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depressed about life choices, lockdown dipresssion,depressed girl alone




दोस्तों यह मेरी हिन्दी व अंग्रजी ब्लाॅगर बेवसाइट है जिसमें में सामाजिक और आज कल के युवाओं के प्यार और दुनिया को देखने के नजरिये के बारे में लिखता हूॅ।

आज मेरा मन बहुत ब्याकुल है,व्याकुल इसलिये कि जब पूरी दुनिया में कोरोना महामारी नहीं थी तब जो हालत थी देशों कि तब भी गरीब ही मरते थे आज  उससे भी ज्यादा हालत खराब है, कल कोरोना संकट से निकलने के बाद और हालत खराब होने वाली है, मेरे मन में प्रश्न उठ रहा जिसका मैं निराकरण नहीं कर पा रहा कि जिनको मैं गरीब बोल रहा रियल जिदगी में इनको क्या चाहिये मेरे मन में यह सवाल इसलिये आ रहा मेरे एक दोस्त का आज फोन आया मैं अक्सर उससे बात करता था लेकिन कुछ दिनों से मैं काॅल करूॅ तो भाई थेाडा बिजी हूॅ बोलकर काॅल कट कर दे पांच दिन होने के बाद मैने आज फिर काॅल कि तब उसने अपनी समस्या बताई भाई एक महीने से लाॅक डाउन है क्या करूॅ दोस्तो मेरा वह दोस्त बिजली विभाग में प्राइवेट घर-घर जाकर मीटर रीडिग का काम करता था जो लाॅकडाउन के बाद वह भी छिन गया ठेकेदार ने छटनी कर निकाल दिया उसकी यह पहली समस्या अब दूसरी समस्या शादी हो गयी उसकी एक सुन्दर छोटा बच्चा है जिसकी हर हफते एक हजार कि दवा आती है,साथ ही साथ फैमिली को देखना है, और उसके पिता जी पर बहिन कि शादी का कर्जा है, लाॅकडाउन में सिर्फ सब्जी,फल बेच सकते हैं मार्केट में अब समस्या ये है कि पूरा गांव उसे बिजली घर में नौकरी करने वाले कि पहचान से जानता है, अब बाजार में ठिलिया लगाकर फल,सब्जी कैसे बेचे वह क्या कोई भी हो नहीं कर सकता लोन कि किस्त हर महीने चल ही रही सही कहा गया है इन्सान के सर पर काफी दिनों तक जीवन में कोई समस्या न आये तो समझ लेना चाहिये कि बहुत सी समस्या एक साथ आने वाली हैं, ऐसा यह एक बन्दा नहीं लाखों , करोडो लोग होगे जो इस दौर से गुजर रहें होगें, अब समस्या है घर रहकर कोरोना से बचा जाये या इन समस्याओं से दोनो तरफ तलबार लटकी नजर आ रही ऐसे लोगों को मेरा यह सब लिखने का उददेश्य ये नहीं कि आप को इमोशनल किया जाये हमारा इस ओर आपका ध्यान आकर्षित करने का कारण इतना है कि आपके आस पास जो भी इस तरह के लोग हो और आप सक्षम हो उसकी मदद जरूर करें मुह न मोडे थेाडा बाहर भी देखे अगल बगल भी देखें और मदद के लिये हाथ बढाये मुझे इस लिये बुरा लगा कि मैं उसकी कुछ मदद नहीं कर पाया मेरा दोस्त है, लेकिन मुझसे जितना होगा मैं उसमें कोई कसर नहीं छोडूगा।


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Friends, this is my Hindi and English blogger website in which I write about the social and the attitude of seeing the love of the youth of today.
Today my mind is very distraught, distraught because when the corona epidemic was not there in the whole world, the condition which was poor even in the countries, even today, is worse than today, after coming out of the corona crisis tomorrow, and the condition is going to worsen It is a question that arises in my mind, which I am not able to solve, what I need in real life, whom I am saying poor, this question is coming in my mind because of a friend of mine I used to call him often, but for a few days, if I call, Brother Theda is busy calling and after five days, I called again today, then he told his problem, brother is locked down for a month, what to do friends That friend of mine used to work in the electricity department doing meter readings from house to house, which was snatched after the lockup, the contractor removed and removed his first problem, now the second The problem is he is married to a beautiful little child who comes to a thousand medicines every week, as well as to see the family, and his father is the debtor of his sister's wedding, in the lockdown, only vegetables, fruits can be sold in the market. Now the problem is that the whole village knows him by the identity of the one who works in the power house, now how can he sell fruits and vegetables by putting some money in the market, no one can do loan installment every month. It is rightly said that if there is no problem in life for a long time on the head of a human being, then it should be understood that many problems are going to come together, it will not be one stop millions, millions will be going through this phase. Will be there, now the problem is to stay away from the corona by staying home or these problems are seen hanging on both sides, I do not have the intention to write all this to you that you should be emotional on this side. The reason for attracting the vehicle is so much that whatever kind of people are around you and you are able to help them, do not face them. Look outside, also look at the side and extend your hand to help, I felt bad that I My friend has not been able to help him, but I will leave no stone unturned in him.
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अमीर खुशरो ने जिदगी घुट-घुट कर फर्जी लेख मुगलो के डर के कारण लिखकर बिता दी


यह बात सत्य है इतिहास को घृणित बनाने वाले के ही हाथ में अगर इतिहास लिखने का काम सौप दिया जाये तो वह अपनी लेखनी से जरूर उस पर अपने दाग मिटाने कि कोशिश करेगा ऐसे ही थे अमीर खुसरो आज आप खुद ही विश्लेशण करके बताये अगर आज इनका असली इतिहास सामने लाया जाये तो इनको किस स्थान पर रखगें आप
एक सूफी सन्त निजामुददीन औलिया थे ,जिसकी मजार दिल्ली में अभी भी हिन्दुओं द्वारा सम्मानित होती है। उसका एक प्रमुख शिष्य था अमीर खुसरो जिसका यशगान अनेक हिन्दू आज भी करते हैं। खुसरो दरबारी कवि था और बादशाहों कि प्रशस्तियां लिखना ही उसका एकमात्र काम था। बह एक बादशाह कि प्रशस्ति लिखने के तुरन्त बाद उस बादशाह कि हत्या करके गददी पर बैठने वाले दूसरे बादशाह के लिये भी ठीक वैसी ही प्रशस्ति लिख मारता था। ये कोई इतिहासकार  नहीं  ऐसे लोगो को इतिहास में चापलूस कहते है जो इनको इतिहास कार समझते हैं वह बताये कैसे जितने भी मुस्लिम शासक हुए सब एक दूसरे को मारकर गददी पर बैठे सब घृणित कायर थे। लेकिन अमीर खुशरों के लेखों में इन सबका कोई वर्णन नहीं ये अपने ही लोगों को अपनी हबस का शिकार बना लेते थे। कैसा इतिहास कार था अमीर खुशरो चापलूसी कर्ता था इतिहास का ये इन्सान जिसने अपनी जिदगी घुट-घुट कर फर्जी लेख मुगलो के डर  के कारण लिखकर बिता दी।

इस्लाम के जिहाद के विरूद्व हिन्दू जमकर लडते रहे। दक्षिण में मुसलमान बनाये गये दो हिन्दू महायोद्वाओं - हरियर तथा बुक्का को फिर से हिन्दुत्व कि दीक्षा देकर आचार्य माधवारण्य ने विजयनगर साम्राज्य कि स्थापना कि। उस साम्राज्य कि छत्रछाया में हिन्दुओं के शास्त्रों का पुनरूद्वार हुआ तथा सायण के वेदभाष्य लिखे गये। 

अबुल हसन यमीनुद्दीन अमीर ख़ुसरो (1262-1324) चौदहवीं सदी के लगभग दिल्ली के निकट रहने वाले एक प्रमुख कवि शायर गायक और संगीतकार थे। उनका परिवार कई पीढ़ियों से राजदरबार से सम्बंधित था  स्वयं अमीर खुसरो ने 7 सुल्तानों का शासन देखा था  अमीर खुसरो प्रथम मुस्लिम कवि थे जिन्होंने हिंदी शब्दों का खुलकर प्रयोग किया है वह पहले व्यक्ति थे जिन्होंने हिंदी हिन्दवी और फारसी में एक साथ लिखा  उन्हे खड़ी बोली के आविष्कार का श्रेय दिया जाता है  वे अपनी पहेलियों और मुकरियों के लिए जाने जाते हैं। सबसे पहले उन्हीं ने अपनी भाषा के लिए हिन्दवी का उल्लेख किया था। वे फारसी के कवि भी थे। उनको दिल्ली सल्तनत का आश्रय मिला हुआ था। उनके ग्रंथो की सूची लम्बी है। साथ ही इनका इतिहास स्रोत रूप में महत्त्व है। अमीर खुसरो को हिन्द का तोता कहा जाता है

मध्य एशिया की लाचन जाति के तुर्क सैफुद्दीन के पुत्र अमीर खुसरो का जन्म सन् 1253 ईस्वी  में एटा उत्तर प्रदेश के पटियाली नामक कस्बे में हुआ था। लाचन जाति के तुर्क चंगेज खाँ के आक्रमणों से पीड़ित होकर बलबन  (१२६६(1266)-१२८६(1286) ई0 के राज्यकाल में शरणाथियों  के रूप में भारत में आ बसे थे। खुसरो की माँ बलबनके युद्धमंत्री इमादुतुल मुल्क की पुत्री तथा एक भारतीय मुसलमान महिला थी। सात वर्ष की अवस्था में खुसरो के पिता का देहान्त हो गया। किशोरावस्था में उन्होंने कविता लिखना प्रारम्भ किया और २० वर्ष के होते होते वे कवि के रूप में प्रसिद्ध हो गए। खुसरो में व्यवहारिक बुद्धि की कोई कमी नहीं थी। सामाजिक जीवन की खुसरो ने कभी अवहेलना नहीं की। खुसरो ने अपना सारा जीवन राज्याश्रय में ही बिताया। राजदरबार में रहते हुए भी खुसरो हमेशा कवि कलाकार संगीतज्ञ और सैनिक ही बने रहे। साहित्य के अतिरिक्त संगीत के क्षेत्र में भी खुसरो का महत्वपूर्ण योगदान है  उन्होंने भारतीय और ईरानी रागों का सुन्दर मिश्रण किया और एक नवीन राग शैली इमान जिल्फ़ साजगरी आदि को जन्म दिया भारतीय गायन में क़व्वालीऔर सितार को इन्हीं की देन माना जाता है। इन्होंने गीत के तर्ज पर फ़ारसी में और अरबी ग़जल के शब्दों को मिलाकर कई पहेलियाँ और दोहे भी लिखे हैं।

This is true, if the task of writing history is handed over to the person making history disgusting, then he will definitely try to erase his stains on it with his writings, it was like that, Amir Khusro, today you can analyze yourself and tell them today. If real history is brought to the fore, where will you place them

One Sufi saint was Nizamuddin Auliya, whose tomb is still revered by Hindus in Delhi. One of his main disciples was Amir Khusro whose Yashgana is practiced by many Hindus even today. Khusro was a court poet and his only work was to write commendations of emperors. Soon after writing a commendation of a king, he used to write the same commendation for the other king who sat on the donkey by killing that king. It is not a historian to call such people as sycophants in history, who consider them as history car, they tell how all the Muslim rulers who killed each other were all disgusting cowards sitting on the donkey. But there is no description of all this in the articles of rich people, they used to make their own people a victim of their hubris. What kind of history car was Amir Khushro was a flattering actor, this man of history who spent his life choking and chugging and writing Farli articles.

Hindus continued to fight fiercely against the Jihad of Islam. Acharya Madhavaranya established the Vijayanagara Empire by re-initiating Hindutva to two Hindu Mahayodwas - Hariyar and Bukka, who were made Muslims in the south. In the shadow of that empire, the scriptures of Hindus were revived and the Vedabhashya of Sayan was written.

Abul Hasan Yameenuddin Amir Khusro (1262–1324) was a prominent poet-singer and composer living near Delhi around the fourteenth century. His family had been associated with the court for many generations. Amir Khusro himself had seen the rule of 7 Sultans. Amir Khusro was the first Muslim poet to have used Hindi words openly. He was the first person who wrote them together in Hindi, Hindu and Persian. The invention is credited for his riddles and reticence. He first referred to Hindavi for his language. He was also a Persian poet. He had the shelter of the Delhi Sultanate. The list of his books is long. Also, their history is important in source form. Amir Khusro is called Parrot of Hind

Amir Khusro, son of Turk Saifuddin of the Lachan caste of Central Asia, was born in 1253 AD in a town called Patiali in Etah, Uttar Pradesh. After suffering from the invasions of Genghis Khan, a Turk of the Lachan caste, Balban immigrated to India as refugees during the reign of (126 (1266) -126 (1286)). Khusro's mother Balbanke, daughter of war minister Imadutul Mulk and an Indian Muslim woman. Khusro's father passed away at the age of seven. He started writing poetry as a teenager and by the age of 20 he became famous as a poet Done. Khusro  had no shortage of practical intelligence. Khusro never disregarded social life. Khusro  spent all his life in royalty. Khusro  remained a poet artist, musician and soldier even while living in the court. Literature. Apart from this, Khusro also has significant contribution in the field of music, he made a beautiful blend of Indian and Iranian ragas and a new raga style Iman J Lf Sajagri etc. are delivered as a gift to Khwwaliawr Sitar Indian singing them. They are in Persian on the lines of the song and also wrote many puzzles and couplets including words of Arabic Ghjl.

भोग विलास कि संस्कृति हर मनुष्य के लिये दुखदायी है। western culture


कोरोना जैसी महामारी के चलते आज समस्त प्रथ्वी के लोगों को एक बात तो समझ ही जानी चाहियेे कि भोग विलास कि संस्कृति हर मनुष्य के लिये दुखदायी है, इसका उदाहरण आज के पश्चिमी देश की हालत अपनी आंखों से देखकर हम सब समझ सकते हैं, आज  प्रथ्वी के उन सभी देशों को सबक है कि भेाग विलास से आप तुरन्त तो मजे लूट सकते हैं लेकिन इसके बाद उसका विपरीत प्रभाव काफी गुना बडा होता है, जिसका खामियाजा हमें अपनी जान देकर चुकाना पडता है, इंडियन कहावत है कि आप समय अनुसार समझ जाये नहीं तो समय आपको सब सीखा ही देगा आज यही देखने को मिल भी रहा है,

आज प्रथ्वी पर बहुत से देशों ने आतंक से भी बडे काम कर रहे थे और ऐसा नहीं हम नहीं जानते हो लेकिन हम सिर्फ अपने-अपने फायदे अनुसार उस पर रोक या उसको बढावा देते थे, यह सच है समस्त प्रथ्वी के देशों को प्रकृति को नुकसान पहुचाने, उनका उपयोग भेागविलास में करना और फिर नष्ट कर देना आज के वैश्विक समाज कि रिवाज सी बन गयी है, आज जब सब चीजें फेल हो रहीं हैं हमें समझना चाहिये कि प्रकृति महान है हम इस पर कब्जा या अपने मन माफिक कन्ट्रोल नहीं कर सकते हम भगवान नहीं बन सकते हमें इस धरती में हर उस चीज कि रक्षा करनी है जो प्रकृति द्वारा उत्पन्न हो रही हैं, हमारे शरीर को चलाने के लिये हमें प्रकृति ने ज्ञान दिया हम खेती कर अनाज उगाने लगे सब आनन्द से चलता था, लेकिन भेाग विलास कि पश्चिमी संस्कृति ने भगवान और प्रकृति को अपने कब्जे में करने के चक्कर में समस्त मानव जाति को संकट में लाकर खडा कर दिया आज प्रथ्वी के हर मनुष्य को समझने कि जरूरत है, कि कौन सी संस्कृति ऐसी है जो मानव,पशु,प्रकृति के रखवाले साबित हो रहे हैं उसको अपनाओ मानेा उनके दिखाये रास्ते पर चलो इससे न तो किसी का धर्म आढे आयेगा न वह कुछ प्रकृति को हानि पहुचायेगा हम बस इस समय आंख बन्द कर जैसा चल रहा चलने देते हैं, हम सोचते ही नहीं हम क्या कर रहे अपने जीवन यापन के लिये प्रकृति को ही नष्ट,भ्रष्ट करने लगे। दोस्तो यह अभी हमारे हाथ में है, इसका सुधार हम कर सकते हैं। आपके कोई सुझाव हो तो हमें जरूर भेजे हमें आपके सुझाव का इंतजार रहेगा।
नमस्कार
आपका अपना आवारा लेखक
सचिन सिंह 
भारत से
The culture of enjoyment is painful for every human being.

due to an epidemic like Corona, the people of all the earth must understand one thing that the culture of luxury is painful for every human being, this is an example of the condition of today's western country. Everyone can understand, today there is a lesson to all those countries of the earth that you can spoil the fun immediately with the luxury of it, but after that its adverse effect is quite manifold. We have to pay the brunt of our lives, the Indian saying is that if you understand in time, otherwise the time will give you all the lessons, today it is also being seen, today many countries on the earth are also working with terror. We were not and we do not know, but we only stopped or promoted it according to our own benefit, it is true that all the countries of the world are used to harm nature, use them Doing and then destroying the glass has become the custom of today's global society, today when all things are failing we should understand that nature is great, we cannot capture it or control our mind, we cannot become God. We have to protect everything that is being generated by nature in this earth, nature has given us the knowledge to run our body, we started growing grains by cultivating all the joy It used to go on, but the Western culture of luxury has made all the human race in danger due to the possession of God and nature, today every human in the earth needs to understand which culture is such that Humans, animals, nature's keepers are proving to follow them, follow them on the path shown by them, it will not harm anyone's religion or it will harm some nature. If you do go running right eye shut, we think if we do not destroy the very nature of their living doing, began to corrupt. Friends, it is now in our hands, we can improve it. If you have any suggestions, please send us, we will be waiting for your suggestions.

Hi
Your own vagabond


पृथ्वी के समस्त लोगों के जीवन पर all country issues,pendemic coronavirus



दोस्तों आज हम एक ऐसे मुददे कि बात करेगें जिसका सम्बन्ध पृथ्वी के समस्त लोगों के जीवन पर प्रभाव डालता है, और आज हम उसको नजर अंदाज कर रहे हैं, जिसके कारण हर दस-बीस साल बाद उसका परिणाम भूकम्प,बाढ,महामारी के तरह हमारे सामने आते हैं, दोस्तो यह मेरा लेख हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में है आप नीचे देखे,और अच्छा लगे तो शेयर,शस्क्राइव करें।

दोस्तों मेरा उददेश्य किसी को उसके धर्म या जाति से  दूर करना नहीं है बस आपका उस और ध्यान आकर्षित करना है,
दोस्तों आज हम बडी-बडी बाते करते हैं, हमनेे अच्छा पहनना अच्छा खाना, अच्छा जीना तो सीख लिया लेकिन समय के साथ हमने उस चीज कि तरफ ध्यान नहीं दिया जिस कि बजह से हम अच्छा पहनना, अच्छा खाना, अच्छा जीना जैसी चीजें हमें मिली हैं। बात करते हैं प्रकृति कि आज हमने इसको इतना कष्ट पहुचाया है जिसका हम अन्दाजा तक नहीं लगा सकते, जिस प्रकार मनुष्य कि सुन्दरता उसके कपडे,रहन -सहन से है लडकियों कि सुन्दरता उनके आभूषणों व कपडों से है हम सब ये बात जानते है लेकिन हम ये भूल गये कि हमारी प्रकृति है उसकी सन्ुदरता मनुष्य नहीं है, उसकी सुन्दरता के आभूषण भोले भाले जानवर वे जुवान जानवर, पेड-पौधे, जल ये उनकी सुन्दरता के साधन है इन सब कि सुरक्षा के लिये प्रकृति ने हम मानवों को बनाया है इस बात को समझना बहुत जरूरी है दोस्तों पृथ्वी में रहने वाले हर मनुष्य का कर्तव्य है कि इसकी रक्षा करें लेकिन हमने क्या किया इन्हीं पर अत्याचार करना शुरू कर दिया आज प्रकृति चिल्ला चिल्ला के इशारा कर रही सुधर जाओ,सुधर जाओ लेकिन विज्ञान और हम मानने को तैयार नहीं हम क्यों मानने को तैयार नहीं कि हमें रक्षक के तौर पर भेजा गया है न कि सर्वनाश के लिये आज कल लोग अत्याचार तो कर ही रहे हैं साथ ही साथ धर्म का हवाला देकर अत्याचार करने को के लिये लोगो को बढाने का काम भी कर रहे हैं, लेकिन असलियत में सच्चाई ये है कि दुनिया के किसी भी धर्म में जानवरों को मारकर खाना नहीं कहा गया हमारे लोगो द्वारा बनाये गये धर्म के ठेकेदारों ने जिन्होने अपनी धर्म कि दुकान चलाने के लिये इस तरह का ज्ञान बाट दिया है कि समाज के लोग आज प्रकृति कि सुन्दरता को नष्ट करने में तुले हैं। हमें अपना दिमाग इस्तेमाल करने कि जरूरत है और आप जिस धर्म के हैं उस धर्म को अपने उन धर्म के ठेकेदार कि सुने बगैर उसे अपने दिमाग से समझे अगर धर्म में ऐसा है तो ऐसा धर्म व ऐसे लोग कैस्ेा अच्दे और एक सभ्य समाज ,देश का निर्माण कर सकते हैं। हमको इस ओर देखने समझने कि जरूरत है हमने बहुत गलतियां कि अगर इस कोरोना महामारी से हम नहीं समझे तो कभी नहीं समझ पायेगे क्या आखिर क्या चाहती है प्रकृति हमसे आप जान ही गये होगे प्रकृति ने हमको हर सुविधा दी कभी कुछ नहीं मांगा आज हमें लग रहा जिसने हमें बनाया है, बह हमारे सामने हाथ फैला भीख मांग रहा है कि जुर्म मत करो प्रकृति पर रक्षा करों उन बेजुवान जानवरों कि पेड-पौधों कि जिनको हमने अपने स्वार्थ के लिये जबरजस्ती साधन बना रखा है, आज हर देश के लोगो के लिये सही समय है प्रण लेने के लिये कि हम मांस,बेजुवान जानवर पर अब कभी अत्याचार नहीं करेगें और अपने सामने न ही होने देगें। प्रकृति कि रक्षा करेगें। हमारा एक संकल्प समस्त प्रथ्वी को खुशहाल बना सकती है।

Friends, today we will talk about an issue which has an impact on the lives of all the people of the earth, and today we are ignoring it, due to which, after every ten or twenty years its result will be earthquake, flood, epidemic like ours. Come on, friends, this is my article both in Hindi and English, you see below, and if you like, share, subscribe.
Friends, my aim is not to distance anyone from his religion or caste, just to draw your attention to him,

Friends, today we talk a lot, we have learned to eat well, eat well, but over time we did not pay attention to the things that we got by wearing good things, good food, good living. Huh. Let us talk about the nature that we have caused so much pain today that we cannot even guess, just as the beauty of a man is from his clothes, life and beauty, the beauty of girls is from his jewelery and clothes, but we all know this They have forgotten that our nature is not its beauty, its ornament of beauty is naive spear animals, they are young animals, trees, water, they are the means of their beauty. It is very important to understand that nature has made us humans for safety, friends, it is the duty of every human living in the earth to protect it, but what we did is we started torturing them today. Keep improving, improve but science and we are not ready to accept why we are not ready to believe that we have been sent as protector and not serve Nowadays people are committing atrocities for the same time, along with citing religion, they are also doing the work of increasing the people to commit atrocities, but in reality the fact is that eating animals in any religion of the world is killing It was not said that the contractors of religion created by our people have given such knowledge to run the shops of their religion that the people of the society today can bring the beauty of nature We are ready to destroy. We need to use our mind and understand the religion of which you belong to your mind without listening to the contractor of those religion, if there is such a religion in it, then such a religion and such people, how can a good society and a civilized society, Can manufacture We need to understand to see this, we have made many mistakes that if we do not understand from this corona epidemic, then you will never understand what the nature wants from you, you will know that nature has given us every facility, never asked for anything. Who has made us, is stretched out in front of us, begging that do not commit crime, protect the nature of the trees and trees of the lifeless animals which we have ourselves Maintains Connor means of Arth, to take oath today every country in the right time for the people that we will not torture ever now on meat, Bejuwan animals and reveal not their face. Will protect nature. One of our resolutions can make the whole earth happy.

आपको प्यार का मजा लेना है तो इसका एक बहुत सुपर तरीका,moon lovers real history, lovers in history

प्यार को कैसे जीये,

दोस्तो लाॅकडाउन का दौर है कोरोना का डर है हमने सोचा ऐसे में आपको कुछ स्पेशल दिया जाये आप पढते जाये बस प्यार कि सच्चाई बताने वाला हूॅ आपको 


वैसे तो सबको अपने जीवन में एक दो बार किसी न किसी से प्यार जरूर हुआ होगा चाहे वह लड़का हो या लड़की यहां तक सब ठीक रहता है,लेकिन कुछ दिनों बाद लडाई और बुराई भी भयंकर होती जिसके बाद सब खत्म होने कि आशंका रहने लगती है।

इक प्यार का नगमा है 
मौजो की रवानी है 
जिंदगी और कुछ भी
 नहीं तेरी मरी कहानी है 

हमें यह याद रखना चाहिये प्यार क्या है प्यार कुदरत कि दी हुई एक नयाब चीज है ,प्यार एक सुरिली सुगंधित हवा है एक कोमल गुलाब कि पत्तियों के समान है अगर इसे तेज हवा, तेज धूप मिले तो मुरझाने में देर नहीं लगती और खुला आसमान न मिले तो मुरझाने में देर नहीं लगती 

तो क्या किया जाये प्रिय आशिकों मैं आपको एक बात बताता हूॅ अगर आपको प्यार का मजा लेना है तो इसका एक बहुत सुपर तरीका है, आपको जिससे प्यार है उसकेा कभी पता मत चलने दो, कि आपको उससे प्यार है, वह आपके लिये ऐसा पल होता है वह दुनिया कि सबसे अलग और नायाब चीज लगती है सब आशिकों के साथ ऐसा होता उसको देखना उसको सुनना,उसका पास से गुजरना, घर के अन्दर भी उसकी आवाज का सुनाई देना, खाना पीना, पढना सब जगह उसका दिखना दोस्तों सही बताउ तो यही वह लम्हें पल होते हैं जिसको हर आशिक बुरा समझता है, लेकिन असलियत में यही प्यार का सबसे गोलडन पल होते हैं, यही पल लोग अनजाने में मिस कर देते हैं और चीजों को समेट कर रखने कि बजाय उस प्यार के पलों को गलत दिशा दे देते हैं, फिर वह प्यार नहीं सिर्फ एक-दूसरें की इच्छाओं पर परिवर्तित होने में देर नहीं लगती फिर वह प्यार खत्म हो जाता है जिसके लिये यह प्यार शब्द बना था। हम फिर चाहे जितनी कोशिश कर लें वो पल वापिस नहीं आते बाद में हम उन्हीं पलों को याद करते हैं लेकिन वह खेा चुके होते है।

How to live love


   Friends, it is a time of lockdown, fear of Corona, we thought that in this way, you should be given some specials, you will be studying, just to tell the truth of love

Although everyone must have fallen in Love with someone once or twice in their life, whether it is a girl or a boy, all is well here, but after a few days, the fight and the evil is terrible, after which there is a possibility of ending everything. .

We must remember what love is. Love is a natural thing, love is a surly fragrant air. Like a tender rose leaves. If it gets strong wind, strong sun, it does not take long to fade and the sky is not open. It doesn't take long to fade if found

So what to do, dear lovers, I tell you one thing, if you want to enjoy love, then it is a very super way, never let the love you love know that you love it, that would have been such a moment for you It is the most different and unique thing in the world, it happens to all lovers, to see it, to hear it, to pass by it, to hear its voice even inside the house, to eat, read and read everywhere. If my friends are right, these are the moments that every lover thinks is bad, but in reality these are the most beautiful moments of love, this is the moment people miss inadvertently and instead of covering things up, instead of that love Moments give the wrong direction, then it is not just love but it does not take long to change on each other's wishes, then that love ends for which this Love word was coined. Whatever we try again, those moments do not come back, later we remember those moments but they have played.

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लाॅकडाउन,corona virus में students shayri

दोस्तों यह उन लोगो के लिए गई जो लाॅकडाउन  में अपने अपने घरो में है आप घर पर रहे और आनन्द  लेते रहे लाॅकडाउन


लाॅकडाउन में 
सपनों को दफनायें कहां जो कुछ दिनों में सच होने वाले थे क्या लेकर हम जायें वहां जो मेरे रखवाले थे अब प्रश्न बना मेरे भीतर इस युद्व में हार या जीत पर पीछे हटने वाले थे समय ने युद्व अधूरा रख अपमान किया उन वीरों का युद्वरत में शामिल थे जो हस हस अपने को वारे थे।

लाॅकडाउन में,
सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले बच्चे अब जाये कहां किताबी ज्ञान को किस सपने में सजाये कहां कोरोना महीेनों का किस्सा है हम अपना किस्सा गायें कहां।

लाॅकडाउन में 
लाॅकडाउन में जिंदगी अजीब सी पहेली बनी हर किसी की वह सहेली बनी हर दिलों को तोडकर एक गोल-गोल जलेबी बनी

लाॅकडाउन में 
किसी के सपने चूर हुए किसी के सपने मोती चूर हुए हर का अब यहां रोना है, जिदंगी बनी खिलौना है।

लाॅकडाउन से पहले भी सरकारी नौकरियां के लाले थे,हमने जो सपने पाले थ्ेा,सर्दियों की ओस में ओझल हो जाने थ्ेा।

लाॅकडाउन में,
 हमने भी कुछ सपने पाले थे हार,हार के खडा होना सीखा था, पृथ्वी पर कोरोना बीमारी से मचा हा हा कार यहां पर है।

In the lockdown
Where should we bury the dreams that were going to come true in a few days, should we go there, who were my keepers, now the question has become a question, I was about to retreat on defeat or victory in this war. Time kept insulting those warriors in war Those who were involved were laughing.


In the lockdown
Children preparing for government jobs should now go where, in which dreams to decorate book knowledge, where is the story of Corona months, where should we sing our anecdote.

In the lockdown
Life became a strange puzzle in the lockdown, she became a friend of everyone, broke every heart, became a round jalebi

Everybody's dreams were broken in the lockdown. Everyone's dreams were broken and everyone's cry is here, life is a toy.

Even before the lockdown, there were government jobs, the dreams we had, lost in the dew of winter.

In the lockdown,
 We too had some dreams, had learned to defeat, to defeat defeat, Corona disease on earth created ha ha ha here.

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न हिन्दू न मुसलमान सबसे बड़ा राहत अभियान मेरा देश बदल रहा है आगे बढ़ रहा है ,RSS family,social organizations,Rashtriya Swayamsevak Sangh


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न हिन्दू न  मुसलमान सबसे  बड़ा राहत अभियान 
कश्मीर भी कोरोना से कराह रहा है। तेजी से बढते मामलों ने कश्मीरियो में अलग सी बेचैनी और चिंता को बढा दिया है। अजीब सी खमोशी पसरी हुई है, वीरान सडको पर संरक्षाकर्मी मुस्तैद हैं। बीते दिनों आतंकियों ने भी कुछ हलचल दिखाई लेकिन उसे काबू कर लिया गया। अलगाववादियों और जिहादियों का गढ कहलाने वाला वारामूला,हंदवाडा और बडगाम के दूरदराज के इलाकेां में कुछ युवक-युवतियां बेखौफ हेाकर आम लोगों के घरों तक मदद पहुंचा रहे हैं। ताकि कोई भूखा न सोए ये स्थानीय मुस्लिम युवक-युवतियां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कि इकाई सेवा भारती के कार्यकर्ता हैं। वही एक कार्यकर्ता गुलाम मुहम्मद ने कहा आप कैसे कह सकते हैं कि आरएसएस हमारा दुश्मन है, ये उन लोगों का दुश्मन हो सकता है जो हमें जाहिल बनाये रखना चाहते हैं।
आज आरएसएस परिवार स्वयं और बहुत सारी समाजसेवी संस्थायें रोज लाखों,करोडों लोगों को भोजन उनके घरों तक उपलब्ध करा रही है।

आरएसएस संस्था क्या है। 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत का एक ,राष्ट्रवादी,अर्धसैनिक, स्वयंसेवक संगठन हैं, जो व्यापक रूप से भारत के सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी का पैतृक संगठन माना जाता हैं। यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अपेक्षा संघ या आर.एस.एस. के नाम से अधिक प्रसिद्ध है। बीबीसी के अनुसार संघ विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संस्थान है।
प्रारंभिक प्रोत्साहन हिंदू अनुशासन के माध्यम से चरित्र प्रशिक्षण प्रदान करना है  संगठन भारतीय संस्कृति और नागरिक समाज के मूल्यों को बनाए रखने के आदर्शों को बढ़ावा देता है ,संघ दुनिया के लगभग 80 से अधिक देशों में कार्यरत है। संघ के लगभग 50 से ज्यादा संगठन राष्ट्रीय ओर अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त है ओर लगभग 200 से अधिक संघठन क्षेत्रीय प्रभाव रखते हैं। जिसमे कुछ प्रमुख संगठन है जो संघ की विचारधारा को आधार मानकर राष्ट्र और सामाज के बीच सक्रिय है। जिनमे कुछ राष्ट्रवादी, सामाजिक, राजनैतिक, युवा वर्गों के बीच में कार्य करने वाले, शिक्षा के क्षेत्र में, सेवा के क्षेत्र में, सुरक्षा के क्षेत्र में, धर्म और संस्कृति के क्षेत्र में, संतो के बीच में, विदेशो में, अन्य कई क्षेत्रों में संघ परिवार के संघठन सक्रिय रहते हैं। संघ में संगठनात्मक रूप से सबसे ऊपर सरसंघचालक का स्थान होता है जो पूरे संघ का दिशा-निर्देशन करते हैं। सरसंघचालक की नियुक्ति मनोनयन द्वारा होती है। प्रत्येक सरसंघचालक अपने उत्तराधिकारी की घोषणा करता है। वर्तमान में संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत हैं। संघ के ज्यादातर कार्यों का निष्पादन शाखा के माध्यम से ही होता है, जिसमें सार्वजनिक स्थानों पर सुबह या शाम के समय एक घंटे के लिये स्वयंसेवकों का परस्पर मिलन होता है। वर्तमान में पूरे भारत में संघ की लगभग पचपन हजार से ज्यादा शाखा लगती हैं। वस्तुत: शाखा ही तो संघ की बुनियाद है जिसके ऊपर आज यह इतना विशाल संगठन खड़ा हुआ है। शाखा की सामान्य गतिविधियों में खेल, योग, वंदना और भारत एवं विश्व के सांस्कृतिक पहलुओं पर बौद्धिक चर्चा-परिचर्चा शामिल है।

शाखा किसी मैदान या खुली जगह पर एक घंटे की लगती है। शाखा में व्यायाम, खेल, सूर्य नमस्कार, समता (परेड), गीत और प्रार्थना होती है। सामान्यतः शाखा प्रतिदिन एक घंटे की ही लगती है। शाखाएँ निम्न प्रकार की होती हैं:

प्रभात शाखा: सुबह लगने वाली शाखा को "प्रभात शाखा" कहते है।
सायं शाखा: शाम को लगने वाली शाखा को "सायं शाखा" कहते है।
रात्रि शाखा: रात्रि को लगने वाली शाखा को "रात्रि शाखा" कहते है।
मिलन: सप्ताह में एक या दो बार लगने वाली शाखा को "मिलन" कहते है।
संघ-मण्डली: महीने में एक या दो बार लगने वाली शाखा को "संघ-मण्डली" कहते है।
पूरे भारत में अनुमानित रूप से 55,000 से ज्यादा शाखा लगती हैं। विश्व के अन्य देशों में भी शाखाओं का कार्य चलता है, पर यह कार्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नाम से नहीं चलता। कहीं पर "भारतीय स्वयंसेवक संघ" तो कहीं "हिन्दू स्वयंसेवक संघ" के माध्यम से चलता है।
शाखा में "कार्यवाह" का पद सबसे बड़ा होता है। उसके बाद शाखाओं का दैनिक कार्य सुचारू रूप से चलने के लिए "मुख्य शिक्षक" का पद होता है। शाखा में बौद्धिक व शारीरिक क्रियाओं के साथ स्वयंसेवकों का पूर्ण विकास किया जाता है।
जो भी सदस्य शाखा में स्वयं की इच्छा से आता है, वह "स्वयंसेवक" कहलाता हैं।



Kashmir is also moaning from Corona. Rapidly increasing cases have led to different anxiety and anxiety among Kashmiris. There is a strange silence, the security personnel are ready on the deserted roads. In the past, the terrorists also showed some movement but it was controlled. Called as a stronghold of separatists and jihadis, some young men and women in remote areas of Varamulla, Handwada and Budgam are providing help to the common people's homes. These local Muslim young men and women are activists of Seva Bharati, a unit of the Rashtriya Swayamsevak Sangh, so that no one can sleep hungry. The same activist Ghulam Muhammad said, how can you say that the RSS is our enemy, it can be the enemy of those who want to keep us alive.

Today the RSS family itself and many social organizations are providing food to millions, crores of people every day till their homes.


The Rashtriya Swayamsevak Sangh is a nationalist, paramilitary, volunteer organization of India, widely regarded as the parent organization of the ruling party of India, the Bharatiya Janata Party. This is more than the RSS or RSS. Is more famous by the name of. According to the BBC, the association is the largest voluntary institution in the world.
Initial encouragement Providing character training through Hindu discipline hai organization promotes the ideals of upholding the values ​​of Indian culture and civil society, the Sangh operates in more than 80 countries of the world. More than 50 organizations of the Sangh have national and international repute and more than 200 organizations have regional influence. In which there are some major organizations which are active between the nation and society, considering the ideology of the Sangh as the basis. In which some nationalists, social, political, working among the youth, in the field of education, in the field of service, in the field of security, in the field of religion and culture, among the saints, in foreign countries, many other fields. In the Sangh Parivar organizations remain active. Sarsanghchalak occupies the top position organizationally in the Sangh who guides the entire Sangh. The Sarsanghchalak is appointed by nomination. Each Sarsanghchalak declares his successor. Currently, Sarsanghchalak of the Sangh is Mr. Mohan Bhagwat. Most of the work of the Sangh is executed through the branch, where volunteers meet for one hour in the morning or evening in public places. At present, there are about fifty five thousand branches of the Sangh all over India. In fact, the branch is the foundation of the Sangh, on which such a large organization has stood today. Common activities of the branch include sports, yoga, Vandana and intellectual discussion-discussion on cultural aspects of India and the world.

The branch takes an hour on a field or open space. The branch has exercises, games, Surya Namaskar, Samata (parade), songs and prayers. Normally the branch takes only one hour per day. Branches are of the following types:

Prabhat Branch: The morning branch is called "Prabhat Branch".
Evening Branch: Evening branch is called "evening branch".
Night branch: The night branch is called "night branch".
Milan: A branch that occurs once or twice a week is called "Milan".
Sangh-Mandali: A branch which is held once or twice in a month is called "Sangh-Mandali".
There are an estimated over 55,000 branches across India. Branches work in other countries of the world, but this work does not run under the name of Rashtriya Swayamsevak Sangh. Somewhere the "Bharatiya Swayamsevak Sangh" runs and sometimes through the "Hindu Swayamsevak Sangh".
The post of "stewardship" is the largest in the branch. Thereafter, the post of "head teacher" is there to keep the daily work of the branches running smoothly. In the branch, full development of volunteers is done along with intellectual and physical activities.
Any member who comes to the branch on his own will is called "Swayamsevak".

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कोरोनावायरस परीक्षण केंद्रों की तलाश कर रहे हैं? यहाँ सूची है,coronavirus testing centers

COVID-19 महामारी: आप के पास कोरोनावायरस परीक्षण केंद्रों की तलाश कर रहे हैं? यहाँ सूची है
दुनिया भर में उपन्यास कोरोनवायरस के मामलों की संख्या में वृद्धि जारी है।

कोई भी व्यक्ति जो covid ​​-19 संक्रमण पर संदेह करता है या श्वसन संबंधी बीमारी और बुखार के साथ सूखी खांसी जैसे लक्षणों के साथ जांच की गई है, भारत में इनमें से किसी भी प्रयोगशाला में परीक्षण करवा सकते हैं। इसकी  जरूरत नहीं अगर आप घर पर रहे 

यहाँ एक विस्तृत सूची है:




governments hospitals and lab
महाराष्ट्र

इंदिरा गांधी गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, नागपुर

संक्रामक रोगों के लिए कस्तूरबा अस्पताल, मुंबई

SRL रेलिगेयर लेबोरेटरी, गवाडी इंडस्ट्रियल एस्टेट, एस.वी. रोड, गोरेगांव (W) मुंबई

डॉ। लालपत लैब

मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर लिमिटेड - वैश्विक संदर्भ प्रयोगशाला, विद्याविहार, मुंबई 

मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर लिमिटेड, भंडारकर इंस्टीट्यूट रोड, पुणे 

एसआरएल डिग्नोस्टिक लेबोरेटरी, डॉ अविनाश फडके प्रयोगशाला, माहिम, मुंबई

एजी। डायग्नोस्टिक लैब प्रा.लिमिटेड


अपोलो अस्पताल, नाशिक 31. अपोलो अस्पताल, नवी मुंबई

एसआरएल लिमिटेड, सेक्टर -4, खारघर, नवी मुंबई

एसआरएल लिमिटेड-सीओई हिस्टोपैथ माहिम

एसआरएल लिमिटेड, हीरानंदानी फोर्टिस अस्पताल, 5 वीं मंजिल, मिनी सीहोर रोड, सेक्टर -10, वाशी, नवी मुंबई

एसआरएल लिमिटेड, फोर्टिस अस्पताल, मुलुंड-गोरेगांव लिंक रोड, मुलुंड, मुंबई

SRL डायग्नोस्टिक्स -डॉ। अविनाश फड़के (एसआरएल डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड), दादर, माहिम और अंधेरी में अपनी सुविधाओं के लिए

एन एम मेडिकल सेंटर, मुंबई

दिल्ली

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS)

राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC)

इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, दिल्ली

डांग लैब

डॉ। लाल पथ लैब
एसआरएल लिमिटेड, 74, पशिमी मार्ग, वसंत विहार, नई दिल्ली


मैक्स लैब, मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, साकेत


एसआरएल लिमिटेड, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट, ओखला रोड, नई दिल्ली

फोर्टिस अस्पताल, ए ब्लॉक शालीमार बाग, दिल्ली

SRL लिमिटेड, फोर्टिस फ्ल्ट। लेफ्टिनेंट राजन धल्ल हॉस्पिटल, वसंत कुंज, नई दिल्ली

लाइफलाइन डायग्नोस्टिक्स, ग्रीन पार्क, दिल्ली

Oncquest Laboratories Ltd, Safdarjung Hospital, New Delhi-110029

मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर लिमिटेड, मोहन को-ऑपरेटिव इंडस्ट्रियल इस्टेट, मथुरा रोड, नई दिल्ली (23 मार्च 2020 तक तैयार हो जाएगा)

केरल

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी फील्ड यूनिट

सरकार। मेडिकल कॉलेज, कोझीकोड

सरकार। मेडिकल कॉलेज, त्रिशूर

सरकार। मेडिकल कॉलेज, तिरुवनंतपुरम

DDRC –SRL डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड, गांधी नगर, कोट्टायम -686008, केरल और अमलागिरी P.O., अम्मानचेरी, कोट्टायम, केरल

DDRC SRL डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड, ग्राउंड फ्लोर, एस्टर स्क्वायर, मेडिकल कॉलेज P.O., त्रिवेंद्रम -695011, केरल

DDRC SRL डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड।, एर्नाकुलम G 131, DDRC SRL टॉवर एर्नाकुलम -682036 केरल

EI LAB मेट्रोपोलिस, नॉर्थ स्क्वायर बिल्ड, परमारा रोड, कोचीन (1 अप्रैल 2020 तक तैयार हो जाएगा)

कर्नाटक

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी फील्ड यूनिट बैंगलोर

हसन इंस्टा। मेड की। विज्ञान, हसन

बैंगलोर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, बैंगलोर

शिमोगा इंस्टा। मेड की। विज्ञान, शिवमोग्गा

मैसूर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, मैसूर

एसआरएल लिमिटेड, बैंगलोर संदर्भ प्रयोगशाला, जल भवन के बगल में, बन्नेरघट्टा रोड, बैंगलोर

एसआरएल लिमिटेड, फोर्टिस हॉस्पिटल लिमिटेड, 14, कनिंघम रोड, बैंगलोर, कर्नाटक

एसआरएल लिमिटेड, फोर्टिस अस्पताल लिमिटेड, 154/9, बन्नेरघट्टा रोड, ओपी। आईआईएम, बैंगलोर

एसआरएल लि।, फोर्टिसहॉर्स, # 23, गुरुकृपा लेआउट, 800 फीट रोड, नगरभवी, बैंगलोर

51, चिन्तल प्लाजा, 10 वीं मेन रोड, 33 वीं क्रॉस, IV ब्लॉक, जयनगर, बैंगलोर में अपनी सुविधाओं के लिए एसआरएल डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड

NEUBERG ANAND Lab, शिवाजी नगर, बैंगलोर

आरवी मेट्रोपोलिस मेन लैब, 76/10, 15 वीं क्रॉस। चौथा मुख्य। मल्लेश्वरम, बेंगलुरु (1 अप्रैल 2020 तक तैयार हो जाएगा)

उत्तर प्रदेश

जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़

इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी

किंग्स जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ

एसआरएल लिमिटेड, बी 1/12, विपुल खंड, गोमती नगर, लखनऊ

एसआरएल लिमिटेड, फोर्टिस अस्पताल, बी -22, सेक्टर -62, नोएडा

राजस्थान RAJASTHAN

झालावाड़ मेडिकल कॉलेज, झालावाड़

एसपी मेड। कॉलेज, बीकानेर

डॉ। एसएन मेडिकल कॉलेज, जोधपुर

सवाई मान सिंह, जयपुर

आरएनटी मेडिकल कॉलेज, उदयपुर

TAMIL NADU

सरकार। मेडिकल कॉलेज, तिरुवरु

गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, थेनी

किंग्स इंस्टीट्यूट ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसिन एंड रिसर्च, चेन्नई

तिरुनेलवेली मेडिकल कॉलेज, तिरुनेलवेली

आणविक नैदानिक ​​प्रयोगशाला, अपोलो अस्पताल, चेन्नई

अपोलो ग्रीम लेन, चेन्नई

अपोलो अस्पताल, मदुरै

एसआरएल लिमिटेड, एबी -46, फर्स्ट स्ट्रीट, 6 ठ मेन रोड, अन्ना नगर चेन्नई

न्युबर्ज एर्लिच लैब, रॉयपेटा, चेन्नई

लिस्टर मेट्रोपोलिस नुंगमबकम, चेन्नई (23 मार्च तक तैयार हो जाएगा)

उत्तराखंड

शासकीय मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी

पश्चिम बंगाल
IPGMER, कोलकाता

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कॉलरा एंड एंटरिक डिजीज, कोलकाता
अपोलो ग्लेनेगल्स अस्पताल

एसआरएल लिमिटेड संदर्भ प्रयोगशाला, साल्ट लेक सिटी, कोलकाता, पश्चिम बंगाल

एसआरएल लिमिटेड, फोर्टिस अस्पताल, 730, आनंदपुर, ई। एम। बाईपास


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