The Corona crisis is the result of this global mistake. If China's dominance is not broken, its accountability is not fixed, then it will continue to pose a threat to the world
मेरा ऐसा मानना है कि कोरोना वाइरस चीन कि जैविक परीक्षण में हुयी गडबडी का नतीजा है । इस बात से कोई मुंह नही मोड सकता क्योंकि चीन के जिस बुहान शहर से यह जानलेवा वाइरस फैला वहां चीन ने वाइरस अनुसंधान के लिये दुनिया कि सबसे बडी प्रयोगशाला बना रखी है।
यह भी तय है कि अक्टूबर 2019 से चीन में कोरोना के मामले आने शुरू हो गये थे पर चीन सरकार ने दिसम्बर तक दुनिया से इसे छुपा कर रखा। जनवरी आते-आते चीन मे इस महामारी ने भयानक रूप ले लिया तब भी चीन ने मृतकों और पीडितों कि संख्या को छिपाया।
जीम जपउमे के अनुसार दिसम्बर में चीनी पैथलाॅजिस्ट को सरकार ने मजबूर किया था कि वे कोरोना संक्रमण से जुडे मामलों कि जांच रिर्पोट और सैंपल नष्ट कर दे।
इसी कारण दूसरे देश चीन से आने वाले लोगों कि जांच नहीं कर पाये जिसके कारण पूरे पृथ्वी पर वाइरस फैल गया चीन ने अपने व्यापारिक साझीदार देशों तक को इसकी भनक नक नहीं लगने दी जिसकी सबसे बडी कीमत इटली को चुकानी पड रही है। चीन और इटली के बीच बडे पैमाने पर चमडे का व्यापार होता है जिसके चलते अधिक संख्या में चीनी लोग इटली आते जाते रहे हैं। फिर इटली से फैलता चला गया चीन ने फिर भी बडे देशो को अगाह करना ठीक नही समझा चीनी सरकार ने वह कदम उठाये जिससे दुनिया में वाइरस फैल जाये। जिसका परिणाम अमेरिका जैसे देशो को भुगतना पड रहा है।
कुल मिलाकर वैश्विक विरादरी भी आयात में चीन पर निर्भर है जहां लोकतंत्र नाम कि कोई चीज नहीं है। जिसके सरकारी तंत्र मे पारदर्शिता कि कल्पना भी नहीं कि जा सकती जो परमाणु हथियारों और मिसाइल तकनीक कि अंतराष्ट्रीय तस्करी के जरिये समूचे विश्व के लिये पाक्स्तिान और उत्तर कोरिया जैसे खतरे खडे कर चुका है। कोरोना संकट इसी वैश्विक भूल का नतीजा है। अगर चीन का वर्चस्व तोडा नहीं गया उसकी जबाबदेही नहीं तय कि गयी तो वह दुनिया के लिये खतरे खडा करता रहेगा।
I believe that the corona virus is the result of disturbances in biological testing in China. No one can turn away from this thing because in the city of Buhan, where this deadly virus spread, China has made the world's largest laboratory for virus research.
It is also certain that corona cases started coming to China from October 2019, but the Chinese government kept it hidden from the world till December. By January, this epidemic took a terrible form in China, even then China hid the number of dead and victims.
In December, the Chinese pathologist was forced by the government to destroy investigative reports and samples of cases involving the Corona infection, according to JIAM Japoume.
For this reason, other countries could not investigate the people coming from China, due to which the virus spread all over the earth, China did not allow its trading partner countries to get a clue of which Italy is paying the biggest price. There is a large trade of leather between China and Italy, due to which more and more Chinese people have been coming to Italy. Then went on to spread from Italy, China still did not think it was right to destroy the big countries, the Chinese government took steps to spread the virus in the world. As a result, countries like America are suffering.
Overall, the global community also depends on China in imports, where there is no such thing as democracy. One cannot even imagine the transparency in the government system that has posed threats to the entire world, such as Pakistan and North Korea, through international smuggling of nuclear weapons and missile technology. The Corona crisis is the result of this global mistake. If China's dominance is not broken, its accountability is not fixed, then it will continue to pose a threat to the world.