुल विचार हमारी मंडली के संग्राम सिंह द्वारा लिखा गया है। जो इस समय कानपुर में  बीए0 एलएलबी0 के छात्र है। यह हर उस व्यक्ति (विद्यार्थी) को समर्पित है जो अपने भविष्य निर्माण में अग्रसर है।
जैसा कि आप सब जानते है कि समय बलवान है समय से ताकतबर कोई चीज नही है ।समय जो चाहता है वह हमसे वो करवा सकता है।

उदाहरण के लियेः
            
   जब सर्दी आती है तो हम गर्म कपडे पहनने को मजबूर हो जाते है, और जब गर्मी आती है तो हम उन्ही कपडो का त्याग करते हैं। यह सब समय हमसे करवाता है।हम चाहते हुए भी अपने अनुसार कपडे नही पहन सकते हैं, यह समय कि ताकत है।
समय कि एक अच्छी बात यह भी है कि अच्छा हो या बुरा दोनो ही कट जाते है । हम समय को पकड या रोक नही सकते बस हम इसका पीछा कर सकते है।
यही सफल होने का तरीका है मौसम कोई भी हो आप रूकिये मत समय कि तरह चलते रहिये। आप खुद अपनी मंजिल तक पहुच जायेगे।

जैसे खरगोश और कछुए कि कहानी में था। कछुआ चलता रहा लगातार और वह मंजिल तक खरगोश से पहले पहुच गया।

अक्सर हमारे साथ भी यही होता है कि जब हम मंजिल कि ओर चलते रहते है तो बहुत तेज चलते है अन्त में मंजिल से पहले ही हम थक जाते हैं या रूक जोते हैं और हमसे पीछे वाले अक्सर आगे निकल जाते है। यही हमारी हार का कारण  है। जिसको आने लगता है और हम सोचते है कि अब कुछ सीखने कि जरूरत नही है और कम जानकारी वाला सोचता है कि अभी हमारे पास बहुत समय है,और वह वही थम जाता है, जिसको कुछ नही आता वह सोचता है उपर वाले का कुछ नही हो रहा तो हमारा क्या होगा और वह भी प्रयास करना छोड देता है, यही हमारी हार का कारण है। समय कि तरह निरन्तर बिना थके बिना रूके चलते रहना चाहिये।
थक सा गया हूॅ मै मगर मै बैठ नही सकता 
मैं वो सूरज हूॅ जो शाम ये पहले ढल नही सकता

हमारा निरन्तर किया जाने वाला प्रयास ही हमे सफल बनाता है। समय किसी का अच्छा या बुरा नही होता है। यह हमारे उपर निर्भर होता है।

आप बहते रहिये लगातार नदियों के पानी कि तरह
बुराईयां खुद किनारे लग जायेगी कचरे कि तरह।

Time

Friends, this power full idea has been written by Sangram Singh of our troupe. Who is currently a BA LLB student in Kanpur. It is dedicated to every person (student) who is in the forefront of building his future.

As you all know that time is strong, there is nothing stronger than time. He can get us what he wants from time to time.

For example:

   When winter comes, we are forced to wear warm clothes, and when summer comes, we discard those clothes. It makes us do it all the time. We cannot wear clothes as per our wish, this is the strength of our time.

There is also a good point of time that both good or bad are cut. We cannot catch or hold time, just we can chase it.

This is the way to succeed, no matter what the weather, do not stop and keep going like time. You will reach your destination yourself.

Like in the story of the rabbit and the turtle. The turtle kept moving continuously and he reached the floor before the rabbit.

Often the same happens with us that when we keep walking towards the floor, we walk very fast, finally before the floor we get tired or hold back and the people behind us often get ahead. This is the reason for our defeat. The one who starts coming and we think that there is no need to learn anything now and the less knowledgeable thinks that we have a lot of time now, and he stops, the one who does not think he has nothing. What will happen to us if we stop trying too, that is the reason for our defeat. Like time, one should keep going without stopping without being tired.

I'm tired but I can't sit
I'm the sun that can't change this evening

Our constant effort makes us successful. Time is not good or bad for anyone. It depends on us.

You keep flowing like the water of rivers continuously
The evils themselves will take the edge like garbage.

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ऐतिहासिक भूल सुधार शरणार्थियों को नागरिकता देने का CAA,NRC


                                ऐतिहासिक भूल सुधार 
                                         एनआरसी

                       


धर्म के आधार पर हुए देश के बटवारे को स्वीकार कर क्रांग्रेस ने जो ऐतिहासिक भूल कि थी । उसका परिणाम भुगतने वाले पाक्स्तिान , अफगानिस्तान , बांग्लादेश में  रह गये लाखों करोडो लोगो के हितों कि सुरक्षा का उपाय केन्द्र कि भाजपा सरकार ने कर दिया है। नागरिकता संशोधन कानून के जरिये सभी अल्पसंख्यकों के लिये भारत अब कानूनी तौर पर उनका स्थायी निवास बन पायेगा। सरकार का यह कदम किसी खास धर्म के के विरोध में उठाया गया कदम नही है वल्कि इसे भारतीय समाज को उसकी जडों कि तरफ लौटाने वाले कदम के तौर पर देखा जाना चाहिये। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि जो काम देश कि आजादी के तुरंत बाद शुरू हो जाना चाहिये था। वह अब शुरू हो रहा है।ऐसा भी नही कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने देश के अल्पसंख्यकों के लिये ऐसा काम पहली बार किया हो मनमोहन सिंह ने भी वर्ष 2003 में बांग्लादेश के उत्पीडन का शिकार होकर भारत आये शरणार्थियों को नागरिकता देने का समर्थन संसद में किया था।
इस बात से कोई इन्कार नही कर सकता कि स्वतंत्रता के बाद पाक्स्तिान, अफगाानिस्तान, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को प्रताडना ना सामना न करना पडा हेा।
खाशतौर पर महिलाओं के साथ हुए अपमानजनक व्यवहार दुष्कर्म जैसी घटनायें हुयी है। इसलिये भारत का दायित्व बनता है कि इतने वर्षो से उत्पीडित अल्पसंख्यकों समुदायों को भारत कि नागरिकता मिले ताकि ये लोग सम्मान और अधिकार के साथ अपना जीवन यापन कर सकें।

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