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कोरोना वाइरस से लडने का तरीका कहां छिपा है,Where is the way to fight the corona virus is hidden



हमारी जिद देास्तों आप सब जानते हैं मध्य युग में पूरे यूरोप पर राज करने वाला रोम (इटली) नष्ट होने कि कगार पर है, और तोे और मध्य पूर्व को अपने कदमों से रोदने वाला अेास्मानिया साम्राज्य (ईरान,टर्की) अपने घुटनों पर हैं, ब्रिटिस साम्राज्य के बारिश बर्मिघम पैलेस में कैद हैं व आधुनिक युग कि सबसे बडी शक्ति समझते थे उस रूस के बार्डर शील हैं, जिसे सबसे ताकतवर समझते थे जिसके एक इशारे पर देशों के नक्शे बदल जाते हैं उस अमेरिका में लाॅकडाउन है और जो अपनी बुरी नीतियों से पूरी दुनिया को खा जाना चाहता थ्ेा वह वो चीन आज मुंह छिपाता फिर रहा और सबकी गालियां खा रहा है।
सोचो एक छोटे से परजीवि ने विश्व को घुटनो पर ला दिया न एटमबम काम आ रहे न पेट्रो रिफाइनरी मानवों द्वारा किया गया विकास एक छोटे से जीवाणु से सामना नहीं कर पा रहा , बस आपने इतने वर्षो में इतना ही कमाया था कि एक छोटे से जीव ने सबको घरों में कैद कर दिया।
मैं आपके दिमाग को एक बार फिर याद दिला दूॅ कि यह युद्व अभी शुरू हुआ है, इस आपदा से लडने का तरीका कहां छिपा है, तक्षशिला के खण्डरों में, नालंदा कि राख में, शारदा पीठ के अवशेषों में मार्तण्ड के पत्थरों में यह युद्व नया नहीं है ये तो सदियों से चल रहे हैं और चलते रहेगे हमने हर हथियार भी खेाज लिये थे मगर आपके अहंकार आपके लालच स्वयं को श्रेष्ठ सिद्व करने कि हठ ने सब नष्ट कर दिया। भारत जानता है कि युद्व अभी शुरू हुआ है जैसे जैसे ग्लोबल बार्मिंग बढेगी,ग्लेशियर पिघलेगे और आजाद होगे लाखों वर्षो से वर्फ कि चादरों में कैद दानवीय विषाणु जिनका न आपको परिचय है और न लडने कि तैयारी जिसे आपने जन्म दिया मेनचेस्टर कि औध्यौगिक क्रान्ति और हारवर्ड कि इकोनाॅमिक्स संसार को अंत के मुहाने पर ले आयी। 
एक प्रश्न आप से है आप को क्या चाहिये था स्वर्ण एवं रत्नों के भण्डार तो यूॅ ही मांग लेते राजा बलि के वंशज और कर्ण के अनुयायी आपको दान में दे देते संासारिक वैभव को त्यागकर आंतरिक शान्ति कि खेाज करने वाले समाज के लिये वे सब यूॅ ही उनके लिये मूल्यहीन थे ले जाते आपने क्या किया विश्व वंधुत्वा कि बात करने वाले समाज को नष्ट कर दिया जिस बर्बर का मन आया वही भारत चला आया रोदने लूटने मारने जीव में शिव को देखने वाले समाज को नष्ट करने।
कोई विश्व विजेता बनने के लिये तक्षशिला को तोड कर चला गया ,कोई सोने कि चमक में अंधा होकर सेामनाथ लूटकर चला गया ,कोई अपने खुद को उचां रखने दिखाने के लिये नालंदा कि किताबों को जला गया, किसी ने बर्बरता को जिताने के लिये शारदा पीठ टुकडे-टुकडे कर दिया, किसी ने विश्व कल्याण के लिये बने गुरूकुल को समाप्त कर दिया , लेकिन हम अभी आपको निराश नहीं करेगें फिर से मां भारती का आंचल आपको इस संकट कि घडी में छांव देगा श्री राम के वंशज इस दानव से भी लड लेगें,
किन्तु मार्ग उन्हीं नष्ट हुए हवन कुण्डों से निकलेगा जिन्हें कभी आपने अपने पैरों कि ठोकर से तोडा था आपको उसी नीम और पीपल कि छांव में आना होगा जिसका आपने उपहास किया था आपको उसी गाय कि महिमा को स्वीकार करना होगा जिसे आपने अपने स्वाद का कारण बना लिया उन्हीं मन्दिरों में जाकर घण्टा, नाद करना होगा जिनको कभी आपने तोडा था उन्हीं वेदों को पढना होगा जिन्हे कभी अटटाहस करते हुए नष्ट किया था उसी चन्दन तुलसी को मष्तक पर धारण करना होगा जिसके लिये कभी हमारे मष्तक धड से अलग किये गये थे।
दोस्तो ये प्रकृति का न्याय है और आपको सुधार करने का मौका भी भरपूर दे रही आपको स्वीकार करना होगा।
सोमनाथ में सर झुकाने आना ही होगा तक्षशिला के खण्डहरों से क्षमा मांगनी ही होगी, नालंदा कि खाक छाननी ही होगी मंदिरों के घंटानाद से तीव्र सांउड फ्रिकवेसीं से कई वायरस मर जाते हैं, यह बिल्कुल सत्य और प्रमाणित है।


Where is the way to fight the corona virus is hidden.

Our insistence you all know that Rome (Italy), which ruled the whole of Europe in the Middle Ages, is on the verge of destruction, and the Kingdom of Osmania (Iran, Turkey) is on its knees, weeping the Tobe and the Middle East with its footsteps. The rain of the British Empire is imprisoned in the Birmingham Palace and was considered to be the greatest power of the modern era. It turns out that there is a lockdown in America and that China, which wanted to eat the whole world due to its bad policies, is hiding its face and is abusing everyone.
Think that a small parasite has brought the world on its knees, the atomum is not working or the development done by the petro refinery humans is not able to cope with a small bacterium, just that you earned so much in all these years that a small organism Has imprisoned everyone in their homes.
Let me remind your mind once again that this war has just started, where is the way to fight this disaster, in the trenches of Taxila, in the ashes of Nalanda, in the remains of Sharda Peet, this war in the stones of Martand new No, these have been going on for centuries and we will keep running every weapon, but your ego, your greed to prove yourself superior, the persistence destroyed everything. India knows that the war has just begun as global warming will grow, glaciers will melt and be free from millions of years of worm-infested donor virus that you are not familiar with and do not prepare to fight which gave birth to the Industrial Revolution and Harvard of Manchester. That economics brought the world to the end.
One question is from you, what did you want, if you had asked for the gold and gems treasures, then the descendants of King Bali and the followers of Karna would donate to you and abandon the worldly glory, all those for the society that is in peace. Were worthless to them, what would you have done, destroyed the society that talked about the world, the barbarians who came to India, they came to India to kill and rob To destroy society at the world.
Some broke to Taxila to become world conquerors, some went blindly in the glitter of gold and robbed Somnath, some went to show themselves to be high, Nalanda that books were burnt, some to win barbarism, Sharada Peeth Split up, someone has finished the Gurukul made for the welfare of the world, but we will not disappoint you yet again. Shade will also fight will take this demon descendants of Ram,
But the path will come out of those destroyed Havan Kunds which you had broken from the feet of your feet, you will have to come in the shade of the same Neem and Peepal which you ridiculed, you will have to accept the glory of the same cow which you have tasted. Took hours in those same temples and had to make an idle, which you had broken, you would have to read the same Vedas, which you had destroyed by being ridiculous. Chandan Tulsi will have to be worn on the forehead for which our foreheads were separated from the torso.
Friends, this is the justice of nature and you have to accept it, giving you plenty of opportunity to improve.
Somnath will have to be bowed down, apologize to the ruins of Taxila, Nalanda will have to be shattered, many of the viruses die due to the intense cloud frictions from the bells of temples, this is absolutely true and proven.

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