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बगल वाला भूखा मर जाये लेकिन हमे ज्यादा चाहिये। Big Market,Every Things Sell,Market,Mall,बाजार

बाजार शब्द सुनते ही कुछ लोगो का मन शाॅपिंग कि तरफ गया होगा कुछ का चाट ,फुल्की कि तरफ और कुछ का बाजार कि सुन्दरता,हरियाली कि तरफ गया होगा लेकिन आज उस बाजार कि बात नही कर रहा दुनिया में हर चीज आज बाजार है,



 हर चीज बिक रही है हर चीज बिकाउ है, यह भी सत्य है जब तक आप बेचोगे नही तब तक आप खुश नही रह सकते जैसे हर आदमी बिकाउ है कोई अपना समय बेच रहा कोई अपना सामान बेच रहा कोई अपना घर बेच रहा कोई मकान बेच रहा कोई दुकान बेच रहा कोई पर्यावरण बेच रहा कोई ज्ञान बेच रहा कोई अज्ञान बेच रहा कोई झूठ बेच रहा कोई अपनी गरीबी बेच रहा कोई अमीरी बेच रहा कोई बेबशी बेच रहा कोई शर्मिदगी बेच रहा कोई अपना पागलपन बेच रहा कोई समुद्र बेच रहा कोई आसमान बेच रहा वह भी बिक रहा हर चीज आज बिक रही और खरीददारों कि कमी नही है। पता ये सब चीजे क्यों बिक रही क्योकि हर आदमी खुशियों कि तरफ भाग रहा कोई खुशियों के लिये बेच रहा कोई खुशियों के लिये खरीद रहा लेकिन सन्तुष्ट कोई नही है। वैसे कहे तो आज संतुष्ट कौन है संतुष्ट वह आदमी है जो अपने काम और कमाई से संतुष्ट है वही असली सफलता है। हर आदमी को ज्यादा चाहिये चाहे बगल वाला भूखा मर जाये लेकिन हमे ज्यादा चाहिये। जैस्ेा पाॅल्टििक्स में कुछ सच नही होता है वैसे ही आज बाजार हो गया है और बाजार को बनाने वाले लोग । 

On hearing the word market, some people may have gone to shopping, some have licked, some have turned to light and some have gone to the beauty of the market, towards greenery, but today there is no talk of that market, everything in the world today is market, every Everything is sold, everything is for sale, it is also true till you sell, you cannot be happy like every man is selling someone selling his stuff, someone is selling his house, someone is selling a house Yes, selling a shop, selling an environment, selling an ignorance, selling an ignorance, selling a lie, selling one's own poverty, selling something rich, selling a shame, selling an insanity, selling an ocean, selling an ocean, selling a sky Everything that is being sold is being sold today and there is no shortage of buyers. Know why all these things are being sold because every man is running towards happiness, someone is selling for happiness, someone is buying for happiness but there is no one satisfied. By the way, who is satisfied today, who is satisfied is a man who is satisfied with his work and earnings, he is the real success. Every man needs more even if the next person dies hungry but we want more. There is nothing true in Jaisa Palitics, in the same way today the market has become and the people who make the market.

इस्लाम नहीं स्वीकार किया और वे एक नाव पर सवार होकर भारत भाग आए। ईरान का इतिहास , iran ,culture ,मुस्लिम खलीफा

इस्लामिक क्रांति के इस दौर में कुछ ईरानियों ने इस्लाम नहीं स्वीकार किया और वे एक नाव पर सवार होकर भाग आए।





इस्लामिक आक्रमण और पारसियों का संघर्ष : इस्लाम की उत्पत्ति के पूर्व प्राचीन ईरान में जरथुष्ट्र धर्म का ही प्रचलन था। 7वीं शताब्दी में तुर्कों और अरबों ने ईरान पर बर्बर आक्रमण किया और कत्लेआम की इंतहा कर दी। 'सॅसेनियन' साम्राज्य के पतन के बाद मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा सताए जाने से बचने के लिए पारसी लोग अपना देश छोड़कर भागने लगे। इस्लामिक क्रांति के इस दौर में कुछ ईरानियों ने इस्लाम नहीं स्वीकार किया और वे एक नाव पर सवार होकर भाग आए।

पारसी शरणार्थियों का पहला समूह मध्य एशिया के खुरासान (पूर्वी ईरान के अतिरिक्त आज यह प्रदेश कई राष्ट्रों में बंट गया है) में आकर रहे। वहां वे लगभग 100 वर्ष रहे। जब वहां भी इस्लामिक उपद्रव शुरू हुआ तब पारस की खाड़ी के मुहाने पर उरमुज टापू में उसमें से कई भाग आए और वहां 15 वर्ष रहे।

आगे वहां भी आक्रमणकारियों की नजर पड़ गई तो अंत में वे एक छोटे से जहाज में बैठ अपनी पवित्र अग्नि और धर्म पुस्तकों को ले अपनी अवस्था की गाथाओं को गाते हुए खम्भात की खाड़ी में भारत के दीव नामक टापू में आ उतरे, जो उस काल में पुर्तगाल के कब्जे में था। वहां भी उन्हें पुर्तगालियों ने चैन से नहीं रहने दिया, तब वे सन् 716 ई. के लगभग दमन के दक्षिण 25 मील पर राजा यादव राणा के राज्य क्षे‍त्र 'संजान' नामक स्थान पर आ बसे।

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इन पारसी शरणार्थियों ने अपनी पहली बसाहट को 'संजान' नाम दिया, क्योंकि इसी नाम का एक नगर तुर्कमेनिस्तान में है, जहां से वे आए थे। कुछ वर्षों के अंतराल में दूसरा समूह (खुरसानी या कोहिस्तानी) आया, जो अपने साथ धार्मिक उपकरण (अलात) लाया। स्थल मार्ग से एक तीसरे समूह के आने की भी जानकारी है। इस तरह जिन पारसियों ने इस्लाम नहीं अपनाया या तो वे मारे गए या उन्होंने भारत में शरण ली।
गुजरात के दमण-दीव के पास के क्षे‍त्र के राजा जाड़ी राणा ने उनको शरण दी और उनके अग्नि मंदिर की स्थापना के लिए भूमि और कई प्रकार की सहायता भी दी। सन् 721 ई. में प्रथम पारसी अग्नि मंदिर बना। भारतीय पारसी अपने संवत् का प्रारंभ अपने अंतिम राजा यज्दज़र्द-1 के प्रभावकाल से लेते हैं।

10वीं सदी के अंत तक इन्होंने गुजरात के अन्य भागों में भी बसना प्रारंभ कर दिया। 15वीं सदी में भारत में भी ईरान की तरह इस्लामिक क्रांति के चलते 'संजान' पर मुसलमानों के द्वारा आक्रमण किए जाने के कारण वहां के पारसी जान बचाकर पवित्र अग्नि को साथ लेकर नवसारी चले गए। अंग्रेजों का शासन होने के बाद पारसी धर्म के लोगों को कुछ राहत मिली।

16वीं सदी में सूरत में जब अंग्रेजों ने फैक्टरियां खोली तो बड़ी संख्या में पारसी कारीगर और व्यापारियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। अंग्रेज भी उनके माध्यम से व्यापार करते थे जिसके लिए उन्हें दलाल नियुक्त कर दिया जाता था। कालांतर में 'बॉम्बे' अंग्रेजों के हाथ लग गया और उसके विकास के लिए कारीगरों आदि की आवश्यकता थी। विकास के साथ ही पारसियों ने बंबई की ओर रुख किया। इस तरह पारसी धर्म के लोग दीव और दमण के बाद गुजरात के सूरत में व्यापार करने लगे और फिर वे बंबई में बस गए। वर्तमान में भारत में पारसियों की जनसंख्या लगभग 1 लाख है जिसका 70% मुंबई में रहते हैं।

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ईरानी मुस्लिम नहीं?
ईरान अकेला मुल्क है जहां शिया राष्ट्रीय धर्म है। इसके अलावा इराक और बहरीन में शिया बहुमत में हैं। धार्मिक मतभेद के कारण सऊदी अरब और ईरान के बीच वैचारिक टकराव सबसे बुरे दौर में है। सऊदी अरब के सबसे बड़े धर्म गुरु मुफ्ती अब्दुल अजीज अल-शेख के अनुसार ईरानी लोग मुस्लिम नहीं हैं। अब्दुल-अजीज सऊदी किंग द्वारा स्थापित इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन के चीफ हैं। उन्होंने कहा कि ईरानी लोग 'जोरोस्त्रियन' यानी पारसी धर्म के अनुयायी रहे हैं।

उन्होंने कहा था, 'हम लोगों को समझना चाहिए कि ईरानी लोग मुस्लिम नहीं हैं क्योंकि वे मेजाय (पारसी) के बच्चे हैं। इनकी मुस्लिमों और खासकर सुन्नियों से पुरानी दुश्मनी रही है। सऊदी अरब वाले अब भी खुद को वास्तविक मुसलमान मानते हैं। उन्हें लगता है कि ईरानी लोग पारसी से मुस्लिम बने हैं। ईरानियों ने हमेशा अरबों या मुसलमानों से शत्रुता रखी थी। हालांकि जब 1979 में ईरान अयातुल्ला खोमैनी के नेतृत्व में इस्लामिक क्रांति हुई तो इन ईरानियों ने अपने बचे हुई प्राचीन स्मारक, मंदिर और मूर्तियों को भी तोड़ दिया था।

The Islamic invasion and the struggle of the Zoroastrians was the practice of Zoroastrianism in ancient Iran before the origin of Islam. In the 7th century, the Turks and Arabs brutally attacked Iran and provided for the slaughtering. After the fall of the Schassenian Empire, the Parsis left their country to escape being persecuted by the Muslim invaders. In this phase of the Islamic Revolution, some Iranians did not accept Islam and fled to India in a boat.

The first group of Parsi refugees came to Khorasan in Central Asia; today, apart from eastern Iran, this region has been divided into several nations. He lived there for almost 100 years. When there was also an Islamic disturbance, many of them fled to the island of Urmuz at the mouth of the Persian Gulf and lived there for 15 years.

In the future, the invaders were caught sight of it, then in the end they took their sacred fire and religious books in a small ship, singing the saga of their state and came to the island of Diu, India in the Gulf of Khambhat, which was then Portugal. Was in possession of. Even there, the Portuguese did not allow them to rest peacefully, then they settled in a place called Ssanjansh, the kingdom of King Yadav Rana, about 25 miles south of Daman in 716 AD.

Rupee
These Parsi refugees named their first settlements as Schanjansh because there is a city of the same name in Turkmenistan from where they came. In a span of a few years, another group (Khorasani or Kohistan) came along which brought religious equipment (Alatadh). There is also information about the arrival of a third group by land route. Thus, the Zoroastrians who did not adopt Islam either died or took refuge in India.


King Jari Rana of the region near Daman.Div, Gujarat gave shelter to him and also provided land and various types of assistance for the establishment of his fire temple. The first Parsi fire temple was built in 721 AD. Indian Parsis begin their Samvat with the influence of their last king Yajdzard.1.

By the end of the 10th century, they started settling in other parts of Gujarat as well. Like Iran in the 15th century, because of the Islamic revolution, due to the Islamic revolution, the Zoroastrian Parsi lives in Navsari went with the holy fire. After the British rule, the people of Parsi religion got some relief.

When the British opened factories in Surat in the 16th century, a large number of Parsi artisans and merchants participated enthusiastically. The British also traded through them, for which they were appointed brokers. Later, the British took over the British and needed artisans etc. for its development. With development, the Zoroastrians turned to Bombay. In this way, people of Parsi religion started doing business in Surat after Gujarat after Diu and Daman and then settled in Bombay. Presently, the population of Parsis in India is around 1 lakh, of which 70% live in Mumbai.

Rupee
Irani muslim
Iran is the only country where Shia is the national religion. In addition, Shias are in majority in Iraq and Bahrain. The ideological conflict between Saudi Arabia and Iran is at its worst due to religious differences. According to Saudi Arabia's largest religion Guru Mufti Abdul Aziz al-Sheikh, Iranians are not Muslims. Abdul Aziz is the Chief of the Islamic Organization established by the Saudi King. He said that Iranians have been followers of the Shzorostrianash ie Zoroastrianism.

He said that the people of Shaham should understand that Iranians are not Muslims because they are children of Mejai; Parsis. He has a longstanding enmity with Muslims and especially the Sunnis. Saudi Arabians still consider themselves real Muslims. They feel that the Iranian people are Parsis to Muslims. Iranians always had enmity with Arabs or Muslims. However, in 1979, when the Islamic revolution under the leadership of Iran Ayatollah Khomeini, these Iranians also broke their remaining ancient monuments, temples and statues.
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धैर्य रखखे हम आपके समझाने कि पूरी कोशिश करेगें ,Student,Teaching v/s Money, पढाई बनाम कमाई



हम सब लोगो ने ये शब्द जरूर सुना होगा इसमे कुछ नया नही है। आप यही सोच रहे होगे लेकिन अगर आप ध्यान से देखे तो आपके जीवन का सबसे बडा सच इस शब्दो में छिपा है। हमारी सनातन संस्कृति में पहले गुरूकुल रीति थी आज भी है लेकिन कम है कुछ समय के अनुसार लोग अपने आप से छोड नयी रीति अपना रहे हैं।

आज विधार्थी बचपन से बडे तक पन्द्रह से सोलह साल तक पढाई में लगाता है फिर भी पढाई पूरी होने के बाद न कैरियर बना न सुखी रही आप सोच रहे होगे क्या बकबास है लेकिन धैर्य रखखे हम आपके समझाने कि पूरी कोशिश करेगें। ग्रेजुएशन के बाद या तो आप सरकारी नौकरी के चक्कर में भागेगे या फिर कोई टेक्निकल कोर्स कि तरफ भागेगे कुुछ को पता ही नही क्या करना है आगे क्या नही फिर हम फस जाते है भवर जाल में और आने वाला समय हमारे लिये दुखद बन जाता है। लेकिन यह भी नही कहा जा सकता कि आर्पौचनीटि कम बहुत आर्पौचनीटि बहुत हैं लेकिन पहले गुरूकुल सभ्यता में जो गुरू होते थे। वह अपना तन- मन एकाग्रता के साथ अपने शिष्य पर लगाते थे और हर विधार्थी कि क्षमता के आकलन कर लेते थे फिर उसको दिशा देते थे विधार्थी आनन्द के साथ लगन के साथ आगे बढता था। आज उसके विपरीत दृष्य देखने को मिलता है गुरू रूपये के भूखे हद से ज्यादा लालची हो गये है जिन्होने आज विधार्थी के जीवन को सुधारने का ठेका ले रखा है, इसका बहुत बडा अलग से मार्केट भी बना दिया है। लाखों ,करोडो का व्यापार बन गया है सबसे दुखद बात यह है कि इनको असलियत में विधार्थी से कोई मतलब नही हर साल कबाड कि तरह विधार्थी भर लेते हैं अगली साल फिर नये विधार्थी इसी तरह हर साल यही चलता रहता है। अगर आप पूछे आप के यहा से हजारो लाखेां विधार्थी आते हैं कैरियर कितने का बना इनको कुछ पता नही होता इनको सिर्फ अपना अकांउट फुल करने में तारगेट रहता है। जो विधार्थी ग्रेजुएशन करके आया और सरकारी नौकरी पाने के लिये कोचिंग में एडमिशन लिया उससे क्या पता और कोचिंग इन्सटियूट मंे एक बैंच में हजारो बच्च्ेा होते हैं और टीचर भी अपना पडाया निकल लिये क्या समझ आया कि नही कुछ मतलब नही आज कि ये स्थिति है फिर विधार्थी रगडते-रगडते  कुत्ते कि जिदंगी जीते-जीते चार-पांच साल गवा देता है। उसके भूख, प्यास, मूल भूत इच्छाये मरने लगती हैं। कोचिंग इन्स्टयूट के पांच साल में करोेडो का व्यापार हो गया फिर पांच साल बाद विधार्थी जिस पढाई से दुनिया बदलने कि सोचता था आज खुद कि दुनिया गुमनाम नजर आने लगती है इसकी जिम्मेदारी हमारे गुरू कि थी जिस लिये विधार्थी आया था वो दिया नही गुमनाम भीड में खडा हुआ महसूस कर रहा है। आज का छात्र उसमेे कुछ सोचते है कुछ और देखा जाये लेकिन चार पांच साल में खर्च इतना हो जाता है कि अब पहले कही से कमाये फिर कुछ और करे कुछ अपनी जिंदगी विधाता के नाम करके आंख में आंसू या अपने इन्सटिटयूट या समय को कोसता रहता है। कुछ अपनी जिदंगी से हारकर पालग या गुमनाम हो जाते हैं। कुछ लोग सोचते हैं सायद मोबाइल कि तरह कोई लाइफ को भी रिसेट बटन होता दवाते ही सब फिर से नया हो जाता।

We all must have heard this word, there is nothing new in it. You must be thinking the same, but if you look carefully, the biggest truth of your life is hidden in these words. Earlier in our Sanatan culture, there was a Gurukul practice even today, but it is rare that at some time people are adopting new ways.
Today, the student is engaged in studies from childhood till the age of fifteen to sixteen years, yet after completion of the study, neither career was made happy, you must be wondering what is the matter but keep patience and we will try our best to convince you. After graduation, either you will run in the circle of government job or you will run towards a technical course, some do not know what to do or not, then we get caught in the Bhawar trap and the time ahead becomes sad for us. But it also cannot be said that there is much less politics, but earlier there were gurus in Gurukul civilization. He used his body and mind to focus on his disciple and assessed the ability of every student, and then gave direction to him. The student used to move forward with joy. Today, the opposite view is seen, the Guru has become more and more greedy than the starved rupee who has taken the contract to improve the life of the student, has made a very different market for it. Millions, crores have become a business. The saddest thing is that they do not really mean anything to the student every year, like the Kadad they fill the students every year, the next year then the new students continue to do the same every year. If you ask, thousands of students come from here, how many careers they have made, they do not know anything, they just have a target to fill their account. The student who came to graduation and took admission in coaching to get a government job, what do you know and there are thousands of children in a bench in the coaching institute and the teacher also understood that he did not understand that this is the situation today. The student loses four to five years of his life by rubbing and rubbing dogs. His hunger, thirst, original ghost desires start dying. In five years of the coaching institute, crores were traded, and after five years, the student who used to think about changing the world, today the world itself seems to be anonymous, the responsibility of our Guru was that for which the student came, he was not given in the anonymous crowd Feeling standing up Today's students think something in it, something else is to be seen, but in four to five years, the expenditure is so much that now they earn more than anywhere else, after doing something in the name of their life-maker, there is a tear in the eye or cursing their institute or time. . Some lose their lives and become ignorant or anonymous. Some people think that, like Sayed Mobile, any life would have been reset button, all would be new again.

प्यार कि काल्पनिक अवस्था Love Aaj Kal

लव आज कल



जब हम अपने घर से बाहर या जब हम हाईस्कूल,इण्टर में आ जाते हैं,
एक नवयुवक और नवयुवती के बारे में जब हम अपने घर से बाहर या जब हम हाईस्कूल,इण्टर में आ जाते हैं मेन कहानी कि शुरूआत यही से होती है,पढाई के साथ-साथ जीवन में अपने आप नयी-नयी घटनायें होना शुरू हो जाती हैं। जैसे हमारा मन हर सुन्दर चीज कि तरफ हमारा आर्कषण होने लगता है। फिर हम एक अलग दुनिया में खेाने लगते हैं। हमें वो चीजे अच्छी लगने लगती हैं जो हम काल्पनिक फिल्मो में देखते हैंे। फिर धीरे-धीरे उस नशा में विलीन होने लगते हैं और फिर बस एक ही उददेश्य रहता है उस खूबसूरत चीज को पाने की और उस सुद बुद में हम खाना पीना सोना सब भूल जाते हैं दिल और दिमाग पर उसका कब्जा सा हो जाता हैं ऐसा लडको के साथ ही नही होता ये लडकियो के साथ भी होता है। जब हम प्यार कि काल्पनिक अवस्था में होते हैं तब सामने वाला चाहे जितना बदसूरत हो हमें वह खूबसूरत लगने लगता है यही प्यार कि ताकत है। फिर महीने दो महीने उसके घर के बाहर उसके आगे पीछे चक्कर लगाना शुरू कर देते है। 

कुछ को तो छैः सात महीने लग जाते हैं। हमारा मन जागरूकता खो देता है जिस प्रकार हिरन के नाभी में कस्तूरी होती है और वह भटकता हुआ फिरता रहता है वही हालत हो जाती है उस समय युवा-युवती कि फिर कुछ दिन बाद बात चीत होती है कुछ कि कहानी सफल होती है कुछ थक चुके होते है और आशिक आवारा कि तरह जीवन जीने लगते हैं। 
जिनकी कहानी बन जाती है, उनकी कुछ रात रात भर बाते लम्बी लम्बी हाकते है जितना झूठ बोलो उतना आनन्द ऐसा सबसे हेाता है,फिर कुछ दिन बाद बाहर मिलना उस समय एक्सपैक्टेसन हाबी होती हैं नये नये चीजे लेते देते है एक दूसरे को जो अपने लिये नही ली कभी और आनन्द के दिन बीतते हैं। फिर कुछ दिनो बाद एक्सपैक्टेसन और बढ जाती है एक दूसरे पर पूरी न होने पर लडाई मन मिटाव हो जाते हैं और फिर कुछ वही कहानी सुधारने में लग जाते है कुछ नही कहानी कि तलास में निकलते हैं। ऐसा मेरे ख्याल से पता क्यो होता है क्योकि हम म्चोर नही होते हैं और फिर जब कॉलेज  यूनिवर्सिटी में जाते है वहां भी सब नया नया होती है हम कुछ दिन तो बडे सरीफ रहते है फिर धीरे-धीरे दोस्त यार बनेे अपना रंग दिखाना शुरू कर देते हैं ये तेरी वाली ये मेरी वाली साला फिर हम सोचते है यार हम पहले ये सब कर चुके अब नही करना पढना है लेकिन कही न कही दोस्तो को देखते देखते हम भी आशिकि कि डोर फिर से बिछाना शुरू कर देेते हैं और मोह माया में फिर फस जाते हैं। डर-डर के उससे बातें करते हैं क्योकि पहले का गम याद आ जाता है, सोचते हैं अब अच्छा करूगा खुश रखूगंा और रहूंगा ।

When we get out of our house or when we come to high school, inter,

The story of a young man and a young woman when we get out of our house or when we come to high school, inter. This is where the new story starts, new studies start happening in life automatically. . Like our mind starts attracting towards every beautiful thing. Then we start playing in a different world. We like things that we see in fictional films. Then slowly the addiction starts to dissolve and then there is only one aim to get that beautiful thing and in that sense we forget to sleep and drink food, our heart and mind become like him. Not only does it happen with girls, it also happens with girls. When we are in a fictional state of love, then the person in front of us looks as beautiful as he looks beautiful, this is the power of love. Then two months, they start circling outside his house in front of him. 

Some take six to six months. Our mind loses awareness just as the musk in the fowl's neck and keeps wandering wandering in the same condition, at that time, the young lady then talks a few days later, that the story succeeds, some are tired They happen and start living life like a lover of vagabonds. 

For those whose story is made, some of them talk long and long, and they enjoy it as much as they lie, then after a few days, when they meet outside, then at that time, they are expectation hobby, they give new things to each other. Never took another day of joy. Then after a few days, the expectation increases and the fight over the other does not get complete, and the fight disappears, and then some of the same story goes on improving, and nothing comes out in the story. I think this happens because we are not happy and then when we go to the University of Cajel, everything is new there, we live for a few days at large and then slowly start showing our colors as friends. This is your girl, this is my sister-in-law, then we think that we have done all this before, but now we do not have to study, but seeing friends somewhere, we also hope that the door starts laying again. If you are stuck then you look and Illusion. They talk to him fearfully because they remember the grief of the past, thinking that I will do well and will be happy.
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नये भारत का सपना पांच ट्रीलियन इकोनाॅमी बनने का The dream of a new, India to become a five-trillion economy




https://truthhai.blogspot.com/2020/02/populor-leader-modi-i-government-of.html


भारत कि आबादी जल्द ही चीन को पीछे छोड सबसे आगे होने वाली है। सबसे अच्छी बात तो यह है कि इस देश में युवा शक्ति सबसे अधिक है और भारतीय सबसे ज्यादा मेहनती भी है भारतीय दिन भर गर्मी हो या सर्दी सबको सहने कि इतनी शक्ति है कि शायद और किसी देश के लोगो में हो ऐसे में अगर कोई सरकार भारत को पांच ट्रीलियन इकोनाॅमी बनने का सपना दिखाता है तो इसमे कोई बडी बात नही हममे वो ताकत है हम अपनी अर्थव्यवस्था को आसमान तक पहुंचा सकते हैं एक रूपये में पांच डाॅलर बनाने कि क्षमता हममे हैं।
लेकिन भारतीय युवा 60 प्रतिशत सरकारी नौकरी के चक्कर में अपनी जिदंगी के 22 से 30 साल तक सरकारी नौकरी पाने में लगे रहते हैं। दूसरी बात ये भी है कि ये जो सरकारी नौकरी के चक्कर में युवा भागता है असलियत में इन्ही में भरपूर जोश होता है मैने देखा कैसे मैनेज करके तैयारी करते है पानी,धूप,कपडे,सोना, भूख ,आराम सब पर काबू पा लेते हैं इन्हेे कोई चिन्ता नही लगे हैं बस जो मिल गया खा लिया जो मिल गया पहन लिया बीस -बीस किलो मीटर पैदल चलते है दिन भर में फिर भी अगले दिन के लिये तैयार आज युवाओ को समझना होगा कि सरकारे सभी को सरकारी नौकरी नही दे सकती इसलिये पांच से छै साल लग जाते है नौकरी पाते पाते लोगो कि भीड दिन प्रतिदिन बढ ही रही है क्या करे  सरकारे फिर उल्लू बनाना शुरू कर देती है एक फार्म का पेपर होते होते 2 साल लग जाते हैं। तब तक युवा कि जिदगी ठंडी होने लगती हैं।

 नौकरी लगी तो शादी नही तो फिरो मारे-मारे हम लोग ये तो कहते है कि महिला-पुरूष एक समान लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नही जाता कि सभी को अपनी लडकी के लिये सरकारी जाॅब वाला लडका चाहिये ऐसी मानसिकता को हमने जन्म दे रख्खा है सरकारी नौकरी पाना अब आसान नही रहा कि आंख खोली और सबेरा हो गया लडकी अगर सरकारी जाॅब करती है तो उस लडके से शादी क्यो नही कर सकती फ्री तो नही है लडका कोशिश तो कि असफलता मिली तो उसमें उसका क्या देाष फिर घर वाले और खुद लडका शादी के चक्कर में ढोंग रचाता है और शादी हो जाती है कुछ दिनो बाद राज खुलते है फिर लडाई झगडे होते हैं और कोई रास्ता ही नही काटो जिन्दगी रो-रो कर आज युवाओ को सोचना चाहिये कि भारत के प्रिय प्रधानमंत्री मोदी जी बिजनिस करो का फाॅमूला दे रहे इसी क्षेत्र पर ज्यादा जोर दे रहे हमें भी यही करना चाहिये स्नातक पढने के बाद हमें अपना मन बिजनिस सेक्टर में लगाना चाहिये आज सरकारी नौकरी कि आॅपोरचिनिटी खत्म हो रही है इतनी आबदी में कहा से नौकरियां आये हम भारतीयो के पास इतना कुछ है लोगो को देने के लिये जिसकी विदेशी बाजारो को जरूरत है और भारत पुरानी और हजारों साल पुरानी संस्कृति है नये आयाम हैं काम करो और लग जाओ भारत को शशक्त बनाने में अपना योगदान दे और हजारों लेागो को खुद रोजगार दे सकते हैं। अपना जीवन भी धुआं धार तरीके से जी सकते हैं। हम पांच से छै साल तक सरकारी नौकरी कि तैयारी करते हैं हमारे देश में खुद एक सौ पैतीस करोड कि आबादी है पांच-छैः साल में तो बिजनिस को आसमान तक पहुचाया जा सकता है और अनलिमिटेड कमाई कर सकते है। हमे इस ओर सोचने ध्यान देने कि जरूरत है।


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India's population is soon going to be at the forefront of China. The best thing is that the youth power is the highest in this country and the Indian is also the most hardworking. The Indian has so much power to endure the heat all day or winter, that maybe there is no other country in such a situation, if any government of India If we show the dream of becoming a five-trillion economy, there is no big deal in it, we have the power to make our economy reach the sky, to make five dollars in one rupee. We are proud. 

But 60 percent of Indian youth are engaged in getting a government job for 22 to 30 years of their life due to government jobs. The second thing is also that the youth who runs a government job has a lot of enthusiasm in reality. I have seen how I manage and prepare water, sunshine, clothes, sleep, hunger, rest and overcome them. There are no worries, just like what you have got, you have worn, you have worn twenty-twenty kilometer walk throughout the day, yet ready for the next day, today the youth will have to understand that not all of the government Can't give work, so it takes five to six years to get a job, people are getting increased day by day, what to do, the government then starts making an owl, it takes 2 years to get a form paper. By then, the youth's life is starting to get cold.

The dream of a new, India to become a five-trillion, economy

 If you get a job, then you are not married, then you are killed. We say that women and men are equal, but no one pays attention to the fact that everyone should get a government job boy for their girl, we have given birth to such a mentality. It is not easy to get a government job now that I have opened my eyes and am a dawn, if the girl does a government job then why can't she marry that boy or is she free? What his country then pretends to be in the affair of the housemates and the boys themselves, and the wedding is done, after a few days, the secrets open, then the battles are fought and there is no way to cut the life, weeping young people today should think that Dear Prime Minister of India, we are giving more emphasis on this field giving the decision to do business, we should also do the same, after studying graduation, we should put our mind in business sector Come, today the government job is coming to an end, so many people have come from where they have come so much that we Indians have so much to give to the people, which is needed by foreign markets and India is old and thousands of years old culture has new dimensions and work. Get engaged and make your contribution in making India powerful and you can give employment to thousands of people yourself. You can also live your life in a smoke-free manner. We prepare for a government job for five to six years, our country itself has a population of one hundred thirty five million and in five-six years, business can reach the sky and earn unlimited income. We need to think carefully about this.


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सीएए के विरोध में हैरान करने वाली बात Delhi danga, NRC, CAA, Modi sarkar




मुझे क्या हर सच्चे भारतीय को आज बहुत कष्ट होता होगा कि जिस देश भारत को तरक्की कि दिशा में लाने के लिये हर समुदाय के सोये हुए आदमी के अन्दर नयी उर्जा का संचार करने वाले लगनशील यशस्वी नेता जिन्होने प्रधानमंत्री बनने के बाद हर दिन सिर्फ 24 घण्टे में सिर्फ 5 घण्टे ही आराम फिर सिर्फ काम जमीन से लेकर आसमान तक और समूचे विश्व में अपनी लोकप्रियता,उदारशीलता कि दम पर व सबको मित्र बनाकर  साथ लेकर चलने वाले नेता के बारे में कुछ आराजक तत्वो वामपंथियों द्वारा भला-बुरा सुनने में आता होगा तो बहुत कष्ट होता होगा। मैं मानता हूॅ सरकारे हमेशा सही नही होती। 
संसद में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए पारित होने के बाद उसके अंध विरोध कि चिगारी ने जो हिंसक रूप धारण किया उसके चलते देश कि राजधानी में 40 से अधिक HINDU ,MUSLIM INDIANS लोगो कि जान चली गयी अरबों रूपये कि संम्पत्ति स्वाहा हो गयी। 

सीएए के विरोध में हैरान करने वाली बात यह है कि विरोधी सीएए में किसी आपत्तिजनक प्रावधान को इंगित न कर कानून वापस लेने कि जिद पर अडे हुए हैं। इस कानून के साथ एनआरसी के स्वकल्पित भय को जोडकर उन्होने हिसा का बहाना बनाया। इस स्थिति को बनाने में कई पत्रकारों,नेताओ,बुद्वजीवियों एवं कलाकारों ने नकारात्मक ही नही बल्कि घातक भूमिका निभाई विरोध कि अगुवाई कर रहे स्वर सीएए के किसी प्रावधान पर बात न कर केवल भारतीय नेतृत्व के प्रति भावनायें भडका रहे हैं।

उदाहरण- पत्रकार सबा नकबी ने विरोधियों से अदालतों के सहारे न रहकर सडको पर उतरने का आवाहन किया वही एमआइएम नेता वारिस पठान ने 15 करोड मुसलमान होने के बावजूद सौ करोड पर भारी पडने कि धमकी दी। छात्र नेता शर्जील इमाम असम को भारत से अलग करने कि बात कर रहा था तब कवि हुसैन हैदरी सीएए को राज्य प्रायोजित आतंकवाद बता रहे थे। राजनीति दलों ने भी आग में घी डालने का काम किया। खुद सोनिया गांधी ने अस्तित्व का हवाला देकर वर्ग विशेष को घरो से निकलने कि आवाज दी और अकबरूददीन ओवैसी ने भारत को अपने मतावलवियों कि पैतृक जागीर बताया विपक्ष और वामपंथियों बुद्वजीवियों द्वारा समर्थित जहरीले विरोध का आलम रह था कि लोग गलत नारे 
लगाने लगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे पर भडकाई गयी हिंसा इस बात का सबूत है कि विद्रोह कि चिर परिचित प्रोपेगेंडा शैली में भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक संर्घष क्षेत्र के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया। 

वास्तव में वह नक्सली विचारधारा जो पिछले पांच दशकों से भारत में व्यापक जन विद्रोह खडा करने का प्रयास कर रही है और जिस पर सीएए के विरोध को हवा देने के आरोप लगते हैं। भारतीय जनतंत्र को धोखा बताती रही है। नक्सलवाद के शीर्ष विचारक चारू मजूमदार का कहना था कि कृान्तिकारियों को ऐसा सजग नेतृत्व देना होगा जो नौकरशाहों पुलिस कर्मियों और सैन्य अधिकारियों पर बार कर सके। हमारी लडाई थानों और इमारतों से नही बल्कि पुलिसकर्मियों और अधिकारियों से है।

दिल्ली में पुलिसकर्मियों और अधिकारियों पर लगातार हुए हमलों में इस नक्सली विचार कि स्पष्ट झलक मिलती है। सीएए विरोध में अन्य स्थानों पर हुयी हिंसा कि ही भांति दिल्ली दंगों में भी पुलिस और सुरक्षावलों को विशेष रूप से निशाना बनाया गया। इन हमलों में एक पुलिसकर्मी और गुप्तचरकर्मी कि मौत हो गयी और एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को गंभीर चोटे आयी। एक अन्य स्थान पर अर्धसैनिक बलों के उपर तेजाब फेका गया पुलिस और सुरक्षा बलों को निशाना बनना क्षणिक भावावेश न होकर एक सोची समझी रणनीति का ही हिस्सा था। मोदी सरकार अभी तक यह भी नही समझ पाई है कि जिस सरकार ने दशको शासन किया हो और देश हित में कोई भी कानून बनाने में बोलने  में सिर्फ अपना फायदा देखती रही हो आपस में लडवाती रही हो जिसकी पार्टी कि नीव ही यही हो फिर मोदी सरकार द्वारा देश हित में लिये गये फैसले देश में शान्ति सबका साथ,सबका विकास ,सबका विश्वास,कैसे बर्दाश्त कर सकती है।

Do I have a lot of pain in every true Indian today that a passionate politician who brings new energy to the sleeping man of every community to bring India in the direction of progress, who after becoming the Prime Minister has only 24 hours every day In just 5 hours of rest, then only work from the ground to the sky and all over the world on the strength of its popularity, liberality and making everyone friends together If the leader will be about makes some Arajk recoil by elements Left would suffer greatly. I agree that governments are not always right.


After the passage of the Citizenship Amendment Act, ie the CAA, in Parliament, the violent protests that Chigari took as a result of it led to the loss of property worth billions of rupees in the capital of the country. AND 30 HINDU, 10 MUSLIM INDIANS PEOPLE DEATH


What is shocking in opposition to the CAA is that the opponents are adamant on withdrawing the law by not pointing to any objectionable provision in the CAA. By adding NRC's supposed fear with this law, they made an excuse for it. Many journalists, leaders, intellectuals and artists played not only a negative but fatal role in creating this situation, but the voice that is leading the protest is not only talking about any provision of the CAA, but also provoking feelings towards the Indian leadership. 

Example: Journalist Saba Naqbi urged the opponents to come down on the roads instead of supporting the courts, while the same MIM leader Waris Pathan threatened to be a hundred crores, despite being 15 crores Muslims. Student leader Sharjeel Imam was talking about separating Assam from India when poet Hussain Hydari was referring to CAA as state sponsored terrorism. Political parties also put the fuel in the fire. Sonia Gandhi herself, citing the existence, gave the voice of the particular class to get out of the house and 
CAA called India as the ancestral fief of his people, the opposition and the leftists were poisonous slogans of poisonous protest supported by Budvajis.

Started applying


The violence inflicted on the visit of US President Donald Trump is evidence that there was an attempt to present India as a contested region internationally in the familiar propaganda style of the uprising. 


In fact, the Naxalite ideology that has been trying to create a widespread public uprising in India for the last five decades and which is accused of airing the opposition of the CAA. She has been calling Indian democracy deception. Charu Mazumdar, the top ideologue of Naxalism, said that the peasantry would have to provide a vigilant leadership that could bar bureaucrats police personnel and military officers. Our fight is not with police stations and buildings, but with policemen and officers.



The constant attacks on policemen and officers in Delhi gives a clear glimpse of this Naxalite idea. Like the violence in other places in the CAA protest, the police and security forces were particularly targeted in the Delhi riots. In these attacks, a policeman and an undercover man were killed and a senior police officer suffered severe injuries. At another location, acid attack on paramilitary forces, targeting the police and security forces was part of a thoughtful strategy rather than momentary emotion. The Modi government  has not yet understood that the government which has ruled for decades and has only seen its own advantage in speaking in making any law in the interest of the country, has been fighting among themselves, whose party is the foundation, then the Modi government Decisions taken by the country in the interest of the country, how can everyone tolerate peace, development of all, trust of all in the country.

आज हमारी पृथ्वी को सबसे ज्यादा जरूरत है तो वह है न्यायप्रिय लोगो कि religions,relegious, human right agency, ,politics,corona virus





आज हमारी पृथ्वी को सबसे ज्यादा जरूरत है तो वह है न्यायप्रिय लोगो कि पहले मानव को ज्ञान नही था आग का अविष्कार हुआ जानवरो को मारकर खाते थे मनुष्य ने खेती आरम्भ कि और जानवरो पर अत्याचार कम किया अन्य से बने पदार्थ खाने लगे दूध का प्रयोग करने लगे धीरे-धीरे मनुष्य ज्ञानी होता चला गया इतना ज्ञानी हो गया कि हर जगह खुशियां ही खुशियां छाने लगी प्रकति हमसे खुश थी रोग से पहले उसका निदान प्रकृति हमे दे देती थी। फिर हमने अपने आप को महान बनाने के चक्कर में प्रकृति का शोषण शुरू कर दिया क्योकि इन्सान अपने आप को महान समझने कि भूल करने लगा था। जब सब जगह लोग अपनी मन मानी कर रहे थे उस समय सिर्फ भारत देश ऐसा था जहां पर लोग अपने पुराने ग्रन्थों सनातन संस्कृति पर पर चल रहा थे बहुत अकं्राता आये और तबाह हो गये क्योकि उनकी संस्कृति तुच्छ घिनौनी थी जो समय के साथ भारत जैसी पवित्र धरती से नष्ट हो गये हमने अपना रास्ता नही बदला हम और ताकत के साथ आगे बडे फिर समूचे पृथ्वी पर एक दौर आया लोग अपना वर्चस्व बनाने के लिये अपना विस्तार बढाने लगे जहां लोग स्वतंत्र थे वही विस्तार बढाने के लिये लोगो पर अत्याचार होने लगा फिर बडी - बडी विरासतेा के टुकडे होने लगे लोग स्वतंत्रता कि मांग करने लगे लोग स्वतंत्र भी हुए जो जहां था वही स्वतंत्र रूप से जीने लगा था सब ठीक था फिर अचानक एक दौर आया एशिया मंे जो छोटे-छोटे इलाके थे जहां काले,गोरे,छोटे,बडे,हिन्दू,बौद्व,सिख,इसाई,मुस्लिम,पारसी रहते थे किसी को किसी मतलब नही था सब खुश थे लेकिन कुछ आराजकता से भरे लोगो ने उन लेागो पर अत्याचार किया जिन्हे कुछ पता नही था और वेकशूर थे सजा पाई उनकी रोती हुयी आंखे उनके सामने उनके बेटी कि इज्जत लूटी गयी मारा गया धर्म का हवाला देकर धर्म परिवर्तन कराया गया उसके बाद फिर शोषण किया गया अत्याचार सहते सहते या तो वह मर गये या मार दिये गये या भाग गये उनका पता नहीं हिन्दू,बौद्व,सिख,इसाई ये बात क्या आज जो बडी- बडी एजेन्सियां जो हर देश पर फर्जी कि टिप्पणियां कर रही है क्या पहले सो गयी थी या डरी हुई थी या ये अपने फायदे में लगे थे आज भी जिन एशियाई देशो में बडी क्रूरता के साथ कृत किये गये तब क्यो चुप थे क्यो नही फूछते कहा गये ये लोग इनके पास आने जाने वालो के रिकार्ड होते हैं। दम है तो पूछे नही तो आने वाले समय में इनकी बात कौन सुनेगा। हमें तो इनके अस्तित्व पर खतरा दिख रहा बहुत से देशो में पहले कानून कुछ और था फिर अचानक वह देश इस्लाम में तब्दील हो गये बडी- बडी एजेन्सियां जो मानव अधिकार कि बात करते हैं बुद्वजीवि लोग हैं इनको नही पता क्या हुआ होगा इन देशों में आज जो इस्लामिक देश बन गये इनके भी अपने धर्म होगे किसी को मानने वाले होेगे क्या वह कू्रर हैं या उनके ग्रन्थों में ज्ञान का यही मार्ग है जिन्होने लाखों करोडो लोगो को मार डाला इनको सोचना चाहिये दुनिया का कोई भी धर्म ये काम करने कि इजाजत नही देता इनके नुमाइनदो ने गलत तरीके कि शिक्षा लोगो तक पहुचायी या अपनी सत्ता स्थापना के लिये ये कृत किये। बडी- बडी एजेन्सियां जो मानव अधिकार कि बात करते हैं बुद्वजीवि लोग हैं इनसे पूछे और इन पर कार्यवाही करे सख्त प्रतिबंध लगाये बहुत सी इस्लामिक देशों में हिन्दू,बौद्व,सिख,इसाई धर्म के मानने बाले अनुयायी कहा गये पाक्स्तिान में 27 प्रतिशत थे 3 प्रतिशत बचे, बांगलादेश में 17 प्रतिशत थे 4 प्रतिशत बचे,और सब इस्लामिक देशों में पचास-पचास प्रतिशत में ये लोग थे कहा गये रिकार्ड मागें इनसे कभी- कभी तो ऐसा लगता है कि लोग इतने सुन्दर है इनका धर्म इतना कू्रर कैसे हो सकता है इससे तो इनका धर्म और धर्माे से बहुत कमजोर है लाखेा करोडो लोगो पर जिहाद और काफिर के नाम पर अत्याचार करते हैं। जैसे चीन में आज महामारी का दौर है क्योकि इन्होने जीवो पर अत्याचार कि सारी सीमायें पार कर दी थी ये प्रकृति का प्रकोप है और यह अब आधी चीन को समाप्त कर ही रूकेगा और धीरे धीरे समूचे पृथ्वी पर फैलता जा रहा है इसका उपचार अभी तक नही मिला इसका उपचार भारतीय सनातन वेद अर्थववेद में है। ये वेद पुराण प्राचीन और इनके सब्द अकंटक है बस ढूढने कि जरूरत है । इसी तरह यह भी एक बिमारी है इस पर हमारी पृथ्वी कि बडी शक्तियों को सोचने कि जरूरत हैं। नही तो इस रोग ये आप भी नही बच पायेगे । 

Today, our earth needs the most, so it is the fair people that before humans did not know the invention of fire was done by killing animals and humans started farming and reduced the atrocities on animals and started eating milk made from other foods. Slowly man started becoming knowledgeable and he became so knowledgeable that happiness started spreading everywhere happiness was happy with us. Was giving out. Then we started exploiting nature in the circle of making ourselves great because man had started making mistake of thinking of himself as great. At the time when people were obeying everywhere, at that time only India was such a place where people were following their old texts on the eternal culture, they were very unconcerned and devastated because their culture was insignificant, which was sacred like India over time. We were destroyed from the earth, we did not change our path and we moved forward with strength, then a round came on the whole earth, people started expanding themselves to create their dominance. People were being oppressed to increase the expansion, people were independent, then people started getting bigger and larger, people started demanding freedom, they also became independent, which was where they started living independently, all was well then suddenly a phase In Asia, there were small areas where black, white, small, big, Hindu, Buddhist, Sikh, Christian, Muslim, Parsi lived, there was no meaning to anyone, everyone was happy but some king The people filled with torture persecuted those who knew nothing and they were innocent, they were punished, their eyes cried in front of them, their daughter was looted with respect and converted to religion, citing religion and then being exploited and tortured. Whether he died or was killed or ran away, his address is not known to Hindus, Buddhists, Sikhs, Christians, what are the big agencies today that are fake on every country Whether she was asleep or scared or was engaged in her own benefit, even today, in Asian countries, which were created with great cruelty, then why were they silent? There are records. If you have the strength then do not ask who will listen to them in the coming time. We see a threat to their existence, in many countries, there was some other law earlier, then suddenly those countries turned into Islam. There are big agencies who talk about human rights, they are intelligent people, they do not know what has happened in these countries today. Those who have become Islamic countries, they will also have their own religion, will they believe anyone, is it a courier or is this the path of knowledge in their texts that millions of people Killed, they should think that no religion of the world allows them to do this work, their representatives have wrongly reached the education of the people or they have done it to establish their power. Big - big agencies who talk about human rights are Buddhist people, ask them and take strict restrictions on them. In many Islamic countries, Hindus, Buddhists, Sikhs, Christian believers were 27 percent of those who were said to be believers in Pakistan, 3 percent. Left, 17 percent were in Bangladesh, 4 percent were left, and in fifty-fifty percent of all Islamic countries, these people were told to ask for records, sometimes they Receive think people outraged so beautiful their religion may be how much Kurr is that if they are too weak to religion and Dharmae ​​Lakea millions of people to jihad and infidels name. Just like in China today, it is a period of epidemic because they have crossed all the limits of tyranny on the creatures, it is an outbreak of nature and it will stop only half of China and it is slowly spreading all over the earth, its treatment is not yet Found its treatment in the Indian Sanatana Veda Earthvave. This Veda Purana is ancient and its Sabbath is just a matter of need. Similarly, this is also a disease, on which the big powers of our earth need to think. Otherwise you will not be able to survive this disease.

मोदी जी ने अर्श से लेकर फर्श तक बहुत काम कर रहे हैं modi I government of india


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मोदी सरकार 

आज भारत कि स्थिति बहुत तेजी के साथ बदल रही है, और हमारा भारत जल्द ही तरक्की करेगा हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री मोदी जी जो एक सच्चे देश भक्त, लोकप्रिय नेता है और हम भारत वासी उनसे बहुत प्यार करते हैं। उनको हमारे भारत में पचास भाषायें, पांच सौ जातियां, अनकेा धर्म हैं और मोदी सरकार सब सम्भाल कर चल रही है लेकिन ये बात भी सही है इतने बडे और जहां बहुत सारे धर्म और भाषाये हो वहां थोडी बहुत खट पट होती ही रहती है। इसका मतलब ये नही कि सरकार गलत काम कर रही मोदी जी ने अर्श से लेकर फर्श तक बहुत काम कर रहे हैं,
लेकिन कुछ अराजकता के कारण दिल्ली जैसी साजिश को अंजाम दिया गया लेकिन तत्काल मोदी सरकार ने उसे सम्भाला और आराजक तत्वों पर कार्यवाही का आदेश दिया और हिंसा पर काबू पा लिया और सबसे अच्छी बात ये कि हम अनेक धर्म के लोग आपस में नही लडे भाई चारे के साथ एक दूसरे का साथ दिया मोदी जी ने गरीब लोगो को जिनके पास रोटी, कपडा , स्वास्थ्य, मकान ,स्वच्छता पर विशेष बल देते हुए अपने सरकार और जनता को साथ लेकर काम कर रही है, हमारा देश मोदी सरकार के साथ बराबरी से काम कर रहा है। मोदी सरकार के काम करने का तरीका बाकई बहुत टैक्निकल है और धीरे- धीरे हर युवा बदल रहा है नये नये आइडियास विकसित हो रहे हैं और उन्हे साकार करने के लिये सरकार पूरा सहयोग दे रही है दस सालों में हमारे देश कि सुन्दरता में जो चार चांद लग रहे हैं उसका श्रेय भी मोदी सरकार को जाता है। अभी तक सरकारे पुराने तरीके से ही अपना काम कर रही थी जिससे युवाओ में सुस्ती आ गयी थी। मोदी सरकार ने युवा हो, विधार्थी हो, बिजनिस मैन हो किसी भी क्षेत्र या भारत के किसी भी कोने से हो सबको साथ लेकर भारत कि तरक्की पर जोर दिया है। हम भारत वासियों को गर्व है ऐसे प्रधानमंत्री पर

वन्दे मातरम
भारत माता कि जय 



Modi government

Today the situation of India is changing at a very fast pace, and our India will soon progress, the Prime Minister of our country, Shri Modi ji, who is a true country devotee, popular leader and we Indians love him very much. They have fifty languages, five hundred castes, many religions in our India and the Modi government is taking care of all these things but it is also true that there are so many big and where there are many religions and languages, there is a lot of biting. This does not mean that the government is doing a lot of wrong work, Modi is doing a lot of work from havoc to the floor, but due to some chaos, a conspiracy like Delhi was carried out but immediately the Modi government took over and ordered action on the economic elements. Gave and overcome the violence and the best thing is that we people of many religions did not fight among themselves, they supported each other with brother fodder. With special emphasis on bread, clothes, health, housing, cleanliness, working with our government and people, our country is working with Modi government. The way of working of Modi government is very technical and gradually every youth is changing, new ideas are being developed and the government is giving full support to make them come true in the beauty of our country in four years. It seems that the credit also goes to the Modi government. Till now, the government was doing its work in the old way, due to which the youth had become lethargic. Modi government has emphasized on the progress of India by taking everyone along, be it young, be a student, be a business man, from any region or any corner of India. We Indians are proud of our Prime Minister

I salute you, Mother
Bharat mata ki jai

भारत कि स्थिति बहुत तेजी के साथ बदल रही है populor leader modi


आज भारत कि स्थिति बहुत तेजी के साथ बदल रही है, और हमारा भारत जल्द ही तरक्की करेगा हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री मोदी जी जो एक सच्चे देश भक्त, लोकप्रिय नेता है और हम भारत वासी उनसे बहुत प्यार करते हैं। उनको हमारे भारत में पचास भाषायें, पांच सौ जातियां, अनकेा धर्म हैं और मोदी सरकार सब सम्भाल कर चल रही है लेकिन ये बात भी सही है इतने बडे और जहां बहुत सारे धर्म और भाषाये हो वहां थोडी बहुत खट पट होती ही रहती है। इसका मतलब ये नही कि सरकार गलत काम कर रही मोदी जी ने अर्श से लेकर फर्श तक बहुत काम कर रहे हैं, लेकिन कुछ अराजकता के कारण दिल्ली जैसी साजिश को अंजाम दिया गया लेकिन तत्काल मोदी सरकार  ने उसे सम्भाला और आराजक तत्वों पर कार्यवाही का आदेश दिया और हिंसा पर काबू पा लिया और सबसे अच्छी बात ये कि हम अनेक धर्म के लोग आपस में नही लडे भाई चारे के साथ एक दूसरे का साथ दिया मोदी जी ने गरीब लोगो को जिनके पास रोटी, कपडा , स्वास्थ्य, मकान ,स्वच्छता पर विशेष बल देते हुए अपने सरकार और जनता को साथ लेकर काम कर रही है, हमारा देश मोदी सरकार के साथ बराबरी से काम कर रहा है। मोदी सरकार  के काम करने का तरीका बाकई बहुत टैक्निकल है और धीरे- धीरे हर युवा बदल रहा है नये नये आइडियास विकसित हो रहे हैं और उन्हे साकार करने के लिये सरकार पूरा सहयोग दे रही है दस सालों में हमारे देश कि सुन्दरता में जो चार चांद लग रहे हैं उसका श्रेय भी मोदी सरकार  को जाता है। अभी तक सरकारे पुराने तरीके से ही अपना काम कर रही थी जिससे युवाओ में सुस्ती आ गयी थी। मोदी सरकार ने युवा हो, विधार्थी हो, बिजनिस मैन हो किसी भी क्षेत्र या भारत के किसी भी कोने से हो सबको साथ लेकर भारत कि तरक्की पर जोर दिया है। हम भारत वासियों को गर्व है ऐसे प्रधानमंत्री पर 

वन्दे मातरम
भारत माता कि जय 
https://truthhai.blogspot.com/2020/02/watch-special-show-on-kashmiri-pandits.html




Today the situation of India is changing at a very fast pace, and our India will soon progress, the Prime Minister of our country, Shri Modi ji, who is a true country devotee, popular leader and we Indians love him very much. They have fifty languages, five hundred castes, many religions in our India and the Modi government is taking care of all these things but it is also true that there are so many big and where there are many religions and languages, there is a lot of biting. This does not mean that the government is doing a lot of wrong work, Modi is doing a lot of work from havoc to the floor, but due to some chaos, a conspiracy like Delhi was carried out but immediately the Modi government took over and ordered action on the economic elements. Gave and overcome the violence and the best thing is that we people of many religions did not fight among themselves, they supported each other with brother fodder. With special emphasis on bread, clothes, health, housing, cleanliness, working with our government and people, our country is working with Modi government. The way of working of Modi government is very technical and gradually every youth is changing, new ideas are being developed and the government is giving full support to make them come true in the beauty of our country in four years. It seems that the credit also goes to the Modi government. Till now, the government was doing its work in the old way, due to which the youth had become lethargic. Modi government has emphasized on the progress of India by taking everyone along, be it young, be a student, be a business man, from any region or any corner of India. We Indians are proud of our Prime Minister

I salute you, Mother
Bharat mata ki jai


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भारत में लम्बे समय से चल रही सरकार government,modi sarkar, bjp government


भारत में लम्बे समय से चल रही सरकार जो देश हित में कडे फैसले लेने में हमेशा डरती रही ,यही कारण रहा हमारा देश किसी भी क्षेत्र में उन्नति नही कर सका सरकारे आती हैं जाती हैं सिस्टम में को परिवर्तन नही कही राशन में पांच किलो गेहूॅ बडा दिया कही कम कर दिया बस यही चलता रहा और वेवकूफ बनाया जनता को भारत का जब युद्व हुआ पाक्स्तिान से भारत कि विजय हुयी फिर भी कश्मीर मुददा वही का वही रहा किसी कि दम नही हुयी ले ले क्योकि उनको तो एक और पाक्स्तिान बनाने में मजा आ रहा था। उस समय रहे प्रधानमंत्री ने क्यों नही सोचा जीत अपनी शर्तो पर होती है या दूसरे कि शर्तो पर बहुत दिनों त्रासदी झेल रही भारत कि राजनिति में एक नया चेहरा सामने आया उनका नाम श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जिनकी प्रशंसा आज पूरा विश्व कर रहा है, भारत में हर बच्चे के दिलो में आज भी उनकी छवि एक महान नेता के रूप में है और रहेगी भले ही रोड पर आकर हो-हल्ला न मचाया हो हम सनातनी महान संस्कृति वाले लोग है ये सब अषोभनीय है इसलिये अपने ही देष में हो हल्ला मचाना वो भी देष हित के प्रष्न पर निन्दनीय है । हमारा धर्म ये नही सिखता लेकिन आज भी भारत के 70 प्रतिशत लोग मोदी जी के साथ है ऐसा मेरा विश्वास है बहुत प्रधानमंत्री आये और चले गये लेकिन मेरे जीवन में यह पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिनका धन्यवाद करने के लिये मेरे पास शब्द नही हैं क्योकि यह मेरी आंखो देखा चमत्कार  है। भारत में पूर्व रहे प्रधानमंत्री द्वारा किये गये कार्यो से सुस्ती आ गयी थी । लेकिन भारत माता ने एक वीर साहसी व्यक्ति को भेज ही दिया।

आज तक भारत में बहुत सारे मुददे रहे। जिनका सुलझना बहुत जरूरी था ,लेकिन पूर्व में रही सरकारें सिर्फ डर और अपनी जेबें भरने में लगी रही कभी - कभी तो ये लगता था कि सरकारे देष हित में कानून बनाना ही भूल गयी हो इसमें कोई दोहराय नही है, नही तो एक के बाद एक बिल कि आज जरूरत ही नही पडती यह बात भी सत्य है कि सरकारें अपनी जेबे नही भरती चाहे कोई भी सरकार हो लेकिन उसके साथ देश हित भी सर्वाेपरि रखना चाहिये। जो पूर्व कि सरकारो ने नही किया । भारत जो अपनी महान सनातन संस्कृति पर खडा है ऐसी महान और सच्ची संस्कृति उसी पर पूर्व कि सरकारों ने चोट किया। अब ये बर्दाष्त के बाहर है । आखिर क्यों 

रामन्दिर का फैसला दशकों चलता रहा, क्यों जम्मू और कश्मीर का मामला सुलझा नही पायें वहां सैनिक नही मर रहे थे आये दिन देश का अपमान नही हो रहा था। कभी भी किसी पर देशद्रोह नही लगा ,आये दिन भारत कि सुरक्षा का कभी स्पष्टीकरण नही दिया पूर्व कि सरकारों ने और अगर एनआरसी,सीएए देश विरोधी कानून है तो सही क्या है बताये पूर्व कि सरकारे धर्म के नाम पर जब बटवारा हुआ। उमसे पाक्स्तिान के अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हुआ जो भारत नही आ सके किसी कारण बस इनकी सुरक्षा कौन करेगा, जिन पाक्स्तिानियों ने बटवारे के समय खुद अपनी और पडोसियों कि मां , बेटियों कि इज्जत को नीलाम किया उनको ये नही पता मां क्या होती है बहन क्या होती है। बस मजे लो ऐसे लोगो को भारत कि नागरिकता दें । भारत का मुसलमान क्या ये इतिहास का सत्य नही जानता फिर भी पूर्व कि सरकारे कानून का विरोध कर रहे हैं ,उत्तर प्रदेश कि पूर्व कि सरकारे राम मन्दिर का मामला सुलझाने में क्यो असमर्थ रही क्योकि राजनीति कि रोटियां सिक रही थी । पूर्व कि सरकारे बताये भारत जहां अस्सी प्रतिशत हिन्दू है उनके पूजा स्थल पाक्स्तिान में बनेगे क्या उनको नही पता मुस्लिम षासको ने क्या किया था कौन सा इतिहास पढा है। गलती सुधारने कि बजाय विरोध करने लगे ये मामला कोर्ट पर जानेे से पहले ही इसका फैसला हो जाना चाहिये था। पूर्व कि सरकारों ने नंगा नाच कराया। भारत में मुस्लिम महिलाओं पर अत्याचार एक आदमी जितनी चाहे शादियां कर ले क्या राजा है कही के कानून सबके लिये है या औरते मशीन है औरते एक खराब तो दूसरी ले आये क्यो पूर्व कि सरकारो ने कानून नही बनाया उनको तो बोट बैक कि पडी थी। भारत कि आबादी 135 करोड हो गयी इसकी जिम्मेदार पूर्व कि सरकारे हैं क्या ये सत्य भारत का हर नागरिक नही जानता हमारे देश के बोर्डर में रह लोगो कि संख्या में इतना इजाफा अचानक कैसे हो गया कौन है ये कहा से आये ये गणना कराना कोई जुर्म है । जिसको लेकर शाहीन बाग में धरना चल रहा शर्म आनी चाहिये और जबाब दे पूर्व कि सरकारे और दूसरे देश में रह रहे हमारे लोग जिनकी इज्जत रोज लुट रही कौन करेगा उनकी मदद ये पूर्व कि सरकारों ने क्यो नही सोचा जबाब दें। अब कोई सरकार उस पर काम कर रही है तो धरना दंगा जैसे काम होने लगे कुछ कह रहे है कि अर्थव्यवस्था मंदी है जो सरकार देष का हित चाहेगी वो रिष्क लेगी और आगे भी सफल होगी बस धैर्य बहुत जरूरी है। पूर्व कि सरकारेां में फैसला लेने कि हिम्मत ही नही थी । उसी में खा - पी रहे थे। आज कि सरकारे और पूर्व कि सरकारे जान ले अब जनता सब समझ चुकी है और देख भी रही है। भारत को एक बार फिर बल्लभ भाई पटेल, अटल बिहारी बाजपेयी, लाल बहादुर शास्त्री, बीर साबरकर,वाला साहब ठाकरे,सुभाष चन्द्र बोस जैसे महापुरूष का जन्म फिर से हो गया है। 

The long-running government in India, which has always been afraid to take tough decisions in the interest of the country, is the reason why our country could not make progress in any field, the government comes and did not change the system, gave five kg of wheat in the ration. It has been reduced to just this and it has been done and made the people aware that when the war of India was won by Pakistan, India still remained the same. Take it because he was enjoying making another Paxtin. Why did the Prime Minister at that time not think that victory happens on its own terms or on other terms, a new face has emerged in the politics of India, which has been facing many days of tragedy, Shri Narendra Damodar Das Modi, whose praise is being praised all over the world today. Even today, in the hearts of every child, his image as a great leader is and will remain, even if he is on the road. Land is all Asobniy therefore their own in the country great umbrage that is condemnable on Prshn the country's interest. Our religion does not teach this, but even today 70 percent of the people of India are with Modi ji, it is my belief that many Prime Ministers have come and gone but in my life, this is the first Prime Minister I have no words to thank because it is my Eyes seen is a miracle. There was lethargy due to the work done by the former Prime Minister in India. But Mother India sent a brave man.


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Till date, there were many issues in India. Those which were very important to solve, but the governments in the past were only engaged in fear and filling their pockets. At one time it seemed that the government had forgotten to make laws in the interest of the country, there is no repeal in it, otherwise it is also true that one bill after another is not required today, that governments do not fill their jobs, no matter what the government is But along with it, the interests of the country should also be kept above all. Which the previous governments did not do. India, which stands on its great Sanatan culture, is such a great and true culture that the previous governments hurt. Now it is outside Bardasht. But why




The decision of Ramandir continued for decades, why the matter of Jammu and Kashmir could not be solved there, soldiers were not dying there, the country was not being insulted the next day. No one was ever accused of treason. This day, India has never given any explanation for the security that the governments have and if the NRC,CAA is an anti-national law, then what is the right before that when the governments got divided in the name of religion. It was atrocities on the minorities of Paxtin who could not come to India for some reason, just who would protect them, those who did not know what their mother is when the Partitioners auctioned the honor of their daughters and their mother and daughters. . Just enjoy and give citizenship of India to such people. Whether the Muslims of India do not know the truth of this history, yet the former governments are opposing the law, and the former governments of Uttar Pradesh were unable to solve the case of Ram temple because the loaves of politics were shrinking. Former governments should tell that India, where eighty percent of Hindus are, their places of worship will be built in Pakistan, do they not know what history Muslim Muslims had done and what history has been read. Instead of correcting the mistake, they started protesting, this matter should have been decided before going to court. The former governments orgy. Atrocities on Muslim women in India, as much as a man can get married, whether the king has laws for everyone or women is a machine, women brought a bad one because before the governments did not make laws, they had to go back to the boat. The population of India has increased to 135 crores, it is the responsibility of the previous governments that every citizen of India does not know that the number of people living in the boarders of our country has increased so suddenly, who has said that it is a crime to calculate this. . One should be ashamed about the dharna going on in Shaheen Bagh and before answering that the governments and our people living in other countries, whose help will be lost everyday, help those who did not think why the governments should answer. Now if a government is working on it, then things like dharna riot started happening, some are saying that the economy is recession, the government will like the interest of the country, they will enjoy it and succeed even further, just patience is very important. Former governments did not have the courage to take decisions. Eat at the same Were drinking Today the governments and the previous governments should know that now the people have understood and are watching. India has once again been born to great men like Ballabh Bhai Patel, Atal Bihari Bajpaiye, Lal Bahadur Shastri, Bir Sabarkaraewala Sahab Thackeray, Subhash Chandra Bose.


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प्रिय मित्रों आज मै फिर आपके सामने एक नया टॅापिक लेकर आया हूॅ जो बहुत रोमांचक होने वाला है आज हम आपको कुछ जिदंगी की अलग-अलग पहलुओ कि कुछ झलकियों से रूबरू कराते है। आज मै बैठे-बैठे सोच रहा था कि इन्सान के कितने रंग हैं। हमारे देश भारत में तो हर दस किलोमीटर में भाषा, पहनावा,खान-पान बदल जाता है तो सोच,स्वभाव भी अलग होना कोई बडी बात नही बडी बात यह है कि कितने प्रकार कि सोच और स्वभाव के लोग है गणना कि जाये तो बडी विचित्र स्थिति देखने को मिलेगी आज हम आपसे इसी टाॅपिक मे बात करने वाला हूॅ।




हमारे देश भारत में बूढे लोगो कि बडे सम्मान के साथ सब सेवा करते है चाहे उनसे कोई रिश्ता हो या न हो हमारे देश में अस्सी प्रतिशत लोग अपने माता-पिता कि खुशियों कि लिये घर परिवार खुश रखने के लिये हर क्ष्ेात्र में अपना और अपने परिवार को गर्व महसूस कराने में अपनी जान की बाजी भी लगा देते हैं।
मै आज आपको ऐसी ही अदभुत बात बताने वाला हूॅ जिसको सुनकर आप भी अपने मन को आनन्दमय रखने में से नही रोक पायेगे आज मैं एक व्यक्ति से मिला वह केमिस्ट्री से पी एच डी फिर उसको अमेरिका रिसर्च के लिये गया रिसर्च पूरी हुयी अच्छे पैकेज के साथ वही पर उसको जाॅब भी आॅफर हुयी लेकिन वह अपने देश वापस आ गया छोड छाड के लोगो को सफलता हासिल करने में सालों लग जाते हैं वही ये महाशय छोडकर आ गये। मैने पूछा तो बताते हैं बहां खुश था मजा था लेकिन मेरे माता-पिता मेरी खुशियों में शामिल नही थ्ेा। मैं आनन्द से नये देश में घूम रहा था मै अपने माता पिता को नही घूमा पा रहा था मुझे कुछ अच्छा लगा फोटो से माता-पिता को दिखा रहा और आगे बताया ऐसा काम और पैसे का क्या करूं मारने के बाद वैसे भी फिर कभी नही मिलना है। जिसका आनन्द मेरे माता- पिता न भेग पाये और मैं बनारस में प्रोफेसर बनना ज्यादा अच्छा है और माता-पिता के साथ पूरे भारत का भ्रमण करता हॅंू , हर साल मजे के साथ एक बार जीवन है और एक ही बार ऐसे माता - पिता मिलेगे नौकरी का क्या है भारत के लोग आज जहां तरक्की पाते ही एक मौका मिल जाये तुरन्त दूसरे देश में पहुच जाते हैं माता-पिता से मतलब इतना जितना एक पडोसी से बातें सोचनीय हैं । विचार किजियेगा

सचिन सिंह

Research



Dear friends, today I have brought a new topic in front of you, which is going to be very exciting. Today, let us introduce you to some aspects of different aspects of life. Today I was sitting and thinking how many colors are there of humans. In our country India, language, clothing, food changes every ten kilometers, so thinking, temperament is also not a big thing, it is a big thing that how many people of thinking and nature are calculated, it is very strange. You will see the situation today, I am going to talk to you in this topic. 

Our country does all the service in India with great respect to old people, whether or not they have any relationship with them, eighty percent of the people in our country keep their family and their families in every field for the happiness of their parents. They also put their lives to make them feel proud. 
Today I am going to tell you such a wonderful thing, by listening to which you will not be able to stop your mind from being joyful, today I met a person, he got PhD from Chemistry, then he went to the US for research. The research was completed with a good package. He was also offered a job but he came back to his country, it takes years for the people of Chhad to achieve success, they have left it. When I asked, I was happy to say that it was fun but my parents were not involved in my happiness. I was wandering in a new country with joy, I was not able to visit my parents, I liked something, showing it to the parents by the photo and told me what to do with such work and money, never to meet again anyway is. Whose joy my parents could not take, and it is better to become a professor in Benaras and travel all over India with parents, once in a year there is life with fun and once such parents will get a job. What is it that the people of India today get an opportunity as soon as they get progress, they immediately reach another country, so much is meant by the parents as much as things are thoughtful from a neighbor. Consider it

Sachin Singh

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