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सीएए के विरोध में हैरान करने वाली बात Delhi danga, NRC, CAA, Modi sarkar




मुझे क्या हर सच्चे भारतीय को आज बहुत कष्ट होता होगा कि जिस देश भारत को तरक्की कि दिशा में लाने के लिये हर समुदाय के सोये हुए आदमी के अन्दर नयी उर्जा का संचार करने वाले लगनशील यशस्वी नेता जिन्होने प्रधानमंत्री बनने के बाद हर दिन सिर्फ 24 घण्टे में सिर्फ 5 घण्टे ही आराम फिर सिर्फ काम जमीन से लेकर आसमान तक और समूचे विश्व में अपनी लोकप्रियता,उदारशीलता कि दम पर व सबको मित्र बनाकर  साथ लेकर चलने वाले नेता के बारे में कुछ आराजक तत्वो वामपंथियों द्वारा भला-बुरा सुनने में आता होगा तो बहुत कष्ट होता होगा। मैं मानता हूॅ सरकारे हमेशा सही नही होती। 
संसद में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए पारित होने के बाद उसके अंध विरोध कि चिगारी ने जो हिंसक रूप धारण किया उसके चलते देश कि राजधानी में 40 से अधिक HINDU ,MUSLIM INDIANS लोगो कि जान चली गयी अरबों रूपये कि संम्पत्ति स्वाहा हो गयी। 

सीएए के विरोध में हैरान करने वाली बात यह है कि विरोधी सीएए में किसी आपत्तिजनक प्रावधान को इंगित न कर कानून वापस लेने कि जिद पर अडे हुए हैं। इस कानून के साथ एनआरसी के स्वकल्पित भय को जोडकर उन्होने हिसा का बहाना बनाया। इस स्थिति को बनाने में कई पत्रकारों,नेताओ,बुद्वजीवियों एवं कलाकारों ने नकारात्मक ही नही बल्कि घातक भूमिका निभाई विरोध कि अगुवाई कर रहे स्वर सीएए के किसी प्रावधान पर बात न कर केवल भारतीय नेतृत्व के प्रति भावनायें भडका रहे हैं।

उदाहरण- पत्रकार सबा नकबी ने विरोधियों से अदालतों के सहारे न रहकर सडको पर उतरने का आवाहन किया वही एमआइएम नेता वारिस पठान ने 15 करोड मुसलमान होने के बावजूद सौ करोड पर भारी पडने कि धमकी दी। छात्र नेता शर्जील इमाम असम को भारत से अलग करने कि बात कर रहा था तब कवि हुसैन हैदरी सीएए को राज्य प्रायोजित आतंकवाद बता रहे थे। राजनीति दलों ने भी आग में घी डालने का काम किया। खुद सोनिया गांधी ने अस्तित्व का हवाला देकर वर्ग विशेष को घरो से निकलने कि आवाज दी और अकबरूददीन ओवैसी ने भारत को अपने मतावलवियों कि पैतृक जागीर बताया विपक्ष और वामपंथियों बुद्वजीवियों द्वारा समर्थित जहरीले विरोध का आलम रह था कि लोग गलत नारे 
लगाने लगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे पर भडकाई गयी हिंसा इस बात का सबूत है कि विद्रोह कि चिर परिचित प्रोपेगेंडा शैली में भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक संर्घष क्षेत्र के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया। 

वास्तव में वह नक्सली विचारधारा जो पिछले पांच दशकों से भारत में व्यापक जन विद्रोह खडा करने का प्रयास कर रही है और जिस पर सीएए के विरोध को हवा देने के आरोप लगते हैं। भारतीय जनतंत्र को धोखा बताती रही है। नक्सलवाद के शीर्ष विचारक चारू मजूमदार का कहना था कि कृान्तिकारियों को ऐसा सजग नेतृत्व देना होगा जो नौकरशाहों पुलिस कर्मियों और सैन्य अधिकारियों पर बार कर सके। हमारी लडाई थानों और इमारतों से नही बल्कि पुलिसकर्मियों और अधिकारियों से है।

दिल्ली में पुलिसकर्मियों और अधिकारियों पर लगातार हुए हमलों में इस नक्सली विचार कि स्पष्ट झलक मिलती है। सीएए विरोध में अन्य स्थानों पर हुयी हिंसा कि ही भांति दिल्ली दंगों में भी पुलिस और सुरक्षावलों को विशेष रूप से निशाना बनाया गया। इन हमलों में एक पुलिसकर्मी और गुप्तचरकर्मी कि मौत हो गयी और एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को गंभीर चोटे आयी। एक अन्य स्थान पर अर्धसैनिक बलों के उपर तेजाब फेका गया पुलिस और सुरक्षा बलों को निशाना बनना क्षणिक भावावेश न होकर एक सोची समझी रणनीति का ही हिस्सा था। मोदी सरकार अभी तक यह भी नही समझ पाई है कि जिस सरकार ने दशको शासन किया हो और देश हित में कोई भी कानून बनाने में बोलने  में सिर्फ अपना फायदा देखती रही हो आपस में लडवाती रही हो जिसकी पार्टी कि नीव ही यही हो फिर मोदी सरकार द्वारा देश हित में लिये गये फैसले देश में शान्ति सबका साथ,सबका विकास ,सबका विश्वास,कैसे बर्दाश्त कर सकती है।

Do I have a lot of pain in every true Indian today that a passionate politician who brings new energy to the sleeping man of every community to bring India in the direction of progress, who after becoming the Prime Minister has only 24 hours every day In just 5 hours of rest, then only work from the ground to the sky and all over the world on the strength of its popularity, liberality and making everyone friends together If the leader will be about makes some Arajk recoil by elements Left would suffer greatly. I agree that governments are not always right.


After the passage of the Citizenship Amendment Act, ie the CAA, in Parliament, the violent protests that Chigari took as a result of it led to the loss of property worth billions of rupees in the capital of the country. AND 30 HINDU, 10 MUSLIM INDIANS PEOPLE DEATH


What is shocking in opposition to the CAA is that the opponents are adamant on withdrawing the law by not pointing to any objectionable provision in the CAA. By adding NRC's supposed fear with this law, they made an excuse for it. Many journalists, leaders, intellectuals and artists played not only a negative but fatal role in creating this situation, but the voice that is leading the protest is not only talking about any provision of the CAA, but also provoking feelings towards the Indian leadership. 

Example: Journalist Saba Naqbi urged the opponents to come down on the roads instead of supporting the courts, while the same MIM leader Waris Pathan threatened to be a hundred crores, despite being 15 crores Muslims. Student leader Sharjeel Imam was talking about separating Assam from India when poet Hussain Hydari was referring to CAA as state sponsored terrorism. Political parties also put the fuel in the fire. Sonia Gandhi herself, citing the existence, gave the voice of the particular class to get out of the house and 
CAA called India as the ancestral fief of his people, the opposition and the leftists were poisonous slogans of poisonous protest supported by Budvajis.

Started applying


The violence inflicted on the visit of US President Donald Trump is evidence that there was an attempt to present India as a contested region internationally in the familiar propaganda style of the uprising. 


In fact, the Naxalite ideology that has been trying to create a widespread public uprising in India for the last five decades and which is accused of airing the opposition of the CAA. She has been calling Indian democracy deception. Charu Mazumdar, the top ideologue of Naxalism, said that the peasantry would have to provide a vigilant leadership that could bar bureaucrats police personnel and military officers. Our fight is not with police stations and buildings, but with policemen and officers.



The constant attacks on policemen and officers in Delhi gives a clear glimpse of this Naxalite idea. Like the violence in other places in the CAA protest, the police and security forces were particularly targeted in the Delhi riots. In these attacks, a policeman and an undercover man were killed and a senior police officer suffered severe injuries. At another location, acid attack on paramilitary forces, targeting the police and security forces was part of a thoughtful strategy rather than momentary emotion. The Modi government  has not yet understood that the government which has ruled for decades and has only seen its own advantage in speaking in making any law in the interest of the country, has been fighting among themselves, whose party is the foundation, then the Modi government Decisions taken by the country in the interest of the country, how can everyone tolerate peace, development of all, trust of all in the country.

आज हमारी पृथ्वी को सबसे ज्यादा जरूरत है तो वह है न्यायप्रिय लोगो कि religions,relegious, human right agency, ,politics,corona virus





आज हमारी पृथ्वी को सबसे ज्यादा जरूरत है तो वह है न्यायप्रिय लोगो कि पहले मानव को ज्ञान नही था आग का अविष्कार हुआ जानवरो को मारकर खाते थे मनुष्य ने खेती आरम्भ कि और जानवरो पर अत्याचार कम किया अन्य से बने पदार्थ खाने लगे दूध का प्रयोग करने लगे धीरे-धीरे मनुष्य ज्ञानी होता चला गया इतना ज्ञानी हो गया कि हर जगह खुशियां ही खुशियां छाने लगी प्रकति हमसे खुश थी रोग से पहले उसका निदान प्रकृति हमे दे देती थी। फिर हमने अपने आप को महान बनाने के चक्कर में प्रकृति का शोषण शुरू कर दिया क्योकि इन्सान अपने आप को महान समझने कि भूल करने लगा था। जब सब जगह लोग अपनी मन मानी कर रहे थे उस समय सिर्फ भारत देश ऐसा था जहां पर लोग अपने पुराने ग्रन्थों सनातन संस्कृति पर पर चल रहा थे बहुत अकं्राता आये और तबाह हो गये क्योकि उनकी संस्कृति तुच्छ घिनौनी थी जो समय के साथ भारत जैसी पवित्र धरती से नष्ट हो गये हमने अपना रास्ता नही बदला हम और ताकत के साथ आगे बडे फिर समूचे पृथ्वी पर एक दौर आया लोग अपना वर्चस्व बनाने के लिये अपना विस्तार बढाने लगे जहां लोग स्वतंत्र थे वही विस्तार बढाने के लिये लोगो पर अत्याचार होने लगा फिर बडी - बडी विरासतेा के टुकडे होने लगे लोग स्वतंत्रता कि मांग करने लगे लोग स्वतंत्र भी हुए जो जहां था वही स्वतंत्र रूप से जीने लगा था सब ठीक था फिर अचानक एक दौर आया एशिया मंे जो छोटे-छोटे इलाके थे जहां काले,गोरे,छोटे,बडे,हिन्दू,बौद्व,सिख,इसाई,मुस्लिम,पारसी रहते थे किसी को किसी मतलब नही था सब खुश थे लेकिन कुछ आराजकता से भरे लोगो ने उन लेागो पर अत्याचार किया जिन्हे कुछ पता नही था और वेकशूर थे सजा पाई उनकी रोती हुयी आंखे उनके सामने उनके बेटी कि इज्जत लूटी गयी मारा गया धर्म का हवाला देकर धर्म परिवर्तन कराया गया उसके बाद फिर शोषण किया गया अत्याचार सहते सहते या तो वह मर गये या मार दिये गये या भाग गये उनका पता नहीं हिन्दू,बौद्व,सिख,इसाई ये बात क्या आज जो बडी- बडी एजेन्सियां जो हर देश पर फर्जी कि टिप्पणियां कर रही है क्या पहले सो गयी थी या डरी हुई थी या ये अपने फायदे में लगे थे आज भी जिन एशियाई देशो में बडी क्रूरता के साथ कृत किये गये तब क्यो चुप थे क्यो नही फूछते कहा गये ये लोग इनके पास आने जाने वालो के रिकार्ड होते हैं। दम है तो पूछे नही तो आने वाले समय में इनकी बात कौन सुनेगा। हमें तो इनके अस्तित्व पर खतरा दिख रहा बहुत से देशो में पहले कानून कुछ और था फिर अचानक वह देश इस्लाम में तब्दील हो गये बडी- बडी एजेन्सियां जो मानव अधिकार कि बात करते हैं बुद्वजीवि लोग हैं इनको नही पता क्या हुआ होगा इन देशों में आज जो इस्लामिक देश बन गये इनके भी अपने धर्म होगे किसी को मानने वाले होेगे क्या वह कू्रर हैं या उनके ग्रन्थों में ज्ञान का यही मार्ग है जिन्होने लाखों करोडो लोगो को मार डाला इनको सोचना चाहिये दुनिया का कोई भी धर्म ये काम करने कि इजाजत नही देता इनके नुमाइनदो ने गलत तरीके कि शिक्षा लोगो तक पहुचायी या अपनी सत्ता स्थापना के लिये ये कृत किये। बडी- बडी एजेन्सियां जो मानव अधिकार कि बात करते हैं बुद्वजीवि लोग हैं इनसे पूछे और इन पर कार्यवाही करे सख्त प्रतिबंध लगाये बहुत सी इस्लामिक देशों में हिन्दू,बौद्व,सिख,इसाई धर्म के मानने बाले अनुयायी कहा गये पाक्स्तिान में 27 प्रतिशत थे 3 प्रतिशत बचे, बांगलादेश में 17 प्रतिशत थे 4 प्रतिशत बचे,और सब इस्लामिक देशों में पचास-पचास प्रतिशत में ये लोग थे कहा गये रिकार्ड मागें इनसे कभी- कभी तो ऐसा लगता है कि लोग इतने सुन्दर है इनका धर्म इतना कू्रर कैसे हो सकता है इससे तो इनका धर्म और धर्माे से बहुत कमजोर है लाखेा करोडो लोगो पर जिहाद और काफिर के नाम पर अत्याचार करते हैं। जैसे चीन में आज महामारी का दौर है क्योकि इन्होने जीवो पर अत्याचार कि सारी सीमायें पार कर दी थी ये प्रकृति का प्रकोप है और यह अब आधी चीन को समाप्त कर ही रूकेगा और धीरे धीरे समूचे पृथ्वी पर फैलता जा रहा है इसका उपचार अभी तक नही मिला इसका उपचार भारतीय सनातन वेद अर्थववेद में है। ये वेद पुराण प्राचीन और इनके सब्द अकंटक है बस ढूढने कि जरूरत है । इसी तरह यह भी एक बिमारी है इस पर हमारी पृथ्वी कि बडी शक्तियों को सोचने कि जरूरत हैं। नही तो इस रोग ये आप भी नही बच पायेगे । 

Today, our earth needs the most, so it is the fair people that before humans did not know the invention of fire was done by killing animals and humans started farming and reduced the atrocities on animals and started eating milk made from other foods. Slowly man started becoming knowledgeable and he became so knowledgeable that happiness started spreading everywhere happiness was happy with us. Was giving out. Then we started exploiting nature in the circle of making ourselves great because man had started making mistake of thinking of himself as great. At the time when people were obeying everywhere, at that time only India was such a place where people were following their old texts on the eternal culture, they were very unconcerned and devastated because their culture was insignificant, which was sacred like India over time. We were destroyed from the earth, we did not change our path and we moved forward with strength, then a round came on the whole earth, people started expanding themselves to create their dominance. People were being oppressed to increase the expansion, people were independent, then people started getting bigger and larger, people started demanding freedom, they also became independent, which was where they started living independently, all was well then suddenly a phase In Asia, there were small areas where black, white, small, big, Hindu, Buddhist, Sikh, Christian, Muslim, Parsi lived, there was no meaning to anyone, everyone was happy but some king The people filled with torture persecuted those who knew nothing and they were innocent, they were punished, their eyes cried in front of them, their daughter was looted with respect and converted to religion, citing religion and then being exploited and tortured. Whether he died or was killed or ran away, his address is not known to Hindus, Buddhists, Sikhs, Christians, what are the big agencies today that are fake on every country Whether she was asleep or scared or was engaged in her own benefit, even today, in Asian countries, which were created with great cruelty, then why were they silent? There are records. If you have the strength then do not ask who will listen to them in the coming time. We see a threat to their existence, in many countries, there was some other law earlier, then suddenly those countries turned into Islam. There are big agencies who talk about human rights, they are intelligent people, they do not know what has happened in these countries today. Those who have become Islamic countries, they will also have their own religion, will they believe anyone, is it a courier or is this the path of knowledge in their texts that millions of people Killed, they should think that no religion of the world allows them to do this work, their representatives have wrongly reached the education of the people or they have done it to establish their power. Big - big agencies who talk about human rights are Buddhist people, ask them and take strict restrictions on them. In many Islamic countries, Hindus, Buddhists, Sikhs, Christian believers were 27 percent of those who were said to be believers in Pakistan, 3 percent. Left, 17 percent were in Bangladesh, 4 percent were left, and in fifty-fifty percent of all Islamic countries, these people were told to ask for records, sometimes they Receive think people outraged so beautiful their religion may be how much Kurr is that if they are too weak to religion and Dharmae ​​Lakea millions of people to jihad and infidels name. Just like in China today, it is a period of epidemic because they have crossed all the limits of tyranny on the creatures, it is an outbreak of nature and it will stop only half of China and it is slowly spreading all over the earth, its treatment is not yet Found its treatment in the Indian Sanatana Veda Earthvave. This Veda Purana is ancient and its Sabbath is just a matter of need. Similarly, this is also a disease, on which the big powers of our earth need to think. Otherwise you will not be able to survive this disease.

मोदी जी ने अर्श से लेकर फर्श तक बहुत काम कर रहे हैं modi I government of india


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मोदी सरकार 

आज भारत कि स्थिति बहुत तेजी के साथ बदल रही है, और हमारा भारत जल्द ही तरक्की करेगा हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री मोदी जी जो एक सच्चे देश भक्त, लोकप्रिय नेता है और हम भारत वासी उनसे बहुत प्यार करते हैं। उनको हमारे भारत में पचास भाषायें, पांच सौ जातियां, अनकेा धर्म हैं और मोदी सरकार सब सम्भाल कर चल रही है लेकिन ये बात भी सही है इतने बडे और जहां बहुत सारे धर्म और भाषाये हो वहां थोडी बहुत खट पट होती ही रहती है। इसका मतलब ये नही कि सरकार गलत काम कर रही मोदी जी ने अर्श से लेकर फर्श तक बहुत काम कर रहे हैं,
लेकिन कुछ अराजकता के कारण दिल्ली जैसी साजिश को अंजाम दिया गया लेकिन तत्काल मोदी सरकार ने उसे सम्भाला और आराजक तत्वों पर कार्यवाही का आदेश दिया और हिंसा पर काबू पा लिया और सबसे अच्छी बात ये कि हम अनेक धर्म के लोग आपस में नही लडे भाई चारे के साथ एक दूसरे का साथ दिया मोदी जी ने गरीब लोगो को जिनके पास रोटी, कपडा , स्वास्थ्य, मकान ,स्वच्छता पर विशेष बल देते हुए अपने सरकार और जनता को साथ लेकर काम कर रही है, हमारा देश मोदी सरकार के साथ बराबरी से काम कर रहा है। मोदी सरकार के काम करने का तरीका बाकई बहुत टैक्निकल है और धीरे- धीरे हर युवा बदल रहा है नये नये आइडियास विकसित हो रहे हैं और उन्हे साकार करने के लिये सरकार पूरा सहयोग दे रही है दस सालों में हमारे देश कि सुन्दरता में जो चार चांद लग रहे हैं उसका श्रेय भी मोदी सरकार को जाता है। अभी तक सरकारे पुराने तरीके से ही अपना काम कर रही थी जिससे युवाओ में सुस्ती आ गयी थी। मोदी सरकार ने युवा हो, विधार्थी हो, बिजनिस मैन हो किसी भी क्षेत्र या भारत के किसी भी कोने से हो सबको साथ लेकर भारत कि तरक्की पर जोर दिया है। हम भारत वासियों को गर्व है ऐसे प्रधानमंत्री पर

वन्दे मातरम
भारत माता कि जय 



Modi government

Today the situation of India is changing at a very fast pace, and our India will soon progress, the Prime Minister of our country, Shri Modi ji, who is a true country devotee, popular leader and we Indians love him very much. They have fifty languages, five hundred castes, many religions in our India and the Modi government is taking care of all these things but it is also true that there are so many big and where there are many religions and languages, there is a lot of biting. This does not mean that the government is doing a lot of wrong work, Modi is doing a lot of work from havoc to the floor, but due to some chaos, a conspiracy like Delhi was carried out but immediately the Modi government took over and ordered action on the economic elements. Gave and overcome the violence and the best thing is that we people of many religions did not fight among themselves, they supported each other with brother fodder. With special emphasis on bread, clothes, health, housing, cleanliness, working with our government and people, our country is working with Modi government. The way of working of Modi government is very technical and gradually every youth is changing, new ideas are being developed and the government is giving full support to make them come true in the beauty of our country in four years. It seems that the credit also goes to the Modi government. Till now, the government was doing its work in the old way, due to which the youth had become lethargic. Modi government has emphasized on the progress of India by taking everyone along, be it young, be a student, be a business man, from any region or any corner of India. We Indians are proud of our Prime Minister

I salute you, Mother
Bharat mata ki jai

भारत कि स्थिति बहुत तेजी के साथ बदल रही है populor leader modi


आज भारत कि स्थिति बहुत तेजी के साथ बदल रही है, और हमारा भारत जल्द ही तरक्की करेगा हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री मोदी जी जो एक सच्चे देश भक्त, लोकप्रिय नेता है और हम भारत वासी उनसे बहुत प्यार करते हैं। उनको हमारे भारत में पचास भाषायें, पांच सौ जातियां, अनकेा धर्म हैं और मोदी सरकार सब सम्भाल कर चल रही है लेकिन ये बात भी सही है इतने बडे और जहां बहुत सारे धर्म और भाषाये हो वहां थोडी बहुत खट पट होती ही रहती है। इसका मतलब ये नही कि सरकार गलत काम कर रही मोदी जी ने अर्श से लेकर फर्श तक बहुत काम कर रहे हैं, लेकिन कुछ अराजकता के कारण दिल्ली जैसी साजिश को अंजाम दिया गया लेकिन तत्काल मोदी सरकार  ने उसे सम्भाला और आराजक तत्वों पर कार्यवाही का आदेश दिया और हिंसा पर काबू पा लिया और सबसे अच्छी बात ये कि हम अनेक धर्म के लोग आपस में नही लडे भाई चारे के साथ एक दूसरे का साथ दिया मोदी जी ने गरीब लोगो को जिनके पास रोटी, कपडा , स्वास्थ्य, मकान ,स्वच्छता पर विशेष बल देते हुए अपने सरकार और जनता को साथ लेकर काम कर रही है, हमारा देश मोदी सरकार के साथ बराबरी से काम कर रहा है। मोदी सरकार  के काम करने का तरीका बाकई बहुत टैक्निकल है और धीरे- धीरे हर युवा बदल रहा है नये नये आइडियास विकसित हो रहे हैं और उन्हे साकार करने के लिये सरकार पूरा सहयोग दे रही है दस सालों में हमारे देश कि सुन्दरता में जो चार चांद लग रहे हैं उसका श्रेय भी मोदी सरकार  को जाता है। अभी तक सरकारे पुराने तरीके से ही अपना काम कर रही थी जिससे युवाओ में सुस्ती आ गयी थी। मोदी सरकार ने युवा हो, विधार्थी हो, बिजनिस मैन हो किसी भी क्षेत्र या भारत के किसी भी कोने से हो सबको साथ लेकर भारत कि तरक्की पर जोर दिया है। हम भारत वासियों को गर्व है ऐसे प्रधानमंत्री पर 

वन्दे मातरम
भारत माता कि जय 
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Today the situation of India is changing at a very fast pace, and our India will soon progress, the Prime Minister of our country, Shri Modi ji, who is a true country devotee, popular leader and we Indians love him very much. They have fifty languages, five hundred castes, many religions in our India and the Modi government is taking care of all these things but it is also true that there are so many big and where there are many religions and languages, there is a lot of biting. This does not mean that the government is doing a lot of wrong work, Modi is doing a lot of work from havoc to the floor, but due to some chaos, a conspiracy like Delhi was carried out but immediately the Modi government took over and ordered action on the economic elements. Gave and overcome the violence and the best thing is that we people of many religions did not fight among themselves, they supported each other with brother fodder. With special emphasis on bread, clothes, health, housing, cleanliness, working with our government and people, our country is working with Modi government. The way of working of Modi government is very technical and gradually every youth is changing, new ideas are being developed and the government is giving full support to make them come true in the beauty of our country in four years. It seems that the credit also goes to the Modi government. Till now, the government was doing its work in the old way, due to which the youth had become lethargic. Modi government has emphasized on the progress of India by taking everyone along, be it young, be a student, be a business man, from any region or any corner of India. We Indians are proud of our Prime Minister

I salute you, Mother
Bharat mata ki jai


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भारत में लम्बे समय से चल रही सरकार government,modi sarkar, bjp government


भारत में लम्बे समय से चल रही सरकार जो देश हित में कडे फैसले लेने में हमेशा डरती रही ,यही कारण रहा हमारा देश किसी भी क्षेत्र में उन्नति नही कर सका सरकारे आती हैं जाती हैं सिस्टम में को परिवर्तन नही कही राशन में पांच किलो गेहूॅ बडा दिया कही कम कर दिया बस यही चलता रहा और वेवकूफ बनाया जनता को भारत का जब युद्व हुआ पाक्स्तिान से भारत कि विजय हुयी फिर भी कश्मीर मुददा वही का वही रहा किसी कि दम नही हुयी ले ले क्योकि उनको तो एक और पाक्स्तिान बनाने में मजा आ रहा था। उस समय रहे प्रधानमंत्री ने क्यों नही सोचा जीत अपनी शर्तो पर होती है या दूसरे कि शर्तो पर बहुत दिनों त्रासदी झेल रही भारत कि राजनिति में एक नया चेहरा सामने आया उनका नाम श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जिनकी प्रशंसा आज पूरा विश्व कर रहा है, भारत में हर बच्चे के दिलो में आज भी उनकी छवि एक महान नेता के रूप में है और रहेगी भले ही रोड पर आकर हो-हल्ला न मचाया हो हम सनातनी महान संस्कृति वाले लोग है ये सब अषोभनीय है इसलिये अपने ही देष में हो हल्ला मचाना वो भी देष हित के प्रष्न पर निन्दनीय है । हमारा धर्म ये नही सिखता लेकिन आज भी भारत के 70 प्रतिशत लोग मोदी जी के साथ है ऐसा मेरा विश्वास है बहुत प्रधानमंत्री आये और चले गये लेकिन मेरे जीवन में यह पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिनका धन्यवाद करने के लिये मेरे पास शब्द नही हैं क्योकि यह मेरी आंखो देखा चमत्कार  है। भारत में पूर्व रहे प्रधानमंत्री द्वारा किये गये कार्यो से सुस्ती आ गयी थी । लेकिन भारत माता ने एक वीर साहसी व्यक्ति को भेज ही दिया।

आज तक भारत में बहुत सारे मुददे रहे। जिनका सुलझना बहुत जरूरी था ,लेकिन पूर्व में रही सरकारें सिर्फ डर और अपनी जेबें भरने में लगी रही कभी - कभी तो ये लगता था कि सरकारे देष हित में कानून बनाना ही भूल गयी हो इसमें कोई दोहराय नही है, नही तो एक के बाद एक बिल कि आज जरूरत ही नही पडती यह बात भी सत्य है कि सरकारें अपनी जेबे नही भरती चाहे कोई भी सरकार हो लेकिन उसके साथ देश हित भी सर्वाेपरि रखना चाहिये। जो पूर्व कि सरकारो ने नही किया । भारत जो अपनी महान सनातन संस्कृति पर खडा है ऐसी महान और सच्ची संस्कृति उसी पर पूर्व कि सरकारों ने चोट किया। अब ये बर्दाष्त के बाहर है । आखिर क्यों 

रामन्दिर का फैसला दशकों चलता रहा, क्यों जम्मू और कश्मीर का मामला सुलझा नही पायें वहां सैनिक नही मर रहे थे आये दिन देश का अपमान नही हो रहा था। कभी भी किसी पर देशद्रोह नही लगा ,आये दिन भारत कि सुरक्षा का कभी स्पष्टीकरण नही दिया पूर्व कि सरकारों ने और अगर एनआरसी,सीएए देश विरोधी कानून है तो सही क्या है बताये पूर्व कि सरकारे धर्म के नाम पर जब बटवारा हुआ। उमसे पाक्स्तिान के अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हुआ जो भारत नही आ सके किसी कारण बस इनकी सुरक्षा कौन करेगा, जिन पाक्स्तिानियों ने बटवारे के समय खुद अपनी और पडोसियों कि मां , बेटियों कि इज्जत को नीलाम किया उनको ये नही पता मां क्या होती है बहन क्या होती है। बस मजे लो ऐसे लोगो को भारत कि नागरिकता दें । भारत का मुसलमान क्या ये इतिहास का सत्य नही जानता फिर भी पूर्व कि सरकारे कानून का विरोध कर रहे हैं ,उत्तर प्रदेश कि पूर्व कि सरकारे राम मन्दिर का मामला सुलझाने में क्यो असमर्थ रही क्योकि राजनीति कि रोटियां सिक रही थी । पूर्व कि सरकारे बताये भारत जहां अस्सी प्रतिशत हिन्दू है उनके पूजा स्थल पाक्स्तिान में बनेगे क्या उनको नही पता मुस्लिम षासको ने क्या किया था कौन सा इतिहास पढा है। गलती सुधारने कि बजाय विरोध करने लगे ये मामला कोर्ट पर जानेे से पहले ही इसका फैसला हो जाना चाहिये था। पूर्व कि सरकारों ने नंगा नाच कराया। भारत में मुस्लिम महिलाओं पर अत्याचार एक आदमी जितनी चाहे शादियां कर ले क्या राजा है कही के कानून सबके लिये है या औरते मशीन है औरते एक खराब तो दूसरी ले आये क्यो पूर्व कि सरकारो ने कानून नही बनाया उनको तो बोट बैक कि पडी थी। भारत कि आबादी 135 करोड हो गयी इसकी जिम्मेदार पूर्व कि सरकारे हैं क्या ये सत्य भारत का हर नागरिक नही जानता हमारे देश के बोर्डर में रह लोगो कि संख्या में इतना इजाफा अचानक कैसे हो गया कौन है ये कहा से आये ये गणना कराना कोई जुर्म है । जिसको लेकर शाहीन बाग में धरना चल रहा शर्म आनी चाहिये और जबाब दे पूर्व कि सरकारे और दूसरे देश में रह रहे हमारे लोग जिनकी इज्जत रोज लुट रही कौन करेगा उनकी मदद ये पूर्व कि सरकारों ने क्यो नही सोचा जबाब दें। अब कोई सरकार उस पर काम कर रही है तो धरना दंगा जैसे काम होने लगे कुछ कह रहे है कि अर्थव्यवस्था मंदी है जो सरकार देष का हित चाहेगी वो रिष्क लेगी और आगे भी सफल होगी बस धैर्य बहुत जरूरी है। पूर्व कि सरकारेां में फैसला लेने कि हिम्मत ही नही थी । उसी में खा - पी रहे थे। आज कि सरकारे और पूर्व कि सरकारे जान ले अब जनता सब समझ चुकी है और देख भी रही है। भारत को एक बार फिर बल्लभ भाई पटेल, अटल बिहारी बाजपेयी, लाल बहादुर शास्त्री, बीर साबरकर,वाला साहब ठाकरे,सुभाष चन्द्र बोस जैसे महापुरूष का जन्म फिर से हो गया है। 

The long-running government in India, which has always been afraid to take tough decisions in the interest of the country, is the reason why our country could not make progress in any field, the government comes and did not change the system, gave five kg of wheat in the ration. It has been reduced to just this and it has been done and made the people aware that when the war of India was won by Pakistan, India still remained the same. Take it because he was enjoying making another Paxtin. Why did the Prime Minister at that time not think that victory happens on its own terms or on other terms, a new face has emerged in the politics of India, which has been facing many days of tragedy, Shri Narendra Damodar Das Modi, whose praise is being praised all over the world today. Even today, in the hearts of every child, his image as a great leader is and will remain, even if he is on the road. Land is all Asobniy therefore their own in the country great umbrage that is condemnable on Prshn the country's interest. Our religion does not teach this, but even today 70 percent of the people of India are with Modi ji, it is my belief that many Prime Ministers have come and gone but in my life, this is the first Prime Minister I have no words to thank because it is my Eyes seen is a miracle. There was lethargy due to the work done by the former Prime Minister in India. But Mother India sent a brave man.


eeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeeehae




Till date, there were many issues in India. Those which were very important to solve, but the governments in the past were only engaged in fear and filling their pockets. At one time it seemed that the government had forgotten to make laws in the interest of the country, there is no repeal in it, otherwise it is also true that one bill after another is not required today, that governments do not fill their jobs, no matter what the government is But along with it, the interests of the country should also be kept above all. Which the previous governments did not do. India, which stands on its great Sanatan culture, is such a great and true culture that the previous governments hurt. Now it is outside Bardasht. But why




The decision of Ramandir continued for decades, why the matter of Jammu and Kashmir could not be solved there, soldiers were not dying there, the country was not being insulted the next day. No one was ever accused of treason. This day, India has never given any explanation for the security that the governments have and if the NRC,CAA is an anti-national law, then what is the right before that when the governments got divided in the name of religion. It was atrocities on the minorities of Paxtin who could not come to India for some reason, just who would protect them, those who did not know what their mother is when the Partitioners auctioned the honor of their daughters and their mother and daughters. . Just enjoy and give citizenship of India to such people. Whether the Muslims of India do not know the truth of this history, yet the former governments are opposing the law, and the former governments of Uttar Pradesh were unable to solve the case of Ram temple because the loaves of politics were shrinking. Former governments should tell that India, where eighty percent of Hindus are, their places of worship will be built in Pakistan, do they not know what history Muslim Muslims had done and what history has been read. Instead of correcting the mistake, they started protesting, this matter should have been decided before going to court. The former governments orgy. Atrocities on Muslim women in India, as much as a man can get married, whether the king has laws for everyone or women is a machine, women brought a bad one because before the governments did not make laws, they had to go back to the boat. The population of India has increased to 135 crores, it is the responsibility of the previous governments that every citizen of India does not know that the number of people living in the boarders of our country has increased so suddenly, who has said that it is a crime to calculate this. . One should be ashamed about the dharna going on in Shaheen Bagh and before answering that the governments and our people living in other countries, whose help will be lost everyday, help those who did not think why the governments should answer. Now if a government is working on it, then things like dharna riot started happening, some are saying that the economy is recession, the government will like the interest of the country, they will enjoy it and succeed even further, just patience is very important. Former governments did not have the courage to take decisions. Eat at the same Were drinking Today the governments and the previous governments should know that now the people have understood and are watching. India has once again been born to great men like Ballabh Bhai Patel, Atal Bihari Bajpaiye, Lal Bahadur Shastri, Bir Sabarkaraewala Sahab Thackeray, Subhash Chandra Bose.


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                 रिसर्च 

प्रिय मित्रों आज मै फिर आपके सामने एक नया टॅापिक लेकर आया हूॅ जो बहुत रोमांचक होने वाला है आज हम आपको कुछ जिदंगी की अलग-अलग पहलुओ कि कुछ झलकियों से रूबरू कराते है। आज मै बैठे-बैठे सोच रहा था कि इन्सान के कितने रंग हैं। हमारे देश भारत में तो हर दस किलोमीटर में भाषा, पहनावा,खान-पान बदल जाता है तो सोच,स्वभाव भी अलग होना कोई बडी बात नही बडी बात यह है कि कितने प्रकार कि सोच और स्वभाव के लोग है गणना कि जाये तो बडी विचित्र स्थिति देखने को मिलेगी आज हम आपसे इसी टाॅपिक मे बात करने वाला हूॅ।




हमारे देश भारत में बूढे लोगो कि बडे सम्मान के साथ सब सेवा करते है चाहे उनसे कोई रिश्ता हो या न हो हमारे देश में अस्सी प्रतिशत लोग अपने माता-पिता कि खुशियों कि लिये घर परिवार खुश रखने के लिये हर क्ष्ेात्र में अपना और अपने परिवार को गर्व महसूस कराने में अपनी जान की बाजी भी लगा देते हैं।
मै आज आपको ऐसी ही अदभुत बात बताने वाला हूॅ जिसको सुनकर आप भी अपने मन को आनन्दमय रखने में से नही रोक पायेगे आज मैं एक व्यक्ति से मिला वह केमिस्ट्री से पी एच डी फिर उसको अमेरिका रिसर्च के लिये गया रिसर्च पूरी हुयी अच्छे पैकेज के साथ वही पर उसको जाॅब भी आॅफर हुयी लेकिन वह अपने देश वापस आ गया छोड छाड के लोगो को सफलता हासिल करने में सालों लग जाते हैं वही ये महाशय छोडकर आ गये। मैने पूछा तो बताते हैं बहां खुश था मजा था लेकिन मेरे माता-पिता मेरी खुशियों में शामिल नही थ्ेा। मैं आनन्द से नये देश में घूम रहा था मै अपने माता पिता को नही घूमा पा रहा था मुझे कुछ अच्छा लगा फोटो से माता-पिता को दिखा रहा और आगे बताया ऐसा काम और पैसे का क्या करूं मारने के बाद वैसे भी फिर कभी नही मिलना है। जिसका आनन्द मेरे माता- पिता न भेग पाये और मैं बनारस में प्रोफेसर बनना ज्यादा अच्छा है और माता-पिता के साथ पूरे भारत का भ्रमण करता हॅंू , हर साल मजे के साथ एक बार जीवन है और एक ही बार ऐसे माता - पिता मिलेगे नौकरी का क्या है भारत के लोग आज जहां तरक्की पाते ही एक मौका मिल जाये तुरन्त दूसरे देश में पहुच जाते हैं माता-पिता से मतलब इतना जितना एक पडोसी से बातें सोचनीय हैं । विचार किजियेगा

सचिन सिंह

Research



Dear friends, today I have brought a new topic in front of you, which is going to be very exciting. Today, let us introduce you to some aspects of different aspects of life. Today I was sitting and thinking how many colors are there of humans. In our country India, language, clothing, food changes every ten kilometers, so thinking, temperament is also not a big thing, it is a big thing that how many people of thinking and nature are calculated, it is very strange. You will see the situation today, I am going to talk to you in this topic. 

Our country does all the service in India with great respect to old people, whether or not they have any relationship with them, eighty percent of the people in our country keep their family and their families in every field for the happiness of their parents. They also put their lives to make them feel proud. 
Today I am going to tell you such a wonderful thing, by listening to which you will not be able to stop your mind from being joyful, today I met a person, he got PhD from Chemistry, then he went to the US for research. The research was completed with a good package. He was also offered a job but he came back to his country, it takes years for the people of Chhad to achieve success, they have left it. When I asked, I was happy to say that it was fun but my parents were not involved in my happiness. I was wandering in a new country with joy, I was not able to visit my parents, I liked something, showing it to the parents by the photo and told me what to do with such work and money, never to meet again anyway is. Whose joy my parents could not take, and it is better to become a professor in Benaras and travel all over India with parents, once in a year there is life with fun and once such parents will get a job. What is it that the people of India today get an opportunity as soon as they get progress, they immediately reach another country, so much is meant by the parents as much as things are thoughtful from a neighbor. Consider it

Sachin Singh

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फटे सो फटे पर पोजीशन न घटे Failure ,again and again ,tips for success, secret life is enjoy full life

असफलता

सबके जीवन में एक दिन ऐसा आता है जब

दिये में तेल खत्म हो जाता है
तब अपने आंसू डालो उसमें हारना नही है।


मै घर से निकला था सफल होने के लिये और सफल होने के लिये मैने पढाई को माध्यम बनाया किन्तु पढते-पढते आज तीन साल हो गये पेपर देता हूॅ कही कुछ गलती कही कुछ गलती ,गलती कहे तो कही कोई विषय में दिक्कत महसूस हुई और जब पेपर अच्छा गया तो पेपर लीक हो गया या फिर रिजल्ट ही नही आया और हर बार घर खाली हाथ पहुच जाता हूॅ माता-पिता मेरे क्या सभी के इसी इंतजार में बूढे हो जाते है कब बेटा कोई ,खुशखबरी सुनायेगा। मै तो घर जाता हूॅ मन घबराने लगता है और उस समय ऐसा लगता है जैसे अब सफलता नही मिली तो मर जाउगां अपने आप और पहले मै घर जाता था मेरे पुराने दोस्त यार जरूर मिलने आते थे और तो और मेरे कुछ खास दोस्त थ्ेा जिनके साथ खेला पढाई कि एक आवाज में वही खडा जहां जरूरत हो रात-दिन कही भी ऐसे दोस्त जिनको हम खास कि श्रेणी में रखते हैं। समय बदला मुझे पढते-पढते तीन साल हो गये हर बार फेल पर फेल का क्रम जारी है मजे कि बात ये अब जब मै घर जाता हूॅ जो दोस्त थे पक्के वाले देख भी लेते हैं तो अन्जानो का व्यवहार करते हैं । शायद धागा कमजोर हो गया है।

सरफरोशी कि तम्मना अब हमारे दिल में हैं 
देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है

जीवन में सफलता क्या अहमियत रखती है मुझे पहले से पता है लेकिन ये पता नही था हम जो बचपन कि दोस्त रूपी पूजी इक्टठठा करते हैं वो भी आपकी तरक्की कि नीव पर निर्भर करेगी ।

आज मैं अनुभव करता हूॅ कि जीवन को जो गोपनीय तरीके से जीने वाला व्यक्ति बहुत खुश रहता है मुझे आज तक ऐसा कोई व्यक्ति नही मिला जो हमदर्द हो सब आज मतलब के लिये दोस्त बनाते हैं बनते हैं बैसे ही आज रिश्ते हो गये हैं, जिसे ही आज अपने दिल में आते भूकंप के बारे मे बताओ वही मदद करने कि बजाय शोषण करने को तैयार बैठा है चाहे फिर जो हो।

यह एक रीति बन गयी है। अगर आप गरीब है और अमीर होने का ढोग करते हैं कहा गया है फटे सो फटे पर पोजीशन न घटे आपके दोस्त,रिश्ते बहुत आ जायेगे बहुत सम्मान मिलेगा जिस दिन पता चलेगा  स्थिति का उस दिन सब कुछ कम होने लगेगा क्योकि कही जरूरत पड जाये। लोग छोडने लगेगे । मुझे लगता है इसलिये महापुरूषों ने मूर्ति पूजा भगवान जैसी अदभुत रूप हमारे सामने प्रस्तुत किये जिसके सामने हम अपने मन कि व्यथा परेशानी को कह कर धीरज धारण कर पाये। इस समाज में आज अपने परिवार कि रक्षा अगर वीरता से करना हो तो अपनी दुख कि कहानी किसी को मत बताओ रास्ते ढूढों और लडो किसी को बताने पर आप अपना शोषण ही करायेगे । यह बात सतय है। 

उम्मीद मत छोडना ,खुदा अच्छाई 
का इम्तिहान जरूर लेता है
लेकिन ना इंसाफी नही करता वो कभी

Failure



There is a day in everyone's life when

Oil runs out
Then put your tears in it, don't lose it.

I had come out of the house to be successful and to succeed, I made education a medium, but today after reading, it has been three years giving papers, I said some mistake, some mistake, if I felt a problem in some subject and when If the paper is good, the paper is leaked or the result does not come and every time the house reaches home empty-handed, parents are waiting for me to wait for everyone, when the son will tell the good news. I go home feeling nervous and at that time it seems like if I don't get success now, I will die myself and earlier I used to go home, my old friends used to come to meet me and then some of my special friends with whom I played In a voice that studies, where the need arises, night and day friends wherever we are in the special category. Time changed: I have been studying for three years. Every time the order of failure continues, it is interesting that now when I go home, even friends who were sure to see them, they behave unknowingly. Perhaps the thread has become weak. 

Sarfaroshi Tammana is in our hearts now

See how much force is in the murderer

What is important for success in life, I already know, but I did not know that the childhood friend who collects the capital as a friend will also depend on the foundation of your progress.
Today I feel that the person who lives life in a secret way is very happy, I have not found any person who is sympathetic till date, all of them make friends for the meaning of the relationship. Tell me about the earthquake that comes in your heart today, it is ready to exploit rather than help, whatever happens.

It has become a tradition. If you are poor and pretend to be rich, it has been said that the position does not fall on the floor torn, your friends will get a lot of respect and you will get a lot of respect on which day the situation will start to subside as everything is needed. People will start leaving. I think this is why the great men presented idol worship to us in a wonderful form like God, in front of which we could bear patience by saying the troubles of our mind. In this society, if you want to protect your family with valor, then do not tell the story of your sorrow to anyone, find ways and fight, you will only exploit yourself. This is true.failure to thrive, failure stories ,failure analysis, failure and success ,failure analysis, report a failure story, a failure in life, a failure story in hindi ,failure boy, failure cost ,failure criteria ,failure experience


Don't give up hope goodness

Takes the test of
But neither does he ever judge
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अंग्रेजो में हजार दोश हो एक बडा भारी गुण भी था

सनातन धर्म कि उदारता

  

हमारे पूर्वजों महापुरूषों ने शत्रु के भी गुणों का बखान करने कि सलाह दी है हमें अंग्रेजों जैसा शत्रु मिला था। अंग्रेजो में हजार दोश हो एक बडा भारी गुण भी था। उसे लाज शर्म थी। वह अन्याय करता जरूर था पर उस अन्याय से लज्जित भी होता था। क्योकि उसकी परम्परा महान है। उसके साहित्य में उददात गुणेंा कि प्रतिष्ठा है। बुहत कुछ भारत बर्ष जैसा ही है। हमारा साहित्य और भी विषद है और भी उदार है हममे भी लाज लज्जा बहुत है नित्य समाचार पत्रों में हम भारत के लंगे विरोधियों को देखते हैं झूठ बोलने में जरा भी संकचित नही होते और पाप करके दूसरो पर निर्लज्जता पूर्वक दोषरोहण करते हैं।

सुनकर हमारा खून खैाल उठता है कभी -कभी हम झुलझुलाते हैं नेताओं के सदुउपदेशों से चिढ जाता हूॅ पर सही बात यह है कि हम और भी बेसरम हो नही सकतें उस रास्ते पर चाहे भी तो बढ नही सकते हमारी हजारों वर्षो कि संस्कृति हमारा पैर जकड देती है । हमारा उदार साहित्य हमें लज्जित करता है। मुह से हम चाहे जितना चिढ लें लेकिन निर्लज्जता हमारे रक्त में है ही नही जब कभी आती भी है तो क्षणिक आगन्तुक के रूप में आती है। यह सच्चाई है यही वास्तविकता है हम जो हो नही सकते उसके लिये प्रयत्न करना बेकार है। उत्तेजना में कभी घोर अन्याय कर सकते हैं परन्तु निश्चित रूप में हम बाद में पछतायेगे चुटकी बजाके हजारो वर्षो कि संस्कृति का उडाया नही जा सकता हम यह नही कह सकते कि हममे दोष नही हैं। दोष एक दो हैं। हमने कम पाप किये हैं। करोडों को जानबूझकर पैरो तले दवा रखा है। नतीजा यह होता है कि जब हम आगे बढने लगते हैं तब कुछ लोग नीचे कि ओर खीचतें हैं सो दोष तो हममें बहुत हैं उसी संस्कृति और साहित्य ने इन दोषों को भी पाला है। परन्तु यह सब होते हुए भी हमारी परम्परा महान और उदार है। हम अपने इन दोषों के लिये लज्जित होते हैं। लाज शर्म का रहना अच्छा है अन्याय करके पछताने कि आदत बुरी नही हैं । सबसे अच्छी बात यह है कि हम अन्याय करते ही नही है, लेकिन आदमी ,आदमी ही है।

Sanity's liberality
Our ancestors, great men, have advised to declare the qualities of the enemy as well. We had found an enemy like the British. There was a thousand heavy defects in the British too. He was ashamed He was sure to do injustice but was also ashamed of that injustice. Because his tradition is great. He has a reputation for quality qualities in his literature. Very few are similar to India. Our literature is even more sad and generous, we have a lot of shame and shame in our daily newspapers. We see the long-time opponents of India, are not a little determined to lie and blasphemously blaming others for sin.


On hearing our blood, sometimes we get irritated, sometimes we get irritated by the sad teachings of the leaders, but the right thing is that we cannot be more baseless even if we cannot grow on that path, our culture of thousands of years would have shaken our legs is . Our liberal literature makes us ashamed. No matter how much we get irritated from the mouth but shamelessness is not in our blood, whenever it comes, it comes as a transient visitor. This is the truth, this is the reality, it is useless to try for what we cannot be. You can do gross injustice at times in excitement, but surely we will later regret it by pinching a thousand years of culture that cannot be blown away, we cannot say that we do not have faults. The faults are one or two. We have committed fewer sins. Millions have been deliberately kept under medicine. As a result, when we start to move forward, some people are pulling down, so the faults are very much in us, the same culture and literature has also brought these faults. But despite all this, our tradition is great and generous. We are ashamed of our faults. It is good to be ashamed of shame and habit of regretting injustice is not bad. The best thing is that we do not do injustice, but man is man. 




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दो ही चीज सत्य हैं एक जन्म अैार दूसरी मृत्यु born and death

                  जन्म और मृत्यु



इस धरती पर जागरूकता के साथ देखा जाये तो दो ही चीज सत्य हैं एक जन्म अैार दूसरी मृत्यु यह एक दम सत्य है जो आया है वो जायेगा फिर भी हम इसे मानने से इंकार करते हैं और लगे रहते है भ्रम  में जैसे यह शरीर हमेशा बना रहेगा जब तक पृथ्वी है , यह बडी मजाक कि बात भी है हर इन्सान ने अपने सामने सुसज्जित मृत्यु शैया को देखा ही होगा उस समय हम सब सोचते है कि अब हम किसी के साथ गलत नही करेगे , सत्य बोलेगे, किसी से लडेगे नही  सबसे अच्छा व्यवहार करेगे क्या चाहिये जीवन में किसके लिये भागु जब मरना ही है खाना -पीना रहना अच्छा है बस हमेशा अब अपना धन ,शरीर दूसरो कि मदद में लगायेगे अचानक से ज्ञान का बहाब हमारे मन दिल से निकलने लगता है ऐसा नही है सिर्फ गिने चुने लोगो का अनुभव रहता हो बल्कि सौ में सौ प्रतिशत लोग यही सोचते हैं लेकिन अगर आप गौर से सुने अपनी उस समय कि आवाज तो आपको अपने भीतर रह रही आत्मा का साक्षात्कार होगा। जब एक शरीर से निकली आत्मा अगल- बगल खडे जीवित लेागो को देखती है तो वह बाते करना चाहती है अगल- बगल लेकिन ये कुछ ही क्षण घटित हो पाता है और पुनः अपने परिवेश में लौट जाते हैं औश्र थेाडी देर बाद हमारे अन्दर से जागरूक हुयी कोशिकाओं (आत्मा) भी शान्त हो जाती है। धीरे-धीरे मृत्यु शरीर के जाने के बाद हम सारा ज्ञान किनारे लगा के फिर पैसा, दौलत कि ओढ में कुछ नही देखते कौन मर रहा कौन जी रहा बस पैसा दौलत औरइस सच्चाई में भागने लगते हैं सोचेा उस समय हम एक दम निल अवस्था में अचानक हो जाते हैं सिर्फ दिमाग दिल हमारा बाते करता हैं जैसे किसी और से बाते करने लगा हो सबके साथ ऐसा हुआ होगा बस गौर नही किया है।

पहले के सन्यासी तपस्या करके जीवन भर इसी पहलु में रहने का आर्शीवाद मांगते थे जो हमें कुछ पल का साक्षात्कार होता है आज इतनी आबादी हो गयी पर्यायवरण बचा ही नही कि इन्सान अपने दिल कि बात सुन सके सुबह भागे पैसे के लिये शाम लौटे घर के लिये यही रात दिन हो रहा है समय ही नही हमने पर्यायवरण को जड से खत्म करने कि ठान ही रख्खी है क्योकि सरकार करें जेा करना हो हम तो बर्बाद करेगे ये सोच है घर अब एक खण्ड नही पांच खण्ड का चाहिये सबको एक-एक कार चाहिये आनन्द चाहिये। आज का प्रौधैागिकी मानव पृथ्वी का विनाश करके ही रूकेगा। यह भी सत्य है।

If we look at this earth with awareness, only two things are true, one birth and second death, it is absolutely true that it has come, yet we refuse to accept it and continue in the world like this body will always remain. As long as there is earth, it is a matter of great joke that every person must have seen the death-bed in front of them, at that time we all think that now we will not do wrong with anyone, will speak the truth, someone Will not fight, will behave best What should be in life, for whom you have to die when you have to die, it is good to live and drink. Just now, we will always put our money, body in the help of others, suddenly the flow of knowledge starts coming out of our hearts. Only a few people have the experience of a few people, but a hundred percent of people think the same, but if you listen carefully to your voice at that time, then you should be aware of the soul residing within you Will Shatkar. When a soul coming out of a body sees the living people standing next to it, she wants to talk, side by side, but it can happen a few moments and return to her surroundings and after that Thedi became aware of us from within. The cells (soul) also become silent. After the death of the body slowly, we put all the knowledge aside that money, money and wealth do not see anything, who is dying, who is living, just money, wealth, and start running in this truth. It is only the mind that talks about our heart as if you started talking to someone else, it must have happened to everyone, just have not noticed. 


Earlier monks used to do austerity and ask for blessings to stay in this aspect for life, which we are interviewing for a few moments, today, the environment has become so dense that humans can listen to their hearts, ran in the morning to return home for money. This is the day that night is not only time, we are determined to finish the environment very firmly because the government wants to do it, we will waste it is thinking that the house is now a block No, they want five blocks, everyone needs one car, they want joy. Today's technology will stop only by destroying the human earth. This is also true.


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ब्राह्म मुहूर्त में उठने से वर्ण ,कीर्ति, बुद्वि,लक्ष्मी ,स्वास्थ्य तथा आयु कि प्राप्ति होेती है Benefits of getting up in the morning

 सुबह उठने के लाभ

वर्ण कीर्ति मति लक्ष्मी स्वास्थ्यमायुष्च विन्दति

ब्राहो मुहूर्त सन्जाग्रच्छ्रियं वा पडकजं यथा 




आयुर्वेद शास्त्र में यह बताया गया है कि ब्राह्म मुहूर्त में उठने से वर्ण ,कीर्ति, बुद्वि,लक्ष्मी ,स्वास्थ्य तथा आयु कि प्राप्ति होेती है। उसका शरीर कमल कि तरह प्रफुल्लित हो जाता है।

क्योकि इस समय वायु अत्यन्त शीतल तथा मधुर होती है हमारा शरीर प्रकृति ने बनाया है और इसी से बहुत दूर जा रहे हैं, बहुत सारे देशों के धर्म, शिक्षा, रहन-सहन ,खान पान से कई गुना पुराना और अकंटक सुन्दर हमारा देश भारत है जहां सनातन धर्म जो लाखों साल से अपनी कीर्ति यश का गुणगान कर रहा है। जिसमे हर मर्ज कि दवा है, और हम गुणो को छोडकर आज का कल्चर जो झूठ पर आधारित है। बहां भाग रहे हैं हमें इस पर विंतन करना चाहिये। हमरे ऋषियों द्वारा रचित ग्रन्थों पुराणों का अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग धर्मो ने अपना नाम देकर अपनाया है, इसमें कोई दोराह नही है जितने भी शासक आये सबसे पहले ग्रन्थों पुराणों जो एक अभेद, रत्न हैं। इनके अपने नाम पर अनुवाद कराकर अपने धर्मो में शामिल किया हमें इस बात से अनुमान लगाना चाहिये कि सनातन धर्म में कितनी बडी ताकत है जिसकेा पाने के लिये न जाने कितने युद्व हुए फिर भी यह सूर्य के समान चमकता हुआ आजाद है।
भगवान ने हमें विवेक शक्ति इसलिये प्रदान कि है हम अपने हाथों से सदा सत्कर्म करते रहें। प्रातः काल उठते ही दृष्टि कही और न जाकर अपने करतल में ही देवदर्शन करें जिससे वृत्तियां भगवच्चिन्तन कि ओर प्रवृत्त हो बुद्वि सात्विक बनी रहे तथा पूरा दिन शुभ कर्माे में बीतें।

प्रणाम करने का बडा लाभ है प्रणाम करने से आयु, विधा, कीर्ति, और शक्ति इन चारों कि बृद्वि होती है। आप ये कार्य एक महीने करके देखिये आपका सौन्दर्य और आचरण सूर्य के समान होने लगेगा।

कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती
करमूले स्थितो ब्राम्ह प्रभाते कर दर्शनम 


  सचिन सिंह




Varna kirti mati laxmi health
Brahmo Muhurta Sanjagrachariyaan or Padakajam viz.

It has been told in Ayurveda scripture that by getting up in Brahma Muhurta, one can get varna, kirti, Buddha, Lakshmi, health and age. His body swells like a lotus.

Because the air is very cold and sweet at this time, our body is created by nature and we are going far away from it, our country is many times older and irresistibly beautiful than religion, education, living, eating and drinking in many countries. Where the Sanatan Dharma, which has been celebrating its fame for millions of years. In which there is a drug of every merge, and today's culture, except the properties, which is based on lies. We should vant to this while we are running. The scriptures of the Puranas composed by our sages have been adopted by different religions in different languages ​​by giving them their names, there is no dora in all the rulers who came first of all, the Puranas, which are an impenetrable gem. By translating them in our own name and included in our religions, we should guess from this that there is a great power in Sanatan Dharma for which no one knows how many wars took place, yet it is free to shine like the sun.

God has given us prudence power because we have always done Sattrama with our hands. In the morning, as soon as you wake up, do not look at your eyes and go and do devadarshan in your chest so that the circles are inclined towards God and remain intelligent and spend the whole day in auspicious Karma.

There is a big benefit of bowing down. Greeting, age, discipline, fame, and power increases the four. If you do this work for a month, then your beauty and behavior will be like the sun.

Karagre Vasate Lakshmi: Karamadhye Saraswati
Karmule places Brahm Prabhate Kar Darshanam


           Sachin Singh
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जब सरकार और मीडिया सत्ता कि दौड मे आपसी सौदा कर लेती हैं तो खबरे बनती नही बनायी जाती है


एक सरकार होती है एक उधेाग पति जो देश में दौलत का उत्पादन करती है। फिर राजनेता कुछ रूलिंग पार्टी के लोग कुछ अपोजिशन के इन सबका कर्तव्य बनता है कि इस देश के आम आदमी के लिये सिस्टम को स्थिर और सुनिश्चित बनाये रखना ताकि हर कोई निर्भीक होकर बिना रूके प्रगति कर सके पर ये लेाग अपना कर्तव्य कैसे निभा रहे हैं ,निभा भी रहै हैं या नही से आम आदमी कैसे जान पायेगा ठीक इसी कारण के लिये मीडिया का जन्म हुआ लेकिन जब सरकार और मीडिया सत्ता कि दौड मे आपसी सौदा कर लेती हैं तो खबरे बनती नही बनायी जाती है।फिर जनता किस पर विश्वास करे । इन न्यूज चैनल पर जो खबरों के नाम पर कुर्सी हडपने कि कहानियां लिखी जा रही हैं जहां संजीता और सच्ची खबरों को छोडकर टी आर पी के नाम पर सेन्सलिज्म बेचा जा रहा है। एक प्रजा तन्त्र के राष्ट्र में सबको अपने फायदे के बारे में सोचने कि आजादी है लेकिन इन मीडिया वालों ने इस पक्ष से उस पक्ष होकर सच कि जबान बनने की बजाये देश के शासन वर्ग से अपना ताल मेल बिठाना शुरू कर दिया है आखिर क्यो बदल दिया है मिडिया ने अपना किरदार कौन खबर किस अंदाज में बतायेगा इस होड में तमाम अखबार न्यूज चैनल जुट गये हैं। ये होड सिर्फ खबरो के बाजार में बने रहने की नही हैं, बल्कि खुद को सबसे तेज सबसे आगे करने कि ये एक ऐसी रेस बन गयी है जिसका लक्ष्य है।
कामयाबी बनाम पैसा

इस होड में बने रहने के लिये चहिये ज्यादा से ज्यादा दरशक उची से उची टी आर पी जो तब्दील होती है ज्यादा एड रिवेन्यू से और एड रिवेन्यू का मतलब है ज्यादा दौलत जहां लक्ष्य होना चाहिये था खबरें माध्यम होना चाहिये था पैसा
वही आज पैसा बन गया है लक्ष्य खबरे बन गयी है माध्यम मीडिया जैसी श्रेष्ठ संस्था ,लालच और पैसे से दूर नही रखेगे तब तक से स्थिति रहेगी।
तमाम सिस्टम मीडिया बनाती है और हालात बदलने कि ताकत भी मीडिया में ही है।

पुरानी सरकारो से कोई भी मीडिया वालो ने किसी भी मुददे पर नही घेरा कि देश कि आबादी बढ रही आप सिर्फ जनगणना में लगे हैं कोई ठोस कदम क्यो नही उठाते अगर पुरानी सरकार से पूछा होता तो आज देश हित में लिये गये फैसले पर ,अपोजिशन फर्जी का ड्रामा नही करता अब मीडिया वालो को एक मौका और मिला है कानून कि जांच पडताल करके खुल कर विरोधियों को जनता के सामने लाये। आये दिन भारत के खिलाफ अपशब्द कहे जा रहे हैं ऐसा लगता है कि ये किसी और मुल्क के है घुसपैठिये है जिनको भारत देष से प्यार नही क्योकि अपनी बात सरकार तक पहुचाने के लिये अपने ही देश को गालियां दी जाये ये तरीका नही है । इनको सामने लाकर जनता से रूबरू कराये और सरकार सख्त कदम उठाये। नये भारत के निर्माण में ऐसे लोगो कि जरूरत नही देश को ।
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                                               सचिन सिंह


There is a government, an upward husband who produces wealth in the country. Then the politician, some ruling party people, it becomes the duty of all of these members to make the system stable and sure for the common man of this country so that everyone can boldly progress without stopping, but how are these people performing their duty, Whether or not the common man will be able to know whether the media is born for the same reason, but when the government and the media make a mutual deal in the race for power So news is not made, but whom should the public trust. Stories are being written on these news channels in the name of the news, where except for Sanjita and the true news, sensualism is being sold in the name of TRP. In a nation of a democracy, everyone has the freedom to think about their own benefit, but these media people have started to align themselves with the ruling class of the country instead of becoming the language of truth from that side. The media has told its character in which style, all the newspapers and news channels have gathered in this competition. These races are not just to remain in the news market, but also to put ourselves at the forefront of the fastest pace that it has become a race whose goal.

In order to stay in this competition, the maximum amount of TRP to high TRP, which translates into more ad revenue and ad revenue means more wealth where the target should have been the news should be the medium.

The same has become the money today, the target has become news, the medium will not keep away from the best organizations like media, greed and money.

All systems make media and the power to change the situation is also in the media.

No media people have surrounded the old governments on any issue that the population of the country is increasing, you are only engaged in the census, why do not you take any concrete steps, if you had asked the old government, then the decision taken in the interest of the country today, the opposition fake The drama of the media does not give a chance to the media people to investigate the law and openly bring the opponents in front of the public. Abuses are being uttered against India in the coming days, it seems that it is intruders from some other country who do not love the country of India because it is not the way to abuse their own country to spread their words to the government. Bringing them to the fore and dealing with the public and the government takes strict steps. The country does not need such people in building a new India.


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