> Nomad sachin blogs

Game click enjoy

श्री योगी आदित्यनाथ जो इस समय बहुत चर्चा में हैं ,schyme ,indian government,योजना



योजना शब्द आपने बहुत बार सुना होगा कोई बडी बात नही आज हम आपको भारतीय राज्यों में अलग-अलग राज्यों में मुख्यमंत्री द्वारा शुरू कि गयी कुछ योजना के बारे में बतायेगे जो अभी तक कि सबसे अलग सोच रखने वाली अलग हट कर स्मार्ट काम करने वाले मुख्यमंत्री द्वारा संचालित योजनाओं से परिचित कराउगां।
दोस्तों बहुत बेहतरीन रहने वाला है,पढने के बाद अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें। 

सबसे पहले हम आपको ले चलते हैं उत्तर प्रदेश यहां के मुख्यमंत्री हैं श्री योगी आदित्यनाथ जो इस समय बहुत चर्चा में हैं क्योकि इन्होने अभी कुछ समय पहले आपस में कुछ लोगो ने आराजकता फैलाकर सरकारी सम्पत्ति को निशाना बनाया इन्होने जांच करा कर जो लोग दोषी पाये गये उन पर हर्जाना लगाकर सरकारी सम्पत्ति को फिर से जीवित किया। 


इन्होने बहुत सी योजनाये चलायी उसमें से मै आपको एक योजना के बारे में बताउगां जो काफी अलग है कन्या सुमंगला योजना- अभी तक जो लोग लडकियों कि पढाई को बोझ समझते थे उनके लिये अब ये समस्या खत्म योगी सरकार द्वारा कन्या सुमंगला योजना बेटियों के जन्म से लेकर स्नातक तक 15000 रूपये कि आर्थिक सहायता दे रही योगी सरकार।

अब हम आपको लेकर चलते है मध्यप्रदेश यहां के मुख्यमंत्री हैं श्री कमलनाथ इनके द्वारा भी बहुत सी योजनाये चलायी जा रही मैं आपको सबसे अलग योजना के बारे में बताना है इनके द्वारा एक छात्र ,एक वृक्ष योजना संचालित कि जा रही है इसमें इंजीनिरिंग काॅलेज के छात्र-छात्राओं द्वारा मानसून में 4.5 लाख पौधे लगाने का काम प्रत्येक साल किया जा रहा है कितना अलग काम है। अपनी प्रकति के लिये

इसके बाद आप को ले चलते हैं छत्तीसगढ यहां के मुख्यमंत्री हैं भूपेश बघेल इनके द्वारा गार्वेज कैफे योजना संचालित हो रही इसमे प्लास्टिक के बदले भोजन प्रदान किया जाता है जिससे घरों में जमा प्लास्टिक बाहर निकाल कर डिस्ट्राय कर प्लास्टिक मुक्त भारत बनाया जाये।

अब आपको लेकर चलते हैं बिहार यहां के मुख्यमंत्री हैं नीतीश कुमार इनके द्वारा जल जीवन हरियाली अभियान चलाया जा रहा है जिसका उददेश्य जलवायु परिवर्तन के विरूद्व जल और हरियाली को बचाना।
इसके बाद आपको हम ले चलते हैं बहुत फेमस राज्य राजस्थान यहां के मुख्यमंत्री हैं अशोक गहलोत इनके द्वारा एक ऐसी योजना चलायी जा रही है जो बहुत अलग और बेतरीन और लोकप्रिय योजना बन गयी है इन्होने वैदिक शिक्षा बोर्ड बनाने का फैसला लिया जिसका उददेश्य वेद एवं संस्कृति ज्ञान कि वृद्वि करना है।
अब हम आपको लेकर चलते हैं पूर्वोत्तर भारत के राज्य सिक्किम में जो प्राकृतिक खूबसूरती में पूर्वोत्तर अपने आप में महान है यहां के मुख्यमंत्री हैं प्रेम सिंह तमांग इनके द्वारा एक परिवार एक नौकरी योजना का संचालन किया गया जिसका उददेश्य हर परिवार के कम से कम एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान करना। 
इसके बाद असम यहां के मुख्यमंत्री हैं सर्वानंद सोनेवाल


इनका काम और योजनाये निराली है लोगो का दिल जीत लिया और स्टार बन गये इनके द्वारा अभिनन्दन योजना चलाई जा रही है जिसका उददेश्य उच्च शिक्षा के लिये योग्य छात्रों को ऋण में अधिकतम 50000 रूपये कि सब्सिडी देना

दूसरी योजना अरूधंति स्वर्ण योजना जिसका उदेदश्य गरीब बेटियो कि शादियों के अवसर पर एक तोला (10ग्राम) सोना प्रदान करना।

You must have heard the word 'plan' many times, no big deal, today we will tell you about some scheme launched by the Chief Minister in different states in the Indian states, which is the most different yet smart thinking Chief Minister. I will introduce you to the schemes operated by
Friends, this is going to be very good, after studying, please give your feedback.
First of all, let us take you Uttar Pradesh Chief Minister Mr. Yogi Adityanath who is very much in discussion at this time because some time before, some people spread their objection and targeted the government property by investigating them. Revived government property by inflicting damages on them.
He has run many schemes, out of which I will tell you about a scheme which is quite different, Kanya Sumangala Yojana - till now those who used to understand the education of girls as a burden, now this problem is over by the Yogi government from the birth of Kanya Sumangala Yojana daughters. Yogi government giving financial assistance of Rs 15,000 to graduates.
Now we take you to Madhya Pradesh is the Chief Minister of here. Mr. Kamal Nath is also running many schemes. I want to tell you about the most different scheme. He is running a student, a tree scheme by him, students of engineering college. - How different work is being done by the students to plant 4.5 lakh saplings in the monsoon every year. For your appearance
After this, you take Chhattisgarh as the Chief Minister of Bhupesh Baghel, who is running a garbage cafe scheme, in which food is provided in lieu of plastic, so that the plastic stored in the houses will be removed and made plastic-free India.
Now let's take you to Bihar, the Chief Minister is here, Nitish Kumar is running a water life green campaign, which aims to save water and greenery against climate change.
After this, we take you to the very famous state of Rajasthan, the Chief Minister is here, Ashok Gehlot is running a scheme which has become a very different and best and popular scheme, he decided to create a Vedic Education Board whose purpose is Vedas and Culture. To increase knowledge.
Now let us take you to the state of Sikkim in Northeast India, which is great in the natural beauty of the Northeast itself, the Chief Minister is here Prem Singh Tamang, he operated a family one job scheme with the aim of at least one member of every family. Provide government job to
After this, Sarbananda Sonewal is the Chief Minister of Assam here.
Their work and schemes are unique, they have won the hearts of the people and they have become stars, they are running Abhinandan Yojana, whose purpose is to subsidize maximum Rs. 50,000 in loans to students eligible for higher education.

The second scheme, Arudhanti Swarna Yojana, aims to provide one tola (10 grams) gold on the occasion of weddings of poor daughters.

रेत के समंदर पर जहाज सा मैं चलता हूॅ ,Where have we come I Earthquake of mind I Happy Holi


रेत के समंदर पर जहाज सा मैं चलता हूॅ।
रेत के समंदर पर जहाज सा मैं चलता हूॅ ।।
सर उठा के आधियों का सामना मैं करता हूॅ
क्यूॅ डरू मै जिस्म से हो रही ।।
इन सुस्ख फिजाओं कि लडाई से 
मै तपते सोलों को दिल के कोनो में।।
दफन करके चलता हूॅ।
                                                       चारू जी



दोस्तो आज मै आपको एक जीवन के ऐसे पढाव से रूबरू कराने वाला हूॅ इस दौर से हर प्राणी गुजरता है, खास कर विधार्थी लेकिन हम ज्यादा उस पर सोचते नही लेकिन कुछ लोग होते है जो कुछ ज्यादा सोचते हैं उस बारे में, Where have we come I Earthquake of mind I Happy Holi
आज दिनांक 09.03.2020 को मेरा मन अन्दर से इतना परेशान कर रहा था ऐसा मेरे साथ कभी नही हुआ मुझे सरकारी नौकरी कि तैयारी करते करते तीन साल हो गये बार-बार फेल बार-बार फेल आज अचानक मेरा मन अन्दर से फडफडा रहा था। जैसे पानी में रहने वाली मछली को पानी से निकाल देते हैं या प्यासे को पानी न मिलना अन्दर से मन कर रहा था कुछ ऐसा कर डालू कि सारा जहां देखता रहे, और मन को शान्ति मिले ऐसा नही कि मैने ये तीन साल अध्धयन नही किया बहुत अध्धयन किया फिर भी दूर-दूर तक सेलैक्शन का अता पता नहीं, लोग होली मना रहे मेरे मन में आतंक मचा हुआ है, शायद इसी कारण मंै इस होली घर भी नही गया सच्ची बतायें तो मै जिस सपने के लिये सरकारी नौकरी कि तैयारी कर रहा था अब मुझे लग रहा मैं नौकरी कर उसे पूरा नही कर सकता, लगातार फेल होने के बाद मैने कुछ दिन पहले यूटयूब पर बाबा रामदेव,बालकृष्ण, अंबानी,रतनटाटा, विवेक बिन्द्रा,नरेन्द्र मोदी, डा0 वेल्यूमनी,श्री मद भागवतगीता इन सबके बिजिनिस और जीवन का अध्धयन किया तब से मेरा मन और अशान्त हो गया फिर मैने उन लोगो के बारे में अध्धयन किया जो सरकारी पद पर आॅफिसर हैं मैने देखा ये आॅफिसर लोग कर क्या रहे ये भी तो एक भूखे लोग है जो नौकरी के बाद रूपये कि भूख मिटाने में लग जाते हैं, कितने आॅफिसर सच्चे हैं जो सामाजिक कार्य में लगन से काम करते है कुछ नेताओं कि चमचा गिरी में समय बिताते हैं कुछ कमाने कि जुगाढ में लगे रहते हैं, हमारा सपना तो हजारों बेसहारा लोगो के दिलो पर राज करना था जो आॅफिसर बनने के बाद सम्भव था लेकिन आज मैने देखा आॅफिसर लेाग तो कुछ कर ही नही सकते किसी को काम नही दे सकते मौका भी मिले तो उन्ही को देते है जिनकी हैसियत हो उनकी जेब गर्म करने कि बहुत मोटी रकम देने कि यह सच है, टैलेन्ट कि हैसियत धीरे-धीरे इस सेक्टर में खत्म हो रही रूपये का बोल बाला है, कुछ ही लोग है जिनको उम्मीदो से ज्यादा मिल जाता है वही दशको तक उदाहरण बने रहते हैं। जैसे जनगणना कुछ बदला ही नही ऐसा लगता है। अपने मन का नही कर सकते सरकारी फरमानो के आगे मजबूर बेसहारा जैसे मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे लेकिन सरकार कोई और चला रहा फैसले नही ले सकते कुछ कर नही सकते वही हालत है अच्छी और उच्च नौकरी के फार्म दो साल में एक बार फिर पेपर, रिजल्ट आते आते पांच साल और मान लो  छोटी नौकरियों में आज सरकारी नौकरी 20000-40000 सैलरी है किसका भला कर पाओगे इस मंहगायी के जमाने में दूसरा एक सवाल जिसका जबाब मैं ढूढने कि कोशिश कर रहा हूॅ कि आखिर कब तक होगा सेलेक्शन अन्दर से डर भी बढ रहा है, जिसका जबाब मिल नही रहा मन परेशान है। जब से मैने इन बिजिनिस मैन्स लेागो कि बायोग्राफी का अध्धयन किया तबसे मेरे दिमाग का एक नया पहलू सामने आया जिसको मै आज तक समझ ही नही पाया मैने बिजिनिस के क्षेत्र में बहुत अच्छा कर सकता हूॅ और आज तीन साल में मैं इस क्षेत्र में बहुत कुछ कर सकता था हजारो को काम दे सकता था जिनके पास काम नही, सडक पर रह रही करोडो महिलायें जिनके पास काम नही पेट कि भूख के कारण लोगो कि भूख का शिकार होना पडता है। फिर शोषण होता है लोग जिनके पास काम नही हजारों किसानो का भला होता जिनकी मेहनत का हिस्सा उन्हे नही मिल पा रहा है, बहुत सारे अच्छे दोस्त मेरे साथ होते जो मुझसे उम्मीद लगाये हैं एक दिन भाई कुछ करेगा, ऐसा नही मेरे मन मे बिजिनिस आइडिया अचानक घर कर गया हो मेरे दिमाग में एक बिजिनिस आइडिया है जिस पर मै पिछले छैः महीने से रिसर्च कर रहा था मैने बहुत सी इन्डस्ट्रीज, मार्केट, बिजिनिस सेमिनार में जाकर रिसर्च कि आज उसकी रिसर्च पूरी हुई और मैं काफी सफल हुआ इस बजह से और हैरान था अब क्या करूॅ सरकारी नौकरी कि जिद छोड कुछ नया करूॅ फिर ख्याल आ जाता कि तीन साल से पढ रहे उसका क्या ऐसा लग रहा अब मै अपने लिये नही किसी दिखावे के लिये पढ रहा , पता नही ऐसा क्यो हो रहा मेरा दिमाग सही उत्तर निष्कर्ष आज निकाल ही नही पा रहा । कोई सच्चा मार्गदर्शक नही जो इस सुनामी से बचने का सुझाव दे सके जिससे पूछो कोई हंसता है। तो कोई बताते ही टांग खीचने को बैठा है।

Where have we come

Earthquake of mind

Happy Holi



I walk like a ship on the sand.

I walk like a ship on the sand.

I face the arms of the head

Why am I getting scared?

With the fight of these tastes

In the heart of the heart, I put the hot sols.

Buried

                                                       Charu Ji



Friends, today I am going to introduce you to such a study of life, every creature goes through this phase, especially the students but we do not think much about it but there are some people who think more about it,

Today, on 09.03.2020, my mind was so much disturbed from inside, it never happened to me, I have been preparing for a government job for three years, I have repeatedly failed repeatedly, today suddenly my heart was bursting from inside. Like when the fish living in the water is removed from the water or the thirsty person does not want to get water from inside, do something so that where the whole thing is watching, and peace of mind is not that I did not study this much for many years. Even after studying, I do not know the extent of selection, far, people are celebrating Holi, there is panic in my mind, maybe this is why I did not even go to this Holi house to tell the truth, then the dream for which the government Was preparing for the job, now I feel that I cannot complete it by doing the job, after continuous failure, I have a few days ago on youtube Baba Ramdev, Balakrishna, Ambani, Ratanata, Vivek Bindra, Narendra Modi, Dr. Velumani, Mr. Mad Bhagwatgita studied the business and life of all of them. Since then, my mind became more disturbed, then I studied about those people who are officers in government posts. I saw this officer. What are you doing, this is also a hungry people who take money to satisfy their hunger after work, how many officers are true who work diligently in social work, spend time in the spoon of some leaders in the jugaad to earn some We are engaged, our dream was to rule the hearts of thousands of destitute people, which was possible after becoming an officer, but today I have seen that the officer cannot do anything, do not give work to anyone. Even if given a chance, it is only true for those who have the status to pay very big money to heat their pockets, it is true that talent is slowly speaking in this sector of the rupee, there are few people who are expecting You get more than the same examples remain for decades. It seems as if the census has not changed anything. Can't make up your mind in front of government decrees, forced helpless like Manmohan Singh was the Prime Minister, but the government cannot take any other decisions, cannot do anything, the same condition is good and high job forms once again in two years paper, results come In the coming five years and assume that in small jobs, today the government job is 20000-40000 salary, who will be able to do well, in this time of high inflation, another question that I can answer I am wondering how long will the selection be. Fear from inside is also increasing, the mind is not getting answer. Ever since I studied the biography of these business men, a new aspect came to my mind that I could not understand till date, I can do very well in the field of business and today in three years I can do a lot in this field Could have given work to thousands who have no work, crores of women living on the road who do not have work, due to hunger due to stomach, people have to suffer hunger. Then there is exploitation, people who do not have work, it is good for thousands of farmers, whose hard work is not being provided to them, many good friends would be with me who have expected me one day brother will do something, it is not in my mind business idea Suddenly I have gone home, I have a business idea on my mind, which I was researching for the last six months, I went to many industries, markets, business seminars. Today, his research was completed and I was quite successful and I was surprised by this fact, what should I do now, except for a government job, I would do something new and then I would have thought that I am not looking for myself if I am studying for three years Reading for a show, I don't know why this is happening, my mind is unable to draw the correct answer today. There is no true guide who can suggest how to avoid this tsunami, so ask anyone who laughs. So someone is sitting to pull the leg as soon as they tell.

यादों का ईडियट बाॅक्स ,idiot box cafe I Idiot box of ,memories ,happy holi,holy,truth

यादों का ईडियट बाॅक्स

 कि टीम कि तरफ से आपको और आपके परिवार को होली कि हार्दिक शुभकामनायें
अपना प्यार यू ही बनाये रख्खें। अपना सुझाव हमें जरूर दे आपको किस प्रकार का लेख अच्छा लगता है।idiot box cafe


Idiot box of ,memories I happy holi,holy,truth

चल दिये घर छोड एक नया घर बनाने को 
चल दिये घर छोड एक नया घर बनाने को 
दोस्त छोड कुछ नये बनाने को
छोड कर उस मां का आंचल खुले 
आसमान कि छत बनाने को
पिता कि डांट से ज्यादा तो अब 
डेड लाइन से डर लगता है
कभी-कभी तो डबल रोटी से ही पूडी 
हलवे के स्वाद को मिटाना पडता हैidiot box cafe
जो जरा सी खरोच पर घर में न्यूज बन जाया करती थी
आज हां मां मैं ठीक हूॅ के एक वाक्य में सिमट जाती है।

जीवन एक बार ही मिला है इस बात को ऐसा कोई नही जो नही जानता हो फिर भी हम इसे भूला देते हैं, आज जो है कल नही होगा यह भी सब जानते हैं इसे भी हम भुला देते हैं ये शब्द हमेशा गुमनाम ही रहते हैं। आज कि इस भाग दौड भरी जिंदगी में घर परिवार जैसे शब्द रहे ही नही क्यो इसका उदाहरण आप जब छोटे थे आपने अपना परिवार बडे होते होते बहुत बडा देखा होगा लेकिन आज ये एक किस्सा सा बन गया क्योकि हमने एक ऐसी सोच विकसित कर दी है कि जब तक बाहर नही निकलोगे कुछ नही कर पाओगे जिनके पास साधन उपलब्ध नही बाहर निकलने के लिये वह सोचता है अब वह कुछ कर नही सकता मन हार जाता है ।

कहा भी गया है मन के हारे हार है मन के जीते जीत  सब यही कहते हैं कही हद तक ये सच भी है आप सफल हो जाते हैं लेकिन सफल होने कि जिददो जहद में हम इतना भागने लगते हैं कि हम सिर्फ अपने लिये नही फिर दूसरो को दिखाने के चक्कर में अपनी बैण्ड बजवाने लगते हैं, यह सच है। शुरूआत में आप बहुत अच्छा महसूस करे लेकिन यह भी सच है आप एक न एक दिन जरूर पछतायेगे जब प्रकृति हमे बनाती है तो हमारे एक-एक पल की गणना करके बनाती है हमे अपने आप वह सब कुछ देती है जिससे हमारी खुशी जुडी हो हम प्रकृति के साथ खुश रहे लेकिन हम उसे कुछ सालो बाद पूरा बदल कर रख देते हैं, इस पृथ्वी पर सबका समय सीमित है यह भी सच है, हम तरक्की तो कर लेते है लेकिन हम पीछे बहुत महत्वपूर्ण चीजो को छेाड देते है और हम मुडकर देखना भी नही चाहते हम सोचते हैं कही ये हमे फिर वही पुरानी स्थिति में नही ले आये फिर आप बताये शुरूआत में आपने क्या बदलाब के लिये तरक्की कि ठानी थी तरक्की मिलने के बाद अस्सी प्रतिशत लोग जिन चीजो को बदलने के जिये लडे थे वो नही बदल पाते क्यों क्योकि ज्यादातर लेाग सफल होने के बाद पीछे मुडते ही नही और समय अनुसार वो हमसे हमेशा के लिये चली जाती है तब हमे उसकी याद आती है, तब आप कुछ नही कर सकते फिर हम हमारे अपने अन्दर छीपे ज्ञान से परिचय होता है और हम स्पष्ट अपने जीवन को देख पाते हैं कि जो जरूरी था वो चला गया कभी दोवारा नही मिलेगा और जो एक भ्रम था उसके चक्कर में भागते रहे। आज इसी का नाम तरक्की है यह सच है जो इन्सान तरक्की करता है वह हमेशा अन्दर ही अन्दर कही न कही बुरा फील करता है क्योकि हर पल उसे उन लोगो कि याद आयेगी जिनके बदलाब के लिये वो निकला था, लेकिन उससे भी बडी विडम्वना है कि हम दूसरो को दिखाने के चक्कर में अपनी खुशियों कि बली चडा देते हैं। हम अपनी तरक्की को आज सेाशल मीडिया पर दिखावे के लिये डालते है असलियत में सबसे असंतुष्ट व्यक्ति वही है इस दुनिया में वह व्यक्ति अपने काम से ख्ुाश नही है वह न ही खुश कभी हो सकता है क्योकि आज तक उसने अपने शारिरीक नेचर को समझा ही नही बस सबकी तरह जीवन भर दिखावे के लिये ही सब किया। यह आज के जीवन कि तरक्की कि सत्यता है।

Idiot box of memories


From the team of  Wishing you and your family a very happy Holi idiot box cafe


Keep your love only. Do give us your suggestion, what kind of article do you like.


Left the house to build a new house
Left the house to build a new house
Except friend to make something new
Leaving that mother's face open
To make the roof of the sky
Now more than father scolding
Scared of dead line
Sometimes, even with double roti
The taste of halwa has to be erased.
Which used to make news in the house at the slightest scratch
Today, yes, mother, I am fine in one sentence.


Life is found only once, there is no one who does not know this thing, yet we forget it, today what is there will not be tomorrow, everyone knows this too, we forget these words are always anonymous. Today, in this run-of-the-mill life, there were no words like home family, because if you were small, you must have seen your family growing up a lot, but today it has become a story because we have developed such an idea that Until you do not get out, you will not be able to do anything, those who do not have the means to get out, they think that now they cannot do anything, the mind loses.

It has been said that the losers of the mind are the losers of the mind, everyone says the same, to the extent that it is also true, but you succeed so much in the desire to succeed that we start running so much that we are not just for ourselves but others It is true that they start playing their bands in the process of showing. In the beginning you will feel very good but it is also true that you will definitely regret one day when nature makes us, then by calculating each moment of ours, we give ourselves everything to which our happiness is connected. Be happy with but we change it completely after a few years, everyone's time on this earth is limited, it is also true, we do make progress but we give up very important things behind. And we do not even want to turn around, we think that this did not bring us back to the same old position, then you tell me what you had decided to progress in the beginning, after getting progress, eighty percent of the people fought to change the things They are unable to change because most people do not turn back after being successful and according to time they leave us forever, then we remember that, then you are nothing Can we are we would introduce yourself in Ceepe knowledge and we are clearly able to see your life that was necessary he went'll never Apply again and that was an illusion rush his rounds. Today its name is progress. It is true that the person who makes progress, he always feels bad in himself or not, because every moment he will remember those people for whom he came out for revenge, but it is also a big surprise that In the process of showing others, we give happiness to our happiness. We put our progress today to appear on the media, in reality, the most dissatisfied person is the same person in this world, he is not happy with his work, nor can he ever be happy because till today he has not understood his physical nature. Just like everyone else, they did it for the whole life. This is the truth of the progress of today's life.

बलूच लोग स्वतंत्र राष्ट्र बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं Balochistan ,Baloch people ,are struggling freedom


 बलूचिस्तान प्रांत का अर्थ है बलूच लोगों की भूमि यह एक देश नहीं है बल्कि पाकिस्तान के चार प्रांतों में से एक है भूमि क्षेत्रफल के मामले में बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा है जो इसका सबसे बड़ा शहर है 



बलूचिस्तान प्रांत पाकिस्तान की सेना द्वारा बलूच लोगों पर अत्याचार के कारण चर्चा में रहता है बलूचिस्तान की मिलियन कुल आबादी में से आबादी बलूच है पश्तून जबकि शेष में छोटे समुदाय शामिल हैं जैसे ब्राहुई, हज़ारस, सिंधी ,पंजाबी ,उज्बेक्स और तुर्कमेन्स

बलूचिस्तान वर्तमान में तीन राष्ट्रों पाकिस्तान,ईरान और अफगानिस्तान के बीच स्थित है बलूचिस्तान ,पाकिस्तान के दक्षिण.पश्चिम अफगानिस्तान  के दक्षिण ईरान के पूर्व में स्थित है और इसके दक्षिण में अरब सागर में स्थित है

बलूचिस्तान प्रांत को छह डिवीजनों में विभाजित किया गया है . क्वेटा कलात नसीराबाद मकरान सिबी और ज़ोब इन छह प्रभागों को 34 जिलों में विभाजित किया गया है

बलूचिस्तान का क्षेत्र पाकिस्तान के कुल क्षेत्रफल का लगभग 40 है बलूचिस्तान क्षेत्र में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों पर पाकिस्तान बहुत अधिक निर्भर है

बलूचिस्तान की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से प्राकृतिक गैस कोयला और अन्य खनिजों जैसे सोना तांबा आदि के उत्पादन पर आधारित है यहाँ पर बिजली पानी और पर्याप्त परिवहन सुविधाओं के अभाव के कारण कृषि विकास नहीं हो सका है

गेहूं चावल ज्वार प्रमुख खाद्य फसलें हैं और फल प्रमुख नकदी फसलें हैं इस क्षेत्र की अधिकांश आबादी भेड़ चराई में लिप्त है

यहं की भेड़ एक उच्च गुणवत्ता वाली ऊन प्रदान करती है जिसका एक हिस्सा निर्यात किया जाता है लघु उद्योग कपास और ऊनी विनिर्माण कालीन बनाने कपड़ा चमड़े की कढ़ाई और खाद्य प्रसंस्करण तक सीमित हैं

पहाड़ी क्षेत्रों के कारण परिवहन सुविधाएं बहुत विकसित नहीं हैं क्वेटा रेलवे नेटवर्क का एक केंद्र है और यहाँ का हवाई अड्डा हवाई घरेलू सेवा प्रदान करता है

प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध होने के बावजूद इस क्षेत्र के लोग अत्यधिक खराब परिस्थितियों में रह रहे हैं
अधिकांश आबादी अनपढ़ है साथ ही बिजली और स्वच्छ पेयजल की अनुपलब्धता के साथ यहाँ की आबादी कुपोषित भी है

बलूचिस्तान क्षेत्र में शिक्षा 

बलूचिस्तान प्रांत में साक्षरता का स्तर बहुत दयनीय है क्योंकि सौ में से केवल 25 प्रतिशत वयस्क साक्षर हैं और प्रांत में पुरुष साक्षरता दर 38 प्रतिशत और महिला साक्षरता दर 13 प्रतिशत  है

बच्चों को शिक्षित करने सहित बलूचिस्तान प्रांत के लोगों को बुनियादी सुविधाएं देने में पाकिस्तान विफल रहा है बालिका शिक्षा की स्थिति बहुत निराशाजनक है क्योंकि हर दस में से नौ लड़कियां ग्रामीण बलूचिस्तान में स्कूल से बाहर हैं 
उपरोक्त आंकड़े साबित करते हैं कि पाकिस्तान का बलूचिस्तान प्रांत बहुत ही दयनीय स्थिति में है शायद यही कारण है कि बलूच लोग स्वतंत्र राष्ट्र बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं

बलूचिस्तान में मौजूद प्राकृतिक गैस क्षेत्र पाकिस्तान की दीर्घकालिक तेल जरूरतों को पूरा करने की क्षमता रखते हैं

मूलतः बलूचिस्तान प्रांत अविकसित है और इसकी अर्थव्यवस्था प्राकृतिक संसाधनों विशेषकर इसके प्राकृतिक गैस क्षेत्रों पर निर्भर है

सेंट्रल काउंसिल मेंबर ऑफ फ्री बलूचिस्तान मूवमेंट के शम्स बलोच ने कहा है कि हमारा मकसद पाकिस्तान के असली चेहरे को सामने लाना है इससे दुनिया को पता चलेगा कि पाकिस्तान मानवता पर धब्बा है
शक्ति का इस्तेमाल करके पाक ने बलूचिस्तान पर नियंत्रण हासिल कियाः शम्स बलोच पाकिस्तान भारत और बलूचिस्तान ही नहीं बल्कि दुनिया और मानवता के लिए वायरस

संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर पर दुनिया को गुमराह करने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को बलूचिस्तान के एक शख्स ने बेनकाब कर दिया है सेंट्रल काउंसिल मेंबर ऑफ फ्री बलूचिस्तान मूवमेंट के नेता शम्स बलोच ने इमरान खान पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमारा मकसद पाकिस्तान के असली चेहरे को सामने लाना है इससे दुनिया को पता चलेगा कि पाकिस्तान मानवता पर धब्बा है

न्यूयॉर्क में शम्स बलोच ने कहा कि शक्ति का इस्तेमाल करके पाकिस्तान ने बलूचिस्तान पर नियंत्रण हासिल किया है पाकिस्तान न केवल भारतए अफगानिस्तान और बलूचिस्तान के लिए बल्कि पूरी दुनिया और मानवता के लिए एक वायरस है

इस विश्व बलूच संस्थान न्यूयॉर्क में पाकिस्तान के खिलाफ लगातार अभियान चला रहा है  बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर पाकिस्तान घिरता जा रहा है प्रदर्शनकारियों के पोस्टर पाकिस्तान के खिलाफ हैं और उन पर लिखा हुआ है कि बलूचों की जिंदगी भी कीमती है

क्या पाकिस्तान सुधरेगा

बलूचिस्तान के आंदोलनकारियों के पोस्टर्स में संयुक्त राष्ट्र से गुहार लगाई जा रही है कि बलूचिस्तान मामले में संयुक्त राष्ट्र दखल दे बलूचिस्तान में लापता हुए लोगों को वापस लाया जाए बलूचिस्तान मूवमेंट का कैंपेन पूरे न्यूयॉर्क में चल रहा है  

पिछले दिनों जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ;यूएनएचआरसी के सत्र के दौरान भी बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए थे पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रहे बलूचिस्तानी लोगों ने इससे पहले भी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के सामने क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों को उजागर करते हुए अपनी बात रखी थी

balochistan freedom fighters,balochistan freedom news ,balochistan freedom from pakistan ,balochistan freedom army ,balochistan freedom day, balochistan freedom death ,balochistan freedom fight, balochistan struggle for freedom, will balochistan get freedom ,can balochistan get freedom, balochistan freedom hindi ,balochistan freedom movement latest ,balochistan freedom struggle, freedom of balochistan, baloch freedom struggle, balochistan wants freedom, why does balochistan want freedom ,why balochistan wants freedom


Balochistan province means the land of Baloch people. It is not a country but one of the four provinces of Pakistan. Balochistan is the largest province of Pakistan in terms of land area. The capital of Balochistan is Quetta which is its largest city.

The Balochistan province remains in the spotlight due to the atrocities on the Baloch people by the Pakistan Army, out of the total population of Balochistan, the population is Baloch, Pashtun while the rest includes small communities like Brahui Hazaras Sindhi Punjabi Uzbeks and Turkmens.

Baluchistan is currently located between the three nations Pakistan Iran and Afghanistan Baluchistan is located in south east of Pakistan south east of Afghanistan and south of it in the Arabian Sea.

The province of Balochistan is divided into six divisions - Quetta Kalat Nasirabad Makran Sibi and Zob these six divisions are divided into 34 districts

The area of ​​Balochistan is about 40 of the total area of ​​Pakistan, Pakistan is very much dependent on the natural resources available in the Balochistan region.

The economy of Balochistan is mainly based on the production of natural gas, coal and other minerals like gold, copper, etc. Here agriculture has not been able to develop due to lack of electricity, water and adequate transport facilities.

Wheat, rice sorghum are the major food crops and fruits are the major cash crops. Majority of the population of this region is involved in sheep grazing.

The sheep of this region provides a high quality wool, a portion of which is exported. Small scale cotton and woolen manufacturing carpeting. Textiles are limited to leather embroidery and food processing.

Transport facilities are not very developed due to the hilly areas, Quetta is a hub of the railway network and the airport here provides air domestic service.
Despite being rich in natural resources, the people of this region are living in extremely poor conditions.
Majority of the population is illiterate along with the unavailability of electricity and clean drinking water, the population here is also malnourished.


The literacy level in Balochistan province is very pathetic as only 25 out of hundred izfr'kr are adult literate and the male literacy rate in the province is 38 izfr'kr and female literacy rate is 13 izfr'kr


Pakistan has failed to provide basic facilities to the people of Balochistan province including educating children. The situation of girl education is very disappointing as nine out of every ten girls are out of school in rural Balochistan

The above figures prove that the Balochistan province of Pakistan is in a very pathetic condition, perhaps that is why the Baloch people are struggling to create an independent nation

The natural gas fields in Balochistan have the potential to meet Pakistan's long-term oil needs.

Originally Balochistan province is underdeveloped and its economy is dependent on natural resources especially its natural gas fields.

Shams Baloch of the Central Council Member of Free Balochistan Movement has said that our aim is to bring out the real face of Pakistan, this will let the world know that Pakistan is a blot on humanity.
By using power, Pakistan gained control over Balochistan: Shams Baloch Pakistan virus not only for India and Balochistan but for the world and humanity

Pakistan's Prime Minister Imran Khan, who has misled the world on Kashmir at the United Nations, has been exposed by a person from Balochistan, Shams Baloch, leader of the Central Council Member of Free Balochistan Movement, accusing Imran Khan that our motive is Pakistan's real The face has to be revealed, this will tell the world that Pakistan is a blot on humanity.

Shams Baloch in New York said that by using power, Pakistan has gained control over Balochistan. Pakistan is a virus not only for India, Afghanistan and Baluchistan but for the whole world and humanity.

This World Baloch Institute is continuously campaigning against Pakistan in New York; Pakistan is being held in Balochistan for violation of human rights; Posters of protesters are against Pakistan and it is written that the life of Baloch is also valuable.


Posters of Balochistan agitators are urging the United Nations to intervene in the Balochistan case to bring back the missing people in Balochistan. The Balochistan Movement campaign is running all over New York.

Recently, there were protests against human rights violations in Balochistan during the session of UN Human Rights Council (UNHRC) in Geneva, even before Balochistan people seeking independence from Pakistan, in front of UN Human Rights Council, in front of Pakistani army in the area Had kept his point highlighting atrocities

बगल वाला भूखा मर जाये लेकिन हमे ज्यादा चाहिये। Big Market,Every Things Sell,Market,Mall,बाजार

बाजार शब्द सुनते ही कुछ लोगो का मन शाॅपिंग कि तरफ गया होगा कुछ का चाट ,फुल्की कि तरफ और कुछ का बाजार कि सुन्दरता,हरियाली कि तरफ गया होगा लेकिन आज उस बाजार कि बात नही कर रहा दुनिया में हर चीज आज बाजार है,



 हर चीज बिक रही है हर चीज बिकाउ है, यह भी सत्य है जब तक आप बेचोगे नही तब तक आप खुश नही रह सकते जैसे हर आदमी बिकाउ है कोई अपना समय बेच रहा कोई अपना सामान बेच रहा कोई अपना घर बेच रहा कोई मकान बेच रहा कोई दुकान बेच रहा कोई पर्यावरण बेच रहा कोई ज्ञान बेच रहा कोई अज्ञान बेच रहा कोई झूठ बेच रहा कोई अपनी गरीबी बेच रहा कोई अमीरी बेच रहा कोई बेबशी बेच रहा कोई शर्मिदगी बेच रहा कोई अपना पागलपन बेच रहा कोई समुद्र बेच रहा कोई आसमान बेच रहा वह भी बिक रहा हर चीज आज बिक रही और खरीददारों कि कमी नही है। पता ये सब चीजे क्यों बिक रही क्योकि हर आदमी खुशियों कि तरफ भाग रहा कोई खुशियों के लिये बेच रहा कोई खुशियों के लिये खरीद रहा लेकिन सन्तुष्ट कोई नही है। वैसे कहे तो आज संतुष्ट कौन है संतुष्ट वह आदमी है जो अपने काम और कमाई से संतुष्ट है वही असली सफलता है। हर आदमी को ज्यादा चाहिये चाहे बगल वाला भूखा मर जाये लेकिन हमे ज्यादा चाहिये। जैस्ेा पाॅल्टििक्स में कुछ सच नही होता है वैसे ही आज बाजार हो गया है और बाजार को बनाने वाले लोग । 

On hearing the word market, some people may have gone to shopping, some have licked, some have turned to light and some have gone to the beauty of the market, towards greenery, but today there is no talk of that market, everything in the world today is market, every Everything is sold, everything is for sale, it is also true till you sell, you cannot be happy like every man is selling someone selling his stuff, someone is selling his house, someone is selling a house Yes, selling a shop, selling an environment, selling an ignorance, selling an ignorance, selling a lie, selling one's own poverty, selling something rich, selling a shame, selling an insanity, selling an ocean, selling an ocean, selling a sky Everything that is being sold is being sold today and there is no shortage of buyers. Know why all these things are being sold because every man is running towards happiness, someone is selling for happiness, someone is buying for happiness but there is no one satisfied. By the way, who is satisfied today, who is satisfied is a man who is satisfied with his work and earnings, he is the real success. Every man needs more even if the next person dies hungry but we want more. There is nothing true in Jaisa Palitics, in the same way today the market has become and the people who make the market.

इस्लाम नहीं स्वीकार किया और वे एक नाव पर सवार होकर भारत भाग आए। ईरान का इतिहास , iran ,culture ,मुस्लिम खलीफा

इस्लामिक क्रांति के इस दौर में कुछ ईरानियों ने इस्लाम नहीं स्वीकार किया और वे एक नाव पर सवार होकर भाग आए।





इस्लामिक आक्रमण और पारसियों का संघर्ष : इस्लाम की उत्पत्ति के पूर्व प्राचीन ईरान में जरथुष्ट्र धर्म का ही प्रचलन था। 7वीं शताब्दी में तुर्कों और अरबों ने ईरान पर बर्बर आक्रमण किया और कत्लेआम की इंतहा कर दी। 'सॅसेनियन' साम्राज्य के पतन के बाद मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा सताए जाने से बचने के लिए पारसी लोग अपना देश छोड़कर भागने लगे। इस्लामिक क्रांति के इस दौर में कुछ ईरानियों ने इस्लाम नहीं स्वीकार किया और वे एक नाव पर सवार होकर भाग आए।

पारसी शरणार्थियों का पहला समूह मध्य एशिया के खुरासान (पूर्वी ईरान के अतिरिक्त आज यह प्रदेश कई राष्ट्रों में बंट गया है) में आकर रहे। वहां वे लगभग 100 वर्ष रहे। जब वहां भी इस्लामिक उपद्रव शुरू हुआ तब पारस की खाड़ी के मुहाने पर उरमुज टापू में उसमें से कई भाग आए और वहां 15 वर्ष रहे।

आगे वहां भी आक्रमणकारियों की नजर पड़ गई तो अंत में वे एक छोटे से जहाज में बैठ अपनी पवित्र अग्नि और धर्म पुस्तकों को ले अपनी अवस्था की गाथाओं को गाते हुए खम्भात की खाड़ी में भारत के दीव नामक टापू में आ उतरे, जो उस काल में पुर्तगाल के कब्जे में था। वहां भी उन्हें पुर्तगालियों ने चैन से नहीं रहने दिया, तब वे सन् 716 ई. के लगभग दमन के दक्षिण 25 मील पर राजा यादव राणा के राज्य क्षे‍त्र 'संजान' नामक स्थान पर आ बसे।

#
इन पारसी शरणार्थियों ने अपनी पहली बसाहट को 'संजान' नाम दिया, क्योंकि इसी नाम का एक नगर तुर्कमेनिस्तान में है, जहां से वे आए थे। कुछ वर्षों के अंतराल में दूसरा समूह (खुरसानी या कोहिस्तानी) आया, जो अपने साथ धार्मिक उपकरण (अलात) लाया। स्थल मार्ग से एक तीसरे समूह के आने की भी जानकारी है। इस तरह जिन पारसियों ने इस्लाम नहीं अपनाया या तो वे मारे गए या उन्होंने भारत में शरण ली।
गुजरात के दमण-दीव के पास के क्षे‍त्र के राजा जाड़ी राणा ने उनको शरण दी और उनके अग्नि मंदिर की स्थापना के लिए भूमि और कई प्रकार की सहायता भी दी। सन् 721 ई. में प्रथम पारसी अग्नि मंदिर बना। भारतीय पारसी अपने संवत् का प्रारंभ अपने अंतिम राजा यज्दज़र्द-1 के प्रभावकाल से लेते हैं।

10वीं सदी के अंत तक इन्होंने गुजरात के अन्य भागों में भी बसना प्रारंभ कर दिया। 15वीं सदी में भारत में भी ईरान की तरह इस्लामिक क्रांति के चलते 'संजान' पर मुसलमानों के द्वारा आक्रमण किए जाने के कारण वहां के पारसी जान बचाकर पवित्र अग्नि को साथ लेकर नवसारी चले गए। अंग्रेजों का शासन होने के बाद पारसी धर्म के लोगों को कुछ राहत मिली।

16वीं सदी में सूरत में जब अंग्रेजों ने फैक्टरियां खोली तो बड़ी संख्या में पारसी कारीगर और व्यापारियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। अंग्रेज भी उनके माध्यम से व्यापार करते थे जिसके लिए उन्हें दलाल नियुक्त कर दिया जाता था। कालांतर में 'बॉम्बे' अंग्रेजों के हाथ लग गया और उसके विकास के लिए कारीगरों आदि की आवश्यकता थी। विकास के साथ ही पारसियों ने बंबई की ओर रुख किया। इस तरह पारसी धर्म के लोग दीव और दमण के बाद गुजरात के सूरत में व्यापार करने लगे और फिर वे बंबई में बस गए। वर्तमान में भारत में पारसियों की जनसंख्या लगभग 1 लाख है जिसका 70% मुंबई में रहते हैं।

#
ईरानी मुस्लिम नहीं?
ईरान अकेला मुल्क है जहां शिया राष्ट्रीय धर्म है। इसके अलावा इराक और बहरीन में शिया बहुमत में हैं। धार्मिक मतभेद के कारण सऊदी अरब और ईरान के बीच वैचारिक टकराव सबसे बुरे दौर में है। सऊदी अरब के सबसे बड़े धर्म गुरु मुफ्ती अब्दुल अजीज अल-शेख के अनुसार ईरानी लोग मुस्लिम नहीं हैं। अब्दुल-अजीज सऊदी किंग द्वारा स्थापित इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन के चीफ हैं। उन्होंने कहा कि ईरानी लोग 'जोरोस्त्रियन' यानी पारसी धर्म के अनुयायी रहे हैं।

उन्होंने कहा था, 'हम लोगों को समझना चाहिए कि ईरानी लोग मुस्लिम नहीं हैं क्योंकि वे मेजाय (पारसी) के बच्चे हैं। इनकी मुस्लिमों और खासकर सुन्नियों से पुरानी दुश्मनी रही है। सऊदी अरब वाले अब भी खुद को वास्तविक मुसलमान मानते हैं। उन्हें लगता है कि ईरानी लोग पारसी से मुस्लिम बने हैं। ईरानियों ने हमेशा अरबों या मुसलमानों से शत्रुता रखी थी। हालांकि जब 1979 में ईरान अयातुल्ला खोमैनी के नेतृत्व में इस्लामिक क्रांति हुई तो इन ईरानियों ने अपने बचे हुई प्राचीन स्मारक, मंदिर और मूर्तियों को भी तोड़ दिया था।

The Islamic invasion and the struggle of the Zoroastrians was the practice of Zoroastrianism in ancient Iran before the origin of Islam. In the 7th century, the Turks and Arabs brutally attacked Iran and provided for the slaughtering. After the fall of the Schassenian Empire, the Parsis left their country to escape being persecuted by the Muslim invaders. In this phase of the Islamic Revolution, some Iranians did not accept Islam and fled to India in a boat.

The first group of Parsi refugees came to Khorasan in Central Asia; today, apart from eastern Iran, this region has been divided into several nations. He lived there for almost 100 years. When there was also an Islamic disturbance, many of them fled to the island of Urmuz at the mouth of the Persian Gulf and lived there for 15 years.

In the future, the invaders were caught sight of it, then in the end they took their sacred fire and religious books in a small ship, singing the saga of their state and came to the island of Diu, India in the Gulf of Khambhat, which was then Portugal. Was in possession of. Even there, the Portuguese did not allow them to rest peacefully, then they settled in a place called Ssanjansh, the kingdom of King Yadav Rana, about 25 miles south of Daman in 716 AD.

Rupee
These Parsi refugees named their first settlements as Schanjansh because there is a city of the same name in Turkmenistan from where they came. In a span of a few years, another group (Khorasani or Kohistan) came along which brought religious equipment (Alatadh). There is also information about the arrival of a third group by land route. Thus, the Zoroastrians who did not adopt Islam either died or took refuge in India.


King Jari Rana of the region near Daman.Div, Gujarat gave shelter to him and also provided land and various types of assistance for the establishment of his fire temple. The first Parsi fire temple was built in 721 AD. Indian Parsis begin their Samvat with the influence of their last king Yajdzard.1.

By the end of the 10th century, they started settling in other parts of Gujarat as well. Like Iran in the 15th century, because of the Islamic revolution, due to the Islamic revolution, the Zoroastrian Parsi lives in Navsari went with the holy fire. After the British rule, the people of Parsi religion got some relief.

When the British opened factories in Surat in the 16th century, a large number of Parsi artisans and merchants participated enthusiastically. The British also traded through them, for which they were appointed brokers. Later, the British took over the British and needed artisans etc. for its development. With development, the Zoroastrians turned to Bombay. In this way, people of Parsi religion started doing business in Surat after Gujarat after Diu and Daman and then settled in Bombay. Presently, the population of Parsis in India is around 1 lakh, of which 70% live in Mumbai.

Rupee
Irani muslim
Iran is the only country where Shia is the national religion. In addition, Shias are in majority in Iraq and Bahrain. The ideological conflict between Saudi Arabia and Iran is at its worst due to religious differences. According to Saudi Arabia's largest religion Guru Mufti Abdul Aziz al-Sheikh, Iranians are not Muslims. Abdul Aziz is the Chief of the Islamic Organization established by the Saudi King. He said that Iranians have been followers of the Shzorostrianash ie Zoroastrianism.

He said that the people of Shaham should understand that Iranians are not Muslims because they are children of Mejai; Parsis. He has a longstanding enmity with Muslims and especially the Sunnis. Saudi Arabians still consider themselves real Muslims. They feel that the Iranian people are Parsis to Muslims. Iranians always had enmity with Arabs or Muslims. However, in 1979, when the Islamic revolution under the leadership of Iran Ayatollah Khomeini, these Iranians also broke their remaining ancient monuments, temples and statues.
iran culture in hindi, iran culture facts, iran culture news, iran culture and religion,iran culture and history,iran culture article ,the iran culture, about iran culture, iranian culture before the revolution, iran ka culture, iran culture now, iran old culture

धैर्य रखखे हम आपके समझाने कि पूरी कोशिश करेगें ,Student,Teaching v/s Money, पढाई बनाम कमाई



हम सब लोगो ने ये शब्द जरूर सुना होगा इसमे कुछ नया नही है। आप यही सोच रहे होगे लेकिन अगर आप ध्यान से देखे तो आपके जीवन का सबसे बडा सच इस शब्दो में छिपा है। हमारी सनातन संस्कृति में पहले गुरूकुल रीति थी आज भी है लेकिन कम है कुछ समय के अनुसार लोग अपने आप से छोड नयी रीति अपना रहे हैं।

आज विधार्थी बचपन से बडे तक पन्द्रह से सोलह साल तक पढाई में लगाता है फिर भी पढाई पूरी होने के बाद न कैरियर बना न सुखी रही आप सोच रहे होगे क्या बकबास है लेकिन धैर्य रखखे हम आपके समझाने कि पूरी कोशिश करेगें। ग्रेजुएशन के बाद या तो आप सरकारी नौकरी के चक्कर में भागेगे या फिर कोई टेक्निकल कोर्स कि तरफ भागेगे कुुछ को पता ही नही क्या करना है आगे क्या नही फिर हम फस जाते है भवर जाल में और आने वाला समय हमारे लिये दुखद बन जाता है। लेकिन यह भी नही कहा जा सकता कि आर्पौचनीटि कम बहुत आर्पौचनीटि बहुत हैं लेकिन पहले गुरूकुल सभ्यता में जो गुरू होते थे। वह अपना तन- मन एकाग्रता के साथ अपने शिष्य पर लगाते थे और हर विधार्थी कि क्षमता के आकलन कर लेते थे फिर उसको दिशा देते थे विधार्थी आनन्द के साथ लगन के साथ आगे बढता था। आज उसके विपरीत दृष्य देखने को मिलता है गुरू रूपये के भूखे हद से ज्यादा लालची हो गये है जिन्होने आज विधार्थी के जीवन को सुधारने का ठेका ले रखा है, इसका बहुत बडा अलग से मार्केट भी बना दिया है। लाखों ,करोडो का व्यापार बन गया है सबसे दुखद बात यह है कि इनको असलियत में विधार्थी से कोई मतलब नही हर साल कबाड कि तरह विधार्थी भर लेते हैं अगली साल फिर नये विधार्थी इसी तरह हर साल यही चलता रहता है। अगर आप पूछे आप के यहा से हजारो लाखेां विधार्थी आते हैं कैरियर कितने का बना इनको कुछ पता नही होता इनको सिर्फ अपना अकांउट फुल करने में तारगेट रहता है। जो विधार्थी ग्रेजुएशन करके आया और सरकारी नौकरी पाने के लिये कोचिंग में एडमिशन लिया उससे क्या पता और कोचिंग इन्सटियूट मंे एक बैंच में हजारो बच्च्ेा होते हैं और टीचर भी अपना पडाया निकल लिये क्या समझ आया कि नही कुछ मतलब नही आज कि ये स्थिति है फिर विधार्थी रगडते-रगडते  कुत्ते कि जिदंगी जीते-जीते चार-पांच साल गवा देता है। उसके भूख, प्यास, मूल भूत इच्छाये मरने लगती हैं। कोचिंग इन्स्टयूट के पांच साल में करोेडो का व्यापार हो गया फिर पांच साल बाद विधार्थी जिस पढाई से दुनिया बदलने कि सोचता था आज खुद कि दुनिया गुमनाम नजर आने लगती है इसकी जिम्मेदारी हमारे गुरू कि थी जिस लिये विधार्थी आया था वो दिया नही गुमनाम भीड में खडा हुआ महसूस कर रहा है। आज का छात्र उसमेे कुछ सोचते है कुछ और देखा जाये लेकिन चार पांच साल में खर्च इतना हो जाता है कि अब पहले कही से कमाये फिर कुछ और करे कुछ अपनी जिंदगी विधाता के नाम करके आंख में आंसू या अपने इन्सटिटयूट या समय को कोसता रहता है। कुछ अपनी जिदंगी से हारकर पालग या गुमनाम हो जाते हैं। कुछ लोग सोचते हैं सायद मोबाइल कि तरह कोई लाइफ को भी रिसेट बटन होता दवाते ही सब फिर से नया हो जाता।

We all must have heard this word, there is nothing new in it. You must be thinking the same, but if you look carefully, the biggest truth of your life is hidden in these words. Earlier in our Sanatan culture, there was a Gurukul practice even today, but it is rare that at some time people are adopting new ways.
Today, the student is engaged in studies from childhood till the age of fifteen to sixteen years, yet after completion of the study, neither career was made happy, you must be wondering what is the matter but keep patience and we will try our best to convince you. After graduation, either you will run in the circle of government job or you will run towards a technical course, some do not know what to do or not, then we get caught in the Bhawar trap and the time ahead becomes sad for us. But it also cannot be said that there is much less politics, but earlier there were gurus in Gurukul civilization. He used his body and mind to focus on his disciple and assessed the ability of every student, and then gave direction to him. The student used to move forward with joy. Today, the opposite view is seen, the Guru has become more and more greedy than the starved rupee who has taken the contract to improve the life of the student, has made a very different market for it. Millions, crores have become a business. The saddest thing is that they do not really mean anything to the student every year, like the Kadad they fill the students every year, the next year then the new students continue to do the same every year. If you ask, thousands of students come from here, how many careers they have made, they do not know anything, they just have a target to fill their account. The student who came to graduation and took admission in coaching to get a government job, what do you know and there are thousands of children in a bench in the coaching institute and the teacher also understood that he did not understand that this is the situation today. The student loses four to five years of his life by rubbing and rubbing dogs. His hunger, thirst, original ghost desires start dying. In five years of the coaching institute, crores were traded, and after five years, the student who used to think about changing the world, today the world itself seems to be anonymous, the responsibility of our Guru was that for which the student came, he was not given in the anonymous crowd Feeling standing up Today's students think something in it, something else is to be seen, but in four to five years, the expenditure is so much that now they earn more than anywhere else, after doing something in the name of their life-maker, there is a tear in the eye or cursing their institute or time. . Some lose their lives and become ignorant or anonymous. Some people think that, like Sayed Mobile, any life would have been reset button, all would be new again.

प्यार कि काल्पनिक अवस्था Love Aaj Kal

लव आज कल



जब हम अपने घर से बाहर या जब हम हाईस्कूल,इण्टर में आ जाते हैं,
एक नवयुवक और नवयुवती के बारे में जब हम अपने घर से बाहर या जब हम हाईस्कूल,इण्टर में आ जाते हैं मेन कहानी कि शुरूआत यही से होती है,पढाई के साथ-साथ जीवन में अपने आप नयी-नयी घटनायें होना शुरू हो जाती हैं। जैसे हमारा मन हर सुन्दर चीज कि तरफ हमारा आर्कषण होने लगता है। फिर हम एक अलग दुनिया में खेाने लगते हैं। हमें वो चीजे अच्छी लगने लगती हैं जो हम काल्पनिक फिल्मो में देखते हैंे। फिर धीरे-धीरे उस नशा में विलीन होने लगते हैं और फिर बस एक ही उददेश्य रहता है उस खूबसूरत चीज को पाने की और उस सुद बुद में हम खाना पीना सोना सब भूल जाते हैं दिल और दिमाग पर उसका कब्जा सा हो जाता हैं ऐसा लडको के साथ ही नही होता ये लडकियो के साथ भी होता है। जब हम प्यार कि काल्पनिक अवस्था में होते हैं तब सामने वाला चाहे जितना बदसूरत हो हमें वह खूबसूरत लगने लगता है यही प्यार कि ताकत है। फिर महीने दो महीने उसके घर के बाहर उसके आगे पीछे चक्कर लगाना शुरू कर देते है। 

कुछ को तो छैः सात महीने लग जाते हैं। हमारा मन जागरूकता खो देता है जिस प्रकार हिरन के नाभी में कस्तूरी होती है और वह भटकता हुआ फिरता रहता है वही हालत हो जाती है उस समय युवा-युवती कि फिर कुछ दिन बाद बात चीत होती है कुछ कि कहानी सफल होती है कुछ थक चुके होते है और आशिक आवारा कि तरह जीवन जीने लगते हैं। 
जिनकी कहानी बन जाती है, उनकी कुछ रात रात भर बाते लम्बी लम्बी हाकते है जितना झूठ बोलो उतना आनन्द ऐसा सबसे हेाता है,फिर कुछ दिन बाद बाहर मिलना उस समय एक्सपैक्टेसन हाबी होती हैं नये नये चीजे लेते देते है एक दूसरे को जो अपने लिये नही ली कभी और आनन्द के दिन बीतते हैं। फिर कुछ दिनो बाद एक्सपैक्टेसन और बढ जाती है एक दूसरे पर पूरी न होने पर लडाई मन मिटाव हो जाते हैं और फिर कुछ वही कहानी सुधारने में लग जाते है कुछ नही कहानी कि तलास में निकलते हैं। ऐसा मेरे ख्याल से पता क्यो होता है क्योकि हम म्चोर नही होते हैं और फिर जब कॉलेज  यूनिवर्सिटी में जाते है वहां भी सब नया नया होती है हम कुछ दिन तो बडे सरीफ रहते है फिर धीरे-धीरे दोस्त यार बनेे अपना रंग दिखाना शुरू कर देते हैं ये तेरी वाली ये मेरी वाली साला फिर हम सोचते है यार हम पहले ये सब कर चुके अब नही करना पढना है लेकिन कही न कही दोस्तो को देखते देखते हम भी आशिकि कि डोर फिर से बिछाना शुरू कर देेते हैं और मोह माया में फिर फस जाते हैं। डर-डर के उससे बातें करते हैं क्योकि पहले का गम याद आ जाता है, सोचते हैं अब अच्छा करूगा खुश रखूगंा और रहूंगा ।

When we get out of our house or when we come to high school, inter,

The story of a young man and a young woman when we get out of our house or when we come to high school, inter. This is where the new story starts, new studies start happening in life automatically. . Like our mind starts attracting towards every beautiful thing. Then we start playing in a different world. We like things that we see in fictional films. Then slowly the addiction starts to dissolve and then there is only one aim to get that beautiful thing and in that sense we forget to sleep and drink food, our heart and mind become like him. Not only does it happen with girls, it also happens with girls. When we are in a fictional state of love, then the person in front of us looks as beautiful as he looks beautiful, this is the power of love. Then two months, they start circling outside his house in front of him. 

Some take six to six months. Our mind loses awareness just as the musk in the fowl's neck and keeps wandering wandering in the same condition, at that time, the young lady then talks a few days later, that the story succeeds, some are tired They happen and start living life like a lover of vagabonds. 

For those whose story is made, some of them talk long and long, and they enjoy it as much as they lie, then after a few days, when they meet outside, then at that time, they are expectation hobby, they give new things to each other. Never took another day of joy. Then after a few days, the expectation increases and the fight over the other does not get complete, and the fight disappears, and then some of the same story goes on improving, and nothing comes out in the story. I think this happens because we are not happy and then when we go to the University of Cajel, everything is new there, we live for a few days at large and then slowly start showing our colors as friends. This is your girl, this is my sister-in-law, then we think that we have done all this before, but now we do not have to study, but seeing friends somewhere, we also hope that the door starts laying again. If you are stuck then you look and Illusion. They talk to him fearfully because they remember the grief of the past, thinking that I will do well and will be happy.
love aaj kal actress, love aaj kal actors ,reviews for love aaj kal ,rating for love aaj kal ,collection for love aaj kal ,love aaj kal budget ,love aaj kal cast ,love aaj kal duration, love aaj kal earning, love aaj kal ending ,love aaj kal film ,love aaj kal income ,love aaj kal in agra,heartbroken ,heart broken attitude shayri, heart broken anime ,heart broken anime girl ,heart broken anime boy, a heartbroken man ,a heartbroken girl, a heartbroken woman ,heart broken boy, heart broken by friend, heart broken couple ,heart broken crying images

नये भारत का सपना पांच ट्रीलियन इकोनाॅमी बनने का The dream of a new, India to become a five-trillion economy




https://truthhai.blogspot.com/2020/02/populor-leader-modi-i-government-of.html


भारत कि आबादी जल्द ही चीन को पीछे छोड सबसे आगे होने वाली है। सबसे अच्छी बात तो यह है कि इस देश में युवा शक्ति सबसे अधिक है और भारतीय सबसे ज्यादा मेहनती भी है भारतीय दिन भर गर्मी हो या सर्दी सबको सहने कि इतनी शक्ति है कि शायद और किसी देश के लोगो में हो ऐसे में अगर कोई सरकार भारत को पांच ट्रीलियन इकोनाॅमी बनने का सपना दिखाता है तो इसमे कोई बडी बात नही हममे वो ताकत है हम अपनी अर्थव्यवस्था को आसमान तक पहुंचा सकते हैं एक रूपये में पांच डाॅलर बनाने कि क्षमता हममे हैं।
लेकिन भारतीय युवा 60 प्रतिशत सरकारी नौकरी के चक्कर में अपनी जिदंगी के 22 से 30 साल तक सरकारी नौकरी पाने में लगे रहते हैं। दूसरी बात ये भी है कि ये जो सरकारी नौकरी के चक्कर में युवा भागता है असलियत में इन्ही में भरपूर जोश होता है मैने देखा कैसे मैनेज करके तैयारी करते है पानी,धूप,कपडे,सोना, भूख ,आराम सब पर काबू पा लेते हैं इन्हेे कोई चिन्ता नही लगे हैं बस जो मिल गया खा लिया जो मिल गया पहन लिया बीस -बीस किलो मीटर पैदल चलते है दिन भर में फिर भी अगले दिन के लिये तैयार आज युवाओ को समझना होगा कि सरकारे सभी को सरकारी नौकरी नही दे सकती इसलिये पांच से छै साल लग जाते है नौकरी पाते पाते लोगो कि भीड दिन प्रतिदिन बढ ही रही है क्या करे  सरकारे फिर उल्लू बनाना शुरू कर देती है एक फार्म का पेपर होते होते 2 साल लग जाते हैं। तब तक युवा कि जिदगी ठंडी होने लगती हैं।

 नौकरी लगी तो शादी नही तो फिरो मारे-मारे हम लोग ये तो कहते है कि महिला-पुरूष एक समान लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नही जाता कि सभी को अपनी लडकी के लिये सरकारी जाॅब वाला लडका चाहिये ऐसी मानसिकता को हमने जन्म दे रख्खा है सरकारी नौकरी पाना अब आसान नही रहा कि आंख खोली और सबेरा हो गया लडकी अगर सरकारी जाॅब करती है तो उस लडके से शादी क्यो नही कर सकती फ्री तो नही है लडका कोशिश तो कि असफलता मिली तो उसमें उसका क्या देाष फिर घर वाले और खुद लडका शादी के चक्कर में ढोंग रचाता है और शादी हो जाती है कुछ दिनो बाद राज खुलते है फिर लडाई झगडे होते हैं और कोई रास्ता ही नही काटो जिन्दगी रो-रो कर आज युवाओ को सोचना चाहिये कि भारत के प्रिय प्रधानमंत्री मोदी जी बिजनिस करो का फाॅमूला दे रहे इसी क्षेत्र पर ज्यादा जोर दे रहे हमें भी यही करना चाहिये स्नातक पढने के बाद हमें अपना मन बिजनिस सेक्टर में लगाना चाहिये आज सरकारी नौकरी कि आॅपोरचिनिटी खत्म हो रही है इतनी आबदी में कहा से नौकरियां आये हम भारतीयो के पास इतना कुछ है लोगो को देने के लिये जिसकी विदेशी बाजारो को जरूरत है और भारत पुरानी और हजारों साल पुरानी संस्कृति है नये आयाम हैं काम करो और लग जाओ भारत को शशक्त बनाने में अपना योगदान दे और हजारों लेागो को खुद रोजगार दे सकते हैं। अपना जीवन भी धुआं धार तरीके से जी सकते हैं। हम पांच से छै साल तक सरकारी नौकरी कि तैयारी करते हैं हमारे देश में खुद एक सौ पैतीस करोड कि आबादी है पांच-छैः साल में तो बिजनिस को आसमान तक पहुचाया जा सकता है और अनलिमिटेड कमाई कर सकते है। हमे इस ओर सोचने ध्यान देने कि जरूरत है।


बिजनिस मैन जिनका बिजनिस नही चल रहा सम्पर्क करे। 100 प्रतिशत सफलता कि गारंटी

India's population is soon going to be at the forefront of China. The best thing is that the youth power is the highest in this country and the Indian is also the most hardworking. The Indian has so much power to endure the heat all day or winter, that maybe there is no other country in such a situation, if any government of India If we show the dream of becoming a five-trillion economy, there is no big deal in it, we have the power to make our economy reach the sky, to make five dollars in one rupee. We are proud. 

But 60 percent of Indian youth are engaged in getting a government job for 22 to 30 years of their life due to government jobs. The second thing is also that the youth who runs a government job has a lot of enthusiasm in reality. I have seen how I manage and prepare water, sunshine, clothes, sleep, hunger, rest and overcome them. There are no worries, just like what you have got, you have worn, you have worn twenty-twenty kilometer walk throughout the day, yet ready for the next day, today the youth will have to understand that not all of the government Can't give work, so it takes five to six years to get a job, people are getting increased day by day, what to do, the government then starts making an owl, it takes 2 years to get a form paper. By then, the youth's life is starting to get cold.

The dream of a new, India to become a five-trillion, economy

 If you get a job, then you are not married, then you are killed. We say that women and men are equal, but no one pays attention to the fact that everyone should get a government job boy for their girl, we have given birth to such a mentality. It is not easy to get a government job now that I have opened my eyes and am a dawn, if the girl does a government job then why can't she marry that boy or is she free? What his country then pretends to be in the affair of the housemates and the boys themselves, and the wedding is done, after a few days, the secrets open, then the battles are fought and there is no way to cut the life, weeping young people today should think that Dear Prime Minister of India, we are giving more emphasis on this field giving the decision to do business, we should also do the same, after studying graduation, we should put our mind in business sector Come, today the government job is coming to an end, so many people have come from where they have come so much that we Indians have so much to give to the people, which is needed by foreign markets and India is old and thousands of years old culture has new dimensions and work. Get engaged and make your contribution in making India powerful and you can give employment to thousands of people yourself. You can also live your life in a smoke-free manner. We prepare for a government job for five to six years, our country itself has a population of one hundred thirty five million and in five-six years, business can reach the sky and earn unlimited income. We need to think carefully about this.


Business men whose business is not running, contact. 100 percent success guaranteed
my dream of new india ,essay my dream of new india ,essay on my dream of new india ,the dream of india weinberger

play and earn money