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यूनाइटेड नेशन क्यों बना ये आप सब जानते हैं, इसका बनने का मुुख्य कारण था द्वितीय विश्व युद्व के बाद पृथ्वी कि स्थिति बहुत भयानक थी उस समय के बडे बुद्वजीवियों ने दुनिया में ऐसा फिर न घटित हो उसके लिये यह संस्था बनायी इसका काम था। दुनिया में

इन सब मुददो को लागू कौन करायेगा इसके लिये पृथ्वी के पांच बडे देश अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस इन पांच देशों को एक परिवार के तौर पर जोड दिया इनको जिम्मेदारी दी गयी कि आप इसके संरक्षक हैं। इनको एक विशेष पावर भी दिया गया जिसमें कोई भी अपनी तानाशाही न चला सके विश्व कल्याण में अगर कोई अपना निजि फायदा उठाने कि कोशिश करे तो अपने पावर का उपयोग कर उसे निरस्त करा सकता है।
लेकिन आज उस पावर का उपयोग गलत तरीके से होने लगा है या कह सकते हैं ये लोग अपना काम सिर्फ अपने फायदे के लिये कर रहे हैं, जिस संस्था का जन्म विश्व कल्याण के लिये हुआ था वही चीन जैसे देश इसे धीरे-धीरे अभिशाप बना रहे हैं। लोगो का विश्वास खत्म होता चला जा रहा इस संस्था के पालनकर्ताओं 

आज देखने को मिलता है कि जिस संस्था में चीन को पर्मानेन्ट मेम्बरशिप मिली है,वह उसका शोषण करते हुए दिख रही है। इनको विश्व कल्याण से कोई मतलब ही नहीं है। अपने फायदे में हमेशा पावर का उपयोग किया इन्होने हर बार जब-जब विश्व कल्याण कि बात हो जिसके लिये यूनाइटेड नेशन कि स्थापना हुई थी वह सब काम होते दिखते ही नहीं क्यों क्योंकि चीन को हर क्षेत्र में समस्या होती है। वीटो का उपयोग कर रदद कर देता है। इसी वजह से पृथ्वी पर न तो आतंकवाद खत्म हो रहा न ही पृथ्वी कि सुरक्षा सुनिश्चित हो पा रही लोग मर रहे हैं इनको विश्व कल्याण कि कोई चिन्ता नहीं मैं मानता हूॅ चीन अगर साथ दे तो पृथ्वी का सब दुख दूर हो सकता है। एशिया में पल रहा आतंकवाद लोगों कि जाने जा रही हैं, क्या अमेरिका, भारत, ब्रिटेन, फ्रांस कि जिम्मेदारी है। और जब आतंक करने वाला पकडा जाता है सब देश एक साथ आते हैं उस समय अपने स्वयं के फायदे के लिये वीटो का उपयोग क्या चीन जैसे देश को शोभा देता है बल्कि चीन का दायित्व सबसे अधिक है एशिया में क्योकि चीन को विश्व कल्याण कि जिम्मेदारी दी गयी है। 
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You all know why the United Nation was formed, the main reason for its formation was that after the Second World War, the condition of the Earth was very terrible, it was the task of the big intellectuals of that time to make it happen again in the world. in the world

Who will implement all these issues, for this, the five big countries of the earth, America, China, Russia, Britain, France have been added as a family to these five countries, they were given the responsibility that you are its patron. He was also given a special power in which no one can run his dictatorship, if anyone tries to take his personal advantage in the welfare of the world, then using his power can cancel it.
⦁ But today that power is being used in a wrong way or it can be said that these people are doing their work only for their own benefit, the country which was born for the welfare of the world, the country like China gradually became a curse. Have been. People's faith is going to end, the followers of this organization


Today it is seen that the institution in which China has received permanent membership, is seen exploiting it. They have no meaning with world welfare. He always used power in his own benefit, every time there was talk of world welfare for which the United Nation was established, all those things do not seem to be working because China has problems in every region. Cancels using the veto. For this reason, neither terrorism is ending on the earth nor people are being assured of the security of the earth, they are not worried about the welfare of the world, I believe that if China supports, all the miseries of the earth can be removed. The terrorism that is going on in Asia is going to be known to the people, is it the responsibility of America, India, Britain, France. And when the terrorists are caught, all the countries come together, at that time the use of veto for their own benefit is what pleases the country like China, but China has the highest responsibility in Asia because China has responsibility for world welfare.

भयानक संकट weeping all world,coronavirus, coronavirus news

  
    

पृथ्वी पर रहने वाले समस्त लोगों पर इतना बडा भयानक संकट  कोरोना जैसी महामारी का दृश्य मै पहली बार देख रहा हॅू यह मेरे जीवन का सबसे भयानक दृश्य है न चाह कर भी लोग रो रहे हैं। इस महामारी कि वजह से न जाने कितने देश तबाह होने कि कगार पर हैं और बचेे हुए देश कुछ दिनों में तबाह हो जायेगें जिस रफतार से ये महामारी पैर फैला रही मुझे ऐसा लगता है। मैं कुछ अपने विचार आपसे शेयर करना चाहता हूॅ कि क्या - क्या नुकसान किया इस कोरोना वाइरस ने लोगों का सबसे पहले हम बात करते हैं हमारे मन का मनोरंजन करने वाले प्रकृति की सुन्दरता बढाने वाले उन जानवरों कि जो चिडिया घरों में कैद है उनका जीवन सिर्फ इन्सानो पर ही आधारित था अब बेचारे अकेले पड गये हैं क्योंकि कोई बाहर ही नही निकल रहा लोगो को अपनी जान के लेने के देने पडे हैं। समय से उनको भोजन भी मिलना बन्द हो गया है। अब बात करते है उन लोगो कि जो लोग रोज कमाते खाते थ्ेा उनके भी अपने जीवन में कुछ सपने होगे इस वाइरस कि बजह से सब सपने टूट गये सरकारे और सम्प्पन लेाग इनकी मदद करेगे लेकिन मदद कि रोटी खानी होती तो येे मजदूरी जैसे कामों को नही चुनते, इसके बाद हम बात करते हैं उन विधार्थियों कि जो सालों से सरकारी नौकरी के चक्कर में अपने जीवन के सालों के साल जो महत्वपूर्ण पलों को खपा रहे थे। उनके मां बाप कि आंखे इसी इन्तजार में बैठी हैं कब बेटा आयेगा कब खुशियां आयेगी। कुछ ऐसे लोग होगे जो इस साल ओवर रेज हो जायेगे कुछ ऐसे होगे जिनके जीवन में सिर्फ यही साल होगा जाने कितने लोगो को रूला रहा ये कोरोना वाइरस, इसके बाद बात करते हैं बिजनिस मैन कि बेचारे एक-एक करके सेल बढाते बहुत से नये स्टार्टअप होगें जो इस दौर से गुजर रहे थे जिनको अपनी मेहनत पर विश्वास था लेकिन इस कोरोना वाइरस ने रूला के रख दिया। इसके बाद हम बात करते हैं उन छेाटे बच्चों कि जिनकी सुबह होती थी चहचहा के आज सब मायूस से बैठे हैं आने वाले समय में और मायूस होगें, इसके बाद हम बात करते हैं, उन बुजुर्ग लोगो कि जिनको डाक्टर ने कुछ दिनो पहले ही टहलना,घूमना फिरना सेहत स्वस्थ्य बनायेे रखने का जादूयी चिराग बताया था आज इनका हाल बेहाल है। कुछ लोग वो है जो अपनी रोजी रोटी कमाने के लिये अपने अपने घरों से काफी दूर हैं आज उनका मन अपने घर वालों केा देखने को कर रहा होगा लेकिन उनको ये डर भी होगा कि वे जिस शहर में हैं वहां वाइरस काफी नुकसान कर चुका है शायद मैं भी इसका शिकार तो नहीं ये सोच अपने घर नहीं जा पा रहे होगें, कुछ वो लोग हैं जो नाम, तरक्की, शोहरत के चक्कर में अपने देश, परिवार को छोड दूसरे देशों में हैं भले ही वहां अच्छी व्यवस्था फिर भी ये मन बडा चंचल है अन्दर ही अन्तर अपने देश, परिवार की दिल से बहुत याद कर रहे होगें। ये सब कष्ट में हैं बस एक छोटी सी गलती कि बजह से कि विश्व विरादरी ने चीन जैसे देशों को खुली छूट दी। बडी-बडी एजेन्सियां खुल के विरोध नही कर पायी क्योकि इनको फंड भी यही दे रहीं, विश्व रिकार्ड रहा है चीन ने हमेशा अपनी पावर का गलत उपयोग किया है चीन वीटो जैसी पावर को हमेशा गलत जगह उपयोग करता रहा है । इसलिये सभी देशों को एक साथ आकर इस पर लगाम लगाना बहुत जरूरी हो जाता है नहीं तो समय से पहले ही यह पृथ्वी को बर्बाद कर देगा।

For the first time I see the scene of such a terrible crisis on all the people living on earth like a corona-like epidemic, this is the most horrible scene in my life, even though people are crying. I do not know how many countries are on the verge of destruction due to this epidemic and the remaining countries will be devastated in a few days. I want to share some thoughts with you about what - what harm this corona virus has done to people. First of all we talk about the animals that are captive in the bird houses, which enhance the beauty of nature that entertains our mind. It was based on human beings, now the poor people are left alone because no one is going out and has to give the people to take their lives. They have stopped getting food since time. Now let's talk about those people who would earn a living every day and they too would have some dreams in their lives, all the dreams were broken due to this virus and the government would help them, but if they had to eat bread, then they would not do such things as wages After choosing, then we talk about the students who were spending significant years of their lives in government jobs for years. The eyes of their parents are sitting in this wait, when will the son come, when will happiness come. There will be some people who will be over razed this year, there will be some people, who will be the only year in their lives to know how many people are crying this Corona virus, after this, we talk about business man's poor new sales by increasing one by one. There will be those who were going through this phase, who believed in their hard work, but this Corona virus kept it from roulette. After this, we talk about the little children whose morning chitchat was done today, everyone is sitting in despair and in the coming time, we will talk about it, after that, we talk about those elderly people whom the doctor had taken a few days before, It was said that wandering and wandering was the magic lamp to maintain health. Some people are those who are far enough away from their homes to earn their livelihood, today they must be thinking of seeing their families, but they will also fear that the virus in the city where they are, may have done a lot of damage. Even if I am not a victim of this thinking, you will not be able to go to your home, there are some people who are in other countries except their country, family in the name of progress, fame, even if there are good arrangements there. However, these differences only in the mind's largest Agile will be doing your country, remember the family of the heart. All these are in pain due to a small mistake that the world community has given a free hand to countries like China. Large agencies could not resist openly because they were also giving the same to them, the world record has been that China has always misused its power, China has always used the power of veto in the wrong place. That is why it is very important for all countries to come together and rein in it, otherwise it will ruin the earth before time.
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प्रत्येक देशवासियों ने कोरोना वाइरस को हराने का संकल्प ले लिया श्री मदभागवत गीता के पावरफुल वाक्य

                                             गीता ज्ञान
मेरे प्रिय दोस्तों देश वासियों जिस तरह कोरोना वाइरस ने सबको परेशान कर रख्खा और प्रत्येक देशवासियों ने इसे हराने का संकल्प भी ले लिया है आप अपने घरों में अपनी हिफाजत स्वयं कर रहें इससे प्रत्येक को सीख मिल रही और जो लोग अभी इसे मजाक समझ रहे हैं वो भी धीरे-धीरे इससे सबक ले रहें है हमने ऐसे हालात में आपके लिये श्री मदभागवत गीता के ऐसे पावरफुल बातों को आपके सामने लेकर आया हूॅ आप इसका अध्ययन कर खुद इतना पावरफुल महसूस करेगे कि आप 21 दिन क्या आप 63 दिन तक लॉकडाउन  का पालन कर सकते हैं। आपकी प्रतिक्रिया का हमें इन्तजार रहेगा।  

                    यदा-यदा हि धर्मस्य,ग्लानिर्भवति भारत।
                 अभ्युत्थानमर्धस्य, तदाडडत्मानं सृजाम्यहम।।



श्री भगवान ने कहा कि हे अर्जुन जब -जब धर्म कि हानि और अधर्म कि वृद्वि होती है, तब-तब ही मैं अपने स्वरूप को प्रकट करता हूॅ।

ऐसा देखा भी गया है कि जब-जब देश पर या पृथ्वी पर संकट आये तभी -तभी कोई ऐसी आत्मा अवश्य यहां पर आई कि जिसने तप्त जीवों को शान्ति पहुचाई तथा आतताइयों का विनाश किया वह चाहे  कोई युग हो। जैसे शरीर को नित्य स्नान न कराने वस्त्रों को नित्य स्वच्छ न करने से वह मलीन हो जाते हैं और बहुत से रोगो का कारण बन जाते हैं। ऐसे ही मन का नित्य स्वच्छ न करने और बुद्वि को पवित्र न करने से यह भी मलीन हो जाते है। अतः जब मनुष्य का मन ही दूषित हो जाता है तो शुद्व कार्य कर ही कैसे सकता है। मलीन मन तथा मलीन बुद्वि से सारे कार्य अशुभ होने ही कि तो आशा है। बस जिसके कार्य अशुभ हैं वही धर्म कि हानि होती है।

मनुष्य को इस बात का पता नही चलता कि मेरा मन दूषित हो रहा है। वह और भी अधर्म कि ओर वढ जाता है और आगे ऐसी स्थिति में पहुचता है कि वह स्वयं यह निर्णय ही नहीं करता कि कौन सा कार्य शुभ है और कौन सा अशुभ । कौन धर्म है कौन अधर्म । ऐसी दशा में राजा दुराचारी और लम्पट हो जाते हैं मन्त्री स्वार्थी और धूर्त बन जाते है। बस तभी प्रजा अनाथ कि भाति दुखी हो प्रभू से प्रार्थना करती है। ऐसा वह पूर्ण ब्रहाम् किसी नर शरीर में अवतार लेते है।

           परित्राणाय साधूनां ,विनाशाय च दुष्कृताम।
            धर्मसंस्थापनर्थाय, संभवानि युगे-युगे।।

वह प्रभू सतपुरूषों को सुख पहुचाने और दूषित कर्म करने वालेां को फिर से चरित्रवान बनाने के लिये तथा धर्म को स्थापित करने हेतु हर युग में प्रकट होते है।


इस प्रकार भगवान जो सर्व शक्तिमान है तथा जो अजन्मा और अविनाशी है वही जो सर्व भूतों के परम गति का परम आश्रय है वह केवल धर्म को स्थापित करने और संसार का उद्वार करने और संसार का उद्वार करने के लिये ही अपनी योग माया से सगुण रूप होकर प्रकट होते हैं। इस वास्ते भगवान के समान जीव का परम प्रेमी और पतित पावन दूसरा कोई नही है। ऐसे प्रभू को भूला देना ही अधर्म है। दूराचारी यदि किन्चिद भी प्रभू को स्मरण कर ले तो वह तत्काल सदाचारी हो जाता है। परन्तु वह तो श्री हरि का ही भूल जाते है।जो जीव के मूल है। इसीलिये प्रभू मनुष्य रूप में आते है।

                                        Gita knowledge

        
              Occasionally, the religion, Glanirbhavati India.
        Abhutthanamardhasya, Tadaadattamanam Srjamayam.

My dear friends, the way the Corona virus has disturbed everyone and every countryman has also taken a pledge to defeat it. You are safeguarding your own homes, everyone is learning and people who are still considering it a joke They are also slowly taking a lesson from this, in such a situation, we have brought such powerful things of Shri Madhagwat Geeta to you in front of you. Do not do it yourself, we will feel so powerful that you 21. You can follow lockdown to 63 days. We will be waiting for your response.


Shri Bhagavan said, O Arjuna, whenever there is loss of religion and increase of iniquity, then only then I reveal my nature.

It has also been seen that whenever there is a crisis on the country or on the earth, only then a soul must come here that brought peace to the hot creatures and destroyed the terrorists irrespective of the era. For example, not bathing the body on a regular basis does not clean the clothes regularly and they become dirty and cause many diseases. In the same way, it is also diluted by not regularly cleansing the mind and not purifying the Buddha. Therefore, when the human mind is corrupted, how can one do pure work. There is hope that all the work will be inauspicious due to a dirty mind and a dirty brain. Just whose actions are inauspicious is the loss of religion.

Human beings do not know that my mind is getting corrupted. He moves towards even more wrongdoing and reaches such a situation that he himself does not decide which work is auspicious and which is inauspicious. Which religion is wrong? In such a situation, kings become vicious and dissolute, ministers become selfish and sly. Just then, the people pray to Lord Prabhu and they are sad. Such complete Brahmas incarnate in a male body.

      Paritranaya sādhunāmā, vā विनाशhāायayā f dृताkताtām.
            Religious Establishment, possibly Yug-Yugye.

He appears in every age to bring happiness to the Lord Satpurus and to make those who do corrupt deeds again, and to establish religion.

In this way, God who is all powerful and who is unknowable and indestructible is the one who is the ultimate shelter of the ultimate movement of all the ghosts, only to establish the religion and salvation of the world and to lift the world, by virtue of its Yoga Maya. Appear. For this reason, there is no one else, the supreme lover of the creature like God and the Purifier. It is wrong to forget such a lord. If the mischief also remembers the Lord, he immediately becomes virtuous. But they forget Shri Hari, who is the origin of the living being. That is why God comes in human form.
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कोरोना वाइरस चीन कि जैविक परीक्षण में हुयी गडबडी का नतीजा The Corona crisis is the result of this global mistake,

The Corona crisis is the result of this global mistake. If China's dominance is not broken,  its accountability is not fixed, then it will continue to pose a threat to the world

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मेरा ऐसा मानना है कि कोरोना वाइरस चीन कि जैविक परीक्षण में हुयी गडबडी का नतीजा है । इस बात से कोई मुंह नही मोड सकता क्योंकि चीन के जिस बुहान शहर से यह जानलेवा वाइरस फैला वहां चीन ने वाइरस अनुसंधान के लिये दुनिया कि सबसे बडी प्रयोगशाला बना रखी है।

यह भी तय है कि अक्टूबर 2019 से चीन में कोरोना के मामले आने शुरू हो गये थे पर चीन सरकार ने दिसम्बर तक दुनिया से इसे छुपा कर रखा। जनवरी आते-आते चीन मे इस महामारी ने भयानक रूप ले लिया तब भी चीन ने मृतकों और पीडितों कि संख्या को छिपाया।
जीम जपउमे के अनुसार दिसम्बर में चीनी पैथलाॅजिस्ट को सरकार ने मजबूर किया था कि वे कोरोना संक्रमण से जुडे मामलों कि जांच रिर्पोट और सैंपल नष्ट कर दे।

इसी कारण दूसरे देश चीन से आने वाले लोगों कि जांच नहीं कर पाये जिसके कारण पूरे पृथ्वी पर वाइरस फैल गया चीन ने अपने व्यापारिक साझीदार देशों तक को इसकी भनक नक नहीं लगने दी जिसकी सबसे बडी कीमत इटली को चुकानी पड रही है। चीन और इटली के बीच बडे पैमाने पर चमडे का व्यापार होता है जिसके चलते अधिक संख्या में चीनी लोग इटली आते जाते रहे हैं। फिर इटली से फैलता चला गया चीन ने फिर भी बडे देशो को अगाह करना ठीक नही समझा चीनी सरकार ने वह कदम उठाये जिससे दुनिया में वाइरस फैल जाये। जिसका परिणाम अमेरिका जैसे देशो को भुगतना पड रहा है। 

कुल मिलाकर वैश्विक विरादरी भी आयात में चीन पर निर्भर है जहां लोकतंत्र नाम कि कोई चीज नहीं है। जिसके सरकारी तंत्र मे पारदर्शिता कि कल्पना भी नहीं कि जा सकती जो परमाणु हथियारों और मिसाइल तकनीक कि अंतराष्ट्रीय तस्करी के जरिये समूचे विश्व के लिये पाक्स्तिान और उत्तर कोरिया जैसे खतरे खडे कर चुका है। कोरोना संकट इसी वैश्विक भूल का नतीजा है। अगर चीन का वर्चस्व तोडा नहीं गया उसकी जबाबदेही नहीं तय कि गयी तो वह दुनिया के लिये खतरे खडा करता रहेगा।    

I believe that the corona virus is the result of disturbances in biological testing in China. No one can turn away from this thing because in the city of Buhan, where this deadly virus spread, China has made the world's largest laboratory for virus research.

It is also certain that corona cases started coming to China from October 2019, but the Chinese government kept it hidden from the world till December. By January, this epidemic took a terrible form in China, even then China hid the number of dead and victims.

In December, the Chinese pathologist was forced by the government to destroy investigative reports and samples of cases involving the Corona infection, according to JIAM Japoume.
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For this reason, other countries could not investigate the people coming from China, due to which the virus spread all over the earth, China did not allow its trading partner countries to get a clue of which Italy is paying the biggest price. There is a large trade of leather between China and Italy, due to which more and more Chinese people have been coming to Italy. Then went on to spread from Italy, China still did not think it was right to destroy the big countries, the Chinese government took steps to spread the virus in the world. As a result, countries like America are suffering.

Overall, the global community also depends on China in imports, where there is no such thing as democracy. One cannot even imagine the transparency in the government system that has posed threats to the entire world, such as Pakistan and North Korea, through international smuggling of nuclear weapons and missile technology. The Corona crisis is the result of this global mistake. If China's dominance is not broken, its accountability is not fixed, then it will continue to pose a threat to the world.


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मेरा नाम सचिन सिंह दोस्तो कोरोना वाइरस जैसी भयानक महामारी के बारे में आप सब अब जान ही गये होगे लेकिन कुछ लोग है जो अभी भी अनजान बने घूम रहें हैं मैं भारत का नागरिक होने के साथ-साथ मेरा यह दायित्व भी है कि अपनी जानकारी और सरकारी गाइडलाइन्स के अनुसार अन्जान लोगो केा एर्लट करता रहूॅ। जो लोग भी मेरे ब्लाॅग पढ रहे हैं। कृपया करके इसे शेयर भी करें जिससे लोग इसे मजाक न समझे इस बात कि सीरीयस नेस को समझे भारत सरकार प्रत्येक दिन लोगो से अपील कर रही है साथ ही साथ राज्यों कि सरकारे भी अपील कर रही पुलिस, मेडिकल स्टाफ सब अपना परिवार छोडकर आपके लिये लगा है। फिर भी कुछ लोग सडको पर हैं। प्लीज इसे समझो दोस्तो चीन, अमेरिका, इटली, ईरान, जर्मनी, फ्रांस जैसे देशों को इससे बचने का मौका ही नही मिला इसलिये इनके देशों में इतनी आबादी मौत के घाट उतर गयी आज के आकडे के अनुसार समस्त पृथ्वी पर 532237 लोग ग्रसित हैं और 24089 लोग अपनी जान गवा चुके हैं। भारत को एक बहुत अच्छा समय मिला हैं। बचाव का कृपया करके घर पर रहें जब तक भारत सरकार प्रधानमंत्री मोदी खुद आकर प्रेस कांफ्रेंस न करें तब तक अन्दर रहें अगर यह महामारी चीन, अमेरिका, इटली, ईरान, जर्मनी, फ्रांस जैसे देशों कि तरह हमारे यहां भी फैल गयी तो बहुत बडी समस्या आ जायेगी । क्योकि हमारी अबादी बहुत हैं मैं मानता हूॅ कि भारत अब अनपढ देश नही रहा यहां के लोग समझदार हैं सब न्यूज से जुडे हैं। इसकी इमरजेन्सी को समझेगें और घर रहकर अपनी फैमली और सरकार का साथ देगें अपने देश को बचाने में अपना योगदान दें। आज देश को आपकी जरूरत हैं देश भक्ति दिखाये। सोशल मीडिया पर जागरूकता फैलाये केवल इसे  शेयर करें। आपका एक शेयर आपके चाहने वाले को बचा सकता हैं।

My name is Sachin Singh Friends, you may have come to know about the terrible epidemic like Corona Virus, but there are some people who are still wandering around unaware, I am a citizen of India and I also have an obligation to keep my information and According to the official guidelines, I keep on announcing the unknown. People who are also reading my blog. Please also share it so that people do not consider it a joke, that the Government of India should understand Sirius Ness, every day the people are appealing to the people as well as the governments of the states, the police and medical staff are all appealing to you except your family. is. Still some people are on the road. Please understand it, friends like China, America, Italy, Iran, Germany, France, did not get the chance to escape from it, so in their countries so much population has died, according to today's figures there are 532237 people on the whole earth and 24089 People have lost their lives. India has had a great time. Please stay home by doing rescue till the Government of India till Prime Minister Modi comes and press conference itself, then stay in. If this epidemic spread in our country like China, America, Italy, Iran, Germany, France, then a big problem. Will come Because our abadi is so much, I believe that India is no longer an illiterate country, people here are sensible and are connected to all the news. Understand its emergency and stay home and support your family and government and contribute to save your country. Today the country needs you to show patriotism. To spread awareness on social media, only share it. One of your shares can save your loved one.

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Lashkar-e-Taiba, Islamic State in Syria ,Boko Haram ,Pakistani Taliban, Taliban, Al-Nusra Front, Jemaah Islamiyah, Al Qaeda in Arabian Peninsula, Abu Sayyaf,Narendra Modi@narendramodi #COVID19



Lashkar-e-Taiba, Islamic State in Syria ,Boko Haram ,Pakistani Taliban, Taliban, Al-Nusra Front, Jemaah Islamiyah, Al Qaeda in Arabian Peninsula, Abu Sayyaf

जहां आज समुचे पृथ्वी पर कोरोना जैसी महामारी ने आतंक मचा रख्खा है वही अफगानिस्तान जैसे देशो में अल्पसंख्यकों पर जुल्म किया जा रहा बडे दुख कि बात है जहां आज हम एक दूसरे कि मदद में लगे हैं वही ये आतंकी संगठन,लश्कर-ए-तैयबा  इस्लामिक स्टेट इन सीरिया बोको हराम पाकिस्तानी तालिबान ,तालिबान,अल-नुसरा फ्रंट,जेमाह इस्लामिया,अल कायदा इन अरेबियन पेनिनसुला,अबू सय्याफ अपनी घिनौनी हरकते कर रहे हैं, 26.03.2020 को अफगानिस्तान में 25 सिक्खेां को उनके धर्म स्थलों में घ्ुस कर मार दिया गया उनका परिवार रो विलख रहा है । इसकी  जिम्मेदारी भी  Islamic State in Syria ले  रहा  खुले  आम  बोल  रहा  मैंने  मारा  ये एक दिन कि बात नही कि यह पहली बार हुआ हो ये बहुत सालों से हो रहा है इसकी जड भी बही बडे देश हैं जो अपने फायदे के लिये इन्ही को हथियार बेच रहे हैं जो पृथ्वी पर शान्ति कि बात करते हैं वही आतंक कि एजेन्सी को बढावा दे रहे हैं पृथ्वी पर इतने पावरफुल देश हैं। अमेरिका, रूस, फ्रंास,जर्मनी, भारत, ब्रिटेन, इटली,चीन  लेकिन ये सब खुद इस धन्धे में शामिल हैं नही तो किसी भी आतंकी संगठन कि दम नही कि निर्दोष लोगो को धर्म के नाम पर मार सके तबाह कर सके कई दशकों से भारत अगाह कर रहा सबको कि पडोसी देशो में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार चरम पर है इसका साथ देने कि बजाह अमेरिका, रूस, फ्रंास, जर्मनी, ब्रिटेन, इटली, चीन ने फायदा उठाया और घिनौना व्यापार किया क्या करे संस्थायें जिनके बल बूते पर ये लडते हैं वही आतंक को बडावा देते हैं आज कोरोना उन्ही देशों को सबसे ज्यादा रूला रहा जो सबसे अधिक जिम्मेदार है। अगर आज आप प्रकृति के इशारे को नही समझे तोे एक दिन पूरे देश को काल के गाल में समाना पडेगा। बहुत बडी कीमत चुकाना पडेगा आपको आज आपके पास एक मौका है सब देश एक साथ आये सही क्या है इसका प्लान बनाये लागू करें जो देश न माने समझाये नही समझे खत्मा करें ऐसे आतंकी संगठनों   लश्कर-ए-तैयबा  इस्लामिक स्टेट इन सीरिया बोको हराम पाकिस्तानी तालिबान ,तालिबान,अल-नुसरा फ्रंट,जेमाह इस्लामिया,अल कायदा इन अरेबियन पेनिनसुला,अबू सय्याफ   को मिलकर हटाये पृथ्वी से 

Where today, an epidemic like Corona has created terror on the whole earth, it is a matter of great sadness that minorities are being victimized in countries like Afghanistan, where today we are engaged in helping each other, this terrorist organization, Lashkar-e-Taiba Islami State in Syria Boko Haram, Pakistani Taliban, Taliban, Al-Nusra Front, Jemaah Islamiyah, Al Qaeda in Arabian Peninsula, Abu Sayyaf , 26.03.2020 was killed by Grus to attract their religion 25 Sickean in Afghanistan, his family crying is Vilk. Taking responsibility for this, Islamic State in Syria is openly speaking, I struck it that it is not a matter of one day that this has happened for the first time, it has been happening for many years, its roots are also big countries, who sell weapons for their own benefit. There are those who talk about peace on earth, the same terror that is promoting the agency, there are so many powerful countries on the earth. America, Russia, France, Germany, India, Britain, Italy, China, but they are all involved in this business, otherwise no terrorist organization has the power to destroy innocent people in the name of religion, India can be destroyed for many decades. Everyone is aware that the persecution of minorities in neighboring countries is at the peak with the support of the US, Russia, France, Germany, Britain, Italy, China and what they can do with abusive business. Ayen whose forces are fighting to own the same terror tend Bdawa most cry corona those countries today which is most responsible. If you do not understand the gesture of nature today, then one day the whole country will have to face the cheeks of Kaal. You will have to pay a very big price, you have a chance today. All the countries have come together and make a plan of what is right, implement it, which the countries do not understand or understand, destroy such terrorist organizations Lashkar-e-Taiba Islamic State in Syria Boko Haram Pakistani Taliban , Taliban, Al-Nusra Front, Jemaah Islamiyah, Al Qaeda in Arabian Peninsula, remove Abu Sayyaf from Earth



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22 मार्च को मोदी प्रधानमंत्री मोदी के एक भाषण से पूरा देश थम सा गया अब श्री मोदी ने 21 दिन का लाॅकडाउन का अवाहन किया है।


मेरे प्रिय दोस्तों देश वासियों जिस तरह कोरोना वाइरस ने सबको परेशान कर रख्खा और प्रत्येक देशवासियों ने इसे हराने का संकल्प भी ले लिया है आप अपने घरों में अपनी हिफाजत स्वयं कर रहें इससे प्रत्येक को सीख मिल रही और जो लोग अभी इसे मजाक समझ रहे हैं वो भी धीरे-धीरे इससे सबक ले रहें है हमने ऐसे हालात में आपके लिये श्री मदभागवत गीता के ऐसे पावरफुल बातों को आपके सामने लेकर आया हूॅ आप इसका अध्ययन कर खुद इतना पावरफुल महसूस करेगे कि आप 21 दिन क्या आप 63 दिन तक लॉकडाउन  का पालन कर सकते हैं। आपकी प्रतिक्रिया का हमें इन्तजार रहेगा। 

क्लैब्यं मा स्म गमः पार्थ नैतत्त्वय्युपपद्यते ।
क्षुद्रं हृदयदौर्बल्यं त्यक्त्वोत्तिष्ठ परन्तप ॥

भावार्थ :  इसलिए हे अर्जुन! नपुंसकता को मत प्राप्त हो, तुझमें यह उचित नहीं जान पड़ती। हे परंतप! हृदय की तुच्छ दुर्बलता को त्यागकर युद्ध के लिए खड़ा हो जा॥3॥

अशोच्यानन्वशोचस्त्वं प्रज्ञावादांश्च भाषसे ।
गतासूनगतासूंश्च नानुशोचन्ति पण्डिताः ॥

भावार्थ : श्री भगवान बोले, हे अर्जुन! तू न शोक करने योग्य मनुष्यों के लिए शोक करता है और पण्डितों के से वचनों को कहता है, परन्तु जिनके प्राण चले गए हैं, उनके लिए और जिनके प्राण नहीं गए हैं उनके लिए भी पण्डितजन शोक नहीं करते॥11॥

न त्वेवाहं जातु नासं न त्वं नेमे जनाधिपाः ।
न चैव न भविष्यामः सर्वे वयमतः परम्‌ ॥

भावार्थ : न तो ऐसा ही है कि मैं किसी काल में नहीं था, तू नहीं था अथवा ये राजा लोग नहीं थे और न ऐसा ही है कि इससे आगे हम सब नहीं रहेंगे॥12॥

देहिनोऽस्मिन्यथा देहे कौमारं यौवनं जरा ।
तथा देहान्तरप्राप्तिर्धीरस्तत्र न मुह्यति ॥

भावार्थ :  जैसे जीवात्मा की इस देह में बालकपन, जवानी और वृद्धावस्था होती है, वैसे ही अन्य शरीर की प्राप्ति होती है, उस विषय में धीर पुरुष मोहित नहीं होता।13॥

मात्रास्पर्शास्तु कौन्तेय शीतोष्णसुखदुःखदाः ।
आगमापायिनोऽनित्यास्तांस्तितिक्षस्व भारत ॥


भावार्थ : हे कुंतीपुत्र! सर्दी-गर्मी और सुख-दुःख को देने वाले इन्द्रिय और विषयों के संयोग तो उत्पत्ति-विनाशशील और अनित्य हैं, इसलिए हे भारत! उनको तू सहन कर॥14॥



अविनाशि तु तद्विद्धि येन सर्वमिदं ततम्‌ ।
विनाशमव्ययस्यास्य न कश्चित्कर्तुमर्हति ॥

भावार्थ : नाशरहित तो तू उसको जान, जिससे यह सम्पूर्ण जगत्‌- दृश्यवर्ग व्याप्त है। इस अविनाशी का विनाश करने में कोई भी समर्थ नहीं है॥17॥

न जायते म्रियते वा कदाचि-
न्नायं भूत्वा भविता वा न भूयः ।
अजो नित्यः शाश्वतोऽयं पुराणो-
न हन्यते हन्यमाने शरीरे ॥

भावार्थ : यह आत्मा किसी काल में भी न तो जन्मता है और न मरता ही है तथा न यह उत्पन्न होकर फिर होने वाला ही है क्योंकि यह अजन्मा, नित्य, सनातन और पुरातन है, शरीर के मारे जाने पर भी यह नहीं मारा जाता॥
20॥

वासांसि जीर्णानि यथा विहाय
नवानि गृह्णाति नरोऽपराणि ।
तथा शरीराणि विहाय जीर्णा-
न्यन्यानि संयाति नवानि देही ॥

भावार्थ : जैसे मनुष्य पुराने वस्त्रों को त्यागकर दूसरे नए वस्त्रों को ग्रहण करता है, वैसे ही जीवात्मा पुराने शरीरों को त्यागकर दूसरे नए शरीरों को प्राप्त होता है॥22॥

नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः ।
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः ॥

भावार्थ :  इस आत्मा को शस्त्र नहीं काट सकते, इसको आग नहीं जला सकती, इसको जल नहीं गला सकता और वायु नहीं सुखा सकता॥23॥

अच्छेद्योऽयमदाह्योऽयमक्लेद्योऽशोष्य एव च ।
नित्यः सर्वगतः स्थाणुरचलोऽयं सनातनः ॥

भावार्थ : क्योंकि यह आत्मा अच्छेद्य है, यह आत्मा अदाह्य, अक्लेद्य और निःसंदेह अशोष्य है तथा यह आत्मा नित्य, सर्वव्यापी, अचल, स्थिर रहने वाला और सनातन है॥24॥

जातस्त हि ध्रुवो मृत्युर्ध्रुवं जन्म मृतस्य च ।
तस्मादपरिहार्येऽर्थे न त्वं शोचितुमर्हसि ॥

भावार्थ : क्योंकि इस मान्यता के अनुसार जन्मे हुए की मृत्यु निश्चित है और मरे हुए का जन्म निश्चित है। इससे भी इस बिना उपाय वाले विषय में तू शोक करने योग्य नहीं है॥27॥

अथ चेत्त्वमिमं धर्म्यं सङ्‍ग्रामं न करिष्यसि ।
ततः स्वधर्मं कीर्तिं च हित्वा पापमवाप्स्यसि ॥

भावार्थ :  किन्तु यदि तू इस धर्मयुक्त युद्ध को नहीं करेगा तो स्वधर्म और कीर्ति को खोकर पाप को प्राप्त होगा ॥33॥

भयाद्रणादुपरतं मंस्यन्ते त्वां महारथाः ।
येषां च त्वं बहुमतो भूत्वा यास्यसि लाघवम्‌ ॥

भावार्थ : इऔर जिनकी दृष्टि में तू पहले बहुत सम्मानित होकर अब लघुता को प्राप्त होगा, वे महारथी लोग तुझे भय के कारण युद्ध से हटा हुआ मानेंगे॥35॥

अवाच्यवादांश्च बहून्‌ वदिष्यन्ति तवाहिताः ।
निन्दन्तस्तव सामर्थ्यं ततो दुःखतरं नु किम्‌ ॥

भावार्थ : तेरे वैरी लोग तेरे सामर्थ्य की निंदा करते हुए तुझे बहुत से न कहने योग्य वचन भी कहेंगे, उससे अधिक दुःख और क्या होगा?॥36॥

हतो वा प्राप्स्यसि स्वर्गं जित्वा वा भोक्ष्यसे महीम्‌ ।
तस्मादुत्तिष्ठ कौन्तेय युद्धाय कृतनिश्चयः ॥

भावार्थ : या तो तू युद्ध में मारा जाकर स्वर्ग को प्राप्त होगा अथवा संग्राम में जीतकर पृथ्वी का राज्य भोगेगा। इस कारण हे अर्जुन! तू युद्ध के लिए निश्चय करके खड़ा हो जा॥37॥

सुखदुःखे समे कृत्वा लाभालाभौ जयाजयौ ।
ततो युद्धाय युज्यस्व नैवं पापमवाप्स्यसि ॥

भावार्थ : जय-पराजय, लाभ-हानि और सुख-दुख को समान समझकर, उसके बाद युद्ध के लिए तैयार हो जा, इस प्रकार युद्ध करने से तू पाप को नहीं प्राप्त होगा॥38॥

Klebya ma smam: Partha naitatvayyupadyate.
Small heart

Bhaarthar: Therefore, O Arjuna! Do not get impotence, you do not find it appropriate. Hey hey Abandon the insignificant weakness of the heart and stand up for war ॥3॥

From the Ashokayananvashochsattva Pragyavadasvanta language.
Gataasunagatasanush Nanushochanti Pandita:॥

Sense: Shri Bhagavan said, O Arjuna! Thou mourn not for mournful men, and say the words of the wise ones, but for those whose souls have departed, and for those whose souls have not gone, mourners do not mourn. ॥11॥

Neither the skin nor the twilight,
Neither Chave nor Bhavishyam: Survey routinely

Sense: It is neither that I was not there in a period, you were not there or that these kings were not people, nor is it that we will not live beyond this.

Dehinoऽsminyatha dehe kaumaran puberty.
And you will not get any relief.

Spirituality: Just as the body of a person has childhood, youth and old age, so is the attainment of another body, in that matter the patient is not fascinated. 13॥

Quantity Contemporary Kontaye Temperate
India

Bhaarthar: O Kuntiputra! The coincidence of the senses and subjects giving winter-heat and pleasure-sorrow is origin-destroying and perishing, so O India! You bear them ॥14॥

Imperishable ye tadviddhi yen sarvamidant tatam.
Destruction

Senseless: You know him, so that this entire world is visible. No one is able to destroy this imperishable ॥17॥

Na jayate mriete wa kadachi-
Nannayam Bhootwa Bhavata or Bhuyah.
Ajo Nitya: Shashtoऽayam Purano-
Na hanyate hanyamane sharee॥

Spirituality: This soul is neither born nor dies in any period, nor is it going to be born again and again because it is unborn, eternal, eternal and archaic, it is not killed even when the body is killed.
20॥

Vasansi jirnani as vijay
Navani griharanati Naroparani.
And Shariani Vihaya Jirna-
Nyanayan sanyati nawani dehi

Spirituality: Just as a person renounces old clothes and accepts other new clothes, similarly the person renounces the old body and gets other new bodies. ॥22॥

Nain chindanti shastraani nain dahti pavakah.
Neither chain kledayantyapo nor shosayati marutah

Meaning: This soul cannot cut weapons, it cannot burn fire, it cannot burn water and cannot dry air ॥23॥

Goodyodayyamdahyayyamakledyoshya and f.
Nitya: omnipotent

Connotation: Because this soul is good, this soul is inedible, unintelligent and undoubtedly imperishable and this soul is eternal, omnipresent, immovable, stable and eternal. ॥24॥

Jastasti Dhruvo obituary
Tasmad parivarhearthe na thar shochitumarashi

Connotation: Because according to this belief, the death of the born is certain and the birth of the dead is certain. Also, you are not able to grieve in this subject without remedy ॥27॥

Atha Chettvamin Dharmyana Sangraman Karishyasi.
Thus Swadharma Kirtincha Hittva Papamavapsyasi

Spiritualism: But if you do not do this religious war, you will gain sin by losing self-righteousness and fame.

Bhayadranaduparatam mansyante tva maharatha.
Yeshwantha majority majority Bhutva Yasyasi Laghavam ‌

Spiritualism: And in whose eyes you will be very honored and now you will get the smallness, those great people will consider you removed from the war due to fear

Unrealism, Bahu‌ Vदिdishyanti Tāvahitaः.
Blasphemy

Sense: Your enemies will condemn your power and tell you many unacceptable words, what will be more sad than that? ॥36॥

Hato wa prapsyasi heaven from Jitva or Bhokshya.
Tasmadutishta Kaunteya warfare determination:॥

Meaning: Either you will get to heaven by being killed in battle or you will enjoy the kingdom of earth by winning in battle. For this reason, O Arjun! Thou shalt stand for battle ॥37॥

Sukandhukahe Samay Kritwa Labalabhaibha Jayajayou.
Tato Yudhya Yujyasva Nain Papamavapsyasi 4

Spiritualism: Treating Jai-defeat, profit-loss and happiness-sorrow as equal, then be ready for war, thus war will not bring you to sin. ॥38॥





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